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बिटकॉइन का ट्रेंड पुराना, अब ऑल्टकॉइंस खरीद रहे लोग, जानिए तेजी के पीछे क्या है कारण
Altcoins में पिछले 24 घंटे में बिटकॉइन से अच्छा प्रदर्शन किया है। (फोटो: रॉयटर्स)
क्रिप्टोकरेंसी बाजार में आज मंगलवार को बड़ी तेजी देखने को मिली। इस तेजी में बिटकॉइन की रफ्तार काफी सुस्त रही, लेकिन बाजार में क्रिप्टो निवेशकों के बीच पिछले कुछ समय से पॉपुलर हुए ऑल्टकॉइंस जैसे मेटिक (MATIC), अवक्स (AVAX), डॉट (DOT), सोलाना (Solana) और कई अन्य बड़े ऑल्टकॉइंस में दमदार तेजी हुईं, जिसने पूरे क्रिप्टोकरेंसी मार्किट की वैल्यू को एक बार फिर से एक ट्रिलियन के पार पहुंचा दिया।
ऑल्टकॉइंस (Altcoins) क्या होता है?
बिटकॉइन के अलावा सभी क्रिप्टोकरेंसी को ऑल्टकॉइंस कहा जाता है। बिटकॉइन में लेनदेन को मान्य करने के लिए प्रूफ ऑफ वर्क प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है, वहीं ऑल्टकॉइंस में लेनदेन को मान्य करने के एक नया ब्लॉक बनाया जाता है। उदाहरण के लिए सोलाना में प्रूफ ऑफ हिस्ट्री प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाता है, जबकि कार्डानो प्रूफ ऑफ स्टेक प्रोटोकॉल का उपयोग करता है।
क्रिप्टो करेंसी मार्केट पर निगाह रखने वाली वेबसाइट कॉइन मार्केट कैप के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में कई ऑल्टकॉइंस ने दोहरे अंकों में रिटर्न दिया है। पिछले 24 घंटे की बात करें तो एथेरियम 13.52 फीसदी बढ़कर 1,538 डॉलर पर पहुंच गया है, जबकि सोलाना की कीमत में 10.24 फीसदी का इजाफा हुआ है। मैटिक में 20.55 फीसदी और Avax में 10.23 फीसदी का इजाफा हुआ है।
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ऑल्टकॉइंस में तेजी की वजह
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के बाद धीमी बढ़त को विशेषज्ञ ऑल्टकॉइंस में तेजी की वजह मान रहे हैं। हालांकि बिटकॉइन मंदी के बाद 22 हजार के स्तर से ऊपर आ गया है, लेकिन ऑल्टकॉइंस ने बिटकॉइन के मुकाबले कहीं अधिक रिटर्न निवेशकों को दिया है।
- ऑल्टकॉइंस में तेजी की दूसरी सबसे बड़ी वजह निवेशकों द्वारा कॉइंस को लेकर तेजी का नजरिया होना है, जिसके कारण इनमें तेजी बनी हुई है।
- ऑल्टकॉइंस के Bitcoin का इतिहास लिए विशेषज्ञ और ट्रेडर्स लगातार पॉजिटिव आउटलुक बता रहे हैं। उनका मानना है कि मौजूदा समय में ऑल्टकॉइंस, बिटकॉइन के मुकाबले टेक्निकल स्तर पर अधिक मजबूत है।
North Korea के हैकर्स ने ₹4,693 करोड़ की Cryptocurrency चुराई, अमेरिका ने लगाया क्रिप्टो इतिहास की सबसे बड़ी चोरी का आरोप
- Devesh Jha
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- Updated: April 16, 2022 11:12 AM IST
(Image: Pixabay/ KNFind)
North Korea के एक हैकर्स ग्रुप Lazarus पर अमेरिका ने एक बड़ा आरोप लगाया है। यह आरोप Cryptocurrency चोरी करने का है। अमेरिका के अनुसार यह अभी तक क्रिप्टोकरंसी इतिहास की सबसे बड़ी चोरी है। अमेरिका का दावा है कि उत्तरी कोरिया के इस हैकर्स ग्रुप ने करीब 615 मिलियन डॉलर यानी करीब 4693 रुपये की क्रिप्टोकरंसी चोरी की है, जो अभी तक की सबसे बड़ी चोरी है। Also Read - Bitcoin की वैल्यू में एक बार फिर हुई बड़ी गिरावट, कीमत जानकर Bitcoin का इतिहास हैरान रह जाएंगे आप
हैकर्स ने किया अटैक
यह चोरी 23 मार्च को हुई थी लेकिन हाल ही में इसका पता चला है। ब्लॉकचैन नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटर्स को अटैक करने के बाद, हैकर्स ने चोरी की प्राइवेट कीज का इस्तेमाल किया। प्राइवेट कीज का मतलब क्रिप्टो फंड तक पहुंचने के लिए जरूरी पासवर्ड होता है। Also Read - Solana ब्लॉकचेन पर फिर हुआ हमला, 8000 यूजर वॉलेट से चोरी हो गए 64 करोड़ रुपये
Ronin ने कहा कि यह “अपराधियों को न्याय दिलाने के लिए अलग-अलग सरकारी एजेंसियों के साथ काम कर रहा था।” रिपोर्ट के अनुसार Hackers ने 173,600 Ether, (यह बिटकॉइन के बाद दूसरा सबसे लोकप्रिय क्रिप्टो सिक्का है) और 25.5 मिलियन यूएसडीसी अमेरिकी डॉलर का एक स्टेबलक्वाइन चुरा लिया।
Lazarus Group पर लगे कई आरोप
FBI ने क्रिप्टोकरेंसी चोरी के बारे में एक बयान में कहा, “हमारी जांच के माध्यम से, हम Lazarus ग्रुप और APT38 की पुष्टि करने में सक्षम थे कि उत्तर कोरिया से जुड़े साइबर हैकर्स इस चोरी के लिए जिम्मेदार हैं।” एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टो और नकदी में 200 बिलियन से अधिक की चोरी के पीछे Lazarus Group का हाथ रहा है।
अमेरिका का कहना है कि Lazarus हैकिंग ग्रुप का कंट्रोल उत्तर कोरिया की इंटेलिजेंस ब्यूरो के हाथ में है। इस हैकिंग ग्रुप पर कई गंभीर आरोप लग चुके हैं। इनमें कस्टमर अकाउंट्स की हैकिंग, इंटरनेशन बैंकों की हैकिंग और रैंसमवेयर अटैक जैसे कई आरोप शामिल हैं। इन्हीं वजह से अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से मांग की है कि उत्तर कोरिया के इस हैकिंग ग्रुप Lazarus को ब्लैकलिस्ट किया जाए और उसकी संपत्ति को जब्त किया जाए।
अमेरिका के ट्रेजरी डिपार्टमेंट के एक प्रवक्ता ने कहा कि ‘उत्तर कोरिया अमेरिका और यूनाइटेड नेशन के प्रतिबंधों से बचने के लिए हमेशा गैर कानूनी काम करता है।’ उन्होंने आगे कहा कि, ‘हमें पता है कि नॉर्थ कोरिया परमाणु हथियार बनाने के लिए गलत और गैर कानूनी तरीकों से फंड क्लेक्ट कर रहा है।’
क्या है Bitcoin? कैसे करते हैं इस वर्चुअल करेंसी में ट्रेडिंग, जानिए आपके काम का सबकुछ
Bitcoin की शुरुआत 2009 में हुई थी. शुरुआती कुछ सालों में बिटकॉइन में धीरे-धीरे बढ़ रही थी. लेकिन, 2015 के बाद से इसमें बड़ी तेजी देखने को मिली और यह दुनिया की नजरों में आ गई.
बिटकॉइन की कीमत दुनियाभर में एक समय पर समान रहती है. इसलिए इसकी ट्रेडिंग मशहूर हो गई. (Reuters)
दुनियाभर में क्रिप्टोकरंसी (CryptoCurrency) बिटकॉइन (Bitcoin) का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है. बिटकॉइन में निवेश करने वाले अमीर लोग इस ऑनलाइन करंसी (Online Currency) के जरिए अपनी पूंजी को तेजी से बढ़ाना चाहते हैं. यही वजह है कि इसके दाम भी नई ऊंचाइयां छू रहे हैं. 3 साल बाद एक बार फिर बिटकॉाइन में बड़ी तेजी देखने को मिली है. साल 2017 में बिटकॉइन में अपना रिकॉर्ड हाई (Bitcoin record High) बनाया था. इसके बाद नीचे की तरफ फिसलती गई. लेकिन, अब 3 साल का नया हाई बना दिया है. दुनियाभर में इस करंसी में लोग पैसा लगा रहे हैं. लेकिन, भारत सरकार (India Government) का मानना है कि उसके पास वर्चुअल करंसी (Virtual currency) का कोई डेटा नहीं है और इसलिए इसकी ट्रेडिंग में खतरा हो सकता है.
बिटकॉइन में 100 रुपये का निवेश आपको बना सकता था 7.5 करोड़ का मालिक
क्या है बिटकॉइन ?
बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी हैं . यह अन्य मुद्राओं की तरह जैसे डॉलर, रुपये या पाउन्ड की तरह भी इस्तेमाल की जा सकती है. ऑनलाइन पेमेंट के अलावा इसको डॉलर और अन्य मुद्राओं में भी एक्सचेंज किया जा Bitcoin का इतिहास सकता है. यह करेंसी बिटकॉइन के रूप में साल 2009 में चलन में आई थी. आज इसका इस्तेमाल ग्लोबल पेमेंट के लिए किया जा रहा है. बिटकाइन की ख़रीद और बिक्री के लिए एक्सचेंज भी हैं. दुनियाभर के बड़े बिजनेसमैन और कई बड़ी कंपनियां वित्तीय लेनदेन में
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