कौन नहीं ले सकता स्कीम
> एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच व्यापार करने वाले
> जीएसटी की छूट वाले सामान का कारोबार करने वाले
> तंबाकू, पान मसाला और आइसक्रीम से संबंधित सामान बनाने वाले
> रेस्टोरेंट के अलावा किसी अन्य सेवा का व्यवसाय करने वाले
> ई कॉमर्स के माध्यम से अपना माल बेचने वाले
> सरकार की ओर से अन्य किसी अधिसूचित वस्तु का व्यापार करने वाले
डिजिटल भुगतान : क्रिसमस की सौगात, लकी ग्राहक और डिजिधन व्यापार योजना शुरू
25 दिसम्बर को क्रिसमस की सौगात के रूप में पीएम मोदी ने ग्राहकों और छोटे व्यापारियों के लिए दो योजनाओं की घोषणा की है. इसके तहत पंद्रह हज़ार लोगों को ड्रॉ सिस्टम से इनाम मिलेगा. मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि ‘डिजीधन व्यापार योजना' में व्यापारी जुड़ें और अपना कारोबार भी #cashless बनाने के लिए ग्राहकों को भी जोड़ें. व्यापारियों का अपना व्यापार भी चलेगा और ऊपर से इनाम का अवसर भी मिलेगा. यह योजना, समाज के सभी वर्गों, खास करके ग़रीब एवं निम्न मध्यम-वर्ग के लिए बनायी गई है.
केंद्र सरकार देश के 100 शहरों में अगले 100 दिनों के लिए लकी ग्राहक योजना छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना तथा डिजी-धन व्यापार योजना के तहत पुरस्कारों की शुरुआत करेगी. नीति आयोग ने शनिवार को यह जानकारी दी. अगले 100 दिनों तक कुल 15,000 उपभोक्ताओं छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना को 1,000 रुपये की नकद पुरस्कार राशि के लिए लकी ग्राहक योजना के पहले ड्रॉ की शुरुआत नई दिल्ली में रविवार को केंद्रीय वित्त छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना मंत्री अरुण जेटली तथा सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद करेंगे.
GST में छोटे कारोबारियों को राहत देने के लिए सरकार ने उठाया ये कदम
- News18Hindi
- Last Updated : January 03, 2018, 09:59 IST
सरकार ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के तहत एकीकृत कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुनने वाले मैन्युफैक्चर्स के लिए एक फीसदी की निचली GST दर को अधिसूचित कर दिया है. इसके अलावा इस विकल्प को अपनाने वाले व्यापारियों के लिए भी नियमों को आसान किया गया है. आपको बता दें कि वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई वाली जीएसटी काउंसिल ने नवंबर, 2017 को हुई बैठक में इन बदलावों का फैसला किया था.
वित्त मंत्रालय ने अब इन बदलावों को अधिसूचित कर दिया है. अधिसूचना के तहत कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुनने वाले विनिर्माताओं को अब एक प्रतिशत जीएसटी देना होगा. पहले यह दर दो प्रतिशत थी.
जीएसटी: 27 वस्तुओं पर टैक्स की दरों में कटौती
आम आदमी, छोटे व्यापारियों और निर्यातकों को बड़ी राहत प्रदान छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना करते हुए, जीएसटी परिषद ने 27 वस्तुओं पर कर छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना की दरें कम कर दी हैं और तिमाही आधार पर रिटर्न दाखिल करने की अनुमति भी छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना दी है. नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में आयोजित जीएसटी परिषद की बैठक परिषद ने सूखे आमों, खखरा, सादी चपाती, बिना ब्रांड की नमकीन, बिना ब्राण्ड की आयुर्वेदिक दवाओं और कागज अपशिष्टों पर जीएसटी दरों को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है.
अरुण जेटली ने कहा कि ई-कचरे पर जीएसटी को 28 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है.एकीकत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के तहत स्कूली बच्चों को दिये जाने वाले खाने के पैकेट पर जीएसटी 12 प्रतिशत के बजाए अब 5 प्रतिशत लगेगा. जीएसटी परिषद ने टर्नओवर के कारोबार के लिए त्रैमासिक फाइलिंग रिटर्न दाखिल करने की मंजूरी भी दी है, जिसमें टर्नओवर 1.5 करोड़ रूपए तक का है, साथ ही रचना योजना के लिए 75 लाख रुपए से एक करोड़ रुपए तक की सीमा बढ़ा दी गई है.
GST में छोटे कारोबारियों को राहत देने के लिए सरकार ने उठाया ये कदम
- News18Hindi
- Last Updated : January 03, 2018, 09:59 IST
सरकार ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के तहत एकीकृत कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुनने वाले मैन्युफैक्चर्स के लिए एक फीसदी की निचली GST दर को अधिसूचित कर दिया है. इसके अलावा इस विकल्प को अपनाने वाले व्यापारियों के लिए भी नियमों को आसान किया गया है. आपको बता दें कि वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई वाली जीएसटी काउंसिल ने नवंबर, 2017 को हुई बैठक में इन बदलावों का फैसला किया था.
वित्त मंत्रालय ने अब इन बदलावों को अधिसूचित कर दिया है. अधिसूचना के तहत कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुनने वाले विनिर्माताओं को अब एक प्रतिशत जीएसटी देना होगा. पहले यह दर दो प्रतिशत थी.
जीएसटी के नए नियम, छोटे व्यापारियों को मिली राहत
केंद्र सरकार ने आज जीएसटी को लेकर एक बैठक का आयोजन किया था। इस बैठक को सम्बोधित वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किया था। इस दौरान जीएसटी को लेकर नए नियमों की घोषणा की गयी। इसके अंतर्गत छोटे व्यापारियों को हर महीने टैक्स भरने की जरूरत नहीं है। अबसे वे हर तीन महीने में टैक्स भर सकते हैं।
इसके अलावा सरकार ने रेस्टोरेंट में खाने पर भी जीएसटी को कम कर दिया है। पहले जहाँ बाहर खाने पर 18 फीसदी टैक्स लगता था, वह अब घटकर 12 फीसदी हो गया है। इसके साथ ही छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना छोटे कर्मचारी जिनका सालाना व्यापार 1.5 करोड़ से कम है, उन्हें अब हर महीने जीएसटी भरने की जरूरत नहीं है। इस योजना के जरिये लगभग 90 फीसदी व्यापारियों को राहत मिलने के आसार हैं।
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