विनिमय का माध्यम बनने से उत्पन्न चुनौतियाँ
बिल लाने की तैयारी पर सरकार पर, 'बिटकॉइन' पर PM मोदी का वह क्या बिटकॉइन का सामना करने वाली चुनौतियाँ बिटकॉइन का सामना करने वाली चुनौतियाँ डर है?
- पीएम मोदी ने क्रिप्टो करेंसी पर जताया है बड़ा डर
- मोदी ने कहा कि इसे गलत हाथों में जाने से रोकना होगा
- डिजिटल युग में दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों का भी पीएम ने किया जिक्र
पीएम मोदी ने क्रिप्टो करेंसी पर जताया बड़ा डर!
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देशों के राष्ट्रीय अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए इसके जरिए व्यापक जनहित में व्यापार और निवेश को भी प्रोत्साहित किया जा सकता है। उन्होंने क्रिप्टो-करेंसी या बिटकॉइन का उदाहरण देते हुए कहा, ‘यह महत्वपूर्ण है कि सभी लोकतांत्रिक देश साथ काम करें और यह सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में ना जाए, जो हमारे युवाओं को बर्बाद कर सकता है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का डिजिटल युग देशों की पसंद और नापसंद का ऐतिहासिक अवसर है और यह उन पर निर्भर करता है कि वे इसका उपयोग कैसे करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें तय करना है कि हमारे युग के, प्रौद्योगिकी के सभी शानदार साधन सहयोग के लिए हैं या संघर्ष के लिए, बल द्वारा शासन के लिए हैं या पसंद के अनुरूप, प्रभुत्व के लिए हैं या विकास के लिए, दबाने के लिए हैं या अवसर के रूप में ?’
डिजिटल युग में क्या बदला, पीएम ने बताया
ऑस्ट्रेलिया की ओर से आयोजित ‘सिडनी संवाद’में पीएम मोदी ने कहा कि डिजिटल युग ने राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज को फिर से परिभाषित किया है और यह सार्वभौमिकता, शासन, नीति, कानूनों, अधिकारों और सुरक्षा को लेकर नए सवाल भी खड़े कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘यह अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा, ताकत और नेतृत्व को भी फिर से परिभाषित कर रहा है। इसने प्रगति और समृद्धि के नए अवसर भी पैदा किये हैं।’
संसद टीवी संवाद
क्रिप्टोकरेंसी वर्तमान वित्तीय दुनिया में हो रहे बहुत सारे तकनीकी परिवर्तनों में से एक का उदाहरण है बिटकॉइन का सामना करने वाली चुनौतियाँ और अब नई चुनौतियों को स्वीकार करने के साथ-साथ प्रतिभूति बाज़ार सहित मुद्रा बाज़ारों के लिये एक नए एकीकृत विनियमन की अनुमति देने का मौका है।
यह डिजिटल तकनीक में एक नई क्रांति पैदा कर सकती है जिसे भारत बिटकॉइन का सामना करने वाली चुनौतियाँ खोना नहीं चाहेगा, लेकिन साथ ही वह आंतरिक सुरक्षा और अन्य संबंधित मुद्दों को लेकर भी जोखिम नहीं उठा सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी की मौद्रिक और वित्तीय चुनौतियाँ
पूंजी नियंत्रण उपाय : ऐसे उपाय बिटकॉइन का सामना करने वाली चुनौतियाँ जिनके माध्यम से किसी सरकार, केंद्रीय बैंक या अन्य नियामक निकायों द्वारा देश में या उसके बाहर पूंजी के हस्तांतरण को सीमित या विनियमित किया जाता है । इन नियंत्रणों में कर, शुल्क, कानून, मात्रात्मक प्रतिबंध और बाज़ार-आधारित कारक शामिल हैं।
- वास्तविकता यह है कि चाहे ‘निजी तौर पर जारी क्रिप्टोकरेंसी’ पर कितनी ही व्यापक बहस क्यों ना हो, पर इसके वृहद् नतीजों पर अधिक ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जैसे- यदि भविष्य में क्रिप्टोकरेंसी सट्टा संपत्तियों के विनिमय का व्यवहार्य माध्यम बनता है तो इसका मौद्रिक, वित्तीय और विनिमय दर की नीतियों के संचालन पर क्या प्रभाव होगा।
- वास्तव में, एक निजी डिजिटल मुद्रा यदि फ़िएट मुद्राओं के साथ प्रतिस्पर्धा करती है तो मौद्रिक नीति के निर्धारण को यह किस प्रकार से प्रभावित कर सकती है, इसे लैटिन अमेरिकी अर्थव्यवस्थाओं के ‘डॉलराइज़ेशन’ से समझा जा सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी बाजार: पिछले 7 दिनों में बिटकॉइन, इथेरियम में 10 फीसदी से अधिक की गिरावट
ElonHype में पिछले 24 घंटों के दौरान 384.65 फीसदी का जबरदस्त उछाल देखने को मिला है.
भारतीय समयानुसार सुबह 10:23 बजे तक बिटकॉइन का सामना करने वाली चुनौतियाँ ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट कैप (Global Crypto Market Cap) 0.06 फीसदी बढ़कर 1.02 ट . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : August 23, 2022, 10:51 IST
क्रिप्टो मार्केट कैप के लिए 1.10 ट्रिलियन डॉलर को पार करना फिलहाल एक चुनौती है.
बिटकॉइन पिछले 7 दिनों के अंदर 11.29 प्रतिशत गिरावट दिखा चुका है.
इथेरियम में आज 0.92 फीसदी की गिरावट है, जबकि यह पिछले 7 दिनों में 13.84 प्रतिशत गिरा है.
नई दिल्ली. क्रिप्टोकरेंसी मार्केट आज मंगलवार को लगभग स्थिर है. अधिकतर कॉइन्स में हल्की गिरावट दिखने को मिली है. भारतीय समयानुसार सुबह 10:23 बजे तक ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट कैप (Global Crypto Market Cap) 0.06 फीसदी बढ़कर 1.बिटकॉइन का सामना करने वाली चुनौतियाँ 02 ट्रिलियन डॉलर है. फिलहाल क्रिप्टो मार्केट कैप के लिए 1.10 ट्रिलियन डॉलर को पार करने में चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.
BitCoin: आईएमएफ की गीता गोपीनाथ ने मोदी सरकार को क्रिप्टोकरेंसी पर दी है यह सलाह, आपके लिए जानना है जरूरी
- क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करना जरूरी है क्योंकि उन पर प्रतिबंध लगाना हमेशा चुनौतीपूर्ण होगा।
- क्रिप्टो पर एक वैश्विक नीति और समन्वित कार्रवाई का भी करना चाहिए।
- उभरते बाजारों के लिए क्रिप्टोकरेंसी खासतौर से एक चुनौती है।
- क्रिप्टोकरेंसी की समस्या को अपने दम पर हल नहीं कर सकता है।
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