Goodluck Today: इस बार सूर्य ग्रहण विशेष क्यों है ? ये ग्रहण देश दुनिया पर कैसा असर डालेगा ?
इस वीडियो में पंडित शैलेंद्र पांडेय सूर्यग्रहण के बारे में बता रहे हैं. ज्योतिष में इस बार सूर्य ग्रहण विशेष क्यों है ? ये ग्रहण देश दुनिया पर कैसा असर डालेगा ? कैसे समझें कि सूर्यग्रहण जीवन में अशुभ है ? और इसके निवारण के क्या हैं उपाय. जानेंगे सबकुछ लेकिन पहले बात गुडलक मंत्र की. देखें गुडलक टुडे.
In this video Pandit Shailendra Pandey is telling about the solar एमएसीडी संकेतक क्या है और यह इतना विशेष क्यों है? eclipse. Why is this solar eclipse special in astrology? How will this eclipse affect the country and the world? How to understand that solar eclipse is inauspicious in life? And what are the ways to solve it. You will know everything but first thing about goodluck mantra. See Goodluck Today.
कैसे मोदी सरकार द्वारा MCD का कायापलट करने का काम AAP को घेरने की BJP की योजना में फिट बैठता है?
जहां केंद्र सरकार दिल्ली में एकीकृत नगर निगम में बड़े पैमाने पर बदलाव की निगरानी कर रही है, वहीं दिल्ली भाजपा जल आपूर्ति से जुड़ी कथित समस्याओं सहित तामाम नागरिक मुद्दों पर आप से लोहा ले रही है.
बीजेपी के कार्यकर्ता पार्टी के झंडे के साथ एक रैली में (प्रतीकात्मक तस्वीर) | PTI file
नई दिल्ली: केंद्र सरकार और दिल्ली बीजेपी नागरिक मुद्दों को लेकर अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार का मुकाबला करने के लिए एमएसीडी संकेतक क्या है और यह इतना विशेष क्यों है? दिल्ली के एकीकृत नगर निगम को ‘शासन के एक नए मॉडल’ के रूप में पेश करने के लिए एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं.
वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों अश्विनी कुमार और ज्ञानेश भारती की क्रमशः विशेष अधिकारी और आयुक्त के रूप में नियक्ति के बाद, एकीकृत नगर निगम ने भ्रष्टाचार शिकायत प्रकोष्ठ की स्थापना, एक हेल्पलाइन नंबर जारी किए जाने और नागरिकों द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायतें दर्ज करवाने के लिए एक ई-मेल एड्रेस सहित कई नई पहलों की शुरूआत की है.
कुमार नए सदन के लिए नए सिरे से चुनाव होने तक नागरिक निकाय की बागडोर संभालेगें.
इतना ही नहीं, नगर निकाय ने पिछले 3 जून को एक जन सुनवाई अभियान भी चलाया. दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) मुख्यालय और आंचलिक कार्यालयों में कार्यदिवसों के दौरान जनसुनवाई आयोजित की जाती है.
दिल्ली के तीनों नगर निकायों – उत्तर, दक्षिण और पूर्वी दिल्ली नगर निगमों – पर बीजेपी का नियंत्रण था, जिसने मई 2022 में उनके फिर से एक होने के पहले हुए 2017 के चुनाव में उन पर अपना कब्जा बरकरार रखा था. बीजेपी ने इन नगर निकायों, जिन्हें 2012 में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा तीन भागों में विभाजित किया गया था, पर पिछले 15 वर्षों से अपना नियंत्रण कायम रखा है.
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अतीत में, इस तीनों निगमों को भ्रष्टाचार, लालफीताशाही, सड़कों और नालियों के खराब रखरखाव, शहर में अनधिकृत निर्माण की जांच और पर्याप्त उपाय नहीं करने के लिए कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था.
बीजेपी के ही कुछ सूत्रों ने मार्च में दिप्रिंट को बताया था कि पिछले अक्टूबर में पार्टी द्वारा आंतरिक रूप से किए गए एक सर्वेक्षण में दिखाया गया था कि आप बीजेपी से आगे चल रही है और इसी वजह से निकायों के एकीकरण का निर्णय जल्दबाजी में किया गया था. कहा जाता है कि इस साल की शुरुआत में आप को पंजाब में मिली शानदार जीत ने भी इस फैसले में एक भूमिका निभाई थी.
इस महीने की शुरुआत में, उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने भी एमसीडी अधिकारियों को लोगों से मिलने और उनकी शिकायतों को दूर करने का निर्देश दिया था.
एक सरकारी सूत्र ने कहा ‘एमसीडी के आला अधिकारी उपराज्यपाल के अधीन काम करते हैं, और उपराज्यपाल केंद्र के प्रति जवाबदेह होते हैं. इसलिए, इस एजेंसी में होने वाली नई पहलों के बारे में केंद्र को हमेशा से पता रहता है. ‘
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता, जिन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनके सहयोगी निगम के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करते हैं उनका कहना था कि ‘एमसीडी अब पूरी तरह से केंद्र द्वारा नियंत्रित है’.
इस बीजेपी नेता ने कहा, ‘यह उन्हें (केंद्र को) चुनाव होने से पहले इस एजेंसी को पूरी तरह से बदलने का मौका देता है. जनता द्वारा उठाए गए मुद्दों, जिनमें भ्रष्टाचार और जन सुनवाई आयोजित नहीं होना भी शामिल है, का पहले समाधान किया जा रहा है.’
बीजेपी के एक सूत्र के अनुसार, जहां केंद्र सरकार इस नागरिक संस्था के कामकाज में सुधार लाने पर अपना सारा ध्यान केंद्रित कर रही है, वहीं पार्टी की दिल्ली इकाई चुनाव होने तक शासन से जुड़े मुद्दों पर आप से भिड़ती नज़र आ रही है.
निकाय चुनाव में अभी और देरी होने की संभावना है क्योंकि यह परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही संपन्न हो सकता है. भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि नया कानून – दिल्ली नगर निगम (संशोधन) अधिनियम, 2022 – जिसने नगर निकायों को फिर से संगठित किया है, मौजूदा 272 वॉर्ड्स के बजाए अधिकतम 250 नगरपालिका वार्ड का प्रावधान करता है.
इस कायापलट के बारे में बात करते हुए, दिल्ली बीजेपी प्रमुख आदेश गुप्ता ने कहा, ‘जहां तक प्रसाशन का संबंध है, नागरिक निकाय में भ्रष्टाचार हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है’.
गुप्ता ने आगे कहा, ‘पीएम नरेंद्र मोदी की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति रही है और उन्होंने हमेशा लोगों के कल्याण के लिए काम किया है. एकीकृत एमसीडी जिस तरह से काम कर रही है, वह सुशासन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. हमने उपराज्यपाल से मुलाकात की थी और नागरिक निकाय के कामकाज में समग्र रूप से सुधार के लिए उन्हें कई सुझाव दिए थे. हमें इस बात की खुशी है कि उन्होंने एमएसीडी संकेतक क्या है और यह इतना विशेष क्यों है? कई पहलें की हैं.’
भाजपा के एजेंडे में शामिल है पानी का मुद्दा
इस बीच, बीजेपी की दिल्ली इकाई ने दावा किया है कि इस साल की गर्मी में शहर में हो रही पानी की समस्या को हरियाणा की बीजेपी सरकार द्वारा हल किया जा रहा है, न कि दिल्ली की आप सरकार द्वारा.’
गुप्ता ने कहा, ‘हरियाणा सरकार (दिल्ली और हरियाणा के बीच) समझौते के अनुसार आवश्यकता से अधिक पानी उपलब्ध करा रही है. दिल्ली में व्याप्त जल संकट कुप्रबंधन और पानी के रिसाव (लीकेज) की वजह से है, जिसे आप सरकार ने ठीक नहीं किया है. हमने हरियाणा के मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी और उन्होंने हमारे अनुरोध पर हमें पूरा-पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है.’
दिल्ली के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने एमएसीडी संकेतक क्या है और यह इतना विशेष क्यों है? हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से शहर में पानी की आपूर्ति करने का अनुरोध करने के कुछ ही दिन बाद, मंगलवार को, गुप्ता ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से कम-से-कम 100 स्थानों से पानी के नमूनों का परीक्षण करने का आग्रह किया, साथ ही, उन्होनें आरोप लगाया कि शहर के विभिन्न हिस्सों में की जा रही पानी की आपूर्ति ‘दूषित’ है.
पानी का मामला दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है और इस सारी कवायद का मकसद आप को उसके प्रशासनिक प्रदर्शन पर घेरना था. दिप्रिंट ने इस बारे में टिप्पणी के लिए टेक्स्ट मैसेज़ेज के एमएसीडी संकेतक क्या है और यह इतना विशेष क्यों है? माध्यम से दिल्ली सरकार के प्रवक्ता से संपर्क किया लेकिन इस खबर के प्रकाशित होने तक हमें उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली थी.
(इस एमएसीडी संकेतक क्या है और यह इतना विशेष क्यों है? खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें )
MCD Election Voting: दिल्ली में चुनावी दंगल, MCD में किसका होगा मंगल?
MCD Election Voting: दिल्ली में चुनावी दंगल, MCD में किसका होगा मंगल?
अर्पिता आर्या
- नई दिल्ली ,
- 04 दिसंबर 2022,
- अपडेटेड 5:22 PM IST
दिल्ली के दंगल में MCD चुनाव की वोटिंग में सिर्फ डेढ़ घंटे बचे हैं लेकिन मतदान की रफ्तार अब भी सुस्त है. दोपहर 2 बजे तक सिर्फ 30 फीसदी वोट पड़े. अर्पिता आर्या के साथ इस बुलेटिन में देखिए MCD चुनाव पर विशेष कवरेज.
Only one and a half hours are left in the voting for the MCD elections in Delhi, but the pace of voting is still slow. Only 30 percent of votes were cast till 2 pm. Watch special coverage of MCD elections in this bulletin with Arpita Arya.
ब्रेन ट्यूमर के ये हैं 7 संकेत, क्या आप जानते हैं ?
ब्रेन ट्यूमर घातक हो सकता है अगर समय रहते इसके संकेतों को न समझा जाए। ब्रेन ट्यूमर की शुरुआत होने पर व्यक्ति में कुछ लक्षण नजर आते हैं, लेकिन इसे सामान्य समझने की गलती हो जाती है। कई मरीजों में ब्रेन.
Manju Tue, 11 Feb 2020 11:08 AM
ब्रेन ट्यूमर घातक हो सकता है अगर समय रहते इसके संकेतों को न समझा जाए। ब्रेन ट्यूमर की शुरुआत होने पर व्यक्ति में कुछ लक्षण नजर आते हैं, लेकिन इसे सामान्य समझने की गलती हो जाती है। कई मरीजों में ब्रेन ट्यूमर के लक्षण बहुत पहले से नजर आने लगते हैं, लेकिन कुछ मामलों में ये लक्षण किसी अन्य बीमारी के कारण भी हो सकते हैं। इसलिए ब्रेन ट्यूमर को समझना और उसके लक्षणों को जानना बेहद जरूरी है।
डॉ. रचिता नरसरिया का कहना है कि मस्तिष्क में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ जाती हैं और इससे जो गांठ बन जाती है, उसे ही ब्रेन ट्यूमर कहते हैं। प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क या उससे आसपास के ऊतकों में ही शुरू होता है। लेकिन मेटास्टेटिस ब्रेन ट्यूमर शरीर के किसी अन्य हिस्से से शुरू होता है और मस्तिष्क तक खून के माध्यम से फैल जाता है।
एम्स के डॉ. उमर अफरोज का कहना है, ब्रेन ट्यूमर एमएसीडी संकेतक क्या है और यह इतना विशेष क्यों है? के संकेतों और लक्षणों में भिन्नता होती है। यह ब्रेन ट्यूमर के आकार, स्थान और बढ़ने की दर पर निर्भर करता है। कई बार बिना किसी लक्षण के भी व्यक्ति को ब्रेन ट्यूमर की समस्या हो सकती है। ये लक्षण दो तरीके से दिख सकते हैं। सामान्य लक्षणों में मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में ट्यूमर से पड़ने वाले दबाव के कारण पैदा होता है। वहीं विशिष्ट लक्षण तब होते है जब मस्तिष्क का एक निश्चित हिस्सा ट्यूमर के कारण सही तरीके से काम नहीं कर पाता है।
तेज और लगातार सिर दर्द-
बार-बार सिरदर्द, सिरदर्द का धीरे-धीरे गंभीर हो जाना भी इसका संकेत है। असहनीय दर्द की स्थिति में डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
याद्दाश्त या सोच में बदलाव-
ट्यूमर किसी व्यक्ति के व्यवहार या व्यक्तित्व में बड़े बदलाव का कारण बन सकते है। ट्यूमर वाले लोगों में चीजों को याद रखने में परेशानी होती है और वे हमेशा उलझन महसूस करते हैं।
उल्टी या मतली आना-
पेट में बेचैनी या बीमार महसूस करना, खासकर अगर वे लक्षण लगातार हैं, तो यह ट्यूमर का संकेत हो सकता है। तेज दर्द और इसके साथ उल्टी आना भी ब्रेन ट्यूमर का शुरुआती लक्षण हैं।
दृष्टि बदल जाती है-
धुंधली दृष्टि, दोहरी दृष्टि और दृष्टि की हानि, सभी ट्यूमर से जुड़े हैं। चीजों को देखने पर धब्बे या आकार भी देख सकते हैं। रंगों को पहचानने में परेशानी हो सकती है। यह ब्रेन ट्यूमर की शुरुआत है।
दौरे पड़ना है शुरुआती लक्षण-
किसी भी तरह का ट्यूमर हो, दौरे अक्सर समस्या के शुरुआती लक्षणों में से एक होते हैं। ट्यूमर से जलन मस्तिष्क के न्यूरॉन्स को बेकाबू करते हैं और असामान्य हलचलें महसूस होती है। ट्यूमर की तरह, दौरे कई रूप लेते हैं। ब्रेन ट्यूमर होने पर मांसपेशियों में ऐंठन महसूस हो सकती है। ये ऐंठन बेहोशी की हालत तक भी पहुंचा सकती है।
सुन्न होना-
शरीर या चेहरे के एक हिस्से में सुन्न महसूस होता है। विशेष रूप से अगर एक ट्यूमर मस्तिष्क के स्टेम पर बनता है। यह वह स्थान है, जहां मस्तिष्क रीढ़ की हड्डी से जुड़ता है।
संतुलन खोना-
अगर व्यक्ति खुद चाभियों को उठाने से लड़खड़ाता है। चलते हुए कदम छूट जाते हैं या संतुलन के साथ संघर्ष करना पड़ रहा है, भुजाओं, पैरों या हाथों में अकड़न हो, तो इस तरह की परेशानी ब्रेन ट्यूमर का संकेत हो सकती है। बोलने, निगलने या चेहरे के भावों को नियंत्रित करने में समस्याएं हैं तो यह बड़ी समस्या है।
Garuda Purana : ये 8 संकेत बताते हैं कि आप पर ईश्वर की विशेष कृपा है…
गरुड़ पुराण में इस तरह के कई संकेतों के बारे में बताया गया है जो हमें बताते हैं कि ईश्वर की हम पर विशेष कृपा है. यहां जानिए ऐसे 8 संकेतों के बारे में, जो हमें परमेश्वर के अत्यंत खुश होने का संकेत देते हैं.
जीवन में कभी-कभी कुछ ऐसी चीजें हो जाती हैं, जिन्हें देखकर ऐसा लगता है कि मानों हम पर कोई दैवीय कृपा बरस रही हो. ऐसे में एमएसीडी संकेतक क्या है और यह इतना विशेष क्यों है? सारे काम निर्विघ्न होकर पूरे होते जाते हैं. व्यक्ति हर वक्त खुश रहता है और उसके आसपास एक सकारात्मक वातावरण महसूस होता है. भविष्य की कोई फिक्र उसे नहीं सताती क्योंकि उसमें इतना आत्मविश्वास भर चुका होता है कि उसे लगता है कि भविष्य में भी वो कुछ भी कर सकता है.
गरुड़ पुराण में भी इस तरह के संकेतों के बारे में बताया है जो बताते हैं कि ईश्वर की हम पर विशेष कृपा है. ज्योतिष विशेषज्ञों की मानें तो जो लोग देवी-देवताओं की पूजा-पाठ करते हैं, मंत्रों का जाप करते हैं और अच्छे कर्म करते हैं. उनसे देवी देवता अत्यंत प्रसन्न रहते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं. जानिए ऐसे संकेतों के बारे में जो बताते हैं कि आपसे देव अत्यंत प्रसन्न हैं.
1. जिन लोगों पर भगवान की कृपा होती हैं, उन्हें तमाम स्थितियों के बारे में पहले से ही आभास होने लगता है. ऐसे में वे कई घटनाओं का इशारा होने से पहले ही समझ लेते हैं.
2. अगर आप अपनी शिक्षा का सही प्रयोग करके उससे परिवार चला पा रहे हैं तो ये ईश्वरीय कृपा से ही संभव है. दुनिया में तमाम ऐसे लोग हैं जो शिक्षित होने के बावजूद शिक्षा का सही प्रयोग नहीं कर पाते.
3. जिन लोगों की सेहत अच्छी रहती है, उन पर भी परमेश्वर की विशेष कृपा है. सेहत खराब होने से सिर्फ आपके शरीर पर ही असर नहीं पड़ता, बल्कि काफी आर्थिक नुकसान भी होता है. इसलिए निरोगी काया प्राप्त किए लोगों को खुद को भाग्यवान मानना चाहिए.
4. यदि आपको जीवन में सुयोग्य जीवन साथी मिला है, तो ये भी परमेश्वर की कृपा से ही संभव है. एक अच्छा जीवनसाथी एमएसीडी संकेतक क्या है और यह इतना विशेष क्यों है? आपके पूरे जीवन को खुशहाल बना सकता है, लेकिन अगर जीवनसाथी खराब मिल जाए, तो पूरी लाइफ झगड़े और क्लेश के बीच गुजरती है.
5. अगर किसी व्यक्ति की संतान आज्ञाकारी है तो ये भी परमेश्वर की ही कृपा है, वर्ना आज के युग में ज्यादातर लोग अपनी संतान की वजह से ही दुखी हैं.
6. सही-गलत के बीच अंतर करने की क्षमता जिन लोगों के पास है, उन पर उनके इष्टदेव का आशीर्वाद होता है.
7. भगवान के दर्शन सपने में करने वाले लोगों पर भी देवी-देवताओं की कृपा होती है, वर्ना परमेश्वर को देख पाना हर किसी के लिए संभव नहीं होता.
8. जिस व्यक्ति का क्रोध पर वश है, जिसका मन शांत रहता है, जो हर परिस्थिति से सामान्य रहकर निपटना जानता है, ऐसे लोगों पर ईश्वर का हाथ होता है. तभी ये संभव हो पाता है.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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