HDFC Bank Women Savings Account 2022 : जाने विशेषताएं ? | एचडीएफसी बैंक महिला बचत खाता |

HDFC Bank Women Savings Account : एचडीएफसी बैंक भारत का सबसे बड़ा प्राइवेट सेक्टर का बैंक है, बैंक के द्वारा सभी वर्गों के लोगों को ध्यान में रखकर विभिन्न प्रकार के सेविंग अकाउंट उपलब्ध है, इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से हम एचडीएफसी बैंक के द्वारा महिलाओं के लिए सेविंग अकाउंट पर क्या सुविधाएं दी जा रही है उसके बारे में विस्तार से जाते हैं।

HDFC Bank Women Savings Account Features क्या है ?

  • प्रतिदिन कैश विड्रोल की सीमा ₹25000 का लाभ उठाएं एवं प्रतिदिन खरीदारी की सीमा ₹275000 है EasyShop Woman’s Advantage Debit Card प्रत्येक ₹200 खर्च करने पर ₹1 का कैशबैक प्राप्त करें।
  • वाहन के ऑन-रोड मूल्य पर 90% तक फाइनेंस प्राप्त करें और Auto Loan के लिए आवेदन करने पर 7 वर्ष तक की लोन भुगतान की करेंसी अकाउंट्स के फीचर्स समय सीमा उपलब्ध है।
  • Two Wheeler Loan पर 3.5% तक की कम ब्याज दर एवं प्रोसेसिंग फीस पर 50% तक की छूट प्राप्त करें।
  • गिफ्ट प्लस कार्ड जारी करने पर 50% तक की छूट प्राप्त करें । जब आपके द्वारा न्यूनतम ₹5000 तक कार्ड में ऐड किए जाते हैं यह आप नेट बैंकिंग या नजदीकी बैंक शाखा के माध्यम से कर सकते हैं।
  • डीमैट खाते के लिए पहले वर्ष पर वार्षिक रखरखाव शुल्क (एएमसी) छूट प्राप्त करें।
  • ₹1000000 का एक्सीडेंटल डेथ कवर दिया जाता है।
  • ₹100000 तक का एक्सीडेंट हॉस्पिटलाइज कवर दिया जाता है।
  • MoneyMaximizer: बैंक के द्वारा Automatic Sweep Out Facility का लाभ उठाकर अधिक ब्याज दर अर्जित करें।
  • डेबिट कार्ड पर ₹500000 तक का व्यक्तिगत दुर्घटना मृत्यु कवर (रेल, सड़क, वायु) दिया जाता है। (शर्तें लागू)
  • अपने डेबिट कार्ड का उपयोग करके हवाई टिकट की खरीद पर फ्लैट ₹25 लाख का अतिरिक्त अंतर्राष्ट्रीय हवाई कवरेज

HDFC Bank Women Savings Account 2022 : जाने विशेषताएं ?

HDFC Bank Women Savings Account Minimum Balance कितना होना चाहिए ?

  • मेट्रो एवं शहरी शाखाओं के लिए ₹10000 मिनिमम बैलेंस है।
  • अर्ध सरकारी एवं ग्रामीण शाखाओं के लिए ₹5000 मिनिमम बैलेंस है।
  • इसके अलावा गैर-रखरखाव शुल्क ₹150 से लेकर ₹600 तक है।

HDFC Bank Women Savings Account Eligibility Criteria क्या है ?

  • आवेदक केवल महिला निवासी होनी चाहिए।
  • संयुक्त खाते के लिए पहली खाता धारक महिला होनी चाहिए।
  • भारत में रहने वाले विदेशी नागरिक (महिला)।

HDFC Bank Women Savings Account Documents Requirement क्या है ?

  • महिला आवेदक का पैन कार्ड.
  • महिला आवेदक की आयु सीमा 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए.
  • महिला आवेदक का आधार कार्ड.
  • महिला आवेदक के द्वारा मिनिमम बैलेंस का चेक.
  • एक पासपोर्ट साइज फोटो.

HDFC Bank Women Savings Account Fees & Charges क्या है ?

  • चेक बुक नि:शुल्क 25 चेक प्रति वर्ष इसके अतिरिक्त 25 पत्तों की चेकबुक के लिए ₹100 एवं वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹75 है.
  • फोन बैंक लोन नॉन आईवीआर करेंसी अकाउंट्स के फीचर्स निशुल्क है.
  • इंस्टा पे के माध्यम से प्रति ट्रांजैक्शन ₹10 चार्ज है.
  • डेबिट कार्ड के द्वारा एटीएम से प्रत्येक ट्रांजैक्शन ऊपर ₹20 चार्ज किया जाएगा.

HDFC Bank Women Savings Account Opening Online Process क्या है ?

एचडीएफसी बैंक के द्वारा मात्र कुछ ही समय में ऑनलाइन माध्यम से पैन कार्ड आधार कार्ड एवं वीडियो केवाईसी के द्वारा सेविंग अकाउंट ओपन किया जाता है। बैंक की आधिकारिक वेबसाइट का लिंक दिया गया है :- Click Here .

HDFC Bank Women Savings Account Customer Care Number क्या है ?

एचडीएफसी बैंक कस्टमर केयर नंबर 1800 202 6161/1860 267 6161 (पूरे भारत में उपलब्ध)।

* HDFC Bank Women Savings Account संबंधित अधिक जानकारी के लिए एचडीएफसी बैंक की ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर प्राप्त करें यह ब्लॉक पोस्ट एचडीएफसी बैंक की वेबसाइट से प्राप्त जानकारी के आधार पर लिखिए गई है आर्थिक जागरूकता के उद्देश्य से.

FAQ – HDFC Bank Women Savings Account.

HDFC Bank Women Savings Account Minimum Balance क्या है ?

एचडीएफसी बैंक महिला बचत खाता मेट्रो एवं शहरी शाखाओं के लिए ₹10000 मिनिमम बैलेंस है।, अर्ध सरकारी एवं ग्रामीण शाखाओं के लिए ₹5000 मिनिमम बैलेंस है।

UPI से कितना अलग है Digital Rupee? आइए जानते हैं एक एक छोटा बिन्दु

UPI से कितना अलग है Digital Rupee? आइए जानते हैं एक एक छोटा बिन्दु

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शुरुआत में e-rupee सिर्फ मुंबई, नई दिल्ली, बैंगलोर और भुवनेश्वर में उपयोग किया जाएगा।

अनुमान है कि डिजिटल rupee के माध्यम से 50,000 रुपये से कम का कोई भी लेन-देन रिकॉर्ड नहीं किया जाएगा।

स्मार्टफोन इस्तेमाल न करने वाले क्लाइंट्स भी e-rupee का करेंसी अकाउंट्स के फीचर्स उपयोग कर सकते हैं।

एक नई डिजिटल करेंसी जिसे e-Rupi का नाम दिया गया है, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा 1 दिसंबर को लॉन्च की गई थी। हालांकि, शुरुआत में इसकी पहुँच सिर्फ चार शहरों के निवासियों तक ही होगी जिनमें मुंबई, नई दिल्ली, बैंगलोर और भुवनेश्वर शामिल हैं, हालांकि भविष्य में e-RUPI को देश के अन्य शहरों तक भी पहुंचाया जाने वाला है। अभी तक देश की जनता इससे संबंधित सभी जानकारी नहीं जुटा आई है, इसी कारण आज हम आपको बताने वाले हैं कि आखिर e-Rupi, UPI से कितना और कैसे अलग है।

कम पैसों के लेनदेन का बैंक रिकार्ड नहीं रखेंगे

RBI द्वारा आर्थिक संस्थानों से कम पैसों के डिजिटल rupee लेन-देन को अपने तक ही रखने की सलाह दी गई है, यानि रिकार्ड को अपने पास तक ही रखने की जानकारी सामने आ रही है। बैंकों के एम्प्लोईस का यह कहना है कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी रिटेल को कंज्यूमर वॉलेट्स में ट्रांसफर कर देता है, बैंकों के द्वारा इस लेन-देन का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाएगा। 50,000 से अधिक किसी भी कैश लेन-देन के लिए क्लाइंट्स को अपना परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) देना आवश्यक है। जबकि, डिजिटल rupee के लेन- देन के लिए आधिकारिक रूप से ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि, 50,000 रुपये से कम का कोई भी लेन-देन रिकॉर्ड नहीं किया जाएगा। टैक्स के कारणों के लिए, 2 लाख रुपये से अधिक किसी भी डील को डिक्लेयर करना आवश्यक होगा।

स्मार्टफोन के द्वारा मुफ्त लेन देन

एक्सपर्ट्स के अनुसार, ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों में भी बड़े पैमाने पर e-rupee उपयोग करने की सुविधा दी जा सकती है क्योंकि यह करेंसी फीचर फोन में ऑफलाइन ट्रांजैक्शन के लिए उपयोग की जा सकती है। प्राप्तकर्ता को एक SMS या QR कोड के माध्यम से एलेक्ट्रॉनिक कूपन मिलेगा, जो कि एक सबसे सही तरीका है। बिना इन्टरनेट सुविधा वाले क्षेत्रों में भी e-rupee इसी तरीके से उपयोग किया जाएगा। स्मार्टफोन इस्तेमाल न करने वाले क्लाइंट्स भी SMS के माध्यम से e-rupee का उपयोग कर सकते हैं।

बैंक अकाउंट की आवश्यकता नहीं

एक्सपर्ट्स के माध्यम से यह जानकारी मिली है कि, एक UPI लेन-देन के लिए आपको बैंक अकाउंट और डेबिट कार्ड की आवश्यकता होती है , लेकिन एक e-rupee वॉलेट शायद इस चीजों के बिना ही उपयोग किया जा सकता है जिससे यह एक अधिक सुविधाजनक पेमेंट ऑप्शन बन जाता है। रिटेल CBDC का उपयोग करके कंज्यूमर्स बिना किसी बैंक की भागीदारी के व्यापार करने में करेंसी अकाउंट्स के फीचर्स सक्षम हो सकेंगे, और यह एक सीधा पीपल-टु- पीपल डिजिटल ट्रांसफर होगा।

हर प्लेटफॉर्म पर एक ही आईडी

UPI ID इन्स्टीट्यूशंस और सर्विसेज़ में अलग अलग होती है। जहां UPI ID जो कि दो अलग अलग प्लैटफ़ोर्म्स पर समान बैंक अकाउंट का उपयोग करके बनाई जाती हैं वे एक दूसरे से अलग हो सकती हैं लेकिन e-rupee ID हर प्लैटफॉर्म पर एक ही रहेगी। Apollo Singapore Investments के CEO 'Kunal Chowdhry' के माध्यम से यह पता चला है कि, " डिजिटल rupee व्यापारिक बैंकों की बजाए RBI द्वारा चलाया जाएगा, जबकि UPI के लिए प्रत्येक बैंक में अलग करेंसी अकाउंट्स के फीचर्स UPI हैंडलर होता है।" प्रत्येक e-rupee लेन-देन के लिए सिर्फ एड्रेस की आवश्यकता होगी।

फिजिकल करेंसी बैकअप की आवश्यकता नहीं

UPI लेन-देन को सपोर्ट करने के लिए फिजिकल कैश का उपयोग किया जाता है। यदि यूजर के बैंक अकाउंट में पर्याप्त रुपये नहीं हैं तो, यह ट्रांजैक्शन फेल हो जाएगा। जबकि e-rupee ट्रैडिश्नल मनी या कैश की बजाए डिजिटल पेमेंट्स के लिए उपयोग किया जा सकता है। RBI ने डिजिटल rupee को भारत में पूरी तरह से लीगल मनी घोषित किया है। इसे बैकअप करने के लिए किसी भी फिजिकल करेंसी की आवश्यकता नहीं है।

डेबिट कार्ड/एटीएम करेंसी अकाउंट्स के फीचर्स कार्ड

Expressions Debit Card

आपका डेबिट कार्ड परिष्कृत सुरक्षा प्रदान करता है

आपका डेबिट कार्ड खुदरा दुकानों, एटीएम, आउटलेट्स पर लेनदेनों के लिए 4 अंकीय पिन, और ऑनलाइन लेनदेनों के लिए 6 अंकीय थ्री-डी सुरक्षित पासवर्ड से सुरक्षित है जो आपके कार्ड को किसी भी कपटपूर्ण उपयोग के विरुद्ध सुरक्षित बनाते हैं।

इससे खरीदारी सुरक्षित हो जाती है

ऑनलाइन सुरक्षा

आपका डेबिट कार्ड खो जाने के विरुद्ध सुरक्षित है

अपने डेबिट कार्ड पर प्रतिदिन लाभ प्राप्त कीजिए

आपका आईसीआईसीआई बैंक डेबिट कार्ड खरीदारी, भोजन, ऑनलाइन उपयोग पर ऑफर, लेनदेनों बीमा, इत्‍यादि पर अंतहीन पुरस्‍कारों (रिवार्ड्स) के रूप में अनेकानेक लाभों के साथ

आता है। अपने डेबिट कार्ड की खरीद पर पुरस्‍कार अंक (रिवार्ड प्‍वाइंट्स) अर्जित कीजिए।

महत्वपूर्ण सूचना

12 जून, 2014 से प्रभाव के साथ आईसीआईसीआई बैंक क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या ‘माई सेविंग रिवार्ड्स’ पर अर्जित पुरस्कार अंकों पर हर पुरस्कार मोचन अनुरोध के लिए मोचन हैंडलिंग शुल्क+ 18% वस्‍तु एवं सेवा कर लगाया जाएगा। click here.

चुनिंदा सरकारी फ्यूल पेट्रोल आउटलेट (एचपीसीएल/आईओसीएल/बीपीसीएल) पर आईसीआईसीआई बैंक स्वाइप मशीनों पर किए गए लेनदेनों के लिए ईंधन अधिप्रभार (फ्यूल सरचार्ज) लागू नहीं होगा।

ऐसे आईसीआईसीआई बैंक डेबिट कार्डधारक जो किसी भी फ्यूल पेट्रोल आउटलेट पर गैर-आईसीआईसीआई बैंक स्वाइप मशीनों पर लेन-देन करते हैं, उन पर सदस्‍य/ प्राप्‍तकर्ता बैंक के विवेकाधिकार पर अधिप्रभार की राशि प्रभारित की जाएगी और प्राप्‍त करने वाले संबंधित बैंक से पुनर्भुगतान प्राप्‍त करने पर अधिप्रभार लौटा दिया जाएगा।

जहां अधिप्रभार नहीं लगाया जाएगा ऐसे ईंधन आउटलेट पम्‍पों की सूची के लिए यहां क्लिक कीजिए।.

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10 BEST Demat Account In India | भारत में 10 सबसे बेस्ट डीमैट अकाउंट

10 BEST Demat Account In India

पहले के समय में पेपर वर्क के माध्यम से शेयर खरीदने और बेचने की प्रक्रिया काफी मुश्किल होता था। इसी को दूर करने के लिए डीमैट अकाउंट (Demat Account) शुरू किया गया। डीमैट का मतलब ‘डीमैटरियलाइजेशन’ ‘dematerialization’ होता है। डीमैट अकाउंट (shares and securities) को डीमटेरियलाइज करता है, ताकि उन्हें इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखा जा सके और कहीं से भी डिजिटल रूप में खरीदा और बेंचा जा सके।

आज के समय में डीमैट अकाउंट (Demat Account) के बिना, आप शेयरों की खरीद-विक्री नहीं कर सकते और ना ही ट्रैडिंग कर सकते हैं। क्योंकि वर्ष 1996 में, Securities and Exchange Board of India (SEBI) ने एक आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि सभी निवेशकों के पास शेयरों में ट्रैडिंग करने के लिए एक डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य है।

आज के इस पोस्ट में हम आपको 10 सबसे बेस्ट डीमैट अकाउंट के बारे में जानकारी देने ताकि आप तय कर सकें कि आपके जरूरत के अनुसार कौन सा सबसे अच्छा है।

UPI से कितना अलग है Digital Rupee? आइए जानते हैं एक एक छोटा बिन्दु

UPI से कितना अलग है Digital Rupee? आइए जानते हैं एक एक छोटा बिन्दु

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शुरुआत में e-rupee सिर्फ मुंबई, नई दिल्ली, बैंगलोर और भुवनेश्वर में उपयोग किया जाएगा।

अनुमान है कि करेंसी अकाउंट्स के फीचर्स डिजिटल rupee के माध्यम से 50,000 रुपये से कम का कोई भी लेन-देन रिकॉर्ड नहीं किया जाएगा।

स्मार्टफोन इस्तेमाल न करने वाले क्लाइंट्स भी e-rupee का उपयोग कर सकते हैं।

एक नई डिजिटल करेंसी जिसे e-Rupi का नाम दिया गया है, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा 1 दिसंबर को लॉन्च की गई थी। हालांकि, शुरुआत में इसकी पहुँच सिर्फ चार शहरों के निवासियों तक ही होगी जिनमें मुंबई, नई दिल्ली, बैंगलोर और भुवनेश्वर शामिल हैं, हालांकि भविष्य में e-RUPI को देश के अन्य शहरों तक भी पहुंचाया जाने वाला है। अभी तक देश की जनता करेंसी अकाउंट्स के फीचर्स इससे संबंधित सभी जानकारी नहीं जुटा आई है, इसी कारण आज हम आपको बताने वाले हैं कि आखिर e-Rupi, UPI से कितना और कैसे अलग है।

कम पैसों के लेनदेन का बैंक रिकार्ड नहीं रखेंगे

RBI द्वारा आर्थिक संस्थानों से कम पैसों के डिजिटल rupee लेन-देन को अपने तक ही रखने की सलाह दी गई है, यानि रिकार्ड को अपने पास तक ही रखने की जानकारी सामने आ रही है। बैंकों के एम्प्लोईस का यह कहना है कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी रिटेल को कंज्यूमर वॉलेट्स में ट्रांसफर कर देता है, बैंकों के द्वारा इस लेन-देन का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाएगा। 50,000 से अधिक किसी भी कैश लेन-देन के लिए क्लाइंट्स को अपना परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) देना आवश्यक है। जबकि, डिजिटल rupee के लेन- देन के लिए आधिकारिक रूप से ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि, 50,000 रुपये से कम का कोई भी लेन-देन रिकॉर्ड नहीं किया जाएगा। टैक्स के कारणों के लिए, 2 लाख रुपये से अधिक किसी भी डील को डिक्लेयर करना आवश्यक होगा।

स्मार्टफोन के द्वारा मुफ्त लेन देन

एक्सपर्ट्स के अनुसार, ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों में भी बड़े पैमाने पर e-rupee उपयोग करने की सुविधा दी जा सकती है क्योंकि यह करेंसी फीचर फोन में ऑफलाइन ट्रांजैक्शन के लिए उपयोग की जा सकती है। प्राप्तकर्ता को एक SMS या QR कोड के माध्यम से एलेक्ट्रॉनिक कूपन मिलेगा, जो कि एक सबसे सही तरीका है। बिना इन्टरनेट सुविधा वाले क्षेत्रों में भी e-rupee इसी तरीके से उपयोग किया जाएगा। स्मार्टफोन इस्तेमाल न करने वाले क्लाइंट्स भी SMS के माध्यम से e-rupee का उपयोग कर सकते हैं।

बैंक अकाउंट की आवश्यकता नहीं

एक्सपर्ट्स के माध्यम से यह जानकारी मिली है कि, एक UPI लेन-देन के लिए आपको बैंक अकाउंट और डेबिट कार्ड की आवश्यकता होती है , लेकिन एक e-rupee वॉलेट शायद इस चीजों के बिना ही उपयोग किया जा सकता है जिससे यह एक अधिक सुविधाजनक पेमेंट ऑप्शन बन जाता है। रिटेल CBDC का उपयोग करके कंज्यूमर्स बिना किसी बैंक की भागीदारी के व्यापार करने में सक्षम हो सकेंगे, और यह एक सीधा पीपल-टु- पीपल डिजिटल ट्रांसफर होगा।

हर प्लेटफॉर्म पर एक ही आईडी

UPI ID इन्स्टीट्यूशंस और सर्विसेज़ में अलग अलग होती है। जहां UPI ID जो कि दो अलग अलग प्लैटफ़ोर्म्स पर समान बैंक अकाउंट का उपयोग करके बनाई जाती हैं वे एक दूसरे से अलग हो सकती हैं लेकिन e-rupee ID हर प्लैटफॉर्म पर एक ही रहेगी। Apollo Singapore Investments के CEO 'Kunal Chowdhry' के माध्यम से यह पता चला है कि, " डिजिटल rupee व्यापारिक बैंकों की बजाए RBI द्वारा चलाया जाएगा, जबकि UPI के लिए प्रत्येक बैंक में अलग UPI हैंडलर होता है।" प्रत्येक e-rupee लेन-देन के लिए सिर्फ एड्रेस की आवश्यकता होगी।

फिजिकल करेंसी बैकअप की आवश्यकता नहीं

UPI लेन-देन को सपोर्ट करने के लिए फिजिकल कैश का उपयोग किया जाता है। यदि यूजर के बैंक अकाउंट में पर्याप्त रुपये नहीं हैं तो, यह ट्रांजैक्शन फेल हो जाएगा। जबकि e-rupee ट्रैडिश्नल मनी या कैश की बजाए डिजिटल पेमेंट्स के लिए उपयोग किया जा सकता है। RBI ने डिजिटल rupee को भारत में पूरी तरह से लीगल मनी घोषित किया है। इसे बैकअप करने के लिए किसी भी फिजिकल करेंसी की आवश्यकता नहीं है।

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