Jain Saab Ke Gems: विश्लेषक संदीप जैन ने मजबूत रिटर्न के लिए इस शेयर की सिफारिश की - कारणों, लक्ष्य और स्टॉप-लॉस की जांच करें

Jain Saab Ke Gems ज़ी बिजनेस (Zee Business) के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी (Anil Sinhgvi) के एक एपिसोड में मार्केट एनालिस्ट संदीप जैन (SandeepJain) से आज के टॉप पिक के बारे में बात की। आज संदीप जैन शो में अल्बर्ट डेविड लिमिटेड (Albert David Ltd) की सिफारिश करते हैं। कंपनी के मूल सिद्धांतों, तेजी के ट्रिगर्स और लक्ष्यों को जानने के लिए जैन साब के जेम्स देखें.

निवेश की पाठशाला: स्टॉक खरीदने से पहले कैसे करें होमवर्क, किन बातों का रखें ध्यान? जानिए जरूरी बातें

शेयर बाजार में पैसा लगाने से पहले निवेश की रणनीति बनाएं

Share Market: जब भी आप कोई स्टॉक खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के शेयरधारक बन जाते हैं, इसलिए जरूरी है कि एक निवेशक के रूप . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 15, 2022, 11:55 IST

हाइलाइट्स

स्टॉक खरीदने से पहले फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस जरूर करें.
विभिन्न लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए निवेश की अवधि तय करें.
बीते सालों में स्टॉक का प्रदर्शन और बड़े निवेशकों की हिस्सेदारी के बारे में पता लगाएं.

मुंबई. शेयर बाजार में पैसा बनाना आसान है लेकिन बिना जानकारी के भारी आर्थिक नुकसान का सामना भी करना पड़ सकता है. जब भी आप निवेश के उद्देश्य से स्टॉक खरीदने का निर्णय लेते हैं, तो इससे पहले होमवर्क जरूर करें. क्योंकि आप अपनी मेहनत की कमाई को बाजार में निवेश कर रहे हैं. किसी भी कंपनी का स्टॉक खरीदने के लिए दो तरह के एनालिसिस करने होते हैं. पहला फंडामेंटल और दूसरा टेक्निकल एनालिसिस होता है. फंडामेंटल में कंपनी के बिजनेस और प्रॉफिट समेत कई पहलुओं का अध्ययन किया जाता है. वहीं, टेक्निकल एनालिसिस में स्टॉक के प्राइस को देखकर बाय और सेल की रणनीति बनाई जाती है.

जब भी आप कोई स्टॉक खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के शेयरधारक बन जाते हैं, इसलिए जरूरी है कि एक निवेशक के रूप में आपको उचित विश्लेषण करना चाहिए. किसी भी शेयर को खरीदने से आपको कुछ अहम बातों को ध्यान में रखना चाहिए.

निवेश की अवधि
शेयर बाजार में इन्वेस्ट करने से पहले आपको अपने निवेश की अवधि तय करनी होगी. आप कम, मध्यम और लंबी अवधि के लिए किसी भी स्टॉक में निवेश कर सकते हैं. हालांकि, यह अवधि आपके आर्थिक लक्ष्यों पर निर्भर करती है. ज्यादातर लंबी अवधि का निवेश स्टॉक मार्केट में बेहतर रिटर्न देता अनुसरण करने के लिए सबसे अच्छे स्टॉक विश्लेषक कौन हैं है. यह अवधि 5 से 10 साल तक हो सकती है.

कंपनी के फंडामेंटल चेक करें
हर निवेशक को शेयर खरीदने से पहले फंडामेंटल चेक कर लेना चाहिए. इसमें कंपनी का कारोबार और उसकी ग्रोथ के बारे में जानें. आखिर कंपनी क्या बिजनेस करती है और भविष्य में इस बिजनेस को लेकर क्या संभवानाएं हैं. वहीं, कंपनी इस सेक्टर में अपनी समकक्ष कंपनियों के मुकाबले कहां खड़ी है.

कंपनी के प्रोमोटर कौन हैं और उन्हें कंपनी के बिजनेस मॉडल को लेकर कितना अनुभव है. इसके अलावा कंपनी का शेयर होल्डिंग पैटर्न का अध्ययन भी करना चाहिए कि आखिर कंपनी में प्रोमोटर, रिटेल निवेशक और घरेलू व विदेशी संस्थागत निवेशकों की कितनी हिस्सेदारी है. माना जाता है कि कंपनी के शेयर होल्डिंग पैटर्न में विभिन्नता होनी चाहिए और ऐसे ही कंपनी के शेयर खरीदना चाहिए.

बीते सालों में स्टॉक का प्रदर्शन
किसी अनुसरण करने के लिए सबसे अच्छे स्टॉक विश्लेषक कौन हैं भी शेयर को खरीदने से पहले निवेशक को यह भी देखना चाहिए कि समकक्ष कंपनियों के शेयर की तुलना में कैसा प्रदर्शन किया है. इंटरनेट पर उपलब्ध विभिन्न प्लेटफॉर्म की मदद से आप यह तुलना कर सकते हैं. इसके लिए टेक्निकल एनालिसिस बहुत करना जरूरी हो जाता है.

टेक्निकल एनालिसिस में शेयर के चार्ट की स्टडी करके हर रोज, साप्ताहिक और मासिक अवधि में स्टॉक के भाव में होने वाले उतार-चढ़ाव के बारे में पता लगाया जाता है. इसके जरिए आप शेयर के भाव की एक रेंज के बारे में जान सकते हैं कि विभिन्न अवधि में यह शेयर किसी भाव के आसपास रहता है. स्टॉक का प्राइस कहां सपोर्ट बनाता है और कहां रजिस्टेंस बनाता है. इस आधार पर किसी भी शेयर को सही कीमत पर खरीद सकते हैं और अच्छा रिटर्न मिलने पर बेच सकते हैं.

म्यूचुअल फंड और अन्य बड़े निवेशकों की खरीदी
हर रिटेल इन्वेस्टर किसी भी शेयर में निवेश करने से पहले यह जानना चाहता है कि बड़े निवेशक जैसे- म्यूचुअल फंड हाउस, विदेशी संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी कितनी है. दरअसल बड़े निवेशक किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले बहुत अध्ययन करते हैं इसलिए आम निवेशक को लगता है कि म्यूचुअल फंड द्वारा खरीदे गए शेयर निवेश के लिए ज्यादा सही और बेहतर होते हैं.

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|

स्टॉक चुनने का सही तरीका क्या है?

इसके संदर्भ में, हम महत्वपूर्ण तरीकों के बारे में समझतें हैं:

१. टॉप डाउन दृष्टिकोण

२. बॉटम-अप दृष्टिकोण

स्टॉक का चयन

टॉप डाउन दृष्टिकोण

  • निवेश की इस पद्धति में, निवेशक देखकर विश्लेषण शुरू करता है
  • व्यक्तिगत स्टॉक पर काम करने से पहले आर्थिक नीति जैसे इन्फ्लेशन, अर्थशास्रीय विकास, आर्थिक विकास, जैसी व्यापक घटनाएं।

निवेशक बाजार में प्रचलित कारणों, घटनाओं की तलाश करता है और उस अवसर को समझने की कोशिश करता है जो अनुसरण करने के लिए सबसे अच्छे स्टॉक विश्लेषक कौन हैं उससे प्राप्त किया जा सकता है।

उदाहरण के लिए, द इलेक्शन इन इंडिया सबसे ज्यादा चर्चित घटना है। इसलिए, चुनाव वह घटना / विषय है जिसे निवेशक इस दृष्टिकोण से प्रभावित निवेश के अवसर को पकड़ने के लिए देखेंगे ।

अधिकांश टॉप-डाउन निवेशक मैक्रोइकॉनॉमिक निवेशक हैं, जो व्यक्तिगत इक्विटी मार्किट के बजाय बड़े चक्रीय रुझानों को भुनाने पर केंद्रित होते हैं।

इसका मतलब यह है कि उनकी रणनीति किसी भी प्रकार के मूल्य-आधारित निवेश की दृष्टिकोण की तुलना में अल्पकालिक लाभ को कमाने के लिए है, ना कि मुल्यवान कंपनियों को खोजने के लिए है।

बॉटम-अप दृष्टिकोण

निवेश की इस पद्धति में, निवेशक:

  • व्यक्तिगत कंपनियों को देखकर और फिर उनकी खूबी और विशेषताओं के आधार पर एक पोर्टफोलियो का निर्माण करके उनका विश्लेषण शुरू करते है ।
  • निवेशक इस तरीके के निवेश में सूक्ष्म आर्थिक कारणों पर ध्यान केंद्रित करता है।
  • वे अपने स्टॉक चयन मापदंडो के आधार पर अपने शेयरों का चयन करते हैं जैसे कीमत से आय कई गुना, इक्विटी अनुपात में ऋण कम, नकद प्रवाह, प्रबंधन की गुणवत्ता आदि।
  • निवेश निर्णय लेने से पहले उन स्टॉक पर उपलब्ध विश्लेषण रिपोर्टों और अन्य शोध पत्रों का मूल्यांकन करता है ।
  • क्यूंकि व्यक्तिगत निवेशक अपना काफी समय निवेश के ऊपर शोध करने में व्यतीत करते है इसलिए वे अपने निवेश को लम्बे समय तक खरीद कर रखने की प्रवृत्ति रखते हैं। इसका मतलब यह है कि उनके निवेश को लाभ देने में अधिक समय लग सकता है, लेकिन संकट प्रबंधन में अधिक प्रभावी हो सकता है और अंततः निवेश से होने वाले संकट की तुलना में ये बुनियादी शोधपूर्ण होने के कारण इसमें इतना खतरा नहीं होता ।

मार्केट एक्सपर्ट्स से शेयर बाजार कोर्स के साथ स्टॉक्स की मूल बातें जानें

निष्कर्ष

  • सभी निवेशकों के लिए कोई एक दृष्टिकोण नहीं होता है
  • टॉप-डाउन या बॉटम-अप निवेश के बीच का निर्णय काफी हद तक व्यक्तिगत पसंद का मामला है।
  • इन तकनीकों का सफलतापूर्वक उपयोग करने की कुंजी सही मापदंडो की पहचान करना और व्यापक संदर्भ में स्टॉक का विश्लेषण करना है। यह आप StockEdge App की मदद से भी कर सकते है
  • टॉप-डाउन निवेश मापदंड, मैक्रोज़ के चारों ओर घूमता है इसलिए इस बात को ध्यान में रखता है कि कौन सा क्षेत्र कौन से समय की अवधि में रिटर्न देगा। उदाहरण के लिए, फार्म सेक्टर के स्टॉक चक्रीय प्रकृति के होने के कारण मॉनसून के दौरान ही रिटर्न देते हैं।
  • बॉटम-अप निवेश, किसी भी स्टॉक के सूक्ष्म अनुपात या वित्तीय विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए निवेश करते हैं और इसलिए किसी भी मैक्रोज़ से प्रभावित नहीं होते हैं।

Subscribe To Updates On Telegram Subscribe To Updates On Telegram Subscribe To Updates On Telegram

राष्ट्रीय पेंशन योजना- कम लागत वाला रिटायरमेंट सेविंग स्कीम

স্টক মার্কেট নিয়ন্ত্রক SEBI র উদেশ্য এবং কর্মকান্ড

Elearnmarkets

Elearnmarkets (ELM) is a complete financial market portal where the market experts have taken the onus to spread financial education. ELM constantly experiments with new education methodologies and technologies to make financial education effective, affordable and accessible to all. You can connect with us on Twitter @elearnmarkets.

Multibagger Stock: सिर्फ 27 पैसे के शेयर ने मचाया धमाल, 34 हजार निवेश कर लोग बने करोड़पति!

JM Financial Ltd Share Price: इस इन्वेस्टमेंट बैंकिंग फर्म का मार्केट कैप फिलहाल करीब 7,000 करोड़ रुपये है. बीते कारोबारी दिन बुधवार को इसके शेयर 72.50 रुपये के लेवल पर बंद हुए थे. ब्रोकरेज फर्म इस शेयर में निवेश की सलाह दे रही हैं.

जेएम फाइनेंशियल के शेयरों ने लॉन्ग टर्म इन्वेटर्स को कराया जोरदार फायदा

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 नवंबर 2022,
  • (अपडेटेड 17 नवंबर 2022, 1:06 PM IST)

आमतौर पर कहा जाता है कि शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश जोखिमों के अधीन है. ये सच भी है क्योंकि स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. लेकिन ये कुछ निवेशकों के लिए किस्मत खोलने वाले भी साबित हो सकते हैं. कब कौन सा शेयर इन्वेस्टर्स को फर्श से अर्श पर पहुंचा दे कहा नहीं जा सकता है. लेकिन कुछ ऐसा ही कमाल किया है JM Financial के शेयर ने जिसमें लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करने वाले निवेशक आज करोड़पति बन चुके हैं.

इतना है कंपनी का मार्केट कैप
मुंबई बेस्ड जेएम फाइनेंशियल एक फाइनेंशियल सर्विस ग्रुप है. इसकी स्थापना 1973 में की गई थी. इसकी ब्रांच भारत समेत सिंगापुर, न्यू जर्सी और दुबई में भी हैं. करीब दो दशक पहले साल 2002 की कमान अवधि में यानी नवंबर महीने के मध्य में कंपनी के शेयरों की कीमत करीब 27 पैसे थी, लेकिन अभी ये 72 रुपये के स्तर पर ट्रेड कर रहा है. हालांकि, फिलहाल कंपनी के शेयरों में गिरावट देखने को मिल रही है, लेकिन ऐसे निवेशकों के लिए ये शेयर मुनाफे का सौदा साबित हुआ है, जिन्होंने इसमें लॉन्ग टर्म के लिए निवेश किया.

दो दशक में निवेशक हुए मालामाल
JM Financial के शेयरों ने 20 अनुसरण करने के लिए सबसे अच्छे स्टॉक विश्लेषक कौन हैं सालों में निवेशकों को 300 गुना से ज्यादा का रिटर्न दिया है. हिसाब-किताब के आधार पर देखें तो 2002 में जिन निवेशकों ने इस शेयर में 34,000 रुपये का निवेश किया था, वो नवंबर 2022 तक एक करोड़ रुपये के मालिक बन चुके होंगे. फिलहाल, शेयर बाजार में कंपनी के शेयरों की परफारमेंस की बात करें तो गुरुवार को ये 1.45 फीसदी की गिरावट के साथ 71.40 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहे हैं. बाजार विशेषज्ञ इस शेयर में निवेश को फायदे का सौदा बता रहे हैं और इसमें तेजी आने की उम्मीद जता रही हैं.

सम्बंधित ख़बरें

Alert: कल तक निपटा लें Bank से जुड़े काम, परसों है बैंक हड़ताल!
अब SoftBank ने दिया Paytm को बड़ा झटका, एक खबर से 10% टूटे शेयर
Home Loan की सभी EMI चुकाने के बाद करें ये काम, वर्ना फंस जाएंगे!
डॉक्टर की पर्ची वायरल, आनंद महिंद्रा बोले- मेरी पत्नी दे चुकी है यही सलाह
रतन टाटा के बाद कौन चलाता है Tata की 100 से ज्यादा कंपनियां? ऐसे लिए जाते हैं एक-एक फैसले

सम्बंधित ख़बरें

लंबी अवधि में ऐसे दिया फायदा
इस इन्वेस्टमेंट बैंकिंग फर्म (Investment Banking Firm) के शेयरों के सफर और इस दौरान आए उतार चढ़ाव के प्रमुख पड़ावों पर नजर दौड़ाएं तो 2002 के बाद इसमें बढ़त का सिलसिला शुरू हुआ और फरवरी 2003 में शेयर की कीमत 6 रुपये के करीब हो गई. नवंबर 2006 में एक शेयर 30 रुपये का हो गया. नवंबर 2007 में इसने 100 रुपये प्रति शेयर का लेवल पार कर लिया था. इसके बाद सालों तक इसमें उतार-चढ़ाव आए और नवंबर 2017 में इस शेयर की कीमत बढ़कर 175 रुपये पर पहुंच गई. इस साल की बात करें तो 2022 की शुरुआत से इसमें कुछ गिरावट देखने को मिल रही है और अब तक यह करीब 4 फीसदी टूट चुका है.

ब्रोकरेज फर्म को ये उम्मीद
स्टॉक मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि JM Financial के शेयरों में आगे तेजी आने की पूरी उम्मीद है. ऐसे में इसमें निवेश निवेशकों को अच्छा खासा फायदा दे सकता है. ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज (ICICI Securities) ने इसके शेयरों में निवेश की के लिए Buy रेटिंग को कायम रखा है. इसके साथ ही कंपनी के शेयरों के लिए टारगेट प्राइस 119 रुपये सेट किया है. हालांकि, शेयरों में निवेश से पहले निवेशक अपने बाजार एक्सपर्ट की सलाह ले सकते हैं.

Share Bazar में गिरावट
गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) गिरावट के साथ खुला. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स (Sensex) 168 अंकों की गिरावट के साथ 61,812 के स्तर पर ओपन हुआ. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी (Nifty) ने 51 अंक फिसलकर 18,358 के लेवल पर कारोबार की शुरुआत की. पिछले कारोबारी दिन बुधवार सेंसेक्स 108 अंकों की बढ़त के साथ बंद हुआ था.

(नोट: शेयर बाजार में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें)

पर्सनल फाइनेंस: शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो जानिए इन 5 नियमों के बारे में, आपको खतरे से बचा सकते हैं

शेयर बाजार में निवेश से पैसा बनाने की संभावना एक ऐसा आइडिया है, जो हर नए निवेशक को उत्साहित करता है। साथ ही उन लोगों के लिए भी जो कम अवधि में फायदा कमाना चाहते हैं। हालांकि जब बाजार उतार-चढ़ाव के माहौल में हो, तब किसी भी तरह के तुरंत रिटर्न की संभावना काफी कम हो जाती है। ऐसे में आपको हम बता रहे हैं कि निवेश के समय कौन से नियम का आपको पालन करना चाहिए।

खुद निर्णय न लें

एंजल ब्रोकिंग के इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट ज्योति रॉय कहते हैं कि आप खुद निर्णय लेकर अपने लाभ को बढ़ाने के लालच को छोड़ दीजिए। पोर्टफोलियो मैनेजर्स और एक्सपर्ट्स की सलाह पर ध्यान दें। सतर्कता से व सोच-समझकर निवेश करें।

डिविडेंड पर ध्यान दीजिए

जब भी किसी कंपनी के शेयरों में निवेश किया जाता है, तो निवेशक कंपनी के अच्छे प्रदर्शन से लाभ पाने के योग्य होते हैं। जब मुनाफा हो रहा हो तो कंपनियां अक्सर यह तय करती हैं कि वे अपने शेयरधारकों के साथ अपने मुनाफे को बांटें। यह आम तौर पर मुनाफे के एक हिस्से को शेयर करना है, जिसे वे भविष्य के लिए बचाकर रख सकते हैं।

डिविडेंड आमतौर पर वही होता है जो कंपनी आपके द्वारा अर्जित प्रत्येक शेयर पर देने का निर्णय करती है। कंपनियों के रिकॉर्ड और उनके लाभ को जानकर आप अपने निवेश के निर्णय अनुसरण करने के लिए सबसे अच्छे स्टॉक विश्लेषक कौन हैं ले सकते हैं।

विविधता पर फोकस करें

यह सबसे स्पष्ट उपाय है, जिसे निवेशकों को आजमाना चाहिए। यह उन्हें अक्सर उतार-चढ़ाव वाले बाजार में बने रहने में सुरक्षा देता है। अधिक जोखिम लेने वाले निवेशक निवेश को कंपनी के शेयरों के हालिया प्रदर्शन ट्रेंड्स के आधार पर देखते हैं। हालांकि इन निर्णयों के समय सलाहकार की मदद काम आ सकती है।

अलग-अलग साधनों में निवेश करें

प्रसिद्ध कहावत है- ‘अपने सभी अंडों को एक टोकरी में नहीं रखना चाहिए’। निवेशकों को इसी का पालन करना चाहिए। एक संतुलित पोर्टफोलियो का निर्माण तभी हो सकता है जब आप अपने निवेश को कई सेक्टर में निवेश करें। बाजार आर्थिक उथल-पुथल से गुजर रहा है। निवेशकों की भावनाओं में उतार-चढ़ाव हो रहा है। इससे अनिश्चितता बढ़ रही है। यदि पोर्टफोलियो में विविधता रहती है तो गारंटीड रिटर्न प्राप्त करने में मदद मिलती है।

कंपनियों का विश्लेषण करना

फाइनेंशियल सिस्टम के बारे में जानकारी हासिल करना चाहिए। कब स्टॉक खरीदना है और कब बेचना है, उसे समझें। औसत बाजार के रुझान को समझना आपके लिए आधा काम पूरा कर सकता है। निवेशक अक्सर सेक्टोरल ट्रेंड्स, ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक और कंपनी की घोषणाओं की तुलना करने की गलती करते हैं। बहुत से लोग यह नहीं जानते कि कंपनी अनुसरण करने के लिए सबसे अच्छे स्टॉक विश्लेषक कौन हैं की आंतरिक गतिविधियों पर भी बहुत कुछ तय होता है।

कंपनी के मामलों पर नजर रखें

कंपनी के कैश-फ्लो, खर्चों, राजस्व, और उसके निर्णयों को समझना कई पहलुओं में से कुछ एक हैं, जिन पर लोगों को लंबी अवधि के निवेश करने के लिए तैयार होने पर पूरी तरह से रिसर्च करने की आवश्यकता है। निवेशकों के लिए ऐसे पहलुओं पर अपने पोर्टफोलियो मैनेजर्स से सलाह लेना बेहतर होगा, क्योंकि इसमें गहन अध्ययन शामिल है।

सट्टेबाजी से प्रेरित फैसले न लें

अक्सर लोगों को सट्टेबाजी से लाभ होता है और वह इसे ही आधार बना लेते हैं। निरंतर रिटर्न हासिल करने के लिए सट्टेबाजी अच्छा विकल्प नहीं है। यह निरंतर रिटर्न में हानिकारक हो सकता है। बाजार की अटकलों और अफवाहों को फॉलो करना जोखिम हो सकता है। निवेश के प्रमुख तरीकों में से यह भी जानना चाहिए कि न्यूज रिपोर्टों पर फैसला न लें। यह आवश्यक है कि कंपनी के संकट के समय में अपने पोर्टफोलियो को मिस मैनेज न करें और भावनात्मक निर्णय लेकर अपने शेयरों को नहीं बेचें।

कैसे और कब बेचना है

कुछ निवेशकों में जोखिम लेने की ज्यादा चाहत होती है। उनमें कम अवधि के ट्रेड के लिए एक उत्साह हो सकता है। यह संपत्ति बढ़ाने में महत्वपूर्ण हो सकता है। विशेषज्ञों का तर्क है कि यह युवा निवेशकों के लिए अधिक उपयुक्त है। ये निर्णय अक्सर बाजार में उतार-चढ़ाव से जुड़े होते हैं, न कि किसी उद्योग या कंपनी की लंबी अवधि की रणनीति का हिस्सा होते हैं। यहां तक कि रिटर्न की भी गारंटी नहीं है, क्योंकि यह सट्टा खेलने जैसा है।

जो लोग लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं, उन्हें बाजार के कम समय के उतार-चढ़ाव या स्टॉक ऑप्शन की मूल्य स्थिरता के आधार पर अपनी खरीदारी या बिक्री का निर्णय नहीं लेने चाहिए। लार्ज-कैप निवेश पर नजर रखते हुए मिड-कैप और स्मॉल कैप निवेशों को छोटे अनुपात में रखना चाहिए। इस तरह जल्दबाजी में निर्णय नहीं लेना चाहिए।

रेटिंग: 4.24
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 381