वित्तीय पूर्वानुमान
एक्ज़िम बैंक का पूर्वानुमान, भारत का वस्तु निर्यात वित्तीय वर्ष 2019 की तीसरी तिमाही में 7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा तथा गत वर्ष की इसी तिमाही के मुकाबले इस तिमाही में भारत का गैर-तेल निर्यात 7.2 प्रतिशत बढ़ेगा
भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने वित्तीय वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही यानी अक्टूमबर-दिसम्बर 2018 के दौरान, पिछले वर्ष की इसी तिमाही के मुकाबले भारत के कुल वस्तु निर्यातों में 7 प्रतिशत (77 अरब यू एस डॉलर से 82.39 अरब यू एस डॉलर की वृद्धि) तथा गैर-तेल निर्यातों में 7.2 प्रतिशत (66.65 अरब यू एस डॉलर से 71.45 अरब यू एस डॉलर) की वृद्धि होने का पूर्वानुमान लगाया है। यह पूर्वानुमान एक्ज़ि्म बैंक के एक्सपोर्ट लीडिंग इंडेक्सर (ई एल आई) मॉडल पर आधारित हैं, जिसमें निरंतर वृद्धि देखी गई है। भारत के कुल वस्तु निर्यातों और गैर-तेल निर्यातों में वृद्धि का पूर्वानुमान हर तिमाही आधार पर संबंधित तिमाही के लिए जून, सितंबर, दिसंबर और मार्च के पहले सप्ताह में जारी किया जाएगा और इस मॉडल में भी निरंतर सुधार का प्रयास किया जाता रहेगा। जनवरी-मार्च 2019 तिमाही के लिए भारत के निर्यातों में वृद्धि का अगला पूर्वानुमान मार्च 2019 के पहले सप्ताह में जारी किया जाएगा।
अपने शोध प्रयासों की कड़ी में एक्ज़िंम बैंक भारत के निर्यातों का तिमाही आधार पर ट्रैक रखने तथा वृद्धि में पूर्वानुमान के लिए एक्स़पोर्ट लीडिंग इंडेक्स (ई एल आई) तैयार करने हेतु विकसित यह इन-हाउस मॉडल है। यह इंडेक्स देश के निर्यातों पर प्रभाव डालने वाले विभिन्न बाह्य एवं घरेलू कारकों को ध्यान में रखते हुए कुल वस्तु एवं गैर-तेल निर्यातों में तिमाही आधार पर वृद्धि का पूर्वानुमान लगाने के लिए एक प्रमुख संकेतक के रूप में विकसित किया गया है।
एक्ज़िम बैंक द्वारा अपने निरंतर शोध प्रयासों की कड़ी में भारत के निर्यातों का तिमाही आधार पर ट्रैक रखने तथा वृद्धिमें पूर्वानुमान के लिए एक्सतपोर्ट लीडिंग इंडेक्सर (ई एल आई) तैयार करने हेतु यह इन-हाउस मॉडल विकसित किया गया है। इस इंडेक्स को देश के निर्यातों पर प्रभाव डालने वाले विभिन्न बाह्य एवं घरेलू कारकों को ध्या न में रखते हुए इस मॉडल को देश के वस्तुक निर्यातों में तिमाही आधार पर वृद्धिन का पूर्वानुमान लगाने के लिए एक प्रमुख संकेतक के रूप में विकसित किया गया है।
विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें-
श्री डेविड सिनाटे, मुख्य महाप्रबंधक/ डॉ. विश्वंनाथ जंध्या ला, मुख्यख प्रबंधक, शोध एवं विश्लेिषण समूह,
भारतीय निर्यात-आयात बैंक, केन्द्रक एक भवन,
21वीं मंजिल, विश्वn व्यापार केन्द्र संकुल, कफ़ परेड, मुम्बुई 400005
टेलीफोनः +91-22-2217 2701/ 2708/ 2711
फैक्सःन (022) 22182572
डिस्क्लेमरः उपर्युक्त परिणाम नीति निर्माताओं, शोधार्थियों और निर्यातकों के लिए महत्त्वपूर्ण हो सकते हैं। ये पूर्वानुमान एक्ज़िम बैंक के शोध एवं विश्लेषण समूह द्वारा तैयार किए गए हैं। इसे एक्ज़िम बैंक की राय न माना जाए। एक्स़पोर्ट लीडिंग इंडेक्सस (ई एल आई) से प्राप्त तिमाही के लिए वृद्धि पूर्वानुमान वैश्विक अर्थव्यवस्था में कमोडिटी मूल्य अस्थिरता और कुछ प्रमुख विकसित और उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं द्वारा अपनाए गए व्यापार सुरक्षा उपायों सहित मुख्य रूप से हालिया घटनाओं से उत्पन्न अनिश्चितताओं के अधीन हो सकते हैं।अद्यतन डाटा में सुधार, उन्नत पूर्वानुमान पद्धतियां तथा विभिन्न तिमाहियों में प्राप्त टिप्पणियों, सुझावों और फीडबैक को शामिल करते हुए इस मॉडल में लगातार सुधार किया जाता रहेगा। वास्तविक निर्यात डाटा भारतीय अर्थव्यवस्था पर आरबीआई के आंकड़ों से लिया गया है।
बाज़ार के पूर्वानुमान के ज़रिये के तौर पर ट्विटर
आज के डिजिटल दौर में हममें से ज़्यादातर लोग एक या एक से अधिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े हैं। वे दिन याद हैं जब फेसबुक आया ही था और कैसे सभी फेसबुक से जुड़ने लगे थे अपने दोस्तों और दुनिया को अपने जीवन की कहानी से रु-ब-रु कराने के लिए?
सो, सोशल नेटवर्क के पेश होने के कुछ साल बाद, फेसबुक पर कुछ सबसे बड़ी राजनीतिक क्रांति पैदा हुई। तब दुनिया को ठीक तरह से सोशल नेटवर्क के अपने आस-पास की दुनिया को प्रभावित करने की ताक़त का अहसास हुआ।
सो ट्विटर के बारे में क्या राय है? यदि आप ट्विटर पर हैं तो आपको पता होगा कि कैसे कुछ बेहद लोकप्रिय हस्तियाँ और राजनीतिज्ञ ट्विटर पर अपने विचार और राय रख रहे हैं। लेकिन बात इतनी ही नहीं है- ट्विटर का उपयोग लाखों कंपनियां और न्यूज़ एजेसियाँ छोटे-छोटे टुकड़ों में समाचार प्रसारित कर रही हैं। ट्विटर पर एक ट्वीट में बस कुछ शब्दों में पोस्ट कर सकते हैं- सो हम देखेंगे कि इस लेख के शीर्षक के लिए यह कैसे प्रासंगिक है।
क्या आपने कभी हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग के बारे में सुना है? हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग के विकास में न्यूज़ आर्टिकल और हेडलाइन का बाज़ार की गतिविधि की दिशा का पूर्वानुमान करने में उपयोग एक बड़ा मुकाम रहा। इसे माइक्रो ट्रेंड एनालिसिस के तौर पर भी जाना जाता है और प्रोद्योगिकी के तौर पर अग्रणी कुछ कंपनियों ने बाज़ार सूचना तैयार करने के लिए हज़ारों न्यूज़ आर्टिकल का लाभ उठाया है जो हर सेकंड इन्टरनेट पर प्रकाशित होते रहते हैं। सो यह कैसे कारगर रहा और ट्विटर बाज़ार को समझने में हमें कैसे मदद करता है।
इसे समझने के लिए हमें पहले यह देखने की ज़रुरत है कि कंपनियां ट्विटर के फीड का उपयोग कैसे करती हैं। ट्विटर ने ट्विटर एपीआई पेश किया है जिससे प्रोग्रामरों को रीयल टाइम पर ट्वीट जारी करने में मदद मिलती है जो लोग लिख रहे होते हैं। अब, प्रोग्रामर इन ट्वीट को हैशटैग, स्थान और अन्य फीचरों के आधार पर इन ट्वीट को फ़िल्टर कर सकता है। इससे बगैर ज़्यादा झंझट के अपने अनुकूल सूचनाएं अलग करने और छांटने में मदद मिलती है। मिसाल के तौर पर, यदि ट्वीट में #बिटकॉइन हैशटैग है तो हमें पता चल जाता है कि इसमें कुछ बिटकॉइन के बारे में कहा गया है। असल जानकारी ट्वीट में अलग हो सकती है।
कुल मिलाकर हमें पता है कि ट्विटर प्रोग्रामरों को रीयल टाइम पर जारी हो रहे ट्वीट को स्ट्रीम करने वित्तीय पूर्वानुमान और हैशटैग, ट्वीट करने वाले व्यक्ति के स्थान, राष्ट्रीयता आदि जैसे विभिन्न फीचरों के आधार पर छांटने में मदद करता है। सो प्रोग्रामर इस डाटा के साथ क्या करते हैं? यहीं आता वित्तीय पूर्वानुमान है सबसे रोचक हिस्सा। पिछले कुछ सालों में एआई और मशीन लर्निंग के बारे में जो शोर-शराबा हुआ है उसके बारे में आपको पता ही होगा। तो एआई उतनी नई चीज़ नहीं है और डाटा साइंस उससे ज्यादा पुराना है जितना आप सोच सकते हैं।
एक मिसाल के ज़रिये हम इसे और समझने की कोशिश करते हैं। कल्पना करें कि आपकी यह समझने में रूचि है कि ट्विटर के ज़रिये टेस्ला के शेयर की कीमत की भविष्यवाणी कैसे की जा सकती है। इस सीधा तरीका है कि उन सारे ट्वीट को छांट लिया जाए जिनमें #टेस्ला है।
यह कहना थोड़ा टेढ़ा हो सकता है कि ईलॉन मस्क के बारे में लोगों की राय कैसी है इससे टेस्ला के शेयर की कीमतों पर असर हो सकता है।
खैर, जब आप कुछ खास फीचर वाले ट्वीट्स को फ़िल्टर करने की रणनीति पर टिक जाते हैं, तो आप इन ट्वीट - इन सब के सब ट्वीट में जो होता है उसका विश्लेषण करने लगते हैं । अब आप अंदाजा लगायें डाटा की उस मात्रा का जो आपके हाथ में होगी यदि आप पूरी दुनिया में जारी हो रहे #टेस्ला वाले ट्वीट स्ट्रीम कर रहे हैं। नहीं कुछ तो, आप आश्वस्त रह सकते हैं कि आप लाखों ट्वीट से डील कर रहे होंगे।
अब, प्रोग्रामर इन ट्वीट्स के साथ क्या करते हैं, हर ट्वीट से जुड़ी भावना को समझते हैं। मिसाल के लिए यदि एक ट्वीट इस बारे में है कि टेस्ला का भविष्य कैसे उज्ज्वल दिखता है, और कंपनी कैसे पिछले कुछ वर्षों से वाक़ई बढ़िया प्रदर्शन कर रही है तो ट्वीट में 'गुड', 'हाई रिटर्न, 'ग्रोथ', आदि जैसे सकारात्मक शब्द होंगे।
अब, यहीं डाटा साइंटिस्ट की विशेषज्ञता की ज़रुरत होती है-क्योंकि डाटा साइंटिस्ट प्रभावी रूप से एक रणनीति बनाने में सक्षम होगा जिसके ज़रिये रुझान के आधार पर सही तरीके से ट्वीट अलग किया जा सके। यह सीधा दिखता है, प्रोग्रामर दरअसल ट्वीट में शामिल शब्दों के आधार पर इन्हें फ़िल्टर नहीं करते हैं । इसकी वजह यह है कि कंप्यूटर संख्या समझता है, न कि शब्द -
इसलिए एल्गोरिद्म सिर्फ शब्दों के आधार पर ट्वीट का रुझान तय नहीं कर सकता। मशीन लर्निंग और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग में परिष्कृत तकनीकें हैं जो डेटा साइंटिस्ट को किसी ट्वीट से रुझान को ठीक तरीके से समझने में मदद करता है।
यह प्रक्रिया रुझान विश्लेषण (सेंटिमेंट एनालिसिस) कहलाती है -हम यहां इसकी बारीकियों में नहीं जाएंगे, लेकिन आप यह समझ सकते हैं कि डाटा साइंटिस्ट ट्वीट के रुझान तय करने के लिए एआई और एमएल तकनीकों का उपयोग करते हैं। कल्पना करें कि यह बड़े पैमाने पर, लाखों ट्वीट के लिए किया जा रहा है। इससे हमें यह समझने में मदद मिलेगी कि कैसे समय के साथ किसी शेयर या एक्सचेंज इंडेक्स से जुड़ा कुल रुझान बदल रहा है। एक काल्पनिक स्थिति के बारे में सोचें जिसमें टेस्ला का शेयर गिरने लगता है-आपको शायद नकारात्मक भावनाओं वाले ट्वीट दिखेंगे और टेस्ला के शेयर की कीमत को प्रभावित करने वाले कारकों से जुड़े कुल रुझान नकारात्मक होने लगेंगे।
हालाँकि, यहाँ एक बात ध्यान देने वाली है कि रुझान विश्लेषण में ट्वीट को सकारात्मक और नकारात्मक रुझान में वर्गीकृत करने पर निर्भर नहीं करता है- दरअसल अन्य जटिल आयाम हो सकते हैं, जिन पर ट्वीट का वर्गीकरण हो सकता है - इससे बाज़ार के बारे में अधिक सटीक तरीके से पूर्वानुमान करने की क्षमता बेहतर होती है।
जलवायु कार्रवाई को शक्ति देने के लिये, नई यूएन वित्तीय पहल
मौसम और जलवायु पूर्वानुमान को मज़बूत करने, जीवनरक्षक पूर्व चेतावनी प्रणालियों को बेहतर बनाने, कामकाज व रोज़गार की हिफ़ाज़त करने, और दीर्घकालीन निगरानी के लिये जलवायु अनुकूलन को रेखांकित करने के लिये, संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में एक नई वित्तीय पहल, गुरूवार को आधिकारिक रूप में सक्रिय हो गई है.
इस पहल का नाम - Systematic Observations Financing Facility (SOFF) है जो यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के नेतृत्व में चलाई जा रही एक नई पहल की महत्वपूर्ण आधारशिला है, जिसमें ये सुनिश्चित किया जाएगा कि अगले पाँच वर्षों के दौरान पूर्व चेतावनी सेवाओं का लाभ, पृथ्वी पर हर एक व्यक्ति को मिल सके.
Together with @UNEP, we are building upon the momentum generated over the years by ensuring that climate action is underpinned by the best available science and data. 🤝@RaoMonari 🔗https://t.co/mQc5HjBlB1 pic.twitter.com/A6DE6F35Iu
इस पहल के अन्तर्गत लम्बे समय से चली आ रही अपर्याप्त मौसम पूर्वानुमान और जलवायु सेवाओं की समस्या का हल निकालने का लक्ष्य है, विशेष रूप से कम विकसित देशों (LDC) और लघु द्वीपीय विकासशील (SIDS) देशों में.
विश्व मौसम संगठन (WMO) द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, ये पहल, पेरिस जलवायु समझौते के समर्थन में, वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लिये अन्तरराष्ट्रीय कार्रवाई को मज़बूत करेगी.
इस पहल की संचालन समिति की पहली बैठक गुरूवार को हेलसिंकी में हुई जिसमें इस सुविधा को चालू कर दिया गया है.
इस बैठक में संयुक्त राष्ट्र की तीन संस्थापक एजेंसियों – WMO, यूएन विकास कार्यक्रम (UNDP) और यूएन पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के प्रमुखों और दानदाता देशों के मंत्रियों के साथ शिरकत की.
साथ ही, कम विकसित देशों के सदस्य समूह, लघु द्वीपीय देशों के गठबन्धन के प्रतिनिधियों और विकास साझीदारों ने भी हिस्सा लिया.
पूर्वानुमान की शक्ति में जान फूँकें
यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “जलवायु संकट जैसे-जैसे बदतर हो रहा है, ये बहुत अहम है कि हम हर किसी के लिये पूर्वानुमान की शक्ति में जान फूँकें ताकि देश आपदा जोखिम को कम कर सकें.”
“इसीलिये हमने ये सुनिश्चित करने के लिये एक पहल शुरू की है कि पृथ्वी पर मौजूद हर एक व्यक्ति को, अगले पाँच वर्षों के दौरान पूर्व चेतावनी प्रणालियों का संरक्षण हासिल हो. यह लक्ष्य हासिल करने के लिये SOFF एक अनिवार्य उपकरण है.”
सर्वश्रेष्ठ विज्ञान, सर्वश्रेष्ठ डेटा
यूएन पर्यावरण कार्यक्रम की कार्यकारी निदेशिका इन्गेर एण्डर्सन ने ज़ोर देकर कहा कि अब वित्तीय संसाधन और तकनीकी क्षमता मुहैया कराकर, काम शुरू करने का समय है, ये सुनिश्चित करके कि स्थानीय स्तर से लेकर वैश्विक स्तर पर, हमारे तमाम क़दम वित्तीय पूर्वानुमान सर्वश्रेष्ठ विज्ञान और सर्वश्रेष्ठ डेटा से सूचित हों.
संयुक्त राष्ट्र की अवर महासचिव और यूएनडीपी की सहायक प्रशासक ऊषा राव मोनारी ने इस बात से सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि यूएन विकास कार्यक्रम (UNDP), SOFF यूएन बहुसाझीदार ट्रस्ट कोष का सह-संस्थापक है.
“हम विश्व मौसम संगठन और यूएन पर्यावरण कार्यक्रम के साथ मिलकर, पिछले वर्षों के दौरान बनी गतिशीलता को बुनियाद बना रहे हैं.”
उन्होंने उन तमाम हितधारकों का धन्यवाद भी किया जिन्होंने SOFF को विकसित करने में योगदान किया है.
जलवायु परिवर्तन के अनेक प्रभाव, जल सम्बन्धी घटनाओं के रूप में अनुभव किये जाते हैं, जिनमें सघन तूफ़ान भी शामिल हैं.
फिच ने 2022-23 में भारत के आर्थिक विकास दर के पूर्वानुमान को घटाकर सात प्रतिशत किया
नयी दिल्ली, 15 सितंबर (भाषा) फिच रेटिंग्स ने बृहस्पतिवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के आर्थिक विकास के पूर्वानुमान को 7.8 प्रतिशत के पिछले अनुमान से घटाकर सात प्रतिशत कर दिया। फिच ने कहा कि जून में लगाए गए 7.8 प्रतिशत की वृद्धि के अनुमान की तुलना में अब उसे 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था के सात प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। संस्था ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में भी विकास दर 7.4 प्रतिशत के पहले के अनुमान के मुकाबले अब 6.7 प्रतिशत तक रह जाने की संभावना है।
फिच ने कहा कि जून में लगाए गए 7.8 प्रतिशत की वृद्धि के अनुमान की तुलना में अब उसे 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था के सात प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है।
संस्था ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में भी विकास दर 7.4 प्रतिशत के पहले के अनुमान के मुकाबले अब 6.7 प्रतिशत तक रह जाने की संभावना है।
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बाज़ार के पूर्वानुमान के ज़रिये के तौर पर ट्विटर
आज के डिजिटल दौर में हममें से ज़्यादातर लोग एक या एक से अधिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े हैं। वे दिन याद हैं जब फेसबुक आया ही था और कैसे सभी फेसबुक से जुड़ने लगे थे अपने दोस्तों और दुनिया को अपने जीवन की कहानी से रु-ब-रु कराने के लिए?
सो, सोशल नेटवर्क के पेश होने के कुछ साल बाद, फेसबुक पर कुछ सबसे बड़ी राजनीतिक क्रांति पैदा हुई। तब दुनिया को ठीक तरह से सोशल नेटवर्क के अपने आस-पास की दुनिया को प्रभावित करने की ताक़त का अहसास हुआ।
सो ट्विटर के बारे में क्या राय है? यदि आप ट्विटर पर हैं तो आपको पता होगा कि कैसे कुछ बेहद लोकप्रिय हस्तियाँ और राजनीतिज्ञ ट्विटर पर अपने विचार और राय रख रहे हैं। लेकिन बात इतनी ही नहीं है- ट्विटर का उपयोग लाखों कंपनियां और न्यूज़ एजेसियाँ छोटे-छोटे टुकड़ों में समाचार प्रसारित कर रही हैं। ट्विटर पर एक ट्वीट में बस कुछ शब्दों में पोस्ट कर सकते हैं- सो हम देखेंगे कि इस लेख के वित्तीय पूर्वानुमान शीर्षक के लिए यह कैसे प्रासंगिक है।
क्या आपने कभी हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग के बारे में सुना है? हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग के विकास में न्यूज़ आर्टिकल और हेडलाइन का बाज़ार की गतिविधि की दिशा का पूर्वानुमान करने में उपयोग एक बड़ा मुकाम रहा। इसे माइक्रो ट्रेंड एनालिसिस के तौर पर भी जाना जाता है और प्रोद्योगिकी के तौर पर अग्रणी कुछ कंपनियों ने बाज़ार सूचना तैयार करने के लिए हज़ारों न्यूज़ आर्टिकल का लाभ उठाया है जो हर सेकंड इन्टरनेट पर प्रकाशित होते रहते हैं। सो यह कैसे कारगर रहा और ट्विटर बाज़ार को समझने में हमें कैसे वित्तीय पूर्वानुमान मदद करता है।
इसे समझने के लिए हमें पहले यह देखने की ज़रुरत है कि कंपनियां ट्विटर के फीड का उपयोग कैसे करती हैं। ट्विटर ने ट्विटर एपीआई पेश किया है जिससे प्रोग्रामरों को रीयल टाइम पर ट्वीट जारी करने में मदद मिलती है जो लोग लिख रहे होते हैं। अब, प्रोग्रामर इन ट्वीट को हैशटैग, स्थान और अन्य फीचरों के आधार पर इन ट्वीट को फ़िल्टर कर सकता है। इससे बगैर ज़्यादा झंझट के अपने अनुकूल सूचनाएं अलग करने और छांटने में मदद मिलती है। मिसाल के तौर पर, यदि ट्वीट में #बिटकॉइन हैशटैग है तो हमें वित्तीय पूर्वानुमान पता चल जाता है कि इसमें कुछ बिटकॉइन के बारे में कहा गया है। असल जानकारी ट्वीट में अलग हो सकती है।
कुल मिलाकर हमें पता है कि ट्विटर प्रोग्रामरों को रीयल टाइम पर जारी हो रहे ट्वीट को स्ट्रीम करने और हैशटैग, ट्वीट करने वाले व्यक्ति के स्थान, राष्ट्रीयता आदि जैसे विभिन्न फीचरों के आधार पर छांटने में मदद करता है। सो प्रोग्रामर इस डाटा के साथ क्या करते हैं? यहीं आता है सबसे रोचक हिस्सा। पिछले कुछ सालों में एआई और मशीन लर्निंग के बारे में जो शोर-शराबा हुआ है उसके बारे में आपको पता ही होगा। तो एआई उतनी नई चीज़ नहीं है और डाटा साइंस उससे ज्यादा पुराना है जितना आप सोच सकते हैं।
एक मिसाल के ज़रिये हम इसे और समझने की कोशिश करते हैं। कल्पना करें कि आपकी यह समझने में रूचि है कि ट्विटर के ज़रिये टेस्ला के शेयर की कीमत की भविष्यवाणी कैसे की जा सकती है। इस सीधा तरीका है कि उन सारे ट्वीट को छांट लिया जाए जिनमें #टेस्ला है।
यह कहना थोड़ा टेढ़ा हो सकता है कि ईलॉन मस्क के बारे में लोगों की राय कैसी है इससे टेस्ला के शेयर की कीमतों पर असर हो सकता है।
खैर, जब आप कुछ खास फीचर वाले ट्वीट्स को फ़िल्टर करने की रणनीति पर टिक जाते हैं, तो आप इन ट्वीट - इन सब के सब ट्वीट में जो होता है उसका विश्लेषण करने लगते हैं । अब आप अंदाजा लगायें डाटा की उस मात्रा का जो आपके हाथ में होगी यदि आप पूरी दुनिया में जारी हो रहे #टेस्ला वाले ट्वीट स्ट्रीम कर रहे हैं। नहीं कुछ तो, आप आश्वस्त रह सकते हैं कि आप लाखों ट्वीट से डील कर रहे होंगे।
अब, प्रोग्रामर इन ट्वीट्स के साथ क्या करते हैं, हर ट्वीट से जुड़ी भावना को समझते हैं। मिसाल के लिए यदि एक ट्वीट इस बारे में है कि टेस्ला का भविष्य कैसे उज्ज्वल दिखता है, और कंपनी कैसे पिछले कुछ वर्षों से वाक़ई बढ़िया प्रदर्शन कर रही है तो ट्वीट में 'गुड', 'हाई रिटर्न, 'ग्रोथ', आदि जैसे सकारात्मक शब्द होंगे।
अब, यहीं डाटा साइंटिस्ट की विशेषज्ञता की ज़रुरत होती है-क्योंकि डाटा साइंटिस्ट प्रभावी रूप से एक रणनीति बनाने में सक्षम होगा जिसके ज़रिये रुझान के आधार पर सही तरीके से ट्वीट अलग किया जा सके। यह सीधा दिखता है, प्रोग्रामर दरअसल ट्वीट में शामिल शब्दों के आधार पर इन्हें फ़िल्टर नहीं करते हैं । इसकी वजह यह है कि कंप्यूटर संख्या समझता है, न कि शब्द -
इसलिए एल्गोरिद्म सिर्फ शब्दों के आधार पर ट्वीट का रुझान तय नहीं कर सकता। मशीन लर्निंग और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग में परिष्कृत तकनीकें हैं जो डेटा साइंटिस्ट को किसी ट्वीट से रुझान को ठीक तरीके से समझने में मदद करता है।
यह प्रक्रिया रुझान विश्लेषण (सेंटिमेंट एनालिसिस) कहलाती है -हम यहां इसकी बारीकियों में नहीं जाएंगे, लेकिन आप यह समझ सकते हैं कि डाटा साइंटिस्ट ट्वीट के रुझान तय करने के लिए एआई और एमएल तकनीकों का उपयोग करते हैं। कल्पना करें कि यह बड़े पैमाने पर, लाखों ट्वीट के लिए किया जा रहा है। इससे हमें यह समझने में मदद मिलेगी कि कैसे समय के साथ किसी शेयर या एक्सचेंज इंडेक्स से जुड़ा कुल रुझान बदल रहा है। एक काल्पनिक स्थिति के बारे में सोचें जिसमें टेस्ला का शेयर गिरने लगता है-आपको शायद नकारात्मक भावनाओं वाले ट्वीट दिखेंगे और टेस्ला के शेयर की कीमत को प्रभावित करने वाले कारकों से जुड़े कुल रुझान नकारात्मक होने लगेंगे।
हालाँकि, यहाँ एक बात ध्यान देने वाली है कि रुझान विश्लेषण में ट्वीट को सकारात्मक और नकारात्मक रुझान में वर्गीकृत करने पर निर्भर नहीं करता है- दरअसल अन्य जटिल आयाम हो सकते हैं, जिन पर ट्वीट का वर्गीकरण हो सकता है - इससे बाज़ार के बारे में अधिक सटीक तरीके से पूर्वानुमान करने की क्षमता बेहतर होती है।
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