अनुसूचित जाति कल्याण की 3 नवीन योजनाओं के क्रियान्वयन का निर्णय

विविधीकरण के प्रकार

विविध (Vividh ) मीनिंग : Meaning of विविध in English - Definition and Translation

  1. ShabdKhoj
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विविध MEANING IN ENGLISH - EXACT MATCHES

उदाहरण : और उसकी निशानियों में से आकाशों और धरती का सृजन और तुम्हारी भाषाओं और तुम्हारे रंगों की विविधता भी है। निस्संदेह इसमें ज्ञानवानों के लिए बहुत-सी निशानियाँ है
Usage : There are some Miscellaneous words.विविधीकरण के प्रकार

Usage : And of His signs is the creation of the heavens and the earth, and the diversity of your languages and colors. In this are signs for those who know.

OTHER RELATED WORDS

उदाहरण : और अपनी विविधताओं का जश्न मनाना होगा।
Usage : The settlements within the fold of this civilisation could show diversities.

वि० [सं० ब० स०] १. अनेक या बहुत प्रकार का। भांति-भाँति का। जैसे—विविध विषयों पर होनेवाला भाषण। २. कई विभागों, मदों आदि का मिला-जुला। फुटकर (मिसलेनियस)

विविधीकरण के प्रकार

अर्थ : विविध बनाने या विविधता लाने की क्रिया।

उदाहरण : शिविर में किसानों को फसलों के विविधीकरण को अपनाने से होने वाले फायदों के विषय में जानकारी दी गई।

पर्यायवाची : विविधिकरण

Meaning in English

The act of introducing variety (especially in investments or in the variety of goods and services offered).

My broker recommended a greater diversification of my investments.
He limited his losses by diversification विविधीकरण के प्रकार of his product line.
diversification, variegation

Success Stories

आज से 5-ंउचय7 वर्ष पूर्व मैं एक साधारण किसान के तौर पर खेती करता था। मु-हजये कृषि की नई तकनीकी के बारें में बिल्कुल जानकारी नहीं थी। देशी गाय, भैंस आदि रखता था जिससे मु-हजये अपने परिवार का पेट भरना भी मुश्किल पडता था। इसी बीच मेरा सम्पर्क कृषि विज्ञान केन्द्र मथुरा में वैज्ञानिकों से हुआ तब से मैंने कृषि एवं सब्जियों की नवीनतम तकनीकी कृषि विज्ञान केन्द्र, मथुरा से प्राप्त की तथा कई बार आकाशवाणी मथुरा के कार्यक्रमों में भी भाग लिया। मैंने कृषि विज्ञान केन्द्र से गेहूॅ, सरसोें, धान, अरहर, मूंग एवं टमाटर, आलू, फूलगोभी, मिर्च, बैंगन आदि सब्जियों की खेती के बारे में विभिन्न प्रकार की जानकारी तथा प्रशिक्षण प्राप्त किया।

कृषि विज्ञान केन्द्र मथुरा की मृदा परीक्षण प्रयोगशाला से मिटटी की जाॅच कराकर सन्तुलित उर्वरकों का प्रयोग, बीज शोधन, भूमि शोधन तथा जैविक विधि अपनाकर खेती तथा पशुपालन कर रहा हूॅ। मेरी मृदा में जीवाशं की मात्रा न के बराबर रह गयी थी। आज उस मृदा में मैं हरी खाद, गोबर की खाद, पीएसबी कल्चर , राइजोबियम कल्चर , एजोटोबैक्टर, नील हरित शैवाल एवं जैव उर्वरक विविधीकरण के प्रकार डालकर अपनी मृदा को ही नहीं सुधारा बल्कि उत्पादन में भी भारी वृद्धि की है। मैं अब गेंहूॅ का प्रमाणित एवं आधारीय बीज बो रहा हूॅ। जिसमें गेहूॅ की प्रजाति एचडी 3086, एचडी 2967 तथा डी0बी0डब्लू-ंउचय17 आदि की बुवाई कर बीज उत्पादन कर रहा हूॅ तथा 60 कु0/है0 से अधिक उत्पादन प्राप्त कर रहा हूं। सरसों में एनआरसीडीआर 2, आरएच 406 एवं आरएच 749 तथा पूसा 28 आदि का उत्पादन कर रहा हूं तथा 28-ंउचय30 कु0/है की उपज प्राप्त कर रहा हूं। मैं धान में पूसा सुगंधी 1509, पूसा सुंगधी 1592, पूसा सुगंधी 1612 एवं सुगंधी 1121 आदि उन्नतशील प्रजातियों को बोता हूॅ तथा उत्पादन भी 70-ंउचय75 कु0/है0 ले रहा हूूॅ। मैं टमाटर, फूलगोभी, बैंगन आदि सब्जियों की अगैती खेती तकनीकी रूप से करके जनपद में अधिकतम उत्पादन ले रहा हूॅ। अपने खेतों में गोबर गैस सलरी का प्रयोग अपने खेतों में करता हूॅ। मेरे द्वारा कृषि विविधीकरण अपनाकर अपनी विविधीकरण के प्रकार पैदावार में आशातीत वृद्धि की है। मैंने पिछले पाॅच वर्षों में अपनी आय दोगुनी करली है।

मध्यप्रदेश फसल विविधीकरण हेतु प्रोत्साहन योजना लागू होगी

भोपाल, 26 अप्रैल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई। मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में गेहूँ एवं धान के रकबे तथा उत्पादन में अत्यधिक वृद्धि होने, समर्थन मूल्य पर उपार्जन के खर्च में वृद्धि और इस फसलों के कारण प्रदेश में पर्यावरण असंतुलन की स्थिति निर्मित होने के मद्देनजर मध्यप्रदेश फसल विविधीकरण हेतु प्रोत्साहन योजना लागू करने का निर्णय लिया। योजना के प्रस्ताव अनुसार आवेदक कम्पनी/संस्था से प्राप्त प्रस्तावों को संचालक, किसान-कल्याण तथा कृषि विकास द्वारा परीक्षण कर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय परियोजना परीक्षण समिति (State Level Project Screening Committee) की अनुशंसा के बाद निवेश संवर्धन पर मंत्रि-परिषद समिति (Cabinet Committee for Investment Promotion-CCIP) द्वारा स्वीकृति प्रदान की जायेगी। योजना में स्वीकृत प्रस्तावों का क्रियान्वयन, मॉनिटरिंग संचालक, किसान-कल्याण तथा कृषि विकास द्वारा किया जायेगा। योजना में गेहूँ और धान के स्थान पर बोई जाने वाली गैर एम.एस.पी. फसलों को कवर किया जायेगा। इससे प्रदेश में रसायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम होगी और पर्यावरण-संरक्षण, जैव विविधता और टिकाऊ खेती संभव होगी। साथ ही समर्थन मूल्य पर उपार्जन में कमी और दलहन-तिलहन के आयात विविधीकरण के प्रकार पर निर्भरता कम होगी।

क्या भूमि क्रय हेतु लिया गया ऋण योजना में लाभ हेतु पात्र होगा?

हॉ, वर्कशैड/भवन निर्माण हेतु देय ऋण राशि की अधिकतम सीमा परियोजना प्रस्ताव की स्वीकृत राशि की 20% तक ही होगी।

योजनान्तर्गत अधिकतम ऋण सीमा 1.00 करोड है तथा अधिकतम ऋण अनुदान राशि 15.00 लाख है। किन्तु यदि आवेदक स्वयं का अंशदान अधिक देना चाहता तो इस स्थिति में प्रोजेक्ट राशि अधिक हो सकती है। उदाहरणार्थ -किसी आवेदक को बैंक/ वित्तीय संस्थान से उद्यम हेतु ऋण लेने बाबत राशि रूपये 1.5 करोड़ की आवश्यकता है तो ऐसी स्थिति में योजनान्तर्गत स्वीकृत ऋण की अधिकतम सीमा 1.00 करोड होगी शेष 50.00 लाख आवेदक स्वयं का अंशदान लगा सकता है इस प्रकार प्रोजेक्ट राशि रूपये 1.5 करोड हो सकती है किन्तु योजनान्तर्गत स्वीकृत ऋण 1.00 करोड ही होगा।

राज्य सरकार द्वारा योजनान्तर्गत कितना ऋण अनुदान देय है ?

1. योजनान्तर्गत स्वीकृत ऋण राशि का 25% ऋण अनुदान देय है।
2. विशेष श्रेणी विधवा/परित्यक्ता/ हिंसा से पीडित महिला/ दिव्यांग/ अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के आवेदकों को स्वीकृत ऋण राशि का 30% ऋण अनुदान देय है।

ऋण अनुदान की विविधीकरण के प्रकार राशि ऋण प्राप्तकर्ता (लाभार्थी) के खाते में टर्म डिपोजिट रिसिप्ट (TDR) के रूप में 3 साल तक के लिए जमा किया जाएगा। टर्म डिपोजिट रिसिप्ट (TDR) तक के ऋण पर ऋण प्राप्तकर्ता से बैंक द्वारा ब्याज नहीं लिया जाएगा। 3 साल तक उद्यम के सफलतापूर्वक संचालन तथा निरन्तर ऋण पुनर्भुगतान की स्थिति में ऋण अनुदान की राशि बकाया ऋण राशि में से कम कर दी जायेगी। उदाहरणार्थ - यदि किसी लाभार्थी को योजनान्तर्गत राशि रूपये 10.00 लाख का ऋण स्वीकृत हुआ है तो ऋण अनुदान की 25% राशि रूपये 2.50 लाख पर लाभार्थी को तीन वर्ष तक ब्याज नहीं देना होगा तथा उसके पश्चात् उक्त राशि उसके बकाया ऋण में से कम कर दी जाएगी।

व्यक्तिगत आवेदक की न्यूनतम एवं अधिकतम आयु सीमा क्या है ?

व्यक्तिगत आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष या इससे अधिक होना आवश्यक है । आवेदक की अधिकतम आयु सीमा का कोई प्रावधान नहीं है।

भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा निर्देशानुसार राशि रू.10 लाख तक के ऋण पर सम्पार्ष्विक प्रतिभूति (Collateral Security) की मांग नही की जायेगी। राशि रू. 10 लाख से अधिक की ऋण राशि वाले प्रोजेक्ट हेतु वित्तीय संस्थान द्वारा नियमानुसार सम्पार्ष्विक प्रतिभूति (Collateral Security) ली जा सकती है ।

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