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परेड कमांड और ड्रिल | COMMANDS & DRILLS | मार्चिंग | सावधान, विश्राम, पीछे मुड़ इत्यादि की संक्षिप्त विवरण | Ncc Drill

परेड कमांड और ड्रिल

स्काउट गाइड शिक्षा स्काउट / गाइड की नेतृत्व शक्ति को निखारने में सहायक होती है । नेतृत्व शक्ति के विकास में ' आदेश देने की कला ' का अपना अलग ही योगदान रहता है । अतः स्काउट गाइड को आदेश देने में दक्ष होना चाहिए । प्रत्येक आदेश के तीन प्रकार होते है :-

1. आदेशात्मक भाग (Cautionary Part)

2. विराम (Pause)

3. निष्पादित भाग (ExecutivePart)

आदेशात्मक भाग में आवाज को कुछ लम्बी खींच कर क्रियाके लिए आगाह किया जाता है । एक क्षण रुककर निष्पादित भाग को तेजी स बाला जाता है जिस पर क्रिया शुरू कर दी जाती है । उदाहरण के लिये पीछे एए - मुड़ तेएएज - चल । पीछे की आवाज में यदि एक सेकेण्ड समय लगता है तो पहले भाग में तीन सेकेण्ड अर्थात् तिगुना लगेगा।

प्रमुख आदेश

◆ दाहिने से गिनती - कर

◆ आराम - से तेज - चल

◆ दाहिने -चल/बायें -देख

◆ दाहिने मुड़ दल कम्पनी - थम

◆ तीन कदम बायें चल

◆ दाहिने -चल तीन कदम

◆ दो कदम आगे - चल

◆ दो कदम पीछे -चल

◆ ध्वज लीडर चल - दो

◆ निकट लाइन -चल

◆ खुली लाइन - चल

◆ दल / कम्पनी - थम

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आदेश और कवायद (Commands & Drill)

आदेश नायक द्वारा दिया जाता है जबकि आदेश की क्रिया स्काउट / गाइड द्वारा की जाती है। इसी क्रिया को ड्रिल या कवायद के नाम से जाना जाता है। कुछ प्रमुख कमांड व ड्रिल का सम्पूर्ण जानकारी यहाँ दी जा रहा है।

इस ड्रिल में विश्राम की अवस्था से बायें पैर को दाहिने पैर के पास लाकर पीछे एड़ी मिलाकर ,पंजे खुले , पैरों में 45 ° का कोण बना हो। हाथ सीधे ,नीचे की ओर तने, मुट्ठी बंधी ,अंगूठे का रुख नीचे की ओर रहे। पेट तना ,सीना उठा ,कन्धे तनिक पीछे की ओर तथा नजर 100 मीटर आगे रहे । इस अवस्था को सावधान कहा जाता है, इस स्तिथि में अधिक देर तक खड़े रहना संभव नहीं होता।

यह अवस्था भी सावधान के समान ही है। अन्तर इतना है कि इसमें पैरों में लगभग 12 से.मी. का फासला हो जाता है जिसमें शरीर का वजन दोनों पैरों में बराबर पड़े। हाथ पीछे की ओर लॉक हो जाते हैं। सावधान से विश्राम की स्थिति में आने पर बायां पैर बायीं तरफ 12 से.मी. हटाते हुए हाथ पीछे इस प्रकार से बंध जाते हैं कि बायें हाथ की चार अंगुलियाँ अन्दर और उनके ऊपर दाहिने हाथ का अंगूठा हो ,सभी अंगुलियों का रुख नीचे की ओर हो। सावधान की तरह इसमें भी शरीर का कोई भी भाग (अंग) नहीं हिलना चाहिए। इस अवस्था को विश्राम की अवस्था कहते हैं। इस स्तिथि में सावधान से अधिक देर तक खड़े रह सकते है

विश्राम की अवस्था में हम शरीर को पूरा लूज छोड़ दें ,कमर से ऊपर का भाग हिला - डुला सकें तथा हाथ भी हिलाये जा सकते हैं तो इसे हम * आराम से * की स्थिति कहेंगे।

इस अवस्था में अधिक देर तक खड़ा रहना सम्भव होता है।

बायें पैर का पंजा और दायें पैर की एड़ी भूमि से तनिक ऊपर उठाकर सीने के बल से 90 ° के कोण पर दाहिने मुड़ें जिसमें प्रथम अवस्था में पैरों में फासला होगा। एक सेकण्ड शरीर का संतुलन साधते हुए रुकें । तत्पश्चात् तेजी से पीछे के पैर का अगले से सावधान की स्थिति में मिला दें। मुड़ते समय हाथ सीधे , आधी मुठ्ठी बंधी तथा बगल से चिपके रहें

दाहिने मुड़ की ही तरह दाहिने ओर 90 ° के कोण पर मुड़ें । इस बार बायें पैर का पंजा और बायें पैर की एड़ी उठायें

★ पीछे - मुड़ :-

दाहिने हाथ की ओर से रुख करते हुए पीठ पीछे ( 180 ° कोण पर ) मुड़ें । शेष प्रक्रिया दाहिने - मुड़ की भांति करें ।

★ कदम - ताल :-
इस आदेश पर बायां पैर घुटने और पेट से 90 ° का कोण बनाते हुए ऊपर उठायें । पंजा भूमि की ओर मुड़ा हो तथा दोनों हाथ सावधान की स्थिति पर हों । ज्योंही बायें पैर का पंजा भूमि पर चार्ट में ड्रिल लगे दाहिने पैर को उठायें । जब दाहिना पैर भूमि का स्पर्श करें , बायां उठा दें । इस प्रकार क्रमशः करते रहें

सावधान की अवस्था से बायें पैर और दाहिने हाथ को तेजी से आगे इस प्रकार निकाले कि पैर छोटा , तेजगति से और एड़ी भूमि का स्पर्श करें । दाहिना हाथ उतना ही ऊपर उठे जितना बायां ( पीछे का ) हाथ ऊपर उठ सकें । अर्थात् दोनों हाथ एक सी ऊँचाई पर उठे । अब दाहिना पैर आगे और बायां हाथ आगे निकालें । यह क्रम जारी रखे । इस आदेश में हाथ कुहनी से सख्त पर कन्धे पर ढीले रहें । आधी मुट्ठी बंधी अंगूठा आगे की ओर , हाथ हिलाते समय मुट्ठी भीतर ( शरीर ) की ओर हो , घुटने सख्त और नजर आगे रखें ।

★ दल / कम्पनी थम :-

बायां पैर जब भूमि का स्पर्श करे दल / कम्पनी को आदेश दें , दाहिने पर ' थम ' , दो अतिरिक्त संख्या ( एक - दो ) पर बायां पैर रुके तथा अन्त में दाहिना ।

इस आदेश पर तनिक आगे झुकते हुए तथा भूमि से एक साथ दोनों पैर उठा कर रास्ते में पैरो में कैंची बनाकर पालथी मार कर बैठें । हाथ सीधे तने , मुट्ठी बंधी घुटनो के ऊपर रखें। धड़ सीधा रहे ।

बैठी स्थिति में शरीर को टीला छोड़ दें तथा हाथ ढीले कर दें।

★ खड़े -हो / उठ -जा :-

इस आदेश पर तनिक आगे की ओर झुककर दोनों पैरों से एक साथ उछाल लेकर विश्राम अवस्था में खड़ा होना चाहिए।

इस आदेश में दोनों हाथों की कुहनी मोड़कर मुट्ठी बंधे हाथ सीने के सामने लाकर बायें पैर के पंजे आगे रखें। इसी प्रकार दाहिने पैर को भी। चार की गिनती में समय मिलाने के लिये आदेश दें । थम का आदेश भी चार की गिनती पर होगा।

★ तीन / कदम दाहिने / बायें - चल-

जितने कदम दाहिने बायें चलने का आदेश हो - बायें चलने के लिये बायें पैर से शुरू कर दाहिने पैर को अन्त में मिला दें । इसी प्रकार दाहिने चलने पर बायें पैर को अन्त में मिलायें।

★ आगे / पीछे - चल :-

की स्थिति में बायां पैर ही पहले आगे या पीछे निकलेगा।

★ दाहिने /बायें से गिनती - कर :-

अधिकाशंतः दाहिने से गिनती का आदेश दिया जाता है । पहला व्यक्ति गर्दन दाहिने मोड़कर ' एक ' की गिनती बोलेगातथा आगे के सदस्य क्रमशः दो - तीन - चार - आदि संख्या बोलकर गर्दन दाहिने मोड़कर अपने से आगे को संकेत करता जायेगा । अन्तिम सदस्य गिनती करेगा किन्तु गर्दन दाहिने नहीं मोड़ेगा । यही क्रम बायें से गिनती पर अपनाया जायेगा

शेष आदेशों में भी स्थिति के अनुसार क्रिया होगी।

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मार्च-पास्ट (March Past)

मार्च पास्ट माचिंग ड्रिल का सबसे महत्वपूर्ण भाग है अथवा कहा जाय कि सारी ड्रिल का अन्तिम परिणाम है। मार्च चार्ट में ड्रिल पास्ट से अनुशासन व चुस्ती - फुर्ती की परख होती है। सामान्यतया माचिंग तीन - तीन की पंक्तियों में की जाती है। किन्तु बड़े समारोहों में जहां संख्या अधिक होती है चार - छः - आठ आदि की पंक्तियों में भी किया जाता है।

तीन पंक्तियों के मार्च - पास्ट में लीडर दल से तीन कदम आगे होगा । आगे के तीनों दर्शक फासला बनाये रखने और सीध में दल को ले जाने के लिये जिम्मेदार रहते हैं। उनमें भी सबसे अधिक जिम्मेदारी दाहिने दर्शक की रहती है। इसीलिये वह ' दाहिने - देख के आदेश पर सामने ही देखता है । मार्च पास्ट में हाथों का बराबर ऊँचाई पर चलाना, पैर को एक साथ निकालना, दाहिने-बायें से सीधा तथा चार्ट में ड्रिल बराबर फासला रखना अति आवश्यक होता है। जो दल / कंपनी उक्त बातों में दक्ष चार्ट में ड्रिल हो उसी का मार्चिंग सर्वोत्तम कहलाता है।

संख्या ड्रिल श्रृंखला में, सबसे बड़ा ड्रिल आकार _______ होता है।

Additional Information

  • अक्षर ड्रिल श्रृंखला में ‘A’ से ‘Z’ तक ड्रिल आकार होते हैं। अक्षर ‘A’ ड्रिल 5.944 mm व्यास के साथ सबसे छोटा है, और अक्षर ‘Z’ 10.49 mm व्यास के साथ सबसे बड़ा है।
  • संख्या ड्रिल और अक्षर ड्रिल श्रृंखला में, ड्रिल का सही व्यास संबंधित ड्रिल गेज की मदद से लगाया जाता है।
  • एक ड्रिल गेज एक आयताकार या चौकोर आकार का धातु का टुकड़ा होता है जिसमें कई अलग-अलग व्यास के छिद्र होते हैं।
  • छिद्र के आकार को प्रत्येक छिद्र के खिलाफ स्टाम्प दिया जाता है।

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Last updated on Nov 24, 2022

The RRB or Railway Recruitment Board will release the official notification for the RRB JE Mechanical 2022 soon. Candidates applying for the recruitment should have Diploma or B.E/B.चार्ट में ड्रिल Tech degree. The selection process of the JE Mechanical includes four phases - Computer Based Test 1, Computer Based Test 2, Document Verification, and Medical Examination. The RRB JE Mechanical Salary for the selected candidates will be from Rs. 13,500 to Rs. 38,425.

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