माइनिंग का नाम सुनते ही सबसे पहले सोने, हीरे या कोयले की खुदाई का ख्याल मन में आता है। क्रिप्टो माइनिंग या बिटकॉइन माइनिंग का मतलब पजल्स को सॉल्व करके नई बिटकॉइन बनाना है। चलिए थोड़ा आसान भाषा में समझते हैं। जिस तरह हम किसी को पैसे भेजने को लिए कोई ट्रांजेक्शन करते हैं तो वह पहले बैंक के पास जाती है और फिर बैंक उसे वैलिडेट कर के आगे भेजता है। क्रिप्टोकरंसी के मामले में कॉइन भेजने वाले उसे रिसीव करने वाले के बीच में बैंक जैसा कुछ नहीं होता है, बल्कि सिर्फ कंप्यूटर्स होते हैं। इन कंप्यूटर्स को कुछ लोग चलाते हैं, जिसके जरिए हर ट्रांजेक्शन वैलिडेट होती है। उनकी इस मेहनत के बदले उन्हें बिटकॉइन मिलते हैं। इसे ही बिटकॉइन माइनिंग कहते हैं। अन्य क्रिप्टोकरंसी में भी इसी तरह माइनिंग होती है।
खाते का ऐक्सेस वाले डिवाइसों की जानकारी देखना
ऐसे कंप्यूटर, फ़ोन, और अन्य डिवाइसों की सूची देखी जा सकती है जिन पर आपने अपने Google खाते में साइन इन किया हुआ है या जिन पर हाल ही में साइन इन किया था. google.com/devices पर जाकर यह पक्का किया जा सकता है कि किसी दूसरे व्यक्ति ने आपके खाते में साइन इन नहीं किया है.
आपको उन सभी डिवाइसों की जानकारी दिखेगी जिन पर आपने अपने Google खाते में साइन इन किया हुआ है या पिछले कुछ हफ़्तों में साइन इन किया था. ज़्यादा जानकारी के लिए, कोई डिवाइस या सेशन चुनें.
अगर एक ही तरह के डिवाइस के लिए कई सेशन दिखते हैं, तो हो सकता है कि वे सभी सेशन एक ही डिवाइस या एक से ज़्यादा डिवाइसों से जुड़े हों. सेशन की जानकारी की समीक्षा करें. अगर आपको पक्के तौर पर नहीं पता है कि सभी सेशन आपके डिवाइसों से जुड़े हैं, तो उनसे साइन आउट करें.
सेशन क्या होता है?
कुछ मामलों में, आपको अलग-अलग डिवाइसों के बजाय सेशन दिख सकते हैं. डिवाइस पर किसी ब्राउज़र, ऐप्लिकेशन या सेवा से, Google खाते में साइन इन रहने की अवधि को सेशन कहा जाता है. एक ही डिवाइस पर कई सेशन होना आम बात है.
इन स्थितियों में, किसी डिवाइस पर एक अलग सेशन बन सकता है:
- जब किसी नए डिवाइस में साइन इन किया जाए
- जब पहचान की पुष्टि करने के लिए पासवर्ड फिर से डाला जाए
- जब किसी नए ब्राउज़र, ऐप्लिकेशन या सेवा में साइन इन किया जाए
- जब किसी ऐप्लिकेशन को अपने खाते के डेटा का ऐक्सेस दिया जाए
- जब गुप्त मोड या निजी ब्राउज़र विंडो में साइन इन किया जाए
आपकी सुरक्षा के लिए, पेज पर सभी सेशन की जानकारी दिखेगी. इससे, हर सेशन से जुड़ी जानकारी की समीक्षा की जा सकती है और कोई संदिग्ध सेशन दिखने पर उससे साइन आउट किया जा सकता है.
दिखाए गए समय का क्या मतलब होता है
पेज पर दिखाया गया समय वह आखिरी समय होता है जब किसी जगह पर, डिवाइस या सेशन और Google के सिस्टम के बीच कोई संपर्क हुआ था.
इस संपर्क में, ये चीज़ें शामिल हो सकती हैं:
- उपयोगकर्ता की कार्रवाइयां, जैसे कि Google खाते या Google के ऐप्लिकेशन का इस्तेमाल करना
- बैकग्राउंड में, Google और किसी सेवा के बीच अपने-आप जानकारी सिंक होना
इस वजह से, आपको उस समय की जानकारी दिख सकती है जो डिवाइस को पिछली बार इस्तेमाल करने के बाद का हो.
ऐसे डिवाइस पर अपने खाते से साइन आउट करना जिसे आपने इस्तेमाल करना बंद कर दिया हो
अपने खाते को सुरक्षित रखने के लिए उन डिवाइस से साइन आउट करें जो:
- गुम हो गए हैं या जिनके मालिक अब आप नहीं हैं
- आपके नहीं हैं
ज़रूरी जानकारी: अगर आप किसी डिवाइस को नहीं पहचानते/पहचानतीं या खाते पर ऐसी गतिविधि देखते/देखतीं हैं जो आपने नहीं की है, तो खाते को सुरक्षित रखने के लिए बताया गया तरीका अपनाएं.
अगर एक ही डिवाइस के नाम के साथ कई सेशन दिखते हैं, तो हो सकता है कि वे सभी सेशन एक ही डिवाइस या एक से ज़्यादा डिवाइसों से जुड़े हों. अगर आपको यह पक्का करना है कि किसी डिवाइस के पास खाते का ऐक्सेस न है, तो उस डिवाइस के नाम के साथ मौजूद सभी सेशन से साइन आउट करें.
CrPC Section 91: दस्तावेज आदि पेश करने के लिए जारी समन से जुड़ी है CrPC की धारा 91
- नई दिल्ली,
- 13 मई 2022,
- (अपडेटेड 13 मई 2022, 6:56 AM IST)
- दस्तावेज पेश करने के लिए जारी समन से जुड़ी है धारा 91
- 1974 में लागू की गई थी सीआरपीसी
- CrPC में कई बार हुए है संशोधन
Code of Criminal Procedure: दंड प्रक्रिया संहिता उन कानूनी प्रक्रियाओं (Legal procedures) को परिभाषित करती है, जिनका प्रयोग अदालत (Court) और पुलिस (Police) अपने काम के दौरान करती है. ऐसे ही सीआरपीसी (CrPC) की धारा 91 (Section 91) दस्तावेज या अन्य चीज पेश करने के लिए समन का प्रावधान (Provision) करती है. आइए जानें कि सीआरपीसी की धारा 91 इस बारे में क्या जानकारी देती है?
माइनर्स निभाते हैं अहम भूमिका
डिजिटल करेंसी की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को आसानी से मैनिपुलेट किया जा सकता है। यही वजह है कि बिटकॉइन के डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर में केवल मान्यता प्राप्त माइनर्स को ही डिजिटल लेजर में ट्रांजैक्शंस अपडेट करने की अनुमति है। इस तरह यह सुनिश्चित करना माइनर्स का काम है कि नेटवर्क पर डबल स्पेंडिंग न हो। इसी वजह से ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है, जिसमें पूरी चेन में जुड़े हर कंप्यूटर पर जानकारी मौजूद होती है, जिससे यह तकनीक बेहद सुरक्षित बन जाती है।
यूं होती है माइनिंग से कमाई
नेटवर्क को सुरक्षित रखने के लिए माइनर्स को इनाम के तौर पर नए कॉइन दिए जाते हैं। चूंकि डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर्स में कोई केंद्रीय अथॉरिटी नहीं है, इसलिए ट्रांजैक्शंस को वैलिडेट करने के लिए माइनिंग प्रोसेस बहुत अहम है। केवल मान्यता प्राप्त माइनर्स को ही डिजिटल लेजर में ट्रांजैक्शंस अपडेट करने की इजाजत है। इसके लिए प्रूफ-ऑफ-वर्क (PoW) consensus protocol बनाया गया है। PoW नेटवर्क को बाहरी हमलों से भी बचाता है।
एडवांस मशीनों की होती है जरूरत
क्रिप्टो माइनिंग एक तरह से बहुमूल्य धातुओं की माइनिंग की तरह है। जिस तरह सोना, चांदी या हीरे को निकाला जाता है, उसी तरह क्रिप्टो माइनर्स सर्कुलेशन में नए कॉइन रिलीज करते हैं। इसके लिए ऐसी मशीनों को काम पर लगाया जाता है जो गणित के जटिल समीकरणों को सुलझाते हैं। इन समीकरणों की जटिलता लगातार बढ़ती ही जा रही है। समय के साथ-साथ माइनर्स ने PoW को सुलझाने के लिए ज्यादा एडवांस्ड मशीनों को लगाया है। माइनर्स के बीच प्रतिस्पर्द्धा बढ़ने से क्रिप्टोकरेंसी की कमी भी बढ़ी है।
कौन कर सकता है माइनिंग?
क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग के लिए ऐसे कम्प्यूटर चाहिए, जिनमें जटिल क्रिप्टोग्राफिक मैथमेटिक इक्वेशंस को सॉल्व करने के लिए स्पेशल सॉफ्टवेयर हो। बिटकॉइन के शुरुआती दिनों में इसे होम कम्प्यूटर से एक सिंपल सीपीयू चिप से माइन किया जा सकता था, लेकिन अब ऐसा नहीं रह गया है। आज इसके लिए स्पेशलाइज्ड सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है। इसे चौबीसों घंटे भरोसेमंद इंटरनेट कनेक्शन के साथ जोड़े रखना पड़ता है। हर क्रिप्टो माइनर के लिए ऑनलाइन माइनिंग पूल का मेंबर होना जरूरी है।
Android फ़ोन पर ऐप्लिकेशन की अनुमतियों में बदलाव करना
कुछ ऐप्लिकेशन को आपके फ़ोन पर अलग-अलग सुविधाओं का इस्तेमाल करने की अनुमति दी जा सकती है. जैसे, आपका कैमरा या संपर्क सूची. इसके लिए, ऐप्लिकेशन आपके फ़ोन पर सुविधाओं का इस्तेमाल करने की अनुमति मांगने के लिए एक सूचना भेजेगी जिसके लिए आप अनुमति दें या अनुमति नहीं दें चुन सकते हैं. साथ ही, फ़ोन की सेटिंग में जाकर, किसी एक ऐप्लिकेशन के लिए या अनुमति के टाइप के हिसाब से अनुमतियां बदली जा सकती हैं.
अहम जानकारी: इनमें से कुछ तरीके सिर्फ़ Android 11 और उसके बाद वाले वर्शन पर काम करते हैं. अपने डिवाइस का Android वर्शन देखने का तरीका जानें.
ऐप्लिकेशन की अनुमतियां बदलना
- अपने फ़ोन पर सेटिंग ऐप्लिकेशन खोलें.
- ऐप्लिकेशन पर टैप करें.
- ऐप्लिकेशन की अनुमतियों में बदलाव करने के लिए, उस पर टैप करें. अगर आपको ऐप्लिकेशन नहीं मिल रहा, तो सभी ऐप्लिकेशन देखें पर टैप करें. इसके बाद, अपना ऐप्लिकेशन चुनें.
- अनुमतियां पर टैप करें.
- आपने ऐप्लिकेशन से जुड़ी जो अनुमतियां दी होंगी या जिन्हें देने से मना किया होगा वे यहां दिखेंगी.
- किसी अनुमति की सेटिंग में बदलाव करने के लिए, उस पर टैप करें. इसके बाद, अनुमति दें या अनुमति न दें चुनें.
जगह की जानकारी, कैमरा, और माइक्रोफ़ोन ऐक्सेस करने से जुड़ी अनुमतियां देने के लिए, इनमें से चुना जा सकता है:
- हमेशा मंज़ूरी दें (सिर्फ़ जगह की जानकारी की अनुमति देने के लिए): ऐप्लिकेशन, किसी भी समय अनुमति का इस्तेमाल कर सकता है. ऐसा तब भी हो सकता है, जब ऐप्लिकेशन का इस्तेमाल न किया जा रहा हो.
- सिर्फ़ ऐप्लिकेशन का इस्तेमाल करते समय अनुमति दें: ऐप्लिकेशन, सिर्फ़ उस समय अनुमति का इस्तेमाल कर सकता है जब उस ऐप्लिकेशन का इस्तेमाल किया जा रहा हो.
- हर बार पूछें: हर बार ऐप्लिकेशन खोलने पर, ऐप्लिकेशन आपसे अनुमति का इस्तेमाल करने के लिए पूछेगा. ऐप्लिकेशन आपकी दी गई अनुमति का इस्तेमाल, ऐप्लिकेशन बंद किए जाने तक कर सकता है.
- अनुमति न दें: ऐप्लिकेशन, अनुमति की सेटिंग का इस्तेमाल नहीं कर सकता. ऐप्लिकेशन के इस्तेमाल के दौरान भी ऐसा नहीं किया जा सकता.
अनुमतियों को उनके टाइप के हिसाब से बदलना
यह देखा जा सकता है कि किन ऐप्लिकेशन के लिए अनुमति की सेटिंग एक ही है. उदाहरण के लिए, यह देखा जा सकता है कि किन ऐप्लिकेशन के कौन कर सकता है माइनिंग पास आपका कैलेंडर देखने की अनुमति है.
- फ़ोन पर सेटिंग ऐप्लिकेशन खोलें.
- निजताअनुमतियों का प्रबंधन पर टैप करें.
- अनुमति के प्रकार पर टैप करें.
- आपने ऐप्लिकेशन को जो अनुमतियां दी होंगी या जिन्हें देने से मना किया होगा वे यहां दिखेंगी.
- किसी ऐप्लिकेशन की अनुमति बदलने के लिए उस ऐप्लिकेशन पर टैप करें, फिर अनुमति की सेटिंग चुनें.
नीचे अनुमतियों की सूची दी गई है. साथ ही, यह भी बताया गया है कि किसी ऐप्लिकेशन के लिए उन्हें चालू करने पर क्या होता है.
माइनर्स निभाते हैं अहम भूमिका
डिजिटल करेंसी की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को आसानी से मैनिपुलेट किया जा सकता है। यही वजह है कि बिटकॉइन के डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर में केवल मान्यता प्राप्त माइनर्स को ही डिजिटल लेजर में ट्रांजैक्शंस अपडेट करने की अनुमति है। इस तरह यह सुनिश्चित करना माइनर्स का काम है कि नेटवर्क पर डबल स्पेंडिंग न हो। इसी वजह से ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है, जिसमें पूरी चेन में जुड़े हर कंप्यूटर पर जानकारी मौजूद होती है, जिससे यह तकनीक बेहद सुरक्षित बन जाती है।
यूं होती है माइनिंग से कमाई
नेटवर्क को सुरक्षित रखने के लिए माइनर्स को इनाम के तौर पर नए कॉइन दिए जाते हैं। चूंकि डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर्स में कोई केंद्रीय अथॉरिटी नहीं है, इसलिए ट्रांजैक्शंस को वैलिडेट करने के लिए माइनिंग प्रोसेस बहुत अहम है। केवल मान्यता प्राप्त माइनर्स को ही डिजिटल लेजर में ट्रांजैक्शंस अपडेट करने की इजाजत है। इसके लिए प्रूफ-ऑफ-वर्क (PoW) consensus protocol बनाया गया है। PoW नेटवर्क को बाहरी हमलों से भी बचाता है।
एडवांस मशीनों की होती है जरूरत
क्रिप्टो माइनिंग एक तरह से बहुमूल्य धातुओं की माइनिंग की तरह है। जिस तरह सोना, चांदी या हीरे को निकाला जाता है, उसी तरह क्रिप्टो माइनर्स सर्कुलेशन में नए कॉइन रिलीज करते हैं। इसके लिए कौन कर सकता है माइनिंग ऐसी मशीनों को काम पर लगाया जाता है जो गणित के जटिल समीकरणों को सुलझाते हैं। इन समीकरणों की जटिलता लगातार बढ़ती ही जा रही है। समय के साथ-साथ माइनर्स ने PoW को सुलझाने के लिए ज्यादा एडवांस्ड मशीनों कौन कर सकता है माइनिंग को लगाया है। माइनर्स के बीच प्रतिस्पर्द्धा बढ़ने से क्रिप्टोकरेंसी की कमी भी बढ़ी है।
कौन कर सकता है माइनिंग?
क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग के लिए ऐसे कम्प्यूटर चाहिए, जिनमें जटिल क्रिप्टोग्राफिक मैथमेटिक इक्वेशंस को सॉल्व करने के लिए स्पेशल सॉफ्टवेयर हो। बिटकॉइन के शुरुआती दिनों में इसे होम कम्प्यूटर से एक सिंपल सीपीयू चिप से माइन किया जा सकता था, लेकिन अब ऐसा नहीं रह गया है। आज इसके लिए स्पेशलाइज्ड सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है। इसे चौबीसों घंटे भरोसेमंद इंटरनेट कनेक्शन के साथ जोड़े रखना पड़ता है। हर क्रिप्टो माइनर के लिए ऑनलाइन माइनिंग पूल का मेंबर होना जरूरी है।
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