शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स

Share Market: शेयर बाजार में निवेशकों को भारी नुकसान, सेंसेक्स-निफ्टी में आधा फीसदी की गिरावट

Share Market: आर्थिक मामलों के जानकार डॉ. नागेंद्र कुमार शर्मा ने अमर उजाला को बताया कि रूस-युक्रेन युद्ध के और ज्यादा गहराने की आशंका है। इससे आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई चेन के बाधित होने और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका मजबूत हो गई है.

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अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजार में कई कारणों से जारी दबाव का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी दिखाई पड़ रहा है। आज सेंसेक्स में गिरावट के कारण निवेशकों के लाखों करोड़ रुपये डूब गए। दिवाली के बाद हुए कारोबार में सेंसेक्स में 288 पॉइंट या लगभग 0.48 फीसदी की गिरावट आई। निफ्टी भी इससे अछूता नहीं रहा और इसमें 74 पॉइंट या 0.42 फीसदी की कमी दर्ज की गई। आर्थिक विश्लेषकों का अनुमान है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में जारी दबाव के कारण आने वाले दिनों में भी कमजोरी का यह दौर बना रह सकता है।

प्रभावित हो सकता है आयात

अमेरिका के दबाव के बावजूद ओपेक देशों ने तेल उत्पादन में कटौती करने का निर्णय लिया है, जिसका असर तेल-गैस कीमतों में बढ़ोतरी के रूप में दिखाई पड़ सकता है। इससे महंगाई से जूझ रहे अमेरिकी-यूरोपीय बाजारों को राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। इससे बाजार पर असर पड़ना भी तय है और एशियाई देशों से होने वाला आयात प्रभावित हो सकता है। कुछ भारतीय कंपनियों को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। ब्रिटिश पीएम के रूप में ऋषि सुनक के आने से भी निवेशकों को आशंका है कि ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए वे कड़े कदम उठाने के लिए मजबूर होंगे। इससे भी बाजार पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।

आर्थिक मामलों के जानकार डॉ. नागेंद्र कुमार शर्मा ने अमर उजाला को बताया कि रूस-युक्रेन युद्ध के और ज्यादा शेयर मार्केट के नुकसान गहराने की आशंका है। इससे आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई चेन के बाधित होने और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका मजबूत हो गई है। इससे भी भारत से होने वाला निर्यात प्रभावित हो सकता है।

चीन में राष्ट्रपति के रूप में एक और कार्यकाल मिलने के बाद शी जिनपिंग पर देश की टूटती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का बड़ा दबाव होगा। कई चीनी बैंक अपने निवेशकों को पैसा वापस करने की स्थिति में नहीं हैं, तो चीन की अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहा रियल स्टेट कारोबार बेहद कमजोर हालत में पहुंच गया है। अनुमान है कि इस परिस्थिति से निपटने के लिए चीन एक बार फिर मूल उद्योगों को ज्यादा राहत देकर निर्माण क्षेत्र में मजबूत होने की कोशिश कर सकता है। इससे भी भारत पर असर पड़ सकता है।

85 रुपये प्रति डॉलर तक पहुंच सकता है

भारतीय शेयर बाजार पर सबसे ज्यादा नकारात्मक असर गिरते रुपये के कारण पड़ रहा है। रुपया लगातार गिर रहा है और मंगलवार को यह 82.81 रुपये प्रति डॉलर तक पहुंच गया है। वर्तमान अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों में रुपये में गिरावट का यह दौर जारी रह सकता है। आर्थिक विशेषज्ञों की आशंका है कि दिसंबर के अंत तक यह 85 रुपये प्रति डॉलर तक पहुंच सकता है। निवेशकों को आशंका है कि यदि ऐसा होता है तो उनके निवेश की बाजार कीमत घट सकती है।

लिहाजा नुकसान से बचने के लिए निवेशक भारतीय बाजारों से पैसा निकालकर डॉलर में निवेश करने को प्राथमिकता दे सकते हैं। इससे भारतीय शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों के बाहर जाने का खतरा बढ़ सकता है और घरेलू निवेशकों को एक और झटका लग सकता है।

विस्तार

अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजार में कई कारणों से जारी दबाव का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी दिखाई पड़ रहा है। आज सेंसेक्स में गिरावट के कारण निवेशकों के लाखों करोड़ रुपये डूब गए। दिवाली के बाद हुए कारोबार में सेंसेक्स में 288 पॉइंट या लगभग 0.48 फीसदी की गिरावट आई। निफ्टी भी इससे अछूता नहीं रहा और इसमें 74 पॉइंट या 0.42 फीसदी की कमी दर्ज की गई। आर्थिक विश्लेषकों का अनुमान है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में जारी दबाव के कारण आने वाले दिनों में भी कमजोरी का यह दौर बना रह सकता है।

प्रभावित हो सकता है आयात

अमेरिका के दबाव के बावजूद ओपेक देशों ने तेल उत्पादन में कटौती करने का निर्णय लिया है, जिसका असर तेल-गैस कीमतों में बढ़ोतरी के रूप में दिखाई पड़ सकता है। इससे महंगाई से जूझ रहे अमेरिकी-यूरोपीय बाजारों को राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। इससे बाजार पर असर पड़ना भी तय है और एशियाई देशों से होने वाला आयात प्रभावित हो सकता है। कुछ भारतीय कंपनियों को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। ब्रिटिश पीएम के रूप में ऋषि सुनक के आने से भी निवेशकों को आशंका है कि ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए वे कड़े कदम उठाने के लिए मजबूर होंगे। इससे भी बाजार पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।

आर्थिक मामलों के जानकार डॉ. नागेंद्र कुमार शर्मा ने अमर उजाला को बताया कि रूस-युक्रेन युद्ध के और ज्यादा गहराने की आशंका है। इससे आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई चेन के बाधित होने और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका मजबूत हो गई है। इससे भी भारत से होने वाला निर्यात प्रभावित हो सकता है।

चीन में राष्ट्रपति के रूप में एक और कार्यकाल मिलने के बाद शी जिनपिंग पर देश की टूटती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का बड़ा दबाव होगा। कई चीनी बैंक अपने निवेशकों को पैसा वापस करने की स्थिति में नहीं हैं, तो चीन की अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहा रियल स्टेट कारोबार बेहद कमजोर हालत में पहुंच गया है। अनुमान है कि इस परिस्थिति से निपटने के लिए चीन एक बार फिर मूल उद्योगों को ज्यादा राहत देकर निर्माण क्षेत्र में मजबूत होने की कोशिश कर सकता है। इससे भी भारत पर असर पड़ सकता है।

85 रुपये प्रति डॉलर तक पहुंच सकता है

भारतीय शेयर बाजार पर सबसे ज्यादा नकारात्मक असर गिरते रुपये के कारण पड़ रहा है। रुपया लगातार गिर रहा है और मंगलवार को यह 82.81 रुपये प्रति डॉलर तक पहुंच गया है। वर्तमान अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों में रुपये में गिरावट का यह दौर जारी रह सकता है। आर्थिक विशेषज्ञों की आशंका है कि दिसंबर के अंत तक यह 85 रुपये प्रति डॉलर तक पहुंच सकता है। निवेशकों को आशंका है कि यदि ऐसा होता है तो उनके निवेश की बाजार कीमत घट सकती है।

लिहाजा नुकसान से बचने के लिए निवेशक भारतीय बाजारों से पैसा निकालकर डॉलर में निवेश करने को प्राथमिकता दे सकते हैं। इससे भारतीय शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों के बाहर जाने का खतरा बढ़ सकता है और घरेलू निवेशकों को एक और झटका लग सकता है।

Stock Market Today : शेयर मार्केट में आई कमजोरी, 356 अंक से ज्यादा टूटा सेंसेक्स, निफ्टी 107 अंक लुढ़का

Stock Market Today : शेयर मार्केट में कमजोरी आते हुए देखी गई है. सेंसेक्स 356 अंक से ज्यादा टूट गया है. वहीं, निफ्टी 107 अंक लुढ़का है. वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख और आईटी, बैंकिंग शेयरों के नुकसान में जाने से बृहस्पतिवार को शुरुआती कारोबार के दौरान प्रमुख शेयर सूचकांकों में गिरावट आई है.

Published: November 10, 2022 11:58 AM IST

Sensex down by more than 450 points

Stock Market Today : वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख और आईटी, बैंकिंग शेयरों के नुकसान में जाने से बृहस्पतिवार को शुरुआती कारोबार के दौरान प्रमुख शेयर सूचकांकों में गिरावट हुई और सेंसेक्स 356 अंक से अधिक टूटकर 60,675 अंक से नीचे पहुंच गया.

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कारोबारियों ने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट आने से भी घरेलू शेयर बाजार प्रभावित हुआ.

इस दौरान 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 356 अंक गिरकर 60,675 पर पहुंच गया. इसी तरह, व्यापक एनएसई निफ्टी 110 अंक या 0.61 फीसदी गिरकर 18,046 अंक पर कारोबार करता हुआ देखा गया.

सेंसेक्स में सबसे बड़ी गिरावट एक्सिस बैंक में हुई जिसका शेयर 2.21 फीसदी टूट गया. इसके अलावा टेक महिंद्रा, एमएंडएम, टाटा स्टील, आरआईएल, एचडीएफसी, मारुति और इंफोसिस गिरने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे.

दूसरी ओर, डॉ. रेड्डीज, एचयूएल, भारती एयरटेल, पॉवर ग्रिड और सन फार्मा में मजबूती थी.

बता दें, बुधवार को तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 151.60 अंक यानी 0.25 प्रतिशत टूटकर 61,033.55 अंक पर बंद हुआ था. इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 45.80 अंक यानी 0.25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,157 अंक पर बंद हुआ था.

अंतरराष्ट्रीय तेल सूचकांक ब्रेंट क्रूड 0.06 फीसदी की गिरावट के साथ 92.71 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था.

शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को शुद्ध रूप से 386.83 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे.

अन्य एशियाई बाजारो में तोक्यो, सियोल, शंघाई और हांगकांग के बाजार नुकसान में कारोबार कर रहे थे. अमेरिकी शेयर बाजार भी बुधवार को गिरावट के साथ बंद हुए.

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शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स, स्टाॅक मार्केट में होने वाली गलतियां

शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स, Stock Market Investment Tips, शेयर बाजार में पैसा कैसे कमाए

शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स

Share Market Investment Tips: यह बात बिल्कुल सही है कि शेयर बाजार में काफी ज्यादा पैसा कमाया जा सकता हैं, मगर साथ ही शेयर बाजार में काफ़ी ज़्यादा पैसा गंवाने की संभावना भी बनी रहती हैं। जिसके चलते अधिकतर लोग इसमें पैसा कमाने की जगह पैसा गवां बैठते हैं। खासकर नये व छोटे निवेशकों को शेयर बाजार की समझ कम होने के कारण उन्हें नुकसान उठाना पड़ता हैं।

स्टाॅक मार्केट में करोड़ों अरबों की पूंजी है लेकिन, इन पैसों को कमाना इतना आसान नहीं है जितना हमें लगता हैं। शेयर बाजार में अधिकतर लोग बहुत जल्दी करोड़पति बनने के बारे में सोचते हैं। लेकिन उनकी यह सोच बिल्कुल गलत हैं। शेयर बाजार से जरूर करोड़पति बना जा सकता हैं, मगर कुछ ही दिनों में ऐसा हो पाना नामुमकिन हैं। शेयर बाजार में यदि सही तरीके से निवेश नहीं किया जाता है तो कुछ ही दिनों में निवेश किये गये पैसे डूब जाते हैं। तथा अपनी जमा पूंजी भी गवां बैठते हैं।

ऐसे में इन्वेस्टर्स को पता होना चाहिए कि शेयर बाजार मे नुकसान से बचने के टिप्स (Share Market Investment Tips) क्या हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए इस पेज में ऐसे कुछ मुख्य कारकों के बारे में बताया गया हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर शेयर बाजार में होने वाले नुकसान से बचा जा सकता हैं।

दूसरों के कहने पर निवेश ना करें

अधिकतर रिटेल इन्वेस्टर्स यह गलती करते हैं कि वह किसी दूसरे के सुझाव पर शेयर बाजार में निवेश करते हैं। निवेशकों को ऐसी गलती करने से बचना चाहिए। आप जिस भी कंपनी के शेयरों में निवेश करना चाहते हैं, उसके बारे में पूरी जानकारी लेना चाहिए। इसके बाद यदि कंपनी का कारोबार अच्छा हैं और भविष्य में और बहतर होने की संभावना हैं तो उस कंपनी में निवेश करना फायदेमंद हो सकता हैं। अन्यथा बिना जानकारी के निवेश करना वित्तीय हानि पहुंचा सकता हैं।

सस्ते भाव वाले शेयरों में ना फंसे

रिटेल इन्वेस्टर्स कई बार सस्ते भाव वाले शेयरों के चक्कर में पैनी स्टाॅक के शेयर खरीद लेते हैं। उन्हें लगता हैं कि आने वाले समय में इनका भाव बढ़ेगा मगर परिणाम इसक उल्टा होता हैं। पैनी स्टाॅक में एक साथ बहुत ज्यादा गिरावट देखने को मिलती हैं। जिससे निवेश की गई रकम डूब जाती हैं।
छोटे व रिटेल इन्वेस्टर्स को सस्ते शेयरों के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए बल्कि कंपनी की ग्रोथ को प्राथमिकता देकर स्टाॅक का चुनाव करना चाहिए। यह बात भी ध्यान में रखनी चाहिए कि शेयरों का भाव, मिलने वाले रिटर्न को प्रभावित नहीं करता हैं। इसलिए शेयर महंगा हो या सस्ता, कंपनी की ग्रोथ को देखकर ही शेयर खरीदने चाहिए। जब अच्छे स्टाॅक का शेयर प्राइस कम हो तब खरीदारी करने का अच्छा मौका होता हैं। उस समय पर अच्छे शेयर भी कम कीमत पर मिल जाते हैं।

बाजार के उतार चढ़ाव को स्वीकार करें

शेयर बाजार से हमेशा समान रिटर्न की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। उतार चढ़ाव का होना बाजार का नियम हैं। अधिकतर रिटेल निवेशक उस समय निवेश का फैसला करते हैं जब बाजार में उछाल आता हैं, मगर ऐसा करना सही नहीं होता हैं। शेयर बाजर में गिरावट होने पर निवेश के मौके ढूंढने चाहिए। ताकि बाजार की गिरावट का फायदा मिल सके। शेयर बाजार में गिरावट के समय अच्छे शेयरों को कम दाम में खरीदा जा सकता हैं और जैसे ही बाजार में उछाल आता हैं तो मुनाफे के साथ शेयरों की बिकवाली की जा सकती हैं। इस तरह से बाजार में आई गिरावट भी आपको मुनाफा दिला सकती हैं।

सारा पैसा एक ही स्टाॅक में ना लगाएं

यदि आप सारी जमा पूंजी को किसी एक ही स्टाॅक में लगा देते शेयर मार्केट के नुकसान हैं तो ऐसा करने पर आपको काफी बढ़ा नुकसान उठाना पड़ सकता हैं। क्योंकि एक स्टाॅक में सारा पैसा लगाकर आप सिर्फ एक स्टाॅक से रिटर्न मिलने के मौहताज हो जाते हैं। और यदि उस स्टाॅक का प्रदर्शन निराशाजनक रहता हैं तो आपको नुकसान भुगतना पड़ सकता हैं। इसलिए अपनी जमा पूंजी को एक ही स्टाॅक में लगाने से बचना चाहिए।

ज्यादा रिटर्न के चक्कर में ना रहें

एक बार अच्छा रिटर्न मिल जाने के बाद भी और ज्यादा रिटर्न की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। लगभग 10 से 12 प्रतिशत रिटर्न मिल जाने के बाद शेयरों को बेचा जा सकता हैं। कई बार और ज्यादा रिटर्न पाने के चक्कर में शेयरों को ना बेचना नुकसानदायक हो सकता हैं। क्योंकि कुछ समय बाद शेयर प्राइस कम हो सकता हैं। जिसके कारण फायदे की जगह नुकसान भी उठाना पड़ सकता हैं।
इससे बचने के लिए आप रिटर्न की एक सीमा रेखा बना सकते हैं जिसे हासिल करने पर तुरंत शेयर देना चाहिए।

एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें

सोशल मीडिया जैसे प्लेटफार्म पर चलने वाली अफवाहों में ना आकर अपने शेयर बाजार एक्सपर्ट की सलाह लेकर निवेश करना चाहिए। एक्सपर्ट की सलाह लेकर निवेश करने पर काफी हद तक नुकसान से बचा सकता हैं।
कई बार सोशल मीडिया पर आपको करोड़पति बनाने के सपने दिखाते हैं, जिसके चलते आप निवेश कर देते हैं। ऐसा करने से आपको बचना चाहिए।
यदि आप शेयर बाजार में किसी भी तरह के जोखिम से बचना चाहते हैं तो आप एक्सपर्ट से सलाह लेकर निवेश करना चाहिए।

सेंसेक्स 200 अंक से अधिक टूटा, निफ्टी भी नुकसान में

Share Market 12:36 बजे: सुबह की गिरावट के बाद अब शेयर बाजार में थोड़ी रिकवरी नजर आ रही है। सेंसेक्स आज दिन के निचले स्तर 57365 से अब केवल 117 अंकों के नुकसान के साथ 58073 के स्तर पर है।

सेंसेक्स 200 अंक से अधिक टूटा, निफ्टी भी नुकसान में

Share Market : वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के बीच बीएसई सेंसेक्स 200 अंक से अधिक टूटकर बंद हुआ। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 200.18 अंक यानी 0.34 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,991.11 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, एक समय यह 825.61 अंक तक नीचे चला गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 73.65 अंक यानी 0.43 प्रतिशत टूटकर 17,241 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के तीस शेयरों में से एशियन पेंट्स, आईटीसी, टाइटन, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी, नेस्ले और एचडीएफसी बैंक सबसे ज्यादा नुकसान में रहे। दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में एक्सिस बैंक, टीसीएस, मारुति, विप्रो, टेक महिंद्रा और एचसीएल टेक्नोलॉजीज शामिल हैं।

12:36 बजे: सुबह की गिरावट के बाद अब शेयर बाजार में थोड़ी रिकवरी नजर आ रही है। सेंसेक्स आज दिन के निचले स्तर 57365 से अब केवल 117 अंकों के नुकसान के साथ 58073 के स्तर पर है। वहीं, निफ्टी 50 अब 50 अंकों के नुकसान के साथ 17264 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी 50 में एक्सिस बैंक, टीसीएस, पावर ग्रिड, आयशर मोटर्स और मारुति टॉप गेनर हैं, जबकि टाटा मोटर्स, हीरो मोटर्स, टाटा कंज्यूमर एशियन पेंट्स और आईटीसी टॉप लूजर।

Opening Bell: घरेलू शेयर बाजार आज भारी गिरावट के साथ खुला। शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजारों में आ आए एक और बिकवाली के तूफान का असर घरेलू शेयर बाजार पर देखने को मिल रहा है। BSE Index और NSE 50 लाल निशान के साथ शुरुआत किए हैं। सेंसेक्स 729 अंकों के नुकसान के साथ 57424 के स्तर पर खुला। जबकि, निफ्टी की शुरुआत भी लाल निशान के साथ 17094 के स्तर से हुई।

शुक्रवार को जहां घरेलू शेयर बाजार कमजोरी के सथ बंद हुए थे, वहीं अमेरिकी शेयर बाजार में भारी गिरावट रही। डाऊ जोंस 2.11 फीसद या 630 अंकों का गोता लगा कर बंद हुआ। Nasdaq Composite भी बुरी तरह टूटा। इसमें 3.80 फीसद की गिरावट रही। एंस एंड पी भी 104 अंक या 2.80 फीस लुढ़क र 3639 के स्तर पर बंद हुअज्ञ।

इस गिरावट की आंच घरेलू शेयर बाजार पर पड़ी तो सेंसेक्स और निफ्टी भी शुरुआती कारोबार में ही झुलस गए। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 721 अंकों की गिरावट के साथ 57470 के स्तर पर आ गया, जबकि निफ्टी 223 अंक नीचे 17091 के स्तर पर था। शुरुआती कारोबार में निफ्टी 50 और सेंसेक्स पर कोई स्टॉक हरे निशान पर नहीं था।

Share Market: शेयर बाजार में निवेशकों को भारी नुकसान, सेंसेक्स-निफ्टी में आधा फीसदी की गिरावट

Share Market: आर्थिक मामलों के जानकार डॉ. नागेंद्र कुमार शर्मा ने अमर उजाला को बताया कि रूस-युक्रेन युद्ध के और ज्यादा गहराने की आशंका है। इससे आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई चेन के बाधित होने और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका मजबूत हो गई है.

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अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजार में कई कारणों से जारी दबाव का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी दिखाई पड़ रहा है। आज सेंसेक्स में गिरावट के कारण निवेशकों के लाखों करोड़ रुपये डूब गए। दिवाली के बाद हुए कारोबार में सेंसेक्स में 288 पॉइंट या लगभग 0.48 फीसदी की गिरावट आई। निफ्टी भी इससे अछूता नहीं रहा और इसमें 74 पॉइंट या 0.42 फीसदी की कमी दर्ज की गई। आर्थिक विश्लेषकों का अनुमान है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में जारी दबाव के कारण आने वाले दिनों में भी कमजोरी का यह दौर बना रह सकता है।

प्रभावित हो सकता है आयात

अमेरिका के दबाव के बावजूद ओपेक देशों ने तेल उत्पादन में कटौती करने का निर्णय लिया है, जिसका असर तेल-गैस कीमतों में बढ़ोतरी के शेयर मार्केट के नुकसान रूप में दिखाई पड़ सकता है। इससे महंगाई से जूझ रहे अमेरिकी-यूरोपीय बाजारों को राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। इससे बाजार पर असर पड़ना भी तय है और एशियाई देशों से होने वाला आयात प्रभावित हो शेयर मार्केट के नुकसान सकता है। कुछ भारतीय कंपनियों को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। ब्रिटिश पीएम के रूप में ऋषि सुनक के आने से भी निवेशकों को आशंका है कि ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए वे कड़े कदम उठाने के लिए मजबूर होंगे। इससे भी बाजार पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।

आर्थिक मामलों के जानकार डॉ. नागेंद्र कुमार शर्मा ने अमर उजाला को बताया कि रूस-युक्रेन युद्ध के और ज्यादा गहराने की आशंका है। इससे आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई चेन के बाधित होने और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका मजबूत हो गई है। इससे भी भारत से होने वाला निर्यात प्रभावित हो सकता है।

चीन में राष्ट्रपति के रूप में एक और कार्यकाल मिलने के बाद शी जिनपिंग पर देश की टूटती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का बड़ा दबाव होगा। कई चीनी बैंक अपने निवेशकों को पैसा वापस करने की स्थिति में नहीं हैं, तो चीन की अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहा रियल स्टेट कारोबार बेहद कमजोर हालत में पहुंच गया है। अनुमान है कि इस परिस्थिति से निपटने के लिए चीन एक बार फिर मूल उद्योगों को ज्यादा राहत देकर निर्माण क्षेत्र में मजबूत होने की कोशिश कर सकता है। इससे भी भारत पर असर पड़ सकता है।

85 रुपये प्रति डॉलर तक पहुंच सकता है

भारतीय शेयर बाजार पर सबसे ज्यादा नकारात्मक असर गिरते रुपये के कारण पड़ रहा है। रुपया लगातार गिर रहा है और मंगलवार को यह 82.81 रुपये प्रति डॉलर तक पहुंच गया है। वर्तमान अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों में रुपये में गिरावट का यह दौर जारी रह सकता है। आर्थिक विशेषज्ञों की आशंका है कि दिसंबर के अंत तक यह 85 रुपये प्रति डॉलर तक पहुंच सकता है। निवेशकों को आशंका है कि यदि ऐसा होता है तो उनके निवेश की बाजार कीमत घट सकती है।

लिहाजा नुकसान से बचने के लिए निवेशक भारतीय बाजारों से पैसा निकालकर डॉलर में निवेश करने को प्राथमिकता दे सकते हैं। इससे भारतीय शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों के बाहर जाने का खतरा बढ़ सकता है और घरेलू निवेशकों को एक और झटका लग सकता है।

विस्तार

अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजार में कई कारणों से जारी दबाव का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी दिखाई पड़ रहा है। आज सेंसेक्स में गिरावट के कारण निवेशकों के लाखों करोड़ रुपये डूब गए। दिवाली के बाद हुए कारोबार में सेंसेक्स में 288 पॉइंट या लगभग 0.48 फीसदी की गिरावट आई। निफ्टी भी इससे अछूता नहीं रहा और इसमें 74 पॉइंट या 0.42 फीसदी की कमी दर्ज की गई। आर्थिक विश्लेषकों का अनुमान है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में जारी दबाव के कारण आने वाले दिनों में भी कमजोरी का यह दौर बना रह सकता है।

प्रभावित हो सकता है आयात

अमेरिका के दबाव के बावजूद ओपेक देशों ने तेल उत्पादन में कटौती करने का निर्णय लिया है, जिसका असर शेयर मार्केट के नुकसान तेल-गैस कीमतों में बढ़ोतरी के रूप में दिखाई पड़ सकता है। इससे महंगाई से जूझ रहे अमेरिकी-यूरोपीय बाजारों को राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। इससे बाजार पर असर पड़ना भी तय है और एशियाई देशों से होने वाला आयात प्रभावित हो सकता है। कुछ भारतीय कंपनियों को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। ब्रिटिश पीएम के रूप में ऋषि सुनक के आने से भी निवेशकों को आशंका है कि ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए वे कड़े कदम उठाने के लिए मजबूर होंगे। इससे भी बाजार पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।

आर्थिक मामलों के जानकार डॉ. नागेंद्र कुमार शर्मा ने अमर उजाला को बताया कि रूस-युक्रेन युद्ध के और ज्यादा गहराने की आशंका है। इससे आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई चेन के बाधित होने और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका मजबूत हो गई है। इससे भी भारत से होने वाला निर्यात प्रभावित हो सकता है।

चीन में राष्ट्रपति के रूप में एक और कार्यकाल मिलने के बाद शी जिनपिंग पर देश की टूटती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का बड़ा दबाव होगा। कई चीनी बैंक अपने निवेशकों को पैसा वापस करने की स्थिति में नहीं हैं, तो चीन की अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहा रियल स्टेट कारोबार बेहद कमजोर हालत में पहुंच गया है। अनुमान है कि इस परिस्थिति से निपटने के लिए चीन एक बार फिर मूल उद्योगों को ज्यादा राहत देकर निर्माण क्षेत्र में मजबूत होने की कोशिश कर सकता है। इससे भी भारत पर असर पड़ सकता है।

85 रुपये प्रति डॉलर तक पहुंच सकता है

भारतीय शेयर बाजार पर सबसे ज्यादा नकारात्मक असर गिरते रुपये के कारण पड़ रहा है। रुपया लगातार गिर रहा है और मंगलवार को यह 82.81 रुपये प्रति डॉलर तक पहुंच गया है। वर्तमान अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों में रुपये में गिरावट का यह दौर जारी रह सकता है। आर्थिक विशेषज्ञों की आशंका है कि दिसंबर के अंत तक यह 85 रुपये प्रति डॉलर तक पहुंच सकता है। निवेशकों को आशंका है कि यदि ऐसा होता है तो उनके निवेश की बाजार कीमत घट सकती है।

लिहाजा नुकसान से बचने के लिए निवेशक भारतीय बाजारों से पैसा निकालकर डॉलर में निवेश करने को प्राथमिकता दे सकते हैं। इससे भारतीय शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों के बाहर जाने का खतरा बढ़ सकता है और घरेलू निवेशकों को एक और झटका लग सकता है।

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