गलत बॉडी पोश्चर को ठीक करने के लिए सबसे जरूरी तरीका है सीधे बैठना। लेकिन कुछ ऐसे योगासन भी मौजूद हैं जिनकी सहायता से आप अपने पोश्चर में उलटा सिर और कंधे क्या है? सुधार कर सकते हैं। आज हेल्थशॉट्स पर हम आपको इन्हीं योगासन के बारे में बताएंगे लेकिन उससे पहले कुछ अहम बिंदुओं पर चर्चा कर लेते हैं।

हार्ट अटैक के लक्षण – Symptoms of Heart Attack in Hindi

शीघ्र पहचान और उपचार के लिए दिल के दौरे के शुरुआती चेतावनी के लक्षणों को जानने के लिए महत्वपूर्ण है। कई दिल के दौरे धीरे धीरे शुरू, नाटकीय चित्रण के विपरीत फिल्मों में अक्सर देखा। दिल का दौरा पड़ने वाला व्यक्ति भी हो सकता है कि वह क्या हो रहा है या नहीं। दिल का दौरा पड़ने वाले लक्षण व्यक्तियों के बीच भिन्न होते हैं ( Symptoms of heart attack in hindi vary from person to person ), और यहां तक कि एक व्यक्ति जिसकी पिछले दिल का दौरा पड़ा है, उसके बाद के दिल का दौरा पड़ सकता है। हालांकि छाती में दर्द या दबाव दिल का दौरा पड़ने का सबसे सामान्य लक्षण है, हृदय रोग के शिकार के लक्षण लक्षणों की विविधता का अनुभव कर सकते हैं। निम्न सूची में दिल का दौरा पड़ने के लक्षणों का अधिक विवरण दिया गया है ( Given below are some of symptoms of heart attack in Hindi )

Tension Headache : टेंशन वाला सिरदर्द क्या है?

Tension Headache Hindi

Tension Headache Hindi: तनाव सिरदर्द सबसे आम प्रकार का सिरदर्द है जो ज्यादातर लोगों में होता है। काम का अत्यधिक तनाव, रोज़मर्रा के झगड़े और जीवन में असफलता सहित कई अन्य कारणों से तनाव बढ़ता है, जो सिरदर्द का कारण बनता है। तनाव सिरदर्द में आंखों, सिर और गर्दन के आसपास हल्का, मध्यम या गंभीर दर्द होता है। कुछ लोगों को तनाव की वजह से होने वाले सिरदर्द में माथे पर कसी हुई पट्टी जैसा महसूस होता है। ज्यादातर लोगों को महीने में एक या दो बार टेंशन सिरदर्द होता है।

तनाव दो प्रकार के सिरदर्द का कारण बनता है – एपिसोडिक और क्रोनिक। एपिसोडिक तनाव सिरदर्द 30 मिनट उलटा सिर और कंधे क्या है? से एक सप्ताह तक रहता है और धीरे-धीरे शुरू होता है। इस प्रकार का सिरदर्द दोपहर के समय होता है। जबकि क्रोनिक टेंशन सिरदर्द कुछ घंटों या उससे अधिक समय तक रह सकता है। दिन भर तेज सिरदर्द रहता है।

कितना सामान्य है टेंशन वाला सिरदर्द (Tension Headache) होना?

तनाव सिरदर्द एक आम समस्या है। यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक प्रभावित करता है। दुनिया भर में लाखों लोग तनाव सिरदर्द से पीड़ित हैं। 80 प्रतिशत तक वयस्क समय-समय पर तनाव सिरदर्द से पीड़ित होते हैं।

जयपुर शहर में सबसे अच्छा और उपयुक्त सिरदर्द उपचार निर्धारित करने के लिए, आप Google पर ‘Best Headache Treatment in Jaipur‘ वाक्यांश खोज सकते हैं, और न्यूरोलॉजी डॉक्टर का विकल्प चुन सकते हैं, जिसकी अच्छी समीक्षा और रेटिंग है।

यदि आप जयपुर शहर, भारत में मस्तिष्क सिरदर्द Tension Headache का इलाज कराने के लिए न्यूरोलॉजी विशेषज्ञ चिकित्सक की तलाश कर उलटा सिर और कंधे क्या है? रहे हैं, तो आप, जयपुर में डॉ विक्रम बोहरा से परामर्श कर सकते हैं। वह आपके लिए उचित उपचार की सिफारिश करेगा।

जबकि 15 साल से ऊपर के बच्चों को टेंशन सिरदर्द होता है। यह समस्या किसी भी व्यक्ति को कभी भी हो सकती है। अधिक जानकारी के लिए Neurologist in Jaipur – Dr. Vikram Bohra चिकित्सक से संपर्क करें।

टेंशन वाला सिरदर्द के क्या लक्षण है? (Symptoms of Tension Headache Hindi)

तनाव सिरदर्द शरीर उलटा सिर और कंधे क्या है? की कई प्रणालियों को प्रभावित करता है। सिरदर्द से पीड़ित व्यक्ति को पूरे सिर में दर्द होता है लेकिन दर्द आमतौर पर सिर के पीछे या भौंहों के ऊपर उलटा सिर और कंधे क्या है? से शुरू होता है। जिससे ये लक्षण दिखने लगते हैं:

  • माथे के आसपास दबाव
  • भयानक सरदर्द
  • माथे या सिर के पिछले हिस्से पर सनसनी या जकड़न
  • कंधे और गर्दन की मांसपेशियों का ढीला होना
  • सोने में परेशानी
  • मांसपेशियों में दर्द
  • मुश्किल से ध्यान दे

कभी-कभी कुछ लोगों में इनमें से कोई भी लक्षण नहीं होता है और हल्की या तेज आवाज से गंभीर घबराहट होती है और कभी-कभी गुस्सा आता है।

सिरदर्द से पीड़ित व्यक्ति को मानसिक विकार भी हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, अवसाद, आत्मविश्वास की कमी, चिंता।

क्या है गलत और सही बॉडी पोस्चर?

हर एक शारीरिक गतिविधि के दौरान हमारे शरीर की मुद्रा जैसे उठना, चलना,बैठना,दौड़ना, लेटना बॉडी पोस्चर कहलाता है। गलत और सही बॉडी पोस्चर में अंतर समझना काफी आसान है। ऐसा बॉडी पोस्चर जिसमें हमारी मसल का इस्तेमाल बैलेंस तरीके से हो वह सही पोस्चर कहलाता है।

आप सभी उलटा सिर और कंधे क्या है? ने स्कूल में प्रार्थना करने से पहले अटेंशन पोजीशन जरूर की होगी। यदि हम खड़े हों, तो जरूरी है कि हमारा सिर, धड़ और टांगे दोनों एक सीध में हो। जब हम बैठें तब भी हमें अपने सर और धड़ की सिधाई को बैलेंस करना जरूरी है। गलत पोस्चर के कारण हड्डी बढ़ने और गर्दन, कंधों में दर्द की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

यहां हैं पोश्चर में सुधार करने वाले कुछ खास योगासन

पश्चिम नमस्कारासन (Reverse Prayer Pose)

पश्चिम नमस्कारासन या रिवर्स प्रार्थना मुद्रा ऊपरी शरीर को मजबूत करने वाली मुद्रा है। यह आपके शोल्डर के पोश्चर को ठीक करने उलटा सिर और कंधे क्या है? में सक्षम है। योगासन से पेट को कम करने में भी सहायता मिलती है। इसे विपरीत नमस्कार आसन के नाम से भी जाना जाता है।

कैसे करे यह आसन

  1. अपने कंधों को आराम दें और सावधान की मुद्रा में खड़े हो जाएं।
  2. अब उल्टा नमस्कार करने की मुद्रा में आएं। यानी अपने हाथों को अपने पेट के पीछे मोड़ें और नमस्कार की मुद्रा बनाएं।
  3. जैसे ही आप सांस लेते हैं, उंगलियों को रीढ़ की ओर अंदर की ओर मोड़ें और उन्हें ऊपर की ओर ले आएं।
  4. सुनिश्चित करें कि घुटने अभी भी थोड़े मुड़े हुए हैं और हथेलियां एक-दूसरे के खिलाफ मजबूती से दब गई हैं।
  5. 2 मिनट से शुरू करें और धीरे-धीरे 10 मिनट तक रोजाना करें।

क्या शरीर में जहां-तहां होता रहता है दर्द ? कहीं स्पोंडिलोसिस तो नहीं !

Written by akhilesh dwivedi | Published : August 14, 2018 3:50 PM IST

लाइफ स्टाइल की वजह से कुछ बीमारियां हो जाती है जो बहुत परेशान करने वाली होती हैं। स्पोंडिलोसिस की परेशानी भी कुछ ऐसी ही बीमारी है। स्पोंडिलोसिस का मुख्य कारण होता है रीढ़ की हड्डी में सूजन की वजह से शरीर के कई अंगों में दर्द होना। ज्यादातर गर्दन के दाएं-बाएं और ऊपर-नीचे करने में दर्द होता है। स्पोंडिलोसिस की परेशानी में रीढ़ की हड्डी में अचानक बढ़ोत्तरी या उसके कार्ड्स में गैप की वजह से होती है। शरीर में कैल्शियम की कमी की वजह से बी स्पोंडिलोसिस बीमारी होती है।

उम्र के हिसाब से देखा जाय तो यह बीमारी 40 की उम्र के बाद ज्यादा होती है। ऐसा नहीं है कि यह युवाओं में नहीं होती है। आजकल यह बीमारी युवाओं में भी काफी देखने को मिलती है। एक्सपर्ट्स की माने तो इसका कारण लगातर गलत तरीके से बैठना और खड़े रहना होता है। गलत तरीके से लगातार एक ही स्थिति में रहने की वजर से मांसपेशियों में दबाव पड़ता है और उसके साइड-इफेक्ट की वजह से यह बीमारी होती है। दूसरा जो सबसे बड़ा कारण होता है स्पोंडिलोसिस का वह कैल्शियम की कमी की वजह से होता है।

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शरीर के विभिन्न भागों को प्रभावित करने के आधार पर स्पोंडिलोसिस तीन प्रकार का होता है।

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस

जब गर्दन में दर्द होता है उसे सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस कहा जाता है। इसमें सामन्यतया गर्दन के निचने हिस्से, कंधों और कंधों के जोड़ में दर्द होता है। सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस में गर्दन घुमाने में दर्द होता है ओर हाथों को ऊपर-नीचे करने में परेशानी होती है।

लम्बर स्पोंडिलोसिस

जब कमर के निचने हिस्से में दर्द रहता है तो इसे स्पाइन या लम्बर स्पोंडिलोसिस कहते हैं। कभी-कभी यह सुबह के समय इतना असहनीय होता है कि इंसान उठने से भी डरता है।

एंकायलूजिंग स्पोंडिलोसिस

एंकायलूजिंग स्पोंडिलोसिस में सामान्यतया जोडों में तेज दर्द होता है। वैसे देखा जाय तो यह पूरे शरीर को प्रभावित करता है। रीढ़ की हड्डी, कंधों और कूल्हों के जोड़ में दर्द होता है। एंकायलूजिंग स्पोंडिलोसिस में शरीर के सभी हड्डी के जोड़ प्रभावित होते हैं।

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Highlights आजकल सिरदर्द होना आम समस्या में से एक होता जा रहा है। हर एक दूसरा व्यक्ति सिरदर्द की सम्स्या से परेशान है।

सिर दर्द होना लोगों के लिए आम बीमारी बनते जा रही है, भारत में हर दूसरा व्यक्ति सिर दर्द से परेशान है। लेकिन सिर दर्द भी तरह-तरह के होते हैं। इसके पीछे कई कारण होते हैं। जब सिर दर्द होता है तो बेचैनी से लेकर कई तरह की चीजें आप महसूस करते हैं। ऐसा लगता है कोई आप के सिर पर हथौड़ा मार रहा हो।

हालांकि सिरदर्द होना कोई छोटी या नजरअंदाज करने वाली परेशानी नहीं है, अगर सिर दर्द ज्यादा हो उलटा सिर और कंधे क्या है? तो आप डॉक्टर की सलाह लें। सिर दर्द के भी कई प्रकार होते हैं, हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह के सिर दर्द होते हैं इसके पीछे क्या वजह होती है। ये वास्तव में आपके शारीरिक स्वास्थ्य के बारे में बताते हैं।

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