क्रिप्टोकरेंसी क्या है…? :Cryptocurrencies में invest कैसे करें?
क्रिप्टोकरेंसी क्या है…? ,क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास,क्रिप्टोकरेंसी के फायदे,Cryptocurrency के नुकसान,Cryptocurrency खरीद ने के लिए आवश्यक Documents,Cryptocurrencies में invest कैसे करें?,क्रिप्टोकॉइन के प्रकार
क्रिप्टोकरेंसी क्या है…?:-
क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी मुद्रा है, जो कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी होती है | यह एक ऐसी मुद्रा है, जिसे किसी भी देश की सरकार लागू नहीं करती है | इस मुद्रा पर किसी देश, राज्य या किसी अथॉरिटी का नियंत्रण नहीं होता है अर्थात यह एक स्वतंत्र मुद्रा है, जो डिजिटल रूप में होती है इसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है। क्रिप्टो करेंसी द्वारा आप किसी भी तरह की वस्तु या सेवाएं खरीद या बेच सकते हैं।
Crypto currency को digital money भी कहा जा सकता है क्यूंकि ये केवल Online ही उपलब्ध है और इसे हम physically लेन देन नहीं कर सकते ,दुसरे currencies जैसे की भारत में Rupees, USA में Dollar, Europe में Euro इत्यादि को सरकारें पुरे देश में लागु करते हैं और इस्तमाल में लाये जाते हैं ठीक वैसे ही इन currency को भी पुरे दुनिया में इस्तमाल में लाया जाता है. लेकिन यहाँ समझने वाली यह बात है की इन Cryptocurrencies के ऊपर Government का कोई भी हाथ नहीं होता है क्यूंकि ये Decentrallized Currency होती हैं इसलिए इनके ऊपर कोई भी agency या सरकार या कोई board का अधिकार नहीं होता, जिसके चलते इसके मूल्य को regulate नहीं किया जा सकता |
क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास :- (History of cryptocurrency in Hindi)
सबसे पहली क्रिप्टोकरंसी 2009 में लांच की गयी या कह सकते है की बनाई गई थी। जो की बिटकॉइन थी। इसको सतोशी नाकामोतो द्वारा लॉन्च किया गया था। सतोशी नाकामोतो के बारे में किसी को भी ज्यादा नहीं पता है। बस यह कहा जाता है कि वह एक Developer थे।
लेकिन कई लोगों का मानना यह भी है, कि वह कोई संस्था थी जिसने बिटकॉइन को बनाया और उस संस्था का नाम सतोशी नाकामोतो था। अब इसमें कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता है।और इसका कारण यह है की सतोशी नाकामोतो के बारे में कुछ भी नहीं पता चला क्योंकि बिटकॉइन को लांच करने के कुछ समय बाद ही वह गायब हो गए थे। और उसके बाद उनका कोई भी पता नहीं लगा पाया।
क्रिप्टोकरेंसी के फायदे:- (Crypto Currecy Benefits)
1.क्रिप्टोकरेंसी में किये जानें वाले सभी प्रकार के लेनदेन ऑनलाइन मोड में होते हैं, साथ ही इसकी सिक्यूरिटी बहुत ही स्ट्रोंग होती है, क्योंकि इसमें के विशेष प्रकार की सुरक्षा वाली टेक्निक का प्रोयग किया जाता है | जिसके कारण इसमें किसी भी तरह से फ्राड या धोखाधड़ी की संभावनाएं न के बराबर होती है |
2.क्रिप्टो करेंसी पर किसी अथॉरिटी का नियंत्रण नहीं होता है, जिससे नोटबंदी और करेंसी का मूल्य घटने जैसा खतरे की संभावना नहीं होती है।
3.साधारण लेन-देन और क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से होनें वाले लेनदेन में अन्तर होता है, क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी में किया जाने वाला लेनदेन बहुत ही कड़ी निगरानी में एवं सुरक्षित तरीके से किया जाता है |
4.धन छुपाकर रखनें वाले लोगो के लिए क्रिप्टो करेंसी सबसे अच्छा माध्यम है, जिसके कारण क्रिप्टो करेंसी पैसे छुपाकर रखने का सबसे अच्छा प्लेटफॉर्म बनकर उभरा है |
Cryptocurrency के नुकसान:-
1.Cryptocurrency में एक बार transaction पूर्ण हो जाने पर उसे reverse कर पाना असंभव होता है क्यूंकि इसमें वैसे क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसके फायदे कोई options ही नहीं होती है.
2.अगर आपका Wallet के ID खो जाती है तब वो हमेशा के लिए खो जाती है क्यूंकि इसे दुबारा प्राप्त करना संभव नहीं है. ऐसे में आपके जो भी पैसे आपके wallet में स्तिथ होते हैं वो सदा के लिए खो जाते है|
Cryptocurrency खरीद ने के लिए आवश्यक Documents :-
1.आधार कार्ड
2.पेन कार्ड
3.वोटर आईडी कार्ड
4. फ़ोन नंबर
5.बैंक एकाउंट्स डिटेल
Cryptocurrencies में invest कैसे करें?:-
Cryptocurrencies में invest करने के लिए आपको सही प्लाट्फ़ोर्म का चुनाव करना होगा। क्यूँकि यदि सही प्लाट्फ़ोर्म न चुना जाए तब आपको ज़्यादा फ़ीस देनी पड़ सकती है ट्रेडिंग करते वक्त। ऐसे ही भारत में अभी के समय में सबसे पोपुलर Cryptocurrency प्लाट्फ़ोर्म है “Wazirx“।
इसमें investment करना और ट्रेडिंग करना बहुत ही आसान है और इसके फ़ाउंडर भी एक भारतीय ही हैं। मैंने भी इसमें investment किया है और कई वर्षों से किया है। आप भी चाहें तो इसमें अपना पैसा इन्वेस्ट कर सकते हैं।
क्रिप्टोकॉइन के प्रकार:- (How Many Types of Cryptography)
तात्कालिक समय में लगभग 1000 क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं, किन्तु इसमें से कुछ ऐसे हैं, जिसका प्रयोग बहुत अधिक होता है.
1.ईथर और ईथरम : इसका प्रयोग इंटरचेंज करेंसी के रूप में किया जाता है. ईथर एक तरह का टोकन होता है. इसका प्रयोग ईथरम ब्लाक चैन के अंतर्गत लेनदेन के लिए किया जाता है.
2.लाइटकॉइन : इसका अविष्कार वर्ष 2011 में हुआ था. यह भी नामित कॉइन की ही तरह डीसेंट्रलाइज्ड तकनीक की सहायता से कार्य करता है. इसकी सहायता से बिटकॉइन अधिक तेज़ कार्य होता है.
3.डैश : वर्ष 2014 में डैश क्रिप्टोकरेंसी का आविष्कार हुआ था. इसके आरम्भ में इसे डार्क कॉइन के नाम से जाना जाता था. यह ‘मास्टरनोड’ नामक नेटवर्क की सहायता से कार्य करता है. यह नेटवर्क बिटकॉइन से अधिक तेज़ और प्रभावशाली है.
4.जेड कैश : इसका आविर्भाव अक्टूबर 2016 में हुआ था. यह इस क्षेत्र में एक नयी तरह की करेंसी है. इसके प्रयोग के दौरान सारे इनफार्मेशन एन्क्रिप्ट हो जाते है, फिर भी इसका प्रयोग ‘डबल स्पेंड’ के लिए नहीं किया जा सकता है.
5.मोनेरो : यह भी एक विशेष तरह की क्रिप्टोकरेंसी है. इसमें विशेष तरह की सिक्यूरिटी का प्रयोग किया जाता है, जिसका नाम रिंग सिग्नेचर होता है. यह ‘डार्क वेब ब्लैक मार्केट’ में बहुत अधिक होता है. इसकी सहयता से स्मग्लिंग की जाती है. अतः इसके प्रयोग से क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसके फायदे कालाबाजारी आसान हो जाती है.
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सेटलमेंट गाइड : जानिए, क्रिप्टोकरेंसी क्या है और क्या आपको इसमें निवेश करना चाहिए
क्रिप्टोकरेंसी का नाम अपने ज़रूर सुना होगा लेकिन हो सकता है इसके बारे में आपको ज़्यादा जानकारी न हो। आज सेटलमेंट गाइड के इस अंश में हम समझेंगे कि आखिर क्रिप्टोकरेंसी है क्या और क्या आपको इसमें निवेश करना चाहिए।
मुख्य बातें :
- क्रिप्टोकरेंसी बाइनरी कोड से बने डिजिटल टोकन का एक रूप है।
- क्रिप्टोकरेंसी अनियमित हैं जिसका अर्थ है कि वह किसी भी प्राधिकरण, बैंक या वित्तीय संस्थान द्वारा नियंत्रित नहीं की जाती।
- कुछ क्रिप्टोकरेंसी के ज़रिए आप न्यूनतम से शून्य लेनदेन शुल्क के साथ एटीएम से पैसे भी निकाल सकते हैं।
- क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए स्कैमर्स लोगों को बरगला सकते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी की 2000 के दशक में क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसके फायदे शुरुआत हुई और साइबर स्पेस में अपनी पहचान बनाने वाला पहला सिक्का था बिटकॉइन। कथित तौर पर, इसे सतोशी नाकामोतो ने बनाया था, जो एक व्यक्ति या कोई समूह हो सकता है लेकिन आज तक उसकी पहचान कभी सामने नहीं आई है।
डिजिटल मुद्रा क्रिप्टोग्राफी के सिद्धांत पर काम करती है, जहां डेटा की मदद से कोड द्वारा एक टोकन बनाया जाता है जो एक दूसरे से जुड़े ब्लॉकों में संग्रहीत होता है। इस प्रणाली को ब्लॉकचेन तकनीक के रूप में जाना जाता है।
ब्लॉकचेन तकनीक का आविष्कार 1980 के दशक में हुआ था। यह तकनीक पैसे को ट्रैक करने में कुशल साबित हुई है और इसने क्रिप्टोकरेंसी बाज़ार में काम कर रहे लोगों के बीच विश्वास हासिल कर लिया।
आपको बता दें कि एक क्रिप्टोकरेंसी कोई भी बना सकता है और इस प्रकार की करेंसी हजारों की तादाद में साइबर स्पेस में पाई जा सकती हैं। लेकिन इसमें कुछ सबसे लोकप्रिय हैं जैसे बिटकॉइन, एथेरियम और लिटकोइन।
As an employee in a business you shouldn't be using company computing time to earn cryptocurrency and that may lead to dismissal. Source: Getty Images
इन सिक्कों का उपयोग व्यापार, खरीद, भुगतान प्रणाली और निवेश के लिए किया जाता है।
बिटकॉइन जैसी कुछ क्रिप्टोकरेंसी के ज़रिए आप बहुत कम लेनदेन शुल्क के साथ एटीएम से पैसे भी निकाल सकते हैं
क्रिप्टोकरेंसी के साथ लाभ कमाने की बात आती है तो संभावनाएं अनंत होती हैं।
किसी ऐसे व्यक्ति के लिए जो निवेश में नया है और लाभ कमाने का एक आसान तरीका ढूंढ रहा है, उसे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना आसान लग सकता है लेकिन बड़े फायदे जोखिम के साथ आते हैं। क्रिप्टोकरेंसी दुनिया भर में अनियंत्रित हैं, जिसका अर्थ है कि
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ब्लॉकचेन तकनीक इस तरह से बनाई गई है कि निवेशक सिक्कों के लेनदेन को विनियमित करने और बदलाव करने के लिए पूरी तरह ज़िम्मेदार हैं और यही क्रिप्टोकरेंसी को अविश्वसनीय बना सकता है। अब क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी का कोई नियामक निकाय नहीं है, इसलिए कई निवेशकों ने इसमें घोटालों के कारण बड़ी रकम भी खोई है।
घोटालों और फ़िशिंग घोटालों से धोखा देना आसान है और ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी कंपनियों को भी वैध दिखने वाले स्कैमर ने भारी नुक्सान पहुंचाया है। क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले सावधान रहे और अधिक जानकारी के लिए www.
The blockchain technology was invented in the 1980s and has been proven to be a very reliable method of maintaining data. Source: Getty Images
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ITR में क्रिप्टोकरेंसी का जिक्र नहीं किया, तो लग सकता है जुर्माना, जानें बचने का तरीका
सरकार ने क्रिप्टो एसेट्स या वर्चुअल डिजिटल असेट्स के लिए एक विशेष कराधान व्यवस्था शुरू की है. इसके तहत, क्रिप्टो एसेट्स की बिक्री से होनेवाले लाभ पर 30 प्रतिशत की एक समान दर से टैक्स लगाया जाता है.
ITR Update: क्या आपने इस साल आयकर रिटर्न (Income Tax Return) में अपने क्रिप्टो एसेट्स (Crypto Assets) का जिक्र किया है? अगर नहीं, तो समय रहते अपना टैक्स रिटर्न रिवाइज्ड (Revised Return) कर लें. आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई थी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अंतिम दिन की समयसीमा समाप्त होने पर 5.83 करोड़ से अधिक रिटर्न दाखिल किये जा चुके थे.
30 प्रतिशत की एक समान दर से टैक्स
मौजूदा वित्तीय वर्ष से, सरकार ने क्रिप्टो एसेट्स या वर्चुअल डिजिटल असेट्स (VDA) के लिए एक विशेष कराधान व्यवस्था (Special Taxation System) शुरू की है. इसके तहत, क्रिप्टो एसेट्स की बिक्री (Crypto Assets Sale) से होनेवाले लाभ पर 30 प्रतिशत की एक समान दर से टैक्स लगाया जाता है. चाहे आपका टैक्स स्लैब कुछ भी हो. साथ ही, इसमें क्रिप्टो से हुआ लॉस भी मायने नहीं रखता.
Legal Crypto: क्या मुमकिन है लीगल क्रिप्टो की दुनिया? जानें क्या हैं खतरे और फायदे
Legal Crypto: क्रिप्टो पर दुनिया के सामने दो विकल्प हैं एक विकल्प साधन को विनियमित करने का है तो दूसरा रास्ता इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का है।
Legal Crypto (PHOTO:social media )
Legal Crypto: क्रिप्टो की तेजी से पिघलती दुनिया के बीच, भारत सरकार ने जी 20 देशों की शिखर बैठक के दौरान इस मुद्रा के अस्थिर साधन को विनियमित करने पर निर्णय लेने की मांग की है इसकी वजह यह है कि सरकार इसके विनियमित करने के विकल्पों का आकलन कर रही है। यह जानकारी शीर्ष अधिकारियों ने दी है।
क्रिप्टो पर दुनिया के सामने दो विकल्प हैं एक विकल्प साधन को विनियमित करने का है तो दूसरा रास्ता इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का है, जैसा कि आरबीआई द्वारा सुझाया भी गया है। लेकिन एक अंतिम प्रयास अभी बाकी है क्योंकि नियामक एजेंसियां और सरकार के विभिन्न विंग सबसे अच्छे समाधान का आकलन कर रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने इसे विनियमित करने के संयुक्त प्रयासों का आह्वान किया है।
अधिकारी ने कहा, क्रिप्टो करेंसी के जोखिमों और कुछ लाभों के आधार पर विचार कर हमें विश्व स्तर पर एक उच्च नियामक मानक की आवश्यकता है, हमें सीमा पार भुगतान की लागत को कम करने के लिए कदम उठाने की भी आवश्यकता है और हम वित्तीय स्थिरता के संदर्भ में बहुत सक्रिय रूप से वित्तीय कार्रवाई कार्य बल और आईएमएफ जैसे बहुपक्षीय बैंकों के साथ काम कर रहे हैं ताकि वैश्विक स्तर पर इस संकट को वास्तविक रूप में संबोधित किया जा सके।
सरकारी अधिकारियों ने कहा कि देशों के इस संबंध में अलग-अलग विचार हैं, जो इस बात पर निर्भर करता है कि उनके हित में क्या है। एक अधिकारी ने तर्क दिया कि अमेरिका जैसा देश प्रतिबंध के पक्ष में नहीं हो सकते हैं क्योंकि क्रिप्टो करेंसी वैश्विक अर्थव्यवस्था के डॉलरीकरण में सहायता करेगी।
क्रिप्टो जैसे उपकरण से जुड़े कई लाभ
वे यह भी स्वीकार करते हैं कि प्रतिबंध सबसे अच्छा विकल्प नहीं हो सकता है, यह देखते हुए कि इसे रोकने के तरीके हैं और एक फुल प्रूफ तंत्र होना असंभव है। इसके अलावा, कई अन्य का तर्क है कि क्रिप्टो जैसे उपकरण से जुड़े कई लाभ हैं और कोई भी देश इस तरह के उपकरण से पूरी तरह अलग नहीं हो सकता है।
आरबीआई ने इस आधार पर प्रतिबंध लगाने का तर्क दिया है कि क्रिप्टो करेंसी जैसे साधन के पास इसे वापस करने के लिए कोई अंतर्निहित संपत्ति नहीं है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति देने से मुद्रा और वित्तीय बाजारों को विनियमित करना कठिन हो जाएगा। इसके अलावा डॉलरीकरण का खतरा भी रहेगा। इसके अलावा, बैंक ने कर चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित चिंताओं को भी रेखांकित किया है। यह कुछ ऐसा है जो इसका समर्थन करने वाले नियमों से मुकाबले को कठिन बना रहा है।
ईडी जैसी जांच एजेंसियों द्वारा हाल की कार्रवाई से आरबीआई के पक्ष को बल मिलता है, जिन्होंने देश से अवैध रूप से धन निकालने के उदाहरण पाए हैं। नियमन पर, पीएम नरेंद्र मोदी और साथ ही एफएम निर्मला सीतारमण ने तर्क दिया है कि किसी एक देश के लिए एकतरफा कदम उठाना मुश्किल हो सकता है और इसके लिए वैश्विक प्रयास की आवश्यकता है। जिस पर सबको मिलकर विचार करना चाहिए।
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