उच्च जोखिम चेतावनी: फॉरन एक्सचेंज ट्रेडिंग में उच्च स्तर का खतरा होता है जो हर निवेशकों के लिए सही नहीं हो सकता. लीवरेज अधिकतम खातर और हानि के अनावरण को उत्पन्न करता है. इससे पहले कि आप निर्णय लें फॉरन एक्सचेंज में ट्रेड करने का, ध्यान अपने निवेश के उद्देश्यों, अनुभव स्तर, और खतरा उठाने की सहिष्णुता पर विचार करें. आप कुछ या अपनी प्रारंभिक निवेश को खो सकते हैं. बिल्कुल भी उस पैसे को निवेश ना करें जो आप खोने को बर्दाश्त नहीं कर सकते. अपने आप को शिक्षित करें उन खतरों से जो फॉरन एक्सचेंज ट्रेडिंग से संबंधित हैं, और सलाह लें किसी स्वतंत्र आर्थिक या कर सलाहकार से अगर आपके पास कोई भी प्रश्न हैं तो. कोई भी डाटा या जानकारों जो दी जाती है वे केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है, और यब ट्रेडिंग आशय या सलाह पर नियत नहीं है. पिछले निष्पादन भविष्य आईसी मार्केट्स के परिणामों के लिए परियाचक नहीं हैं.

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LIC MCap: अब टॉप-10 कंपनियों की लिस्ट से बाहर हुई एलआईसी, इतना रह गया मार्केट कैप

सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) के लिए शेयर मार्केट (Share Market) ठीक आईसी मार्केट्स साबित नहीं हुआ है. लंबे इंतजार के बाद जब कंपनी शेयर बाजार में उतरी तो आईपीओ (LIC IPO) के बाद डिस्काउंट पर लिस्टिंग हुई. उसके बाद लगातार इसके शेयरों के दाम कम होते गए हैं. इसका असर कंपनी के मार्केट कैप (LIC MCap) पर भी हुआ है. अब हालात यह है कि एलआईसी मार्केट कैप के लिहाज से देश की 10 सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनियों की सूची से बाहर हो गई है.

इन दो कंपनियों को मिली जगह

एलआईसी को टॉप-10 कंपनियों की लिस्ट से बाहर करने में बजाज फाइनेंस (Bajaj Finance) और अडानी ट्रांसमिशन (Adani Transmission) का हाथ रहा. 30 अगस्त को बाजार बंद होने के बाद बीएसई पर अडानी ट्रांसमिशन का मार्केट कैप (Adani Transmission MCAp) 4.43 लाख करोड़ रुपये था. इस तरह अडानी समूह की यह कंपनी 9वें पायदान पर पहुंच गई. इसके बाद बजाज फाइनेंस का नंबर है, जो 4.42 लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण (Bajaj Finance MCap) के साथ 10वें स्थान पर है. सरकारी बीमा कंपनी अब 4.26 लाख करोड़ रुपये के एमकैप के साथ 11वें स्थान पर आ गई है.

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ग्रे मार्केट में 20 रुपये के प्रीमियम पर एलआईसी के शेयर

नई दिल्ली। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) (Life Insurance Corporation of India- LIC)) का आईपीओ (IPO) अगले महीने 4 तारीख को खुलने वाला है। इस आईपीओ का प्राइस बैंड 902 से 949 रुपये प्रति शेयर (Price band Rs 902 to 949 per share) तय किया गया है। कंपनी का ये आईपीओ 9 मई को बंद होगा। दूसरे प्रीमियम शेयरों की तरह ही एलआईसी का भी आईपीओ आने के पहले ग्रे मार्केट में इसके शेयरों की खरीद बिक्री शुरू हो गई है, जिसमें अच्छा प्रीमियम मिलता नजर आ रहा है। आज ग्रे मार्केट में एलआईसी के शेयरों की 20 रुपये प्रति शेयर के प्रीमियम पर ट्रेडिंग हो रही है।

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इसी सप्ताह सोमवार यानी 25 अप्रैल को ग्रे मार्केट में एलआईसी के शेयरों की एंट्री हुई थी। पहले दिन ही एलआईसी के शेयर 25 रुपये प्रति शेयर के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे थे। मंगलवार को भी इसके प्रीमियम में तेजी बनी रही। बुधवार को जब घरेलू शेयर बाजार नेगेटिव सेंटिमेंट्स की वजह से गिरकर कारोबार कर रहा था, तब भी ग्रे मार्केट में एलआईसी के शेयर मजबूती दिखाते हुए 28 रुपये प्रति शेयर के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे थे। हालांकि आज कल यानी बुधवार के मुकाबले एलआईसी के शेयरों का ग्रे मार्केट प्रीमियम रेट 8 रुपये कम होकर 20 रुपये रह गया आईसी मार्केट्स है। माना जा रहा है कि प्रीमियम रेट में कमी आने की वजह से आज शाम तक इस शेयर की ग्रे मार्केट ट्रेडिंग में तेजी आ सकती है।

बाजार के जानकारों का कहना है कि आज सुबह से ही ग्रे मार्केट सेंटीमेंट्स नेगेटिव ट्रेंड दिखा रहे हैं। इसी वजह से एलआईसी के शेयरों के ग्रे मार्केट प्रीमियम में प्रति शेयर 8 रुपये की कमी दिख रही है। धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी के मुताबिक पिछले कई दिनों से घरेलू शेयर बाजार में कमजोरी का रुख नजर आ रहा है। सेकेंडरी मार्केट आईसी मार्केट्स अप्रैल के महीने में ज्यादातर समय तक नेगेटिव ट्रेंड में ही कारोबार करता रहा है लेकिन ऐसे नकारात्मक माहौल के बावजूद एलआईसी का शेयर ग्रे मार्केट में प्रीमियम पर कारोबार कर रहा है। इसी बात से अनुमान लगाया जा सकता है कि शेयर की लिस्टिंग के बाद इसके शेयर मूल्यों में खासी तेजी आ सकती है। (एजेंसी, हि.स.)

एलआईसी की लिस्टिंग से पहले ग्रे मार्केट क्या दे रहा है संकेत, जानिए कितना होगा फायदा

What is grey market giving indications before listing of LIC, know how much will be benefit

बिजनेस डेस्क। एलआईसी आईपीओ के बाद कल आईसी मार्केट्स यानी मंगलवार को स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टेड होगा, जिसे इश्यू साइज से लगभग तीन गुना अधिक अभिदान मिला था। सरकार ने एलआईसी के शेयरों का इश्यू प्राइस 949 तय किया गया है। जो आईपीओ प्राइस बैंड के ऊपरी छोर पर है, जिससे सरकारी खजाने को लगभग 20,557 करोड़ प्राप्त हुए है। बाजार जानकारों के अनुसार एलआईसी के शेयर आज ग्रे मार्केट में 19 रुपए की छूट पर कारोबार कर रहे हैं। ग्रे मार्केट के संकेतों के अनुसार एलआईसी का स्टॉक डिस्काउंट के साथ लिस्ट सकता है।

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ग्रे मार्केट क्या है (What is grey market) ?

ग्रे मार्केट एक अनौपचारिक प्लेटफॉर्म है, जहां उन कंपनियों के शेयरों का कारोबार होता है, जिन्होंने अपने आईपीओ की घोषणा की है. हालांकि यह एक लीगल प्लेटफॉर्म नहीं है. इस पर किया गया कोई भी लेनदेन निवेशक के जोखिम पर किया जाता है. साथ ही कंपनी के शेयर का ग्रे मार्केट प्रीमियम (जीएमपी) आगामी आईपीओ की मांग या लोकप्रियता के बारे में भी एक संकेत देता है.

सरकार एलआईसी में अपना 3.5 फीसदी हिस्सा या 22.13 करोड़ शेयर बेच रही है. इससे सरकार 20,557.23 करोड़ रुपये इकट्ठा करेगी. हालांकि, ये रकम पहले के अनुमान 60,000 से काफी कम है. इसकी लिस्टिंग 17 मई, 2022 को होगी.

DIPAM के सचिव तुहिन कांता पांडे ने पिछले हफ्ते कहा था कि LIC को लिस्टिंग करना सरकार के दीर्घकालिक रणनीतिक दृष्टिकोण का हिस्सा है . पांडे ने 27 अप्रैल को कहा था कि पूंजी बाजार के माहौल को देखते हुए यह (एलआईसी आईपीओ) सही आकार का है.

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