लोकसभा में सीतारमण ने कहा- भारतीय रुपया हर मुद्रा के मुकाबले हुआ मजबूत

लोकसभा (Lok Sabha) में सीतारमण ने कहा- भारतीय रुपया हर मुद्रा के मुकाबले हुआ मजबूत

नई दिल्ली (New Delhi), 12 दिसंबर . केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय रुपया हर मुद्रा के मुकाबले मजबूत हुआ है. सीतारमण ने कहा कि भारत के विकास पर सभी को गर्व होना चाहिए, लेकिन दुख की लोग विदेशी मुद्रा व्यापार कहाँ करते हैं बात है कि संसद में कुछ लोग देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था से जलते हैं.

वित्त मंत्री ने सोमवार (Monday) को लोकसभा (Lok Sabha) में भारत की अर्थव्यवस्था से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए यह बात कही. सीतारमण ने कहा कि भारतीय रुपया हर मुद्रा के मुकाबले मजबूत हुआ है. रिजर्व लोग विदेशी मुद्रा व्यापार कहाँ करते हैं बैंक (Bank) ने विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग किया है. उन्होंने कहा कि आरबीआई (Reserve Bank of India) को यह सुनिश्चित करने के लिए बाजार में हस्तक्षेप करना जरूरी है कि डॉलर (Dollar)-रुपये में उतार-चढ़ाव बहुत ज्यादा न हो.

लोकसभा (Lok Sabha) में सीतारमण ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि दुख की बात है कि संसद में कुछ लोग देश की बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था से जलते हैं. भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, लेकिन विपक्ष को इससे दिक्कत है. भारत के विकास पर सभी को गर्व होना चाहिए, लेकिन कुछ लोग इसे मजाक के रूप में लेते हैं.

वित्त मंत्री ने आगे कहा कि कांग्रेस के राज में भारत की अर्थव्यवस्था आईसीयू में थी, पूरी दुनिया में भारत को फ्रेजाइल फाइव में रखा गया था, जबकि हमारा विदेशी मुद्रा भंडार एकदम नीचे था. कोरोना महामारी (Epidemic) और रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था आज विश्व की सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी है.

आरबीआई के साथ 40 करोड़ डॉलर का मुद्रा अदला-बदली करार करेगा श्रीलंका

कोलंबो, 24 अप्रैल (भाषा) श्रीलंका अपने विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के साथ 40 करोड़ डॉलर मुद्रा की अदला-बदली का करार करने जा रहा है। श्रीलंका सरकार के एक शीर्ष मंत्री ने कहा कि इससे कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित उनके देश को वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी। श्रीलंका मंत्रिमंडल के सह प्रवक्ता और सूचना एवं संचार मंत्री बंडुला गुणावर्धन ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे द्वारा वित्त मंत्री के रूप में रखे गए रिजर्व बैंक के साथ वित्तीय सुविधा के करार संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे

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India-US Relations: दिल्ली में थीं US की ट्रेजरी सचिव, अचानक मीलों दूर अमेरिका की इस लिस्ट से बाहर हो गया भारत, समझें मायने

India-America Trade: किसी देश को निगरानी सूची में रखने के लिए जिन तीन कारकों पर विचार किया गया है, वह हैं अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार सरप्लस का साइज, चालू खाता सरप्लस और विदेशी मुद्रा बाजार में लगातार एकतरफा दखल.

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India-US Relations: दिल्ली में थीं US की ट्रेजरी सचिव, अचानक मीलों दूर अमेरिका की इस लिस्ट से बाहर हो गया भारत, समझें मायने

What is Currency Monitoring List: अमेरिका ने भारत को अपनी करंसी मॉनिटरिंग लिस्ट से हटा दिया है. जिस वक्त यह ऐलान हुआ, तब यूएस की ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन नई दिल्ली में थीं. वह दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने के लिए भारत दौरे पर हैं. विभाग की रिपोर्ट में कहा गया कि भारत लिस्ट में बने रहने की कसौटी पर खरा नहीं उतरा. यह मॉनिटरिंग लिस्ट निगरानी करती है कि क्या देश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अनफेयर कॉम्पिटिटिव एडवांटेज हासिल करने या बैलेंस पेमेंट एडजस्टमेंट का फायदा उठाने के लिए अपनी करंसी और अमेरिकी डॉलर के बीच एक्सचेंज रेट में हेरफेर करते हैं.

चीन नहीं हुआ लिस्ट से बाहर

रिपोर्ट में कहा गया कि इटली, मैक्सिको, थाईलैंड और वियतनाम को भी निगरानी सूची से हटा दिया गया है, जबकि चीन, जापान, कोरिया, जर्मनी, मलेशिया, सिंगापुर और ताइवान इस पर बने हुए हैं. भारत ने दो रिपोर्टिंग अवधियों में तीन मानदंडों में से एक को पूरा किया, जिससे यह हटाने के योग्य हो गया, जैसा कि चार अन्य देशों ने किया था.

रिपोर्ट का विमोचन येलन की भारत यात्रा के दौरान व्यापार बंधनों को मजबूत करने के लिए किया गया था क्योंकि चीन पर अधिक निर्भरता से समस्याओं का सामना करने के बाद अमेरिका वैश्विक आर्थिक और मैन्युफैक्चरिंग रीस्ट्रक्चरिंग चाहता है. येलेन ने फ्रेंडशोरिंग की अवधारणा की बात की यानी मित्र देशों में सप्लाई सीरीज लाना. उन्होंने कहा- ऐसी दुनिया में जहां सप्लाई सीरीज कमजोरियां भारी लागत लगा सकती हैं, हमारा मानना है कि भारत के साथ अपने व्यापार संबंधों को मजबूत करना जरूरी है. भारत हमारे भरोसेमंद व्यापारिक साझेदारों में से एक है.

क्या हैं पैमाने

किसी देश को निगरानी सूची में रखने के लिए जिन तीन कारकों पर विचार किया गया है, वह हैं अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार सरप्लस का साइज, चालू खाता सरप्लस और विदेशी मुद्रा बाजार में लगातार एकतरफा दखल. इसके अलावा, यह मुद्रा विकास, विनिमय दर प्रथाओं, विदेशी मुद्रा आरक्षित कवरेज, पूंजी नियंत्रण और मौद्रिक नीति पर भी विचार करता है.

रिपोर्ट में खास तौर से यह नहीं बताया गया कि भारत किन मानदंडों को पूरा करता या नहीं करता है, लेकिन इसमें लोग विदेशी मुद्रा व्यापार कहाँ करते हैं संबंधित क्षेत्रों में भारत के प्रदर्शन का जिक्र है. रिपोर्ट में कहा गया कि जून के अंत में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 526.5 अरब डॉलर था, जो सकल घरेलू उत्पाद का 16 फीसदी है. भारत, रिपोर्ट में शामिल अन्य देशों की तरह, मानक पर्याप्तता बेंचमार्क के आधार पर पर्याप्त - या पर्याप्त से अधिक - विदेशी मुद्रा भंडार को बनाए रखना जारी रखता है.

रिपोर्ट के अनुसार, इसका अमेरिका के साथ 48 बिलियन डॉलर का ट्रेड सरप्लस भी था. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने आर्थिक नीति में पारदर्शिता सुनिश्चित की. एकतरफा मुद्रा हस्तक्षेप के लिए विभाग का मानदंड 12 महीनों में से कम से कम आठ में विदेशी मुद्रा की शुद्ध खरीद है, जो सकल घरेलू उत्पाद का कम से कम दो प्रतिशत है. इसने कहा कि चौथी तिमाही में भारत की विदेशी मुद्रा की शुद्ध खरीद पिछली अवधि की तुलना में नकारात्मक 0.9 थी, या लोग विदेशी मुद्रा व्यापार कहाँ करते हैं 30 बिलियन डॉलर कम थी.

दुनिया में सबसे ज्यादा चलती हैं ये 5 करेंसी, जानिए इनसे जुड़ी कुछ खात बातें

दुनिया भर में अलग-अलग जगहों पर अलग तरह की करेंसी का चलन है. कुछ रुपए से कमजोर हैं, तो कुछ रुपए के मुकाबले मजबूत हैं.

दुनियाभर में इन करेंसी का चलन सबसे ज्यादा है, व्यापार भी इनमें ही होता है. (फाइल फोटो)

दुनिया भर में अलग-अलग जगहों पर अलग तरह की करेंसी का चलन है. कुछ रुपए से कमजोर हैं, तो कुछ रुपए के मुकाबले मजबूत हैं. आज हम आपको बताएंगे दुनिया भर की ऐसी ही पांच करंसी के बारे में जो सबसे अधिक चलन में हैं. 1934 में फेडरल नोट प्रेस ने एक लाख डॉलर का नोट छापा था, उस पर पूर्व राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन की फोटो नजर आती है. वह अब तक की सबसे ज्यादा कीमत वाला नोट था. अमेरिकी मुद्रा डॉलर आज दुनियाभर में चलती है और ज्यादातर व्यापार भी इसी से होता है. सबसे पसंदीदा मुद्रा डॉलर ही है.

आइए जानते हैं कौन-सी हैं ये 5 करंसी-

1- अमेरिकन डॉलर
अमेरिकन डॉलर संयुक्त राज्य अमेरिका की आधिकारिक मुद्रा है. जिस तरह भारत में 1 रुपए में 100 पैसे होते हैं, ठीक उसी तरह अमेरिका में एक डॉलर में 100 सेंट होते हैं. 50 सेंट के सिक्के को आधा डॉलर कहा जाता है. पच्चीस सेंट के सिक्के को क्वार्टर कहकर बुलाया जाता है. अमेरिका में 10 सेंट के सिक्के को डाइम कहते हैं और पांच सेंट के सिक्को को निकल कहा जाता है. एक सेंट को अमेरिका में पैनी भी कहा जाता है. डॉलर के नोट 1, 5, 10, 20, 50 और 100 डॉलर में मिलते हैं.

कीमत
1 डॉलर= 71.58 रुपए (19 फरवरी 2019)

2- यूरो
यूरो यूरोपियन संघ के 28 में से 18 सदस्य देशों की मुद्रा है. इन देशों को सामूहिक रुप से यूरोजोन कहा जाता है. इन देशों में ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, साइप्रस, इस्टोनिया, फिनलैंड, फांस, जर्मनी, ग्रीस, आयरलैंड, इटली, लग्जम्बर्ग, माल्टा, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्लोवेनिया, लातविया, स्लोवाकिया और स्पेन शामिल हैं. इन देशों के अलावा पांच अन्य यूरोपियन देश हैं, जो यूरो को अपनी करेंसी के रुपए में इस्तेमाल करते हैं.

यह करेंसी अमेरिका के डॉलर के बाद दुनिया की सबसे अधिक ट्रेड की जाने वाली करेंसी है. इसके साथ ही यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी रिजर्व करेंसी भी है. इस करेंसी का नाम यूरो (Euro) 16 दिसंबर 1995 को रखा गया. ग्लोबल मार्केट में इसे यूरोपियन करेंसी यूनिट के स्थान पर सम मूल्य पर 1 जनवरी 1999 को जारी किया गया.

कीमत
1 यूरो = 80.87 रुपए (19 फरवरी 2019)

3- पाउंड
पाउंड ब्रिटेन की आधिकारिक मुद्रा है. इसका नाम चांदी के एक पाउंड (भार) की कीमत के आधार पर रखा गया. यह एक लेटिन शब्द लिब्रा का अंग्रेजी ट्रांसलेशन है. लिब्रा को रोमन साम्राज्य में लोग विदेशी मुद्रा व्यापार कहाँ करते हैं किसी चीज की वैल्यू मापने की एक यूनिट की तरह उपयोग किया जाता था. एक पाउंड में 100 पेंसे (पेनी) होते हैं.

मुख्य रुप से यह मुद्रा (पाउंड) यूनाइटेड किंगडम (पाउंड स्टरलिंग), इजिप्ट (इजिप्शियन पाउंड), लेबनान (लेबनीज पाउंड), साउथ सुडान (साउथ सुडानीज पाउंड), सुडान (सुडानीज पाउंड) और सीरिया (सीरिया पाउंड) में चलती है. सामान्यतया पाउंड स्टरलिंग को ही पाउंड के नाम से जाना जाता है. फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में डॉलर, यूरो और येन के बाद यह चौथी सबसे ज्यादा ट्रेड होने वाली करेंसी है.

कीमत
1 पाउंड = 92.37 रुपए (19 फरवरी 2019)

4- येन
येन जापान की आधिकारिक मुद्रा है. डॉलर और यूरो के बाद यह फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में सबसे ज्यादा ट्रेड होने वाली तीसरी करेंसी है. डॉलर, यूरो और पाउंड के बाद इसका इस्तेमाल रिजर्व करेंसी के रूप में भी किया जाता है. जापानी भाषा में येन का मतलब राउंड (गोल) होता है.

कीमत
100 येन= 64.69 रुपए (19 फरवरी 2019)

5- युआन
युआन चीन की आधिकारिक मुद्रा है. हालांकि, हॉन्ग-कॉन्ग और माकाओ में यह चलन में नहीं है. युआन के बैंक नोट एक युआन से लेकर 100 युआन तक हैं. इसका लोग विदेशी मुद्रा व्यापार कहाँ करते हैं रंग तथा आकार भी अलग-अलग हैं. हॉन्ग-कॉन्ग में मुद्रा के रुप में डॉलर का चलन है.

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