रूसी तेल की कीमतों पर यूरोपीय संघ, जी7 और ऑस्ट्रेलिया ने सीमा (प्राइस कैप) लगा दी है जो सोमवार से लागू हो गया. यह कैसे काम करेगा और इसका क्या असर होगा? अमेरिका और कनाडा कई महीने पहले ही यह सीमा लगा चुके हैं.
महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद की गूंज लोकसभा में, सुप्रिया सुले ने कहा, अमित शाह दखल दें
NewDelhi : महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद बढ़ता ही जा रहा है. खबर है कि आज बुधवार को नवी मुंबई में मनसे कार्यकर्ताओं ने कर्नाटक की बसों पर ब्लैक पेंट स्प्रे कर विरोध जताया. इस क्रम में सोलापुर में भी स्थानीय संगठनों ने कर्नाटक की बसों पर कर्नाटक के CM बोम्मई की फोटो लगाकर ब्लैक पेंट का स्प्रे किया.
आज लोकसभा में भी यह मुद्दा गूंजा. NCP की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि पिछले 10 दिनों से यह मुद्दा चल रहा है. हमारे पड़ोसी राज्य कर्नाटक के CM हमें नानसेंस बोल रहे हैं. आरोप लगाया कि वे महाराष्ट्र को अलग करने की बात कर रहे हैं. याद दिलाया कि दोनों ही राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं. कहा कि महाराष्ट्र के लोगों को कल कर्नाटक में जाने पर पीटा गया. सुप्रिया सुले ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से आग्रह किया कि वह अब इस मुद्दे पर बोलें.
महाराष्ट्र से कर्नाटक जाने वाली बसें रद्द
महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) ने बुधवार को कर्नाटक के लिए बस सेवाएं रद्द कर दी हैं. राज्य परिवहन विभाग ने पुष्टि की कि यह कदम सुरक्षा के मद्देनजर उठाया गया है. पुलिस को सूचना मिली थी कि मौजूदा सीमा विवाद के बीच कर्नाटक में बसों पर हमला किया जा सकता है. जब तक पुलिस की तरफ से सुरक्षा की मंजूरी नहीं मिल जाती है तब तक सेवाएं बंद ही रहेंगी.
शेयर डीमेट ट्रेडिंग सीमाएं खाता और आनलाइन शेयर ट्रेडिंग में बरते सावधानी: धोखाधड़ी आम बात
भारत में 1999 में शेयर की फिजिकल ट्रेडिंग बंद करते हुए पूरी प्रक्रिया को इलेक्ट्रॉनिक रूप दिया गया, जिसमें फिजिकल शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रखना भी शामिल था और इसके लिए डीमेट खाता बनाया गया.
हम आप आज के समय शेयर को भी बैंकों में जमा पैसे की तरह डीमेट खाते से उपयोग कर सकते हैं. नेट बैंकिंग की तरह डीमेट खाता भी लाग इन आईडी और पासवर्ड से चलता है और इसी तरह हमारा ट्रेडिंग सीमाएं शेयर ट्रेडिंग आकंउट भी चलता है.
डिजिटल रुप में सहुलियत तो बहुत है लेकिन उतनी सावधानी भी जरूरी है.
कोविड काल में शेयर बाजार में भारी उछाल और निवेश ट्रेडिंग सीमाएं के विकल्पों की कमी के कारण लोगों का शेयर बाजार की तरफ आकर्षित होना स्वाभाविक ही था.
और शेयर बाजार ने भी इसका भरपूर फायदा उठाते हुए कई कंपनियों को पैसे उगाहने में मदद की, साथ ही लाखों नए डीमेट खाते और शेयर ट्रेडिंग सीमाएं ट्रेडिंग आकंउट खुल गए. न केवल लोग अपनी जमा पूंजी का निवेश शेयर बाजार में जमकर करने लगे, बल्कि कई शेयर एक्सपर्ट, ट्रेडिंग, ब्रोकर और डीमेट की दुकानें आनलाइन सोशल मीडिया पर खुल गई.
हिमाचल प्रदेश : कल वोटों की गिनती, कांग्रेस जीते हुए विधायकों को राजस्थान शिफ्ट करेगी! हॉर्स ट्रेडिंग का डर
Shimla : हिमाचल प्रदेश विधान सभा ट्रेडिंग सीमाएं चुनाव 2022 के नतीजे कल 8 दिसंबर को आ जायेंगे. एग्जिट पोल के अनुसार हिमाचल चुनाव में भाजपा-कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर है. सूत्रों के हवाले से जानकारी सामने आ रही है कि कांग्रेस पार्टी अपने जीते हुए विधायकों को राजस्थान शिफ्ट कर सकती है. खबर है कि हरियाणा के सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और छत्तीसगढ़ की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को यह जिम्मेदारी दी गयी है. प्रियंका गांधी वाड्रा खुद इसकी मॉनिटरिंग ट्रेडिंग सीमाएं कर रही हैं. प्रियंका आज शाम तक शिमला आ सकती हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे और शिमला से विधायक विक्रमादित्य ने कहा है कि हिमाचल में मेघालय ट्रेडिंग सीमाएं और गोवा जैसे हालात नहीं बनने देंगे. कहा कि मतगणना के तुरंत बाद जीते हुए उम्मीदवारो (विधायकों) को सुरक्षित जगह पर ले जाया जायेगा. हिमाचल की भूमि पर हॉर्स ट्रेडिंग नहीं होने दी जायेगी. विक्रमादित्य ने कहा कि चाहे भाजपा कोई भी प्लान बना ले, एजेंसियों का इस्तेमाल कर ले, खरीद फरोख्त की कोशिश कर ले. हर हाल में हमारे विधायक सुरक्षित रहेंगे. हिमाचल प्रदेश के बारे में कहा जाता है कि यहां हर पांच साल में सत्ता बदल जाती है. पिछले साढ़े तीन दशक से हर पांच साल पर सत्ता परिवर्तन होती रही है.
पांच साल पहले भाजपा ने कांग्रेस से सत्ता हथिया ली थी
पांच साल पहले भाजपा ने कांग्रेस से सत्ता हथिया ली थी. अब एक बार फिर कांग्रेस वापसी करती नजर आ रही है. एग्जिट पोल ट्रेडिंग सीमाएं के अनुसार कांटे की टक्कर में भाजपा सरकार गंवा सकती है. कांग्रेस के हाथ बाजी लग सकती है, लेकिन कांग्रेस के लिए चिंता कम नहीं है. इंडिया टुडे- एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल के अनुसार कांग्रेस को 44 फीसदी वोटों के साथ 30 से 40 सीटें मिलती दिख रही हैं. भाजपा को 42 फीसदी वोटों के साथ 24-34 सीटें मिलने का अनुमान है. वहीं, अन्य को 4-8 सीटें मिलती दिख रही हैं तो आम आदमी पार्टी का खाता खुलता नहीं दिख रहा है.
अलग अलग ट्रेडिंग सीमाएं कैप का क्या असर होगा?
ब्रसेल्स के ब्रुएगेल थिंक टैंक के ऊर्जा नीति विशेषज्ञ साइमन टागलियेपीट्रा का कहना है कि 60 डॉलर प्रति बैरल की सीमा से रूस की अर्थव्यवस्था पर ज्यादा असर नहीं होगा, यह तो "पता भी नहीं चलेगा" क्योंकि रूस पहले ही इसके आस पास की कीमत पर तेल बेच रहा है."
रूसी कंपनी उराल्स अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट के मुकाबले काफी बड़ी छूट दे कर तेल बेच रही है. हाल के महीनों में पहली बार इस हफ्ते 60 डॉलर प्रति बैरल से कम कीमत पर भी तेल बेचा गया. चीन में कोविड-19 के मामले बढ़ने के बाद अंतरराष्ट्रीय मांग में काफी गिरावट की आशंका से तेल की कीमत कम रखी गई. टागलियापीट्रा ट्रेडिंग सीमाएं का कहना है, "कैप संतुष्ट करने वाली नहीं है." हालांकि उनका यह भी कहना है कि यह रूस को अचानक तेल की कीमतों के बढ़ने से होने वाली कमाई को रोकेगा.
यूरोपीय देश रूस को तेल के कारोबार सो होने वाला मुनाफा घटाना चाहते हैं तस्वीर: Dmitry Dadonkin/TASS/Sipa USA/IMAGO
रूस और दूसरे देशों ने साथ नहीं दिया तो क्या होगा?
रूस का कहना है कि वह प्राइस कैप नहीं मानेगा और इसे मानने वाले देशों को तेल भेजना बंद कर देगा. अगर यह सीमा तेल की कीमत से ऊपर रहे तो रूस उसकी अनदेखी कर सकता है. हालांकि सीमा कम होने पर रूस वैश्विक बाजार में तेल की कीमतें बढ़ाने की उम्मीद में तेल की सप्लाई रोक सकता है. प्रतिबंधों के दौर में वह जहां कहीं भी तेल बेच ट्रेडिंग सीमाएं सकेगा उसे फायदा होगा.
भारत और चीन के खरीदार मुमकिन है कि इस प्राइस कैप का साथ नहीं देंगे. उधर रूस या चीन अपनी इंश्योरेंस फर्म खड़ी करने की कोशिश कर सकते हैं जो अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय कंपनियों की जगह ले लेंगी. रूस तेल को "डार्क प्लीट" टैंकरों के जरिये भी बेच सकता है जिनका हिसाब नहीं रखा जाता. वेनेजुएला और ईरान ऐसा करते हैं.
हालांकि इस स्थिति में भी ऑयल प्राइस कैप के बाद रूस के लिए तेल का कारोबार ज्यादा खर्चीला, समय लेने वाला और मुश्किल काम होगा. सुदूर देशों तक तेल पहुंचाने में ढुलाई का खर्च बढ़ने के साथ ही चार गुना ज्यादा टैंकरों की भी जरूरत होगी और साथ ही हर कोई रूस का इंश्योरेंस लेने के लिए तैयार नहीं होगा.
यूरोपीय संघ के इम्बार्गो का असर
रूस यूरोप को जो हर दिन 10 लाख बैरल तेल बेच रहा है उसके लिए खरीदार ढूंढने में थोड़ा वक्त लगेगा हालांकि वह चाहेगा कि इस तेल के ज्यादातर हिस्से को कहीं और बेच सके. यूरोप ने वैश्विक बाजार से अपने लिए नये सप्लायरों की खोज तेज कर दी है.
यूरोपीय संघ के इम्बार्गो का बड़ा असर शायद अभी नहीं दिखेगा क्योंकि यूरोप को नये सप्लायर मिल गये हैं और रूस को दूसरे देशों में बड़े खरीदार. हालांकि 5 फरवरी से जब यूरोप का अतिरिक्त प्रतिबंध लागू होगा तब हालात बदल सकते हैं. 5 फरवरी से लगने वाले प्रतिबंध में तेल से बनने वाले रिफायनरी प्रोडक्ट और डीजल ईंधन भी शामिल हो जाएंगे.
यूरोप में अब भी बहुत सी कारें डीजल पर चलती हैं. इसके अलावा खेती में इस्तेमाल होने वाली मशीनें और ट्रक मुख्य रूप से डीजल पर ही चलते हैं. ट्रकों का इस्तेमाल पूरे यूरोप में सामान की ढुलाई के लिए होता है. ऐसे में डीजल की ऊंची कीमत की चुभन हर तरफ महसूस होगी.
करोड़ों के फॉरेन ट्रेडिंग फ्रॉड में झारखंड की यह महिला पकड़ाई, नाम सुनकर सब रह गए दंग
इंदौर, करोड़ों के फॉरेन ट्रेडिंग फ्रॉड में फरार इनामी महिला आरोपी को विजय नगर पुलिस ने झारखंड से पकड़ा है। टीआइ रवींद्र सिंह गुर्जर के मुताबिक 10 हजार की इनामी आरोपी शिल्पी 31 पति सौरभ निवासी अमन एलाइड, आर महालक्ष्मी नगर को फॉरेन ट्रेडिंग फ्रॉड केस में बोकारो स्टील सिटी, झारखंड से गिरफ्तार कर 7 दिसंबर तक रिमांड पर लिया है।
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