बिटक्वाइन का पागलपन

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10 दिसंबर को शिकागो बोर्ड आॅप्शंस और बाद में शिकागो मर्केंटाइल बोर्ड में बिटक्वाइन के वायदा कारोबार को मंजूरी मिली. कानूनी बाध्यताओं की वजह से इसमें निवेश नहीं कर रहे संस्थागत निवेशकों को इसके बाद निवेश का एक नया माध्यम मिल गया. दिसंबर के तीसरे हफ्ते में बिटक्वाइन 20,000 डाॅलर को छू लिया. यह 2017 की शुरुआत में 1,000 डाॅलर पर था. इसके बाद ये आशंकाएं पैदा होने लगीं कि बिटक्वाइन का गुब्बारा कब फूटेगा. दुनिया के कई केंद्रीय बैंकों द्वारा आगाह किए जाने के बावजूद हेज फंड और दूसरे निवेशकों ने इसमें पैसे लगाना जारी रखा है.

आर्थिक संकट के बाद फेडरल रिजर्व, यूरोपीयन सेंट्रल बैंक और बैंक आॅफ जापान ने बाजार में तरलता बनाए रखी है. इससे हुआ यह कि बाजार में बढ़े नगदी का इस्तेमाल अटकलबाजी वाले साधनों में अधिक निवेश हुआ. इसमें शेयर बाजार और रियल एस्टेट शामिल हैं. इन्हें खरीदने के लिए अधिक कर्ज लिए गए और मांग बढ़ने से इनकी कीमतें भी बढ़ीं.

वास्तविक विकास की कमी के बावजूद बाजार में नगदी का प्रवाह बैंकों द्वारा बनाए रखने की पृष्ठभूमि में क्रिप्टोकरेंसी के रूप में बिटक्वाइन 2009 में सामने आया. यह पूरी व्यवस्था ब्लाॅकचेन तकनीक पर आधारित है. इस तकनीक का काम करने वाली कंपनियों के शेयरों के भाव भी आसमान छू रहे हैं. यहां तक की दूसरी क्रिप्टोकरेंसी जारी करने और उनकी तकनीक में शामिल कंपनियों के शेयरों के भाव भी बढ़े हुए हैं.

यह 1999 की याद दिलाता है जब डाॅट काॅम का बूम था और इंटरनेट कंपनियों के शेयर आसमान छू रहे थे. अतार्किक वजहों से यह तेजी अभी क्रिप्टोकरेंसी में दिख रही है. अगर आप अपनी कंपनी के शेयरों की कीमतों में उछाल देखना चाहते हैं तो इसका नाम बदल दीजिए. जैसे लांग आइलैंड आइस्ड टी काॅर्प नाम की कंपनी ने अपना नाम लांग ब्लाॅकचेन काॅर्प करके किया. बिटक्वाइन और ब्लाॅकचेन की वकालत करने वाले लोगों का कहना है कि यह इंटरनेट क्रांति का दूसरा चरण है. वे कह रहे हैं कि डाॅलर और यूरो की तरह क्रिप्टोकरेंसी में आपको किसी केंद्रीय बैंक पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. ये कह रहे हैं कि इंटरनेट आधारित यह एक ऐसी वित्तीय व्यवस्था जिसमें किसी सरकारी एजेंसी और नियामक की कोई भूमिका नहीं है.

इन दावों के बीच इस गुब्बारे के फटने की विषय पर ध्यान देना चाहिए. 2007 में दो हेज फंड की नाकामी के बाद उस वक्त फेडरल रिजर्व के प्रमुख बेन बर्नारके ने कहा था कि इसका वित्तीय तंत्र पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा. क्या उन्हें नहीं मालूम था कि अटकलबाजी के पूरे खेल और इससे जुड़ी व्यवस्थाओं का आर्थिक तंत्र पर गहरा असर पड़ता है?

तो सवाल यह उठता है कि बिटक्वाइन और दूसरे संपत्ति बाजारों में क्या संबंध है. ईमानदारी से कहें तो हमें भी इसका अंदाज नहीं है. लेकिन हमंे यह जरूर मालूम है कि अगर किसी संपत्ति की कीमतों का गुब्बारा फूटता है तो इससे जुड़ी हुई कई संपत्तियों की कीमतों को तगड़ा झटका लगता है. इससे वित्तीय संस्थाएं, बाजार और यहां तक की देश और दुनिया की अर्थव्यवस्था भी अछूती नहीं रहतीं.

इस पूरे मामले में मूल बात यह है कि पूंजीवादी विकसित देशों में विकास को गति देने का काम अटकलबाजी के जरिए हो रहा है न कि कुछ वास्तविक उत्पादक निवेश के जरिए. लेकिन जब ये गुब्बारे फूटते हैं तो वास्तविक अर्थव्यवस्था पर काफी बुरा असर पड़ता है. पहले की कुछ वित्तीय पागलपन की तरह बिटक्वाइन-ब्लाॅकचेन की दीवानगी भी यह साबित करता है कि पूंजीवाद में किसी भी कीमत पर अधिक से अधिक धन उगाहने के लक्ष्य के साथ काम किया जाता है. भले ही इससे लोगों की वास्तविक जरूरतें पूरी होती हों या नहीं.

कॉइनबेस शीर्ष कुत्ता बनने की योजना बना रहा है, लेकिन बिटकॉइन, altcoins कैसे प्रतिक्रिया देंगे

कॉइनबेस शीर्ष कुत्ता बनने की योजना बना रहा है, लेकिन बिटकॉइन, altcoins कैसे प्रतिक्रिया देंगे

संयुक्त राज्य का सबसे बड़ा क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज डेरिवेटिव बाजार में गोता लगाने की योजना बना रहा है और यह बिल्कुल भी आश्चर्य की बात नहीं है। यह सीमावर्ती भीषण है, खासकर जब से यह एसईसी के साथ तनाव के बीच था कि कॉइनबेस सार्वजनिक रूप की घोषणा की फ्यूचर्स कमीशन मर्चेंट के रूप में पंजीकरण करने के बिटकॉइन ऑप्शंस यूएस में प्रमुख हैं लिए नेशनल फ्यूचर्स एसोसिएशन के साथ आवेदन करना।

जबकि Bitcoin और altcoin बाजार कुछ हद तक सही हो रहे हैं, Coinbase का डेरिवेटिव बाजार में बिटकॉइन ऑप्शंस यूएस में प्रमुख हैं बिटकॉइन ऑप्शंस यूएस में प्रमुख हैं अंतिम प्रवेश अन्य एक्सचेंजों के लिए प्रमुख प्रभाव हो सकता है। यह गोद लेने की एक अलग लहर को सामने लाने की भी संभावना है।

कॉइनबेस – शीर्ष कुत्ता बनने की योजना है?

पिछले कुछ वर्षों में, कॉइनबेस के राजस्व प्रवाह में फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग की कमी एकमात्र अंतर रही है। बिनेंसउदाहरण के लिए, प्रति दिन फ्यूचर्स ट्रेडिंग वॉल्यूम में $ 10 बिलियन से अधिक का पंजीकरण करता है। इसलिए, कॉइनबेस के मैदान में प्रवेश करने के साथ, खेल अब हर डेरिवेटिव प्लेटफॉर्म के लिए बदल सकता है।

शुरुआत के लिए, कॉइनबेस क्रिप्टोक्यूरेंसी उद्योग में एकमात्र सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनी होने के नाते, अंतरिक्ष में एक अलग स्तर की विश्वसनीयता लाता है। इसके अतिरिक्त, यूएस में आधारित प्लेटफॉर्म प्रदान करने वाले प्रमुख फ्यूचर्स और विकल्प सीएमई समूह तक सीमित हैं और क्रैकन। यहां, क्रैकेन केवल गैर-अमेरिकी उपयोगकर्ताओं को अपना उत्पाद प्रदान करता है।

जहां तक ​​​​बाजार स्थापित करने का सवाल है, कॉइनबेस शायद ही कोई पसीना बहाएगा। 2019 के बाद से, कॉइनबेस उपयोगकर्ता लगभग दोगुने हो गए हैं, प्रेस समय में 30 मिलियन से बढ़कर लगभग 56 मिलियन हो गए हैं। क्या अधिक है, इसके मासिक सक्रिय उपयोगकर्ता 2020 में औसतन 2.8 मिलियन से बढ़कर 2021 में 8.8 मिलियन हो गए हैं।

एक्सचेंज $ 200 बिलियन के उत्तर में प्रबंधन के तहत संपत्ति के साथ क्रिप्टोकरेंसी में सबसे बड़े निवेशकों में से एक है। इसके विपरीत, Binance का दावा $40 बिलियन से कम है।

यह बिटकॉइन और सह की पसंद को कैसे मदद करता है?

स्पष्ट रूप से, अंतर शुरू में महत्वहीन हो सकता है। हालाँकि, कॉइनबेस की डेरिवेटिव शाखा संयुक्त राज्य अमेरिका से अधिक जैविक जुड़ाव लाएगी और संभावित रूप से इन परिसंपत्तियों के लिए गोद लेने की दर में वृद्धि करेगी। हालांकि यह व्यवस्थित रूप से नए अपनाने वालों को नहीं ला सकता है, मौजूदा निवेशक बाजार पर नज़र रखने के लिए अधिक इच्छुक होंगे यदि प्लेटफॉर्म पर डेरिवेटिव ट्रेडिंग में उनकी भागीदारी बढ़ जाती है।

कॉइनबेस के लिए एक अन्य प्रमुख लाभ बिटकॉइन संस्थागत निवेशकों के साथ इसका जुड़ाव है। कॉइनबेस प्रो माइक्रोस्ट्रेटी जैसे संस्थानों के कुछ पसंदीदा प्लेटफॉर्म में से एक है, और फ्यूचर्स ट्रेडिंग की शुरुआत से ये खिलाड़ी सीएमई से कॉइनबेस में शिफ्ट हो सकते हैं, अगर उत्पाद उपयुक्त है।

हालाँकि, यह पुष्टि करना अभी बाकी है कि क्या कॉइनबेस संस्थानों के लिए डेरिवेटिव ट्रेडिंग को शामिल करेगा। फिर भी, एक्सचेंज के लिए आगे बढ़ना एक आकर्षक विकल्प होगा।

इस तरह शिक्षा व्यवसाय में ब्लॉकचैन का उपयोग कर सकते हैं फ्रैंचाइज़र्स

Sneha Santra

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एक विकेन्द्रीकृत सार्वजनिक खाता है जो बाजार सहभागियों को सेंट्रल रिकॉर्ड कीपिंग के बिना डिजिटल मुद्रा लेन-देन का ट्रैक रखने की अनुमति देता है। यह क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कोर तकनीक थी।

टेक्नोलॉजी से विभिन्न उद्योगों जैसे व्यापार, शिक्षा आदि में क्रांति की उम्मीद है। इसका उपयोग वैश्विक स्तर पर ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था के तेजी से विकास को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है। शिक्षा उद्योग में ब्लॉकचेन का उपयोग करने के तीन प्रमुख तरीके यहां दिए गए हैं।

प्रमाणीकरण

आज एक डिप्लोमा की पुष्टि करने के लिए समय और संभावित नियोक्ताओं और स्नातक कार्यक्रमों के लिए विश्वविद्यालयों से क्रेडेंशियल्स पुष्टि की आवश्यकता होती है। हालांकि ब्लॉकचेन की नियुक्ति करके इन सबसे बचा जा सकता है। विद्यार्थियों को डिग्री देने से लेकर उसे मैनेज करने तक ब्लॉकचेन का उपयोग किया जा सकता है।

ब्लॉकचेन में शामिल यूजर आई डी को माइनर्स द्वारा दुनिया भर में चेक, मैनेज और वेलिडेट किया जाता है। ब्लॉकचेन योग्य और भरोसेमंद है।ब्लॉकचेन द्वारा प्रदान किया गया बहीखाता स्थिर और विश्वसनीय है जो डिग्री धोखाधड़ी को काफी कम कर देगा।

रिकॉर्ड रखना

एक महत्वपूर्ण चुनौती यह है कि शैक्षिक संस्थानों को अकादमिक और कारीगरी संबंधी रिकॉर्ड रखने होते हैं। ब्लॉकचेन उपयोगकर्ताओं के सीखने के अनुभव के बारे में विस्तृत जानकारी दर्ज करने में मदद करता है और उनके ज्ञान और कौशल का विकास करता है।

उन सभी को भी एक तरह की डिजिटल मुद्रा में तब्दील किया जा सकता है और ब्लॉकचेन नेटवर्क पर रखा जा सकता है। छात्र पढ़ाई पर अपने प्रयासों के माध्यम से पुरस्कार प्राप्त करेंगे। इसका उपयोग सीखने के परिणामों को मापने और एक आभासी वॉलेट में संग्रहीत करने के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा, जिन छात्रों को अपने स्कूल रिकॉर्ड की कॉपी प्राप्त करने में परेशानी होती है, वे ब्लॉकचेन-एन्क्रिप्टेड क्रेडेंशियल से लाभ उठा सकते हैं।

ज्ञान बिटकॉइन ऑप्शंस यूएस में प्रमुख हैं बैंक

शिक्षा का मूल्य ज्ञान से छेड़ छाड़ किए बिना ज्ञान को सांझा करना है। शिक्षा में ब्लॉकचेन का परिचय डाटा बैंक बनाने के लिए किया जा सकता है। दुनिया भर के छात्र, शिक्षक, उद्यमी और नेता भविष्य की पीढ़ियों के लिए अपने सीखने के अनुभवों में योगदान करने के लिए इन डाटा बैंकों का उपयोग कर सकते हैं।

ब्लॉकचेन आधारित प्रणालियों के मामले में डाटा हानि का कम जोखिम है। ज्ञान बैंक के साथ कोई भी छेड़ छाड़ सुरक्षा प्रणाली पर विश्वास करने वाले सभी हिस्सेदारों के लिए अलार्म सेट करेगा।

इस बार का बजट हर वर्ग के लिए, नए अवसरों में वृद्धि को लेकर उठाए गए हैं कई कदम: अनुराग ठाकुर

ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार की कोशिश सरकारी कंपनियों में पेशेवर दक्षता और पारदर्शिता लाने की है। (PC: PTI)

अनुराग ठाकुर ने कहा कि हमने इस बार के बजट में विकास के नए अवसरों को बढ़ाने युवाओं के लिए नई ओपनिंग मानव संसाधनों के लिए एक नया उच्च स्तर बुनियादी ढांचे के लिए नए क्षेत्रों को विकसित करने के दृष्टिकोण की कोशिश की है।

नई दिल्ली, जेएनएन। आत्मनिर्भर भारत को केंद्र में रखकर तैयार किए गए आम बजट को लेकर कुछ आशंकाएं जताई जा रही हैं। सैलरी पर निर्भर एक बड़ा मध्यम वर्ग थोड़ा निराश है। चालू वित्त वर्ष के आंकड़ों को देखते हुए अंदेशा यह भी है कि सरकार अगले वित्त वर्ष के लिए विनिवेश के बड़े लक्ष्य तक पहुंच पाएगी या नहीं। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग बिटकॉइन ऑप्शंस यूएस में प्रमुख हैं ठाकुर इन दोनों आशंकाओं को सिरे से खारिज करते हैं। दैनिक जागरण के विशेष संवाददाता राजीव कुमार से बातचीत में वह साफ कहते हैं कि बजट हर वर्ग के लिए है और विनिवेश के मामले में सरकार निर्धारित लक्ष्य से आगे ही रहेगी। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश..

प्रश्न : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार मध्यम वर्ग पर भार कम करने की बात करते रहे हैं। लेकिन इस बार भी बजट में उन्हें कोई राहत नहीं मिली। ऐसा क्यों?

अनुराग ठाकुरः इसे थोड़ा दूसरे नजरिये से देखना जरूरी है। कोरोना महामारी से उबर रहे देश के लिए इस वर्ष का बजट बनाना बहुत जटिल काम था। हम ऐसी स्थिति बनाने की कोशिश में जुटे हैं कि हर वर्ग को राहत मिले। अतिरिक्त कर का कोई बोझ नहीं डालकर आम जनता, खासकर मध्यम वर्ग को राहत पहुंचाने का काम किया है। मध्यम वर्ग के हित में बिटकॉइन ऑप्शंस यूएस में प्रमुख हैं सस्ते घर के लिए कर्ज में छूट की अवधि एक वर्ष और बढ़ाई गई है। मध्यम वर्ग तक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य और शिक्षा का बेहतर लाभ मिले, इस दिशा में प्रयास किए गए हैं। यह बजट हर वर्ग के लिए है।

प्रश्न : मैन्यूफैक्चरिंग पर काफी जोर है, लेकिन रोजगार के लक्ष्य को लेकर सरकार चुप रही। इसकी क्या वजह है? सरकार रोजगार की संख्या को लेकर कोई आकलन कर पाई है?

अनुराग ठाकुरः बिटकॉइन ऑप्शंस यूएस में प्रमुख हैं हमने इस बार के बजट में विकास के नए अवसरों को बढ़ाने, युवाओं के लिए नई ओपनिंग, मानव संसाधनों के लिए एक नया उच्च स्तर, बुनियादी ढांचे के लिए नए क्षेत्रों को विकसित करने, प्रौद्योगिकी की ओर चलने और इस बजट में नए सुधार लाने के दृष्टिकोण की कोशिश की है। तो इन सबसे लोगों को सुविधाएं भी मिलेंगी, रोजगार भी मिलेगा और अर्थव्यवस्था में भी तेजी आएगी। कोविड के बाद भारत के पहले वित्तीय रोडमैप के तौर पर केंद्रीय बजट 2021-22 में स्वास्थ्य देखभाल पर अनिवार्य जोर के अलावा आर्थिक रिकवरी, विकास और नौकरी के सृजन पर ध्यान देने की उम्मीद की जा रही थी और बजट की घोषणाएं उन उम्मीदों के मुताबिक ही हैं।

प्रश्न : विनिवेश को लेकर पिछले साल बिटकॉइन ऑप्शंस यूएस में प्रमुख हैं भी बहुत बड़ा लक्ष्य रखा गया था, लेकिन वह काफी पीछे रह गया था। इस बार क्या अलग प्रयास होगा?

अनुराग ठाकुरः मोदी सरकार की कोशिश सरकारी कंपनियों में पेशेवर दक्षता और पारदर्शिता लाने की है। मुझे उम्मीद है कि कोविड-19 की वजह से हुई देरी के बाद अब हम भारत पेट्रोलियम, एयर इंडिया, कॉनकोर और अन्य कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने की अपनी योजना पूरी कर पाएंगे। इनके अलावा, हम दो सरकारी बैंकों और एक बीमा कंपनी का भी निजीकरण करेंगे। मुझे पूरा भरोसा है कि हम न सिर्फ 1.75 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य बिटकॉइन ऑप्शंस यूएस में प्रमुख हैं हासिल करेंगे, बल्कि हम इससे ज्यादा पर पहुंच जाएंगे।

प्रश्न : माना जा रहा है कि अगले वित्त वर्ष में विकास के-शेप में होगा क्योंकि सेवा जैसे कुछ सेक्टर के लिए विशेष प्रबंध नहीं है और इसलिए उस सेक्टर का विकास कम रहेगा।

अनुराग ठाकुरः अगर आप अंतरराष्ट्रीय संगठनों को देखें तो आइएमएफ ने कहा कि भारत की विकास दर 11.5 फीसद रहेगी। आरबीआइ मानता है कि यह 10.5 फीसद से ज्यादा रहेगी। दुनियाभर के संगठनों ने भारत की विकास दर को दोहरे अंकों में ही रखा है। आत्मनिर्भर भारत की घोषणाओं के बाद हमने जो कदम उठाए और उसका जैसा फायदा दिखा, वैसा तो पिछली सदी के आखिरी दशक की शुरुआत में किए गए सुधारों से भी नहीं दिखा था। दुनिया मान रही है कि भारत की इकोनॉमी में 'वी-शेप' में रिकवरी हुई है।

प्रश्न : अभी वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़ दिए गए हैं। क्या आगे भी सरकार वैक्सीन के लिए फंड जारी रखेगी?

अनुराग ठाकुरः हम यह सुनिश्चित करने के हरसंभव प्रयास करेंगे कि टीका हर भारतीय तक पहुंचे। कोविड वैक्सीन भारत ने एक नहीं बल्कि दो बना ली है और यह उपलब्धि हासिल करने के मामले में वह दुनिया के गिने-चुने देशों में शामिल है। हम आज 100 से ज्यादा देशों को कोविड वैक्सीन पहुंचा भी रहे हैं।

प्रश्न : छोटे उद्योग के लिए सीधे तौर पर इंसेंटिव की घोषणा नहीं की गई। छोटे उद्योग कैसे आगे बढ़ पाएंगे?

अनुराग ठाकुरः कोरोना महामारी के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था दोबारा स्थापित होने के मोड में है। इस बजट में पूंजीगत निवेश के लिए 5.5 लाख करोड़ रुपये रखे गए हैं, जिससे उद्योगों को मजबूती मिलेगी। बिटकॉइन ऑप्शंस यूएस में प्रमुख हैं साथ ही सरकारी बैंकों के लिए 20,000 करोड़ देने का निर्णय किया गया है। वहीं मध्यम, लघु, सूक्ष्म कुटीर उद्योग को धन उपलब्ध कराने समेत बहुत से अन्य कदम उठाकर यह प्रयास किया कि उनके धंधे बंद ना हो, रोजगार ना जाए और भारतीय अर्थव्यवस्था भी आगे बढ़ती रहे।

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