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Investors should keep these things in mind in bull and bear market

कितने तरह के होते हैं डीमैट अकाउंट और कैसे खुलवाएं डीमैट खाता ? जानिए पूरी जानकारी

देश में मौजूदा वक्त में 10 करोड़ से ज्यादा डीमैट अकाउंट होल्डर हैं. अगर आप भी डीमैट अकाउंट खोलना चाहते हैं और इसको लेकर आपके मन में सवाल है तो हम आपके सारे सवालों का जवाब आज देने जा रहे हैं. जैसे कि डीमैट अकाउंट क्या होता है, ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है. दोनों अलग कैसे हैं और कितने प्रकार का डीमैट अकाउंट होता है.

what is a demat account, what is a trading account. How are both different and how many types of demat account are there.

Demat और Trading अकाउंट में क्या फर्क होता है? स्टॉक ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो समझ लें ये कैसे होते हैं अलग

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दो अलग-अलग चीजें होती हैं. डीमैट अकाउंट ऐसा अकाउंट होता है जिसमें आप अपने असेट या शेयर को रख सकते हैं, वहीं, ट्रेडिंग अकाउंट से आप ट्रांजैक्शन कर सकते हैं.

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शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं तो आपको यह पता होना चाहिए कि आपके पास इसके लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है. डीमैट अकाउंट रखना स्टॉक मार्केट डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? में निवेश के लिए सबसे पहली शर्त है. इसके अलावा एक ट्रेडिंग अकाउंट भी है, जिसकी जरूरत आपके इन्वेस्टमेंट नेचर के हिसाब से पड़ती है. डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दो अलग-अलग चीजें होती हैं. डीमैट अकाउंट ऐसा अकाउंट होता है जिसमें आप अपने असेट या शेयर को रख सकते हैं, वहीं, ट्रेडिंग अकाउंट से आप ट्रांजैक्शन कर सकते हैं. इनका फर्क, इनका काम और इनका रोल समझना जरूरी है.

Demat Account क्या होता है?

डीमैट अकाउंट ऐसा अकाउंट होता है, जहां आप अपने शेयर इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में होल्ड डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? करके रख सकते हैं. डीमैट अकाउंट फिजिकल शेयर को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में बदल देता है. डीमैट अकाउंट खोलने पर आपको एक एक डीमैट नंबर दिया जाता है जिससे आप अपना ट्रेड उसमें सेटल कर सकते हैं.डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है?

इसका काम कुछ-कुछ बैंक अकाउंट जैसा होता है, जहां आप अपना पैसा डिपॉजिट और विदड्रॉ कर सकते हैं. इसी तरह इस अकाउंट में सिक्योरिटी रखी जाती है और जरूरत पड़ने पर डेबिट और क्रेडिट किया जाता है.

डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आपके पास कोई शेयर हो, ऐसा कोई जरूरी नहीं है. आपके अकाउंट में ज़ीरो बैलेंस हो तो भी कोई दिक्कत नहीं है.

ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है?

डीमैट अकाउंट के उलट अगर आपको स्टॉक ट्रेडिंग करनी है तो आपको इसके लिए ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ेगी. स्टॉक मार्केट में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयर में निवेश करना हो तो आप इस अकाउंट से इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ट्रेडिंग कर सकते हैं.

1. डीमैट अकाउंट आपके शेयर और असेट को डिमैटिरियलाइज्ड फॉर्म में रखने वाला अकाउंट होता है, जबकि ट्रेडिंग अकाउंट को आपके बैंक और डीमैट अकाउंट के बीच का लिंक माना जा सकता है.

2. डीमैट अकाउंट जहां बस असेट स्टोर करने के लिए खुलवाया जाता है, इससे कोई ट्रांजैक्शन नहीं हो सकता. वहीं, ट्रेडिंग अकाउंट ट्रेड ट्रांजैक्शन करने के काम आता है.

3. डीमैट अकाउंट पर इन्वेस्टर्स को सालाना चार्ज देना होता है. ट्रेडिंग अकाउंट आमतौर पर फ्री होता है, लेकिन चार्ज कंपनी पर भी निर्भर होता है कि वो आपसे चार्ज लेगी या नहीं.

डीमैट अकाउंट के बिना ट्रेडिंग अकाउंट, और ट्रेडिंग अकाउंट के बिना डीमैट अकाउंट रख सकते हैं?

आमतौर पर डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट एक साथ ही खोले जाते हैं. स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए ये दोनों ही अकाउंट जरूरी है. जब एक निवेशक शेयरों में ट्रेड करता है तो ये शेयर स्टोर करने के लिए उसे डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है.

हालांकि, अगर ट्रेडर बस ट्रेडिंग कर रहा है, जैसे कि वो इंट्राडे शेयर ट्रेडिंग, फ्यूचर ट्रेडिंग, ऑप्शंस ट्रेडिंग और करेंसी ट्रेडिंग कर रहा है, तो वो ट्रेडिंग अकाउंट से भी हो जाता है, इसमें डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं पड़ती है.

Demat vs Trading Account: डीमैट व ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर होता है? दोनों के क्या इस्तेमाल हैं?

शेयर बाजार

शेयर बाजार में निवेश करने वालों ने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में बहुत सुनते हैं, पर अधिकांश लोगों को इन दोनों खातों के बीच का अंतर नहीं पता होता है। आइए आसान भाषा में जानते हैं डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच क्या-क्या अंतर होता है?

बता दें कि इक्विटी मार्केट में निवेश के लिए किसी भी व्यक्ति के पास डीमैट अकाउंट का होना सबसे पहली शर्त है। डीमैट अकाउंट के साथ एक और खाता अटैच होता है जिसे ट्रेडिंग अकाउंट कहते हैं। जरूरत के आधार पर दोनों निवेशक दोनों का अलग-अलग इस्तेमाल करते हैं। डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों अलग-अलग तरह के खाते होते हैं। डीमैट अकाउंट वह अकाउंट होता है जिसमें आप अपने असेट या इक्विटी शेयर रख सकते हैं। वहीं दूसरी ओर ट्रेडिंग अकाउंट वह खाता होता है जिसका इस्तेमाल करतेह हुए आप इक्विटी शेयरों में लेनदेन करते हैं।

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए जरूरी हैं ये दो अकाउंट, जानिये डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है?

ब्रोकिंग फर्म ट्रेडिंग की सुविधा के लिए तीन अकाउंट को लिंक करता है। पहला Demat Account दूसरा Trading Account और तीसरा Bank Account। ट्रेडिंग अकाउंट से ऑर्डर दिए जाते हैं। Demat Account सिक्योरिटी और डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? बैंक अकाउंट कैश की जिम्मेदारी रखता है

नई दिल्‍ली, ब्रांड डेस्‍क। आज के माहौल में सिर्फ पारंपरिक निवेश के विकल्पों जैसे फिक्स्ड डिपॉजिट, पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजनाएं, पब्लिक प्रोविडेंट फंड पर निर्भर रहना बेवकूफी है। बढ़ती महंगाई ना सिर्फ आपका मुनाफा खा रहा है बल्कि आपकी बचत में सेंध लगा रहा है। ऐसे में निवेशक को निवेश का ऐसा विकल्प चुनना चाहिए जो ना सिर्फ महंगाई को मात दे सके बल्कि आपको भविष्य को भी सुरक्षित कर सके। निवेश का यह विकल्प है स्टॉक मार्केट। तकनीक के डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? इस दौर में शेयर बाजार में निवेश बहुत आसान हो गया। एक डीमैट अकाउंट खोलकर आप बाजार में ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं। बैंक खाते की तरह इसमें आपके शेयर जमा होते हैं।

कैसे होती है सिक्योरिटी की खरीद और बिक्री

ब्रोकिंग फर्म ट्रेडिंग की सुविधा के लिए तीन अकाउंट को लिंक करता है। पहला Demat Account, दूसरा Trading Account और तीसरा Bank Account। ट्रेडिंग अकाउंट से ऑर्डर दिए जाते हैं। Demat Account सिक्योरिटी और बैंक अकाउंट कैश की जिम्मेदारी रखता है। निवेश काफी अहम प्रक्रिया होती है और उसमें बड़े पैमाने पर कैश का इस्तेमाल होता है इसलिए तीनों चरणों को अलग अलग रखा गया है। जब कोई निवेशक कारोबार करना चाहता है तो पहले वो कैश को बैंक खाते से रिलीज करता है, जिसके बाद इस रिलीज की गई रकम के आधार पर ट्रेडिंग अकाउंट से ऑर्डर दिए जाते हैं। ऑर्डर पूरा होने पर खरीदी गई सिक्योरिटी को Demat Account में सुरक्षित कर लिया जाता है। वहीं बिक्री की स्थिति में पहले निवेशक डीमैट अकाउंट में उन सिक्योरिटी को चुनता है जिसे उसे बेचना हो, इसका बाद Trading Account में ऑर्डर का विकल्प दिखता है। शेयर की बिक्री का ऑर्डर ट्रेडिंग अकाउंट से दिया जाता है। डील पूरी होने पर डीमैट अकाउंट से सिक्योरिटी रिलीज कर उस अकाउंट में ट्रांसफर हो जाती है जिसने इन सिक्योरिटी को खरीदा है और वहां से मिला पैसा सिक्योरिटी बेचने वाले निवेशक के बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाता है। देखने में ये काम काफी पेचीदा लगता है, लेकिन इसकी जिम्मेदारी ब्रोकर्स और डिपॉजिटरी के हाथ में होती है। निवेशक सिर्फ कुछ जानकारी भर कर और कुछ विकल्पों का चुनाव कर ये प्रक्रिया मिनटों में पूरी कर सकता है।

ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है ? (Trading Account Meaning in Hindi) :

चाहे हमें शेयर बाजार में निवेश करना हो या ट्रेडिंग Trading Account तो खुलवाना ही पड़ता डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? है।

इसका कारण यह है, की Trading Account से ही किसी भी शेयर को खरीदने और बेचने का ऑर्डर स्टॉक एक्सचेंज पर भेजा जाता है।

Trading Account एक ऐसा खाता है, जिसमे निवेशक या ट्रेडर के पैसा जमा होते है।

यह Trading Account , निवेशक या ट्रेडर के डीमैट अकाउंट से लिंक कर दिया जाता है।

जिसकी वजह से शेयर खरीदने के बाद शेयर Demat अकाउंट में जमा हो जाते है।

और शेयर बेचने पर Demat Account डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? में से शेयर निकल जाते है। Trading Account Meaning in Hindi

ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है ? (Working a of Trading Account)


Trading Account कुछ इस तरह काम करता है। Trading Account Meaning in Hindi

सबसे पहले निवेशक या ट्रेडर अपने Trading Account में पैसा जमा करते है।

उसके बाद वे जिस शेयर को खरीदना या बेचना चाहते है, उन शेयर का दाम देखते है।

इसके बाद वे उस शेयर के दाम के हिसाब से खरीदने या बेचने का ऑर्डर रखते है।

यह ऑर्डर Stock Exchange पर पहुँचता है।

इस ऑर्डर का Counter order मिल जाए तो यह ऑर्डर Execute हो जाता है।

अगर शेयर खरीदने का ऑर्डर रखा गया था तो शेयर ख़रीदे जाते है।

और इसके पैसे लगने वाले टैक्स और चार्ज के साथ ट्रेडिंग अकाउंट में से कट जाते है, और शेयर डीमैट अकाउंट में दो दिन में जमा हो जाते है।

लेकिन अगर शेयर बेचने का ऑर्डर रखा होगा तो शेयर बेच दिए जाएंगे और उसका पैसा टैक्स और ब्रोकरेज काट कर ट्रेडिंग अकाउंट में जमा कर दिया जाएगा।

ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट के बिच का फर्क (Difference Between Demat and Trading Account):

ज्यादातर लोग Trading और Demat Account एक साथ खुलवाने की वजह से इन दोनों के बिच का फर्क नहीं जानते।

लेकिन इन दोनों के बिच बहुत बड़ा फर्क होता है।

Demat Account एक ऐसी जगह है जिसमे आपके द्वारा ख़रीदे गए शेयर को रखा जाता है।

इस लिए यह एक स्टोरेज की तरह होता है , जिसमे कोई शेयर खरीदने पर शेयर जमा होता है, और बेचने पर शेयर निकल जाता है।

जबकि Trading Account का उपयोग है, शेयर ख़रीदने और बेचने के लिए ऑर्डर रखने की सुविधा देना।

ट्रेडिंग अकाउंट में पैसा जमा रखा जा सकता है, जबकि डीमैट अकाउंट में पैसा जमा नहीं होता। Trading Account Meaning in Hindi

ट्रेडिंग अकाउंट के लाभ (Benefits of a Trading Account) :

  • बदलती टेक्नोलॉजी के कारण Online Trading की सुविधा से शेयर की खरीद बिक्री बहुत ही आसान हो गई है।
  • शेयर खरीदने पर पैसा कटना और बेचने पर पैसा जमा होना यह सभी ऑटोमैटिक हो जाता है।
  • ऑनलाइन ट्रेडिंग की सुविधा की वजह से लिखित या कॉल कर के ऑर्डर देने की जरुरत नहीं रहती। और भेजा गया ऑर्डर बहुत जल्दी कम्पलीट हो जाता है।
  • सिर्फ एक मोबाइल के द्वारा किसी भी जगह से शेयर खरीद और बेच सकते है।

ट्रेडिंग अकाउंट क्या है?

ट्रेडिंग अकाउंट एक एलेक्ट्रोनिक अकाउंट है, जिसके द्वारा आप शेयर बाज़ार मे स्टॉक एक्स्चेंज मे शेयर खरीदने या बेचने का order भेज सकते है।

ट्रेडिंग अकाउंट कैसे बनता है?डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है?

ट्रेडिंग अकाउंट बनाने के लिए आपको किसी ब्रोकर से संपर्क करना होगा। आजकल तो ट्रेडिंग अकाउंट ऑनलाइन घर बैठे बैठे भी खुल जाता है। इसके लिए आप Online Trading और demat account कैसे खोले पढ़ सकते है।

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