कोराना काल का उत्तरार्ध आ गया है. अब ब्रम्हास्त्र चलाने का समय है. अमेरिका में भी यूएस डॉलर को पूरी तरह से डिजिटल बनाने का विचार, जो कुछ साल पहले बजट में डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टो कर की शुरुआत अकल्पनीय था, अब तूल पकड़ता जा रहा है. डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स दोनों ने पारंपरिक कागजी डॉलर के साथ-साथ अब 'डिजिटल डॉलर' पर विचार करना शुरू किया है. लेकिन इस खेल में अमेरिका अभी पीछे है.
RBI Digital Rupee FY 2022-23 Indian Digital Currency, Release Date | आरबीआई डिजिटल रुपया वित्त वर्ष 2022-23 भारतीय डिजिटल मुद्रा, रिलीज की तारीख
RBI Digital Rupee FY 2022-23 Indian Digital Currency, Release Date आरबीआई डिजिटल रुपया वित्त वर्ष 2022-23 भारतीय डिजिटल मुद्रा, रिलीज की बजट में डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टो कर की शुरुआत तारीख – वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज घोषणा की कि भारतीय रिजर्व बैंक एक डिजिटल मुद्रा जारी करेगा। यह वित्तीय वर्ष 2022-23 से शुरू होने वाले ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों पर आधारित है। जैसा कि बजट 2022 में परिकल्पित किया गया था, केंद्रीय बैंक द्वारा आरबीआई डिजिटल रुपये के उपयोग के परिणामस्वरूप अधिक कुशल और लागत प्रभावी मुद्रा प्रबंधन होगा।
भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में इसकी घोषणा की। वित्तीय वर्ष 2022-23 में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) वित्तीय वर्ष 2022-23 में ब्लॉकचेन तकनीकों और अन्य तकनीकों का उपयोग करके एक डिजिटल रुपया जारी करेगा।
रिलीज़ की तारीख
भारतीय रिजर्व बैंक की वित्तीय वर्ष 2022-2023 में ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित एक डिजिटल रुपया पेश करने की योजना है। मंगलवार को केंद्रीय बजट पेश करने वाली वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक। भारतीय रिजर्व बैंक ने सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के रूप में जानी जाने वाली डिजिटल मुद्रा लॉन्च करने के लिए ब्लॉकचेन तकनीक को नियोजित करने की योजना बनाई है। केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा की शुरूआत से डिजिटल अर्थव्यवस्था को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, डिजिटल मुद्रा का परिणाम अधिक कुशल और लागत प्रभावी मुद्रा प्रबंधन प्रणाली में होगा। भारतीय रिजर्व बैंक इस प्रकार 2022-2023 में शुरू होने वाले ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों का उपयोग करके एक डिजिटल रुपया विकसित करने का प्रस्ताव कर रहा है, ”सीतारमण ने बजट में डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टो कर की शुरुआत अपने बजट संबोधन में कहा।
एक केंद्रीय बैंक अपनी घोषणा के बाद से डिजिटल रुपये की सुरक्षा और प्रभावशीलता का मूल्यांकन कर रहा है। दिसंबर में, आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने कहा कि केंद्रीय बैंक दो प्रकार के सीबीडीसी स्थापित करने की योजना बना रहा है: एक थोक खाता-आधारित और एक खुदरा। “जबकि थोक खाता-आधारित CBDC ने महत्वपूर्ण प्रगति की है, खुदरा CBDC अधिक परिष्कृत है और इसमें अधिक समय लगेगा। संस्कार के अनुसार, आरबीआई एक पायलट बजट में डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टो कर की शुरुआत के लिए डिजिटल मुद्रा जारी करेगा जिसके आधार पर पहले तैयार है।
Highlights
- RBI की यह डिटिजल रूपी वर्चुअल करेंसी जैसे कि Bitcoin को चुनौती देगा।
- इसे भारतीय रिजर्व बैंक लीगल टेंडर के तौर पर जारी करेगा।
- इसे मौजूदा कैश की तरह डिजिटली इस्तेमाल किया जा सकेगा।
RBI आज यानी 1 नवंबर को डिजिटल रूपी (Digital Rupee) लॉन्च करेगा। भारतीय रिजर्व बैंक इस डिजिटल रूपी को पहले पॉयलट प्रोजेक्ट के तौर पर होलसेल सेगमेंट में लॉन्च करेगा। रिजर्व बैंक रिटेल सेगमेंट के डिजिटल रूपी को अगले महीने लॉन्च कर सकता है। रिटेल सेगमेंट के डिजिटल रूपी को चुनिंदा लोकेशन और क्लोज ग्रुप कस्टमर्स और मर्चेंट के लिए लाया जाएगा। इस साल पेश बजट में डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टो कर की शुरुआत हुए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहली बार Digital Rupee का जिक्र किया था। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण के दौरान कहा था कि डिजिटल रूपी को इस वित्त वर्ष में रोल आउट किया जाएगा। Also Read - RBI ने किया ऐलान, जल्द शुरू होगा E-Rupee का पायलट प्रोजेक्ट
कैश में करा सकेंगे कन्वर्ट
RBI के मुताबिक, CBDC (डिजिटल रूपी) एक पेमेंट का मीडियम होगा, जिसे सभी नागरिक, बिजनेस, सरकार एवं अन्य के लिए एक लीगल टेंडर के तौर पर लाया जाएगा। इसकी वैल्यू सेफ स्टोर वाले लीगल टेंडर नोट (मौजूदा करेंसी) के बराबर होगी। यूजर्स इसे बैंक मनी और कैश में कन्वर्ट करा सकेंगे।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने कहा था कि यह डिजिटल करेंसी मार्केट में मौजूद बजट में डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टो कर की शुरुआत अन्य वर्चुअल करेंसी जैसे कि Bitcoin को खत्म कर देगा। केन्द्रीय बैंक Bitcoin जैसे क्रिप्टो और वर्चुअल करेंसी का शुरू से ही विरोध कर रही है।
ये 9 बैंक होंगे शामिल
RBI डिजिटल रुपी के इस पॉयलट प्रोजेक्ट के लिए कुल 9 बैंक सिलेक्ट किए गए हैं। इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB), यूनियन बैंक, HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC बैंक शामिल हैं।
सेंट्रल बैंक (RBI) ने डिजिटल करेंसी को दो कैटेगरी- CBDC-W और CBDC-R निर्धारित की है। CBDC-W को होलसेल करेंसी के तौर पर यूज किया जाएगा, वहीं CBDC-R को रिटेल करेंसी के तौर पर यूज कर सकेंगे। इसका इस्तेमाल सभी प्राइवेट, नॉन-फाइनेंशियल कंज्यूमर्स और बिजनेस कर सकेंगी। RBI का कहना है कि डिजिटल रूपी की वजह से भारत की डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा। इसकी वजह से बैंफिजिकल कैश मैनेजमेंट में होने वाले खर्चे को कम किया जा सकेगा। साथ ही, डिजिटल इकोनॉमी विकसित किया जा सकेगा।
- Published Date: October 31, 2022 7:26 PM IST
Digital Currency क्या है? RBI के डिजिटल रुपये से आम लोगों को क्या फायदा होगा?
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) इस वित्तीय वर्ष सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) पेश करने की योजना बना रहा है, जिसको शुरुआत में केवल होलसेल बिजनेस करने वाले व्यापारी ही प्रयोग में ला सकेंगे. आरबीआई द्वारा होलसेल बिजनेस में इसके उपयोग की जांच करने के बाद ही CBDC को रीटेल में उपयोग के लिए पेश किया जाएगा और सामान्य उपयोग की छूट दी जाएगी.
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक RBI के एक सीनियर ऑफिसर ने कहा - ''हम इस साल होलसेल के लिए सीबीडीसी शुरू करने पर काम कर रहे हैं.''
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) क्या है?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मुताबिक CBDC केंद्रीय बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी किया गया एक लीगल टेंडर है, जो फिएट करेंसी (Fiat Currency) यानी सरकार से मान्यता प्राप्त करेंसी जैसा होता है. ब्लॉकचेन वॉलेट के जरिए डिजिटल फिएट करेंसी या सीबीडीसी का लेन-देन किया जा सकता है. सीबीडीसी से यूजर्स घरेलू और सीमा पार दोनों तरह के ट्रांजैक्शन कर सकते हैं. इसके लिए किसी थर्ड पार्टी या बैंक की जरूरत नहीं होती है. सीबीडीसी एक डिजिटल या वर्चुअल करेंसी ही है लेकिन प्राईवेट क्रिप्टोकरेंसी से कुछ मामलों में अलग है.
पिछले साल लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया था कि सीबीडीसी के शुरू होने से कई अहम फायदे होंगे. इससे कैश की निर्भरता और ट्रांजैक्शन की लागत में कमी आएगी.
सीबीडीसी के आने से अधिक मजबूत, कुशल, विश्वसनीय, विनियमित और लीगल टेंडर पर आधारित ट्रांजैक्शन के विकल्प होंगे. हालांकि, इससे जुड़े रिस्क भी हैं, जिनका मूल्यांकन करने की जरूरत है.
भारत में 2022 में क्रिप्टो करेंसी का भविष्य क्या है । future of crypto currency in India in 2022
साल 2022 में क्रिप्टो करेंसी के भविष्य (Future of Crypto Currency in india) को लेकर पिछले कुछ महीनों से भारत में काफी चर्चा हो रही है। इस वर्चुअल करेंसी के दरों में तेज बदलाव को लेकर निवेशकों के मन में हमेशा काफी दुविधा रहती है। रिपोर्टों के मुताबिक, मौजूदा समय में भारत में करीब 100 मिलियन से भी ज्यादा भारतीय नागरिक क्रिप्टो करेंसी (Crypto बजट में डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टो कर की शुरुआत Currency) में ट्रेड यानी ट्रांजेक्शन कर रहे हैं। बताया जाता है कि दुनियाभर में भारतीयों के ट्रेड करने की संख्या सबसे ज्यादा हैं। यहां हम चर्चा कर रहे हैं कि भारत में क्रिप्टो करेंसी का भविष्य क्या है और आने वाले दिनों में भारत में क्रिप्टो करेंसी का भविष्य (Future of Crypto Currency in India) यानी उसका हाल कैसे रहेगा।
युवाओं ने अब तक करोड़ों रुपये क्रिप्टोकरेंसी में किया निवेश
इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IMAI) के अनुसार, (ब्लॉकचैन और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल भी इस एसोसिएसन के पार्ट हैं) क्रिप्टो में निवेश करने वालों की भारी तादाद में अनुभवी निवेशकों के अलावा भारत के टियर-2 और टियर-3 जैसे शहरों के युवा भी शामिल हैं। टियर 1 के शहरों में तो इसके निवेशकों की काफी संख्या पहले से है। इस एसोसिएशन के अनुसार, भारत के विभिन्न शहरों के युवाओं ने करीब छह लाख करोड़ रुपये तक क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रखें हैं।
ज्ञात हो कि क्रिप्टो उद्योग पिछले एक दशक में वर्चुअल करेंसी के डेवलपर्स के एक छोटे से समुदाय से एक ट्रिलियन-डॉलर की वैश्विक अर्थव्यवस्था में विकसित हुआ है, जिसमें परिष्कृत तकनीक, विभिन्न उपयोग के मामले और लाखों उपयोगकर्ता शामिल हैं। इस उल्लेखनीय वृद्धि ने बुनियादी ढांचे की सुरक्षा से लेकर मेटावर्स, एनएफटी और डीएओ जैसी पूरी तरह से नई अर्थव्यवस्थाओं तक के महत्वपूर्ण अवसर पैदा किए हैं। जिसका लाभ खासकर युवा भी उठा रहे हैं। हालांकि, निवेशकों को यह भी आशंका है कि आगामी समय में क्रिप्टो करेंसी का भविष्य में भारत में कैसा रहेगा।
"डिजिटल करेंसी" के परिणाम जाने बिना खुश मत होइए
न्यू वर्ल्ड ऑर्डर का सबसे अहम और सबसे घातक हथियार आज सामने आ गया है. आज मोदी सरकार के यूनियन बजट में देश की पहली डिजिटल करेंसी जारी करने की घोषणा बजट में डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टो कर की शुरुआत कर दी गई है. भारत का रिजर्व बैंक हमारे समय की अब तक की सबसे महत्वपूर्ण परियोजना को शुरू कर रहा है और वह है 2022 में डिजिटल मुद्रा की शुरूआत.
दरअसल, कोरोना महामारी ने वैश्विक समाज के सभी क्षेत्रों, खासतौर पर अर्थव्यवस्था में जिन कमजोरियों को उजागर किया है. उससे पूंजीवाद के वर्तमान रूप क्रोनी कैपटलिज्म पर एक बड़ा संकट आ खड़ा है. और इस संकट को दूर करने के लिए पूरे विश्व के विभिन्न देशों के रिजर्व बैंकों के बीच डिजिटल मुद्रा की दौड़ शुरू हो गई है.
यह कदम एक क्रांतिकारी परिवर्तन साबित होने जा रहा है. अभी तक हम जिस जीवनशैली को जानते हैं, उसमें नगदी यानी कागजी मुद्रा का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है. लेकिन अब पूरी व्यवस्था ही बदलने जा रही है.
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