Photo:INDIA TV देश की विदेशी मुद्रा भंडार में आया रिकॉर्ड उछाल

भारत से लेकर चेक ​गणराज्य तक के घट रहे विदेशी मुद्रा भंडार, वैश्विक स्तर पर रिकॉर्ड 1 लाख करोड़ डॉलर की कमी

भारत से लेकर चेक ​गणराज्य तक के घट रहे विदेशी मुद्रा भंडार, वैश्विक स्तर पर रिकॉर्ड 1 लाख करोड़ डॉलर की कमी

दुनिया भर में विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign-Currency Reserves) में काफी तेजी से रिकॉर्ड स्‍तर पर विदेशी मुद्रा भंडार गिरावट आ रही है. इसकी वजह है कि भारत से लेकर चेक ​गणराज्य तक, कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने अपनी-अपनी मुद्रा को समर्थन देने के लिए हस्तक्षेप किया है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल वैश्विक मुद्रा भंडार लगभग 1 लाख करोड़ डॉलर या 7.8 प्रतिशत घटकर 12 लाख करोड़ डॉलर रह गया है. ब्लूमबर्ग ने इस डाटा को कंपाइल करना साल 2003 से शुरू किया था. विदेशी मुद्रा भंडार में यह तब से लेकर अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है.

इस गिरावट का एक हिस्सा केवल वैल्युएशन में बदलाव के कारण है. अमेरिकी मुद्रा डॉलर, यूरो और येन जैसी अन्य आरक्षित मुद्राओं के मुकाबले दो दशक के उच्च स्तर पर पहुंच गई है. इसने इन मुद्राओं की होल्डिंग की डॉलर वैल्यू को कम कर दिया. लेकिन घटते भंडार भी मुद्रा बाजार में तनाव को दर्शाते हैं, जो केंद्रीय बैंकों की बढ़ती संख्या को मूल्यह्रास को रोकने के लिए अपने खजानों में झांकने के लिए मजबूर कर रहा है.

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 96 अरब डॉलर घटा

उदाहरण के लिए, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इस साल 96 अरब डॉलर घटकर 538 अरब डॉलर रह गया है. देश के केंद्रीय बैंक आरबीआई का कहना है अप्रैल से अब तक के वित्तीय वर्ष के दौरान भंडार में आई गिरावट में 67 प्रतिशत का योगदान एसेट वैल्युएशन बदलाव का है. इसका अर्थ है कि रिकॉर्ड स्‍तर पर विदेशी मुद्रा भंडार शेष गिरावट, भारतीय मुद्रा को आगे बढ़ाने के लिए केंद्रीय बैंक के हस्तक्षेप की वजह से है. रुपये में इस साल डॉलर के मुकाबले करीब 9 प्रतिशत की गिरावट आई है और पिछले महीने यह रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया.

जापान ने निकाले 20 अरब रिकॉर्ड स्‍तर पर विदेशी मुद्रा भंडार डॉलर

जापान ने 1998 के बाद पहली बार मुद्रा को समर्थन देने के लिए सितंबर में येन की गिरावट को धीमा करने के लिए लगभग 20 अरब डॉलर खर्च किए. इसका, इस साल जापान के विदेशी मुद्रा भंडार के नुकसान में लगभग 19% हिस्सा होगा. चेक गणराज्य में मुद्रा हस्तक्षेप ने फरवरी से भंडार को 19% कम किया है. हालांकि गिरावट की भयावहता असाधारण है, लेकिन मुद्राओं की रक्षा के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग करने की प्रथा कोई नई बात नहीं है. जब विदेशी पूंजी की बाढ़ आती है तो केंद्रीय बैंक डॉलर खरीदते हैं और मुद्रा की वृद्धि को धीमा करने के लिए अपने भंडार का निर्माण करते हैं. बुरे समय में वे इससे पूंजी निकालते हैं.

भारत का भंडार 2017 के स्तर से अभी भी 49% अधिक

ब्लूमबर्ग के मुताबिक, अधिकांश केंद्रीय बैंकों के पास अभी भी हस्तक्षेप जारी रखने के लिए पर्याप्त शक्ति है. भारत में विदेशी मुद्रा भंडार अभी भी 2017 के स्तर से 49% अधिक है, और नौ महीने के आयात का भुगतान करने के लिए पर्याप्त है. हालांकि कुछ केंद्रीय बैंक ऐसे भी हैं, जहां यह भंडार तेजी से ​खत्म हो रहा है. इस साल 42% की गिरावट के बाद, पाकिस्तान का 14 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार तीन महीने के आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त नहीं है.

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दो साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा देश का विदेशी मुद्रा भंडार

Indian Foreign researve

यूक्रेन संकट के बाद से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार में $80 बिलियन से अधिक की कमी दर्ज हुई है. अकेले वर्तमान हफ्ते में $ 2 बिलियन से ज्यादा की गिरावट सामने आई है. इसकी मुख्य वजह डॉलर के भाव को 80 रुपए प्रति डॉलर से ऊपर जाने से रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से मुद्रा बाजार में डॉलर की बिकवाली को बताया जा रहा है. इसके साथ ही इसकी दूसरी वजह देश के चालू खाते के घाटा भी है, जिसकी वजह से देश का विदेशी मुद्रा रोकने में मदद नहीं मिल सकी. आरबीआई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 9 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार $ 2.234 बिलियन गिरकर $550.871 बिलियन ही रह गया है, जो एक सप्ताह पहले $553.105 बिलियन था. देश का विदेशी मुद्रा भंडार इस वक्त दो साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है.

फरवरी 2022 के अंत में रूस की ओर से यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद 29 सप्ताह में से 23 हफ्तों में लगातार विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट गिरावट दर्ज हुई है, इस दौरान मात्र 6 हफ्ता ही रिकॉर्ड स्‍तर पर विदेशी मुद्रा भंडार ऐसा रहा, इस दौरान देश के विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़त दर्ज हुई थी. इस दौरान डॉलर आधारित संपत्तियों में भारी मात्रा में निवेश की वजह से डॉलर के मूल्य में तेजी के साथ इजाफा होने लगा. लिहाजा, रुपए की कीमत को स्थिर रखने के लिए आरबीआई को खुले बाजार में डॉलर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिसकी वजह से देश की विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है. यही वजह है कि पिछले साल अक्टूबर में देश के विदेशी मुद्रा भंडार के मुकाबले इस वक्त 90 अरब डॉलर से अधिक नीचे है.

एक साल एक डॉलर के मुकाबले रुपया 74 के मुकाबले 80 पर पहुंचा
देश के बाजारों में विदेशी रिकॉर्ड स्‍तर पर विदेशी मुद्रा भंडार पूंजी के निरंतर प्रवाह के बावजूद बढ़ते चालू खाते के घाटे की वजह से देश का विदेशी मुद्रा रोकने में मदद नहीं मिल सकी. दरअसल, डॉलर के मुकाबले रुपया इस साल नाटकीय रूप से लगभग 74 से गिरकर 80 प्रति डॉलर के कमजोर रिकॉर्ड स्तर पर आ गया है. लिहाजा, आरबीआई ने रुपए की कीमत को स्थिर रखने के लिए भारी मात्रा में डॉलर को खुले बाजार में बेच दिया, जिससे देश का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से नीचे आ गया है. शुक्रवार को जारी आरबीआई ताजा मासिक बुलेटिन से भी रिकॉर्ड स्‍तर पर विदेशी मुद्रा भंडार इसकी पुष्टि हो रही है. इसमें दिखाया गया कि केंद्रीय बैंक ने जुलाई में हाजिर विदेशी मुद्रा बाजार में शुद्ध $ 19.05 बिलियन की बिक्री की. जानकार इस बात की आशंका जता रहे हैं कि देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट अभी कुछ और समय के लिए बनी रहेगी, क्योंकि डॉलर अब भी नए शिखर पर पहुंच रहा है, जो कि अधिकांश प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले दो दशकों में नहीं देखा गया है.

रुपया कमजोर होने से शेयर बाजार में आई भारी गिरावट
गौरतलब है कि भारतीय रुपए का शुक्रवार को पिछले पांच सप्ताह में सबसे खराब रहा, क्योंकि फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना को देखते हुए नए रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया और विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने बढ़ती मुद्रास्फीति पृष्ठभूमि के साथ आर्थिक विकास को धीमा करने की चेतावनी दी है. यही वजह है कि शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई.

पड़ोसियों से बेहतर है भारत की स्थित
विदेशी मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं के मूल्य वृद्धि या मूल्यह्रास को डॉलर के संदर्भ में व्यक्त विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में शामिल किया गया है। लेकिन सोने के भंडार का मूल्य 340 मिलियन डॉलर बढ़कर 386.44 बिलियन डॉलर हो गया. समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 63 मिलियन डॉलर घटकर 17.719 अरब डॉलर हो गया, जबकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में देश की आरक्षित स्थिति 8 मिलियन डॉलर बढ़कर 4.91 अरब डॉलर हो गई. गौरतलब है कि इस साल विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट दर्ज हुई है. इसके बावजूद देश अब भी अपने उभरते बाजार के साथियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब रहा है. गौरतलब है कि भारत के कई पड़ोसी देशों जैसे श्रीलंका, पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश में विदेशी मुद्रा भंडार संकट के स्तर तक गिर गया है.

भारत के बल्ले-बल्ले, देश की विदेशी मुद्रा भंडार में आया रिकॉर्ड उछाल

इस महीने भारत के लिए ये दूसरी सबसे अच्छी खबर आई है। पहली खबर ये थी, जिसमें भारत में महंगाई के आंकड़ों में गिरावट देखी गई थी। अब विदेशी मुद्रा भंडार में रिकॉर्ड उछाल देखा गया है।

India TV Business Desk

Edited By: India TV Business Desk
Published रिकॉर्ड स्‍तर पर विदेशी मुद्रा भंडार on: November 19, 2022 18:07 IST

देश की विदेशी मुद्रा भंडार में आया रिकॉर्ड उछाल- India TV Hindi

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ये महीने भारत के विकास के लिए कई मायनों में अच्छा है। इस महीने भारत में महंगाई के आंकड़ों में गिरावट भी देखी गई थी। अब विदेशी मुद्रा भंडार में रिकॉर्ड उछाल देखा गया है। देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट के रुख को पलटते हुए 11 नवंबर को समाप्त सप्ताह में यह 14.72 अरब डॉलर बढ़कर 544.72 अरब डॉलर पर पहुंच गया। यह अगस्त 2021 के बाद सबसे तेज वृद्धि है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शनिवार को यह जानकारी दी।

मार्च के बाद आई थी गिरावट

हालांकि, मार्च के बाद से विदेशी मुद्रा भंडार में 110 अरब डॉलर से अधिक की गिरावट आई है। वैश्विक अस्थिरता के बीच आरबीआई द्वारा रुपये को सहारा देने के चलते यह कमी हुई है। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 11 नवंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 14.72 अरब डॉलर बढ़कर 544.72 अरब डॉलर हो गया। चार नवंबर को यह 529.99 अरब डॉलर के स्तर पर था।

केंद्रीय बैंक ने दी जानकारी

केंद्रीय बैंक रिकॉर्ड स्‍तर पर विदेशी मुद्रा भंडार ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 11.8 अरब डॉलर बढ़कर 482.53 अरब डॉलर हो गईं। स्वर्ण भंडार का मूल्य 2.64 अरब डॉलर बढ़कर 39.70 अरब डॉलर रहा। इससे पहले 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 117.93 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर रहा था। आरबीआई ने सितंबर में शुद्ध आधार पर 10.36 अरब डॉलर मूल्य की विदेशी मुद्रा की बिक्री की है। सितंबर में डॉलर के मुकाबले रुपया 79.5 के भाव से गिरकर 81.5 पर आ गया। अक्टूबर में यह 83.29 के रिकॉर्ड निचले स्तर तक गिर गया था। इसके बाद 21 अक्टूबर से 11 नवंबर के बीच रुपया 2.3 प्रतिशत चढ़ा और शुक्रवार को 10 पैसे गिरकर 81.74 पर बंद हुआ।

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 39.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 631.92 अरब डॉलर पर

अर्थव्यवस्था के र्मोचे पर अच्छी खबर है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 4 मार्च, 2022 को समाप्त हफ्ते में 39.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 631.92 अरब डॉलर हो गया है। इससे पूर्व 25 फरवरी को समाप्त हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 1.425 अरब डॉलर घटकर 631.527 अरब डॉलर रह गया था, जबकि 3 सितंबर, 2021 को विदेशी मुद्रा भंडार 642.453 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर था।

भारत नवम्‍बर, 2021 तक विश्व का चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्‍तर पर विदेशी मुद्रा भंडार वाला देश बना

ज्ञात हो नवम्‍बर, 2021 के अंत तक चीन, जापान और स्विट्जरलैंड के बाद भारत चौथा सबसे ज्‍यादा विदेशी मुद्रा भंडार वाला देश था। उस दौरान भारत का बाह्य क्षेत्र काफी मजबूत रहा था। बढ़ते हुए मुद्रा स्फीति दबावों की बावजूद फेड सहित प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण केन्द्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक नीति के तेजी से सामान्यीकरण की संभावना से पैदा हुई वैश्विक तरलता की संभावना का सामना करने के लिए भारत का बाह्य क्षेत्र लचीला रहा। अब एक बार फिर भारतीय अर्थव्यवस्था में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ता हुआ नजर आ रहा है।

कुल मुद्राभंडार का एक अहम हिस्सा

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार में यह वृद्धि विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) की बढ़ोतरी से हुई है, जो कुल मुद्राभंडार का एक अहम हिस्सा है।

FCA 63.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 565.466 अरब डॉलर हुआ

प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक एफसीए 63.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 565.466 अरब डॉलर हो गया है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 5.9 करोड़ डॉलर घटकर 18.981 अरब डॉलर रह गया, जबकि आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार 3.4 करोड़ डॉलर घटकर 5.153 अरब डॉलर रह गया।

स्वर्ण भंडार 42.32 अरब डॉलर पर

इसके अलावा आलोच्य हफ्ते में स्वर्ण भंडार 14.7 करोड़ डॉलर घटकर 42.32 अरब डॉलर रह गया। गौरतलब है कि डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाले विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसे गैर अमेरिकी मुद्रा के मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है।

विदेशी मुद्रा भंडार 642.453 अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर

नई दिल्ली। देश का विदेशी मुद्रा भंडार (country’s foreign exchange reserves) 3 सितंबर को समाप्त हफ्ते में 8.895 अरब डॉलर बढ़कर 642.453 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्‍तर पर विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जबकि इसके पिछले हफ्ते में 16.663 अरब डॉलर बढ़कर 633.558 अरब डॉलर रहा था। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) (Reserve Bank of India (RBI)) ने शुक्रवार को जारी ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी है।

आरबीआई द्वारा जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार 3 सितंबर को समाप्त हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार में ये बढ़ोतरी मुख्य तौर पर विदेशी मुद्रा आस्तियों (एफसीए) के बढ़ने की वजह से हुई है, जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इससे पिछले हफ्ते में भी एसडीआर होल्डिंग्स में बढ़ोतरी के साथ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का भारत को 12.57 अरब डॉलर एसडीआर का आवंटन था।

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आरबीआई के मुताबिक आलोच्य सप्ताह में भारत की विदेशी मुद्रा रिकॉर्ड स्‍तर पर विदेशी मुद्रा भंडार आस्तियां (एफसीए) 8.213 अरब डॉलर बढ़कर 579.813 अरब डॉलर पर पहुंच गई। दरअसल डॉलर में बताई जाने वाली विदेशी मुद्रा संपत्ति में विदेशी मुद्रा भंडार में रखी यूरो, पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि या कमी का प्रभाव भी शामिल होता है।

रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक समीक्षाधीन हफ्ते में स्वर्ण आरक्षित भंडार 64.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 38.083 अरब डॉलर हो गया। आईएमएफ में देश का विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 2.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 19.437 अरब डॉलर हो गया, जबकि आईएमएफ में देश का आरक्षित विदेशी मुद्रा भंडार 1.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.121 अरब डॉलर पर पहुंच गया। (एजेंसी, हि.स.)

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