How to do Intraday Trading: इंटरनेट और आनलाइन ट्रेडिंग हाउसेज की पहुंच बढ़ने से अब शेयर बाजार में घर बैठे पैसे लगाना और मुनाफा कमाना आसान हो गया है.

Intraday Trading क्या है – Day Trading क्या है जाने शेयर ट्रेडिंग के बारे में हिंदी में

ट्रेडिंग से पैसे कमाने का तरीका लोगो को बहुत पसंद आता है खास कर तब जब उन्हें एक ही दिन के अन्दर ट्रेडिंग करके मुनाफा कमाने को मिले .

Intraday Trading एक ही दिन के अन्दर ट्रेडिंग करके के पैसे कमाने का सबसे आसान तरीका है . इंट्रा डे ट्रेडिंग कि मदद से लोग रोजाना हजारों रूपये कमा लेते है .

अगर आप भी इंट्राडे ट्रेडिंग करके रोज शेयर मार्केट से पैसे कमाना चाहते है तो आपको ट्रेडिंग के बारे में पूरी जानकारी होना चाहिए .

क्योंकि ट्रेडिंग एक जोखिम भरा व्यापार है और इसमें आपको नुकसान भी हो सकता है . तो ट्रेडिंग के बारे में जानने के लिए हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़े .

चलिए अब जानते है Intraday Trading Vs Day Trading में क्या अंतर है ?.

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Intraday Trading Vs Day Trading Kya Hai

Intraday ट्रेडिंग और Day ट्रेडिंग दरअसल एक ही है. एक ही दिन में कि जाने वाली ट्रेडिंग को कुछ लोग इंट्राडे ट्रेडिंग कहते है और कुछ लोग डे ट्रेडिंग कहते है . लेकिन लोगों के बीच सबसे ज्यादा इंट्राडे ट्रेडिंग शब्द प्रचलित है .

चलिए अब इंट्राडे ट्रेडिंग शब्द का मतलब जानते है .

Intradday Trading Meaning in Hindi

Intraday Trading का मतलब हिंदी में = “एक दिन में होने वाली व्यापारिक क्रिया”, आसान भाषा में कहे तो, शेयर मार्केट में एक दिन के अन्दर Share कि खरीदी और बिक्री को हम Intraday Trading कहते है .

चलिए अब जानते है इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है ?

Intraday Trading Kya Hai

शेयर मार्केट के सुबह 9:15 AM पर खुलने से लेकर दोपहर 3:20 PM तक शेयर को खरीदने और बेचने को हम इंट्राडे ट्रेडिंग कहते है .

इंट्राडे ट्रेडिंग एक दिन के अन्दर ही शेयर को खरीद कर और बेच कर कि जाती है. लेकिन इसमें शेयर मार्केट के खुलने और बंद होने का समय बहुत मायने रखता है .

क्योंकि शेयर मार्केट 9:15 AM पर सुबह खुल जाती है, तो आप मार्केट खुलने के बाद स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनी के शेयर खरीद सकते है .

और शेयर मार्केट 3:30 PM पर दोपहर में बंद हो जाती है और आपको इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर मार्केट के बंद होने से पहले शेयर को 3:20 PM तक हर हाल में बेचना होता है .

अगर आप शेयर को नहीं बेचते तो भी शेयर इंट्राडे ट्रेडिंग में आपके अकाउंट से आखरी कीमत पर बिक जाते है .

इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए लिए आपके पास अपना Trading Account होना चाहिए क्योंकि आप बिना ट्रेडिंग अकाउंट के शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं कर सकते .

चलिए अब जानते है कि ट्रेडिंग अकाउंट क्या है?

Trading Account Kya Hai

ट्रेडिंग अकाउंट हमारे बैंक के चालू खाते कि तरह ही होता है जिसमे हम जितना चाहे उतने शेयर को खरीद और बेच सकते है.

ट्रेडिंग अकाउंट में हमे Margin कि सुविधा भी मिलती है जो हमारे डाले गए पैसों को 2-5 गुना कर देती है .

मान लीजिये अपने इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है अपने अकाउंट में 10,000 रूपये डाले और आपको आपके ट्रेडिंग अकाउंट पर 5 गुना Margin कि सुविधा मिली है .

तो अब आपके 10,000 रूपए 50,000 रूपये हो जायेंगे और आप शेयर मार्केट से 50,000 रूपये कि कीमत तक शेयर खरीद पाएँगे.

अब अपना ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोले और ट्रेडिंग अकाउंट से जोड़ी जरुरी जानकारी को जानने के लिए हमारी नीचे दी गई पोस्ट पढ़े .

अगर आप जानना चाहते है कि इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करते है तो हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़े .

अब आप जान गए है Intraday Trading Kya Hai और Day Trading Kya Hai ? तो अब हमारी यह पोस्ट अपने परिवार और दोस्तों के साथ शेयर करे .

अगर आपके मन में Intraday Trading Kya Hai से जुड़े कोई सवाल है जो आप हमसे पूछना चाहते है तो अपना सवाल पोस्ट करे हम आपको तुरंत जबाब देंगे .

इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है

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Intraday Trading Tips: क्या होती है डे ट्रेडिंग? कुछ घंटों में ही मिल सकता है मोटा मुनाफा, ध्यान रखें जरूरी टिप्स

How to start Day Trading: इंटरनेट और आनलाइन ट्रेडिंग हाउसेज की पहुंच बढ़ने से अब शेयर बाजार में घर बैठे पैसे लगाना और मुनाफा कमाना आसान हो गया है.

Intraday Trading Tips: क्या होती है डे ट्रेडिंग? कुछ घंटों में ही मिल सकता है मोटा मुनाफा, ध्यान रखें जरूरी टिप्स

How to do Intraday Trading: इंटरनेट और आनलाइन ट्रेडिंग हाउसेज की पहुंच बढ़ने से अब शेयर बाजार में घर बैठे पैसे लगाना और मुनाफा कमाना आसान हो गया है.

How to start Day Trading or Intraday Trading: इंटरनेट और आनलाइन ट्रेडिंग हाउसेज की पहुंच बढ़ने से अब शेयर बाजार में घर बैठे पैसे लगाना और मुनाफा कमाना आसान हो गया है. हालांकि निवेशकों की सोच अलग अलग होती है. कुछ निवेशकों का लक्ष्य लंबी अवधि का होता है और वे अपना पैसा अलग अलग लक्ष्य पूरा करने के लिए लांग टर्म के लिए निवेश करते हैं. वहीं, कुछ निवेशक शॉर्ट टर्म गोल लेकर बाजार में पैसा लगाते हैं. इन्हीं में से कुछ इंट्राडे इन्वेस्टर्स या डे ट्रेडर्स होते हैं. इंट्राडे ट्रेड में अगर सही स्टॉक की पहचान हो जाए तो शेयर बाजार में डेली बेसिस पर पैसा लगाकर मुनाफा कमाया जा सकता है.

क्या है इंट्राडे ट्रेडिंग

असल में बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहते हैं. इसमें सुबह पैसा लगाकर दोपहर तक अच्छी कमाई की जा सकती है. यहां शेयर खरीदा तो जाता है लेकिन उसका मकसद निवेश करना नहीं, बल्कि एक दिन में उसमें होने वाली बढ़त से मुनाफा कमाना होता है. ध्यान रहे कि इसमें जरूरी नहीं है कि आपको फायदा ही हो. डे-ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो इसके लिए पहले आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होता है.

चुनें सही स्टॉक: ऐसे शेयर चुनें, जिन्हें बेचना भी आसान हो. जिन शेयरों में हाई लिक्विडिटी हो और आप उन्हें आसानी से सेल कर सकें. क्यों कि अगर आपके शेयर का कोई बॉयर नहीं होगा तो आप नुकसान में पड़ जाएंगे. लेकिन लिक्विड स्टॉक में भी 2 या 3 ही स्टॉक चुनेंं.

हॉयर ट्रेडिंग वॉल्यूम: हॉयर ट्रेडिंग वॉल्यूम वाले शेयरों का ही चुनाव करें. ऐसे शेयरों में ज्यादा से ज्यादा इन्वेसटर्स का रूझान होता है.

शेयर बाजार से अपडेट रहें: अपको डे ट्रेडिंग करते समय शेयर बाजार से अपडेट रहना जरूरी है. जानना जरूरी है कि बाजार को लेकर किस तरह कीर खबरें चल रही हैं. इससे आपको सही शेयर चुनने में मदद मिलेगी और आपद जोखिम से बच जाएंंगे.

मार्केट का ट्रेंड देखें: वोलेटाइल स्टॉक से दूर रहें और अच्छे कोरेलेशन वाले शेयरों में करें खरीददारी. शेयर का चुनाव करने के पहले बाजार का ट्रेंड जरूर देख लें, मार्केट के ट्रेंड के खिलाफ न जाएं.

एक्सपर्ट से सलाह लें: निवेश के पहले एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें. उसके बाद रिसर्च के बाद जिन शेयरों को लेकर कांफिडेंट हैं, उनमें निवेश करें.

तय करें टारगेट: शेयर खरीदने के पहले यह तय करें कि किस भाव में खरीदना है और उसका लक्ष्य कितना है.
जैसे ही लक्ष्य पूरा हो, प्रॉफिट बुकिंग करें.

स्टॉप लॉस स्ट्रैटेजी: इंट्राडे ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस जरूर लगाएं. पेनी स्टॉक में निवेश करने से बचें.

(Source: इसमें अलग अलग ब्रोकरेज हाउस की रिपोर्ट के आणार पर टिप्स दिए गए हैं.)

कितने पैसों की पड़ती है जरूरत

इंट्रा डे में आप किसी शेयर में कितनी भी रकम लगा सकते हें. शेयर बाजार में नियम है कि जिस दिन शेयर खरीदा जाता है, उस दिन पूरा पैसा नहीं देना होता है. नियम के तहत जिस दिन शेयर खरीदा जाता है, उसके 2 ट्रेडिंग दिनों के बाद पूरा भुगतान करना होता है. फिर भी आपको शेयर के भाव का शुरू में 30 फीसदी रकम निवेश करना होता है.

कैसे मिलता है फायदा

इसका उदाहरण 1 अगस्त के कारोबार में देख सकते हैं. आज एयरटेल में निवेश करने वालों की चांदी रही है और शेयर में 5 फीसदी से ज्यादा की ग्रोथ मिली है. असल में आज एजीआर इश्यू पर निवेशकों की नजर थी. सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर बकाया चुकाने के लिए टेलिकॉम कंपनियों को 10 साल का समय दिया है. जिसके बाद एयरटेल में 5 फीसदी तेजी आ गई. ऐसे ट्रेड का ध्यान रखना डे ट्रेडर्स के लिए जरूरी है.

एक्सपर्ट का मानना है कि शेयर बाजार का अधिकांश कारोबार डे ट्रेडिंग का ही होता है, लेकिन फिर भी सावधानी के साथ कारोबार करना चाहिए. शेयर का चुनाव करने के पहले बाजार का ट्रेंड जरूर देखना चाहिए. मार्केट के ट्रेंड के खिलाफ न जाएं. शेयर खरीदने के पहले यह तय करें कि किस भाव में खरीदना है और उसका लक्ष्य कितना है. स्टॉप लॉस जरूर लगाएं.

(Discliamer: हम यहां इंट्राडे कारोबार के बारे में जानकारी दे रहे हैं, न कि निवेश की सलाह. शेयर बाजार के अपने जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)

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इंट्राडे और डिलीवरी ट्रेडिंग के बीच अंतर को समझें

वारेन बफेट - वह वह व्यक्ति है जिसके बारे में बात करने पर अधिकांश लोग प्रेरित हो जाते हैंनिवेश. ज़रूर, आपने उसके बारे में सुना होगा, है ना? जब आप उनके निवेश पोर्टफोलियो को देखेंगे, तो आपको लंबी अवधि के शेयरों की एक श्रृंखला मिलेगी। और, यहीं से अपेक्षाकृत नए निवेशक भ्रमित होने लगते हैं। आखिरकार, लंबी अवधि के व्यापार के लिए एक पोर्टफोलियो बनाना हर किसी के बस की बात नहीं हो सकती है। यहीं से इंट्राडे और डिलीवरी-आधारित ट्रेडिंग के बीच चयन करने की दुविधा सामने आती है।

जबकि इन ट्रेडिंग प्रकारों के लिए रणनीतियाँ अलग हैं, वहीं अन्य महत्वपूर्ण पहलू भी हैं जिन्हें इंट्राडे और डिलीवरी के बीच के अंतर के बारे में बात करते समय ध्यान में रखा जाना चाहिए। आइए इन दोनों विकल्पों को एक साथ रखें और इस पोस्ट में उनके अंतरों का पता लगाएं।

Intraday Vs Delivery Trading

इंट्राडे ट्रेडों को परिभाषित करना

इस ट्रेडिंग सिस्टम में ट्रेडिंग सत्र के भीतर स्टॉक खरीदना और बेचना शामिल है, जो उसी दिन इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है होता है। यदि तुमविफल दिन के अंत तक आपकी स्थिति को स्क्वायर करने के लिए, विशिष्ट ब्रोकरेज योजनाओं के तहत आपका स्टॉक स्वचालित रूप से समापन मूल्य पर बेचा जाता है।

अधिकांश व्यापारी शेयरों की कीमत इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है निर्धारित करके इस व्यापार की शुरुआत करते हैं और यदि वे लक्ष्य से कम व्यापार कर रहे हैं तो उन्हें खरीद लेते हैं। और फिर, लक्ष्य तक पहुंचने पर वे स्टॉक को बेच देते हैं। और, अगर स्टॉक के लक्ष्य तक नहीं पहुंचने की भविष्यवाणी है, तो व्यापारी इसे उस कीमत पर बेच सकते हैं जो सबसे अच्छी लगती है।

इंट्राडे ट्रेडिंग के लाभ

  • आपको पूरी राशि का केवल एक निश्चित इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है भाग का भुगतान करके शेयर खरीदने को मिलता है; इस प्रकार, आपको कम निवेश करने और अधिक लाभ प्राप्त करने को मिलता है
  • यदि आपको लगता है कि किसी निश्चित कीमत की कीमत दिन में कहीं गिर सकती है, तो आप शेयर को बिना खरीदे ही बेच सकते हैं; इस तरह, आप कीमत के आधार पर बाद में स्टॉक खरीद सकते हैं और पर्याप्त लाभ कमा सकते हैं
  • डिलीवरी-आधारित ट्रेडिंग की तुलना में, इंट्राडे में ब्रोकरेज कम होता है

इंट्राडे ट्रेडिंग के नुकसान

  • आप समय नहीं दे सकतेमंडी, और इस प्रकार के व्यापार में कोई भविष्यवाणी काम नहीं करती है; इस प्रकार, आपके पास कितना भी अच्छा पैसा क्यों न हो, आपके पास 24 घंटे से अधिक के लिए स्टॉक नहीं हो सकता है
  • इस ट्रेडिंग में, आपको स्टॉक को पर रखने की सुविधा नहीं हैरिकॉर्ड करने की तारीख राइट्स इश्यू, बोनस, लाभांश, और बहुत कुछ
  • आपको बेहद सतर्क रहना होगा और हर मिनट बाजार पर नज़र रखनी होगी

डिलीवरी-आधारित ट्रेडों को परिभाषित करना

जहां तक डिलीवरी ट्रेडों का संबंध है, खरीदे गए स्टॉक को इसमें जोड़ा जाता हैडीमैट खाता. जब तक आप बेचने का फैसला नहीं करते तब तक वे कब्जे में रहते हैं। भिन्नइंट्राडे ट्रेडिंग, इसकी कोई सीमित समयावधि नहीं है। आप अपने स्टॉक को दिनों, हफ्तों, महीनों या वर्षों में भी बेच सकते हैं।

डिलिवरी-आधारित ट्रेडिंग के लाभ

  • अगर आपको लगता है कि कंपनी काफी अच्छा कर रही है तो आपको किसी स्टॉक में लंबे समय तक निवेश करने का फायदा मिलता है
  • जोखिम इंट्राडे से कम है

डिलिवरी-आधारित ट्रेडिंग के नुकसान

  • स्टॉक खरीदने के लिए आपको पूरी राशि का भुगतान करना होगा; इस तरह, जब तक आप अपने शेयर बेचने का निर्णय नहीं लेते, तब तक आपके फंड ब्लॉक हो जाते हैं

डिलीवरी और इंट्राडे दृष्टिकोण के बीच अंतर

अब जब आप इंट्राडे और डिलीवरी के अंतर को समझ गए हैं, तो यहां बताया गया है कि उनका व्यापार करने का तरीका भी अलग है:

वॉल्यूम ट्रेड

इसे एक दिन के भीतर किसी कंपनी के शेयर खरीदे और बेचे जाने की संख्या के रूप में परिभाषित किया जाता है। आमतौर पर अच्छी तरह से स्थापित और बड़े संगठनों के लिए उनकी विश्वसनीयता के कारण मात्रा अधिक होती है। इस प्रकार, यदि आप इंट्राडे चुन रहे हैं, तो विशेषज्ञ आपको इन ट्रेडों से चिपके रहने की सलाह देंगे।

लंबी अवधि के लिए कारोबार करने वालों के संदर्भ में, वे अस्थिरता के पहलू पर कम निर्भर करते हैं क्योंकि स्टॉक बेचने को तब तक के लिए टाल दिया जा सकता है जब तक कि यह आपके द्वारा निर्धारित लक्ष्य मूल्य तक नहीं पहुंच जाता।

कीमत के स्तर

दोनों ट्रेडों के लिए, मूल्य लक्ष्य निर्धारित करना एक आदर्श तरीका है। हालांकि, यह इंट्राडे ट्रेडों में बेहतर काम करता है क्योंकि ये अधिक समय के प्रति संवेदनशील होते हैं। इस पद्धति से, आप अधिक लाभदायक अवसर प्राप्त कर सकते हैं।

लंबी अवधि के ट्रेडों के लिए, आप निवेश की अवधि बढ़ा सकते हैं, भले ही आप लक्ष्य मूल्य से चूक गए हों। कई व्यापारी लक्ष्य को ऊपर की ओर संशोधित कर सकते हैं और लाभ प्राप्त करने के लिए लंबे समय तक स्टॉक रख सकते हैं।

निवेश का विश्लेषण

आमतौर पर, इंट्राडे ट्रेड तकनीकी संकेतकों पर आधारित होते हैं। ये स्टॉक के अल्पकालिक मूल्य आंदोलन को दर्शाते हैंआधार ऐतिहासिक मूल्य चार्ट के। इतना ही नहीं, बल्कि यह ट्रेडिंग इवेंट-संचालित भी हो सकती है। हालांकि, इनमें से कोई भी दृष्टिकोण दीर्घकालिक सफलता की गारंटी नहीं दे सकता है।

डिलीवरी-आधारित ट्रेडिंग के संबंध में, विशेषज्ञ सलाह देते हैंमौलिक विश्लेषण. इसका मतलब उन कंपनियों में निवेश करना है जिनके पास लंबी अवधि की भविष्यवाणी है। इसके लिए कंपनी के कारोबारी माहौल और आंतरिक संचालन के गहन विश्लेषण की जरूरत है। लेकिन ध्यान रखें कि किसी कंपनी की वित्तीय स्थिति को समझने के लिए आपको असंख्य संख्याओं और आंकड़ों से गुजरना होगा।

इंट्राडे और डिलीवरी ट्रेडिंग के बीच अंतर: आपको कौन सा चुनना चाहिए?

ज़रूर, इंट्राडे ट्रेडिंग लुभाने लगती है, लेकिन यह सभी के लिए नहीं है। जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, आपको सफलता हासिल करने के लिए हर मिनट बाजार पर नजर रखनी होगी। साथ ही, इस प्रकार को चुनना आपको तकनीकी पहलुओं, जैसे कि एल्गोरिदम और चार्ट पर निर्भर रहने के लिए मजबूर करेगा। इस प्रकार, यदि आप इस दृष्टिकोण से सहज नहीं हैं, तो आपको इस ट्रेडिंग प्रकार से दूर रहना चाहिए।

दूसरी ओर, यदि आप कुछ घंटों का निवेश करके जल्दी पैसा कमाना चाहते हैं, तो डिलीवरी-आधारित ट्रेडिंग आपके लिए एक बढ़िया विकल्प नहीं है क्योंकि इस प्रकार के लिए बहुत धैर्य की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही इसमें फंडामेंटल अप्रोच की मदद से पैसा लगाने की भी जरूरत होती है।

इंट्राडे और डिलिवरी के बीच अंतर

हिंदी

निवेश के किसी भी छात्र के लिए , सबसे बड़ी बाधा कई वर्ग-बोली को समझना है जो एक स्टॉकब्रोकर इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है लापरवाही से आपको गिरा देगा। यदि आप एक ही स्थिति में हैं , तो आप सही जगह पर आए हैं। निवेश के निर्णयों में आपकी मदद करने के अलावा , हम आपको एक अनुभवी निवेशक के रूप में बढ़ने में मदद करने के लिए अलग-अलग स्टॉक मार्किट की शर्तों के बारे में भी शिक्षित करते हैं।

यदि आपने हाल ही में स्टॉक मार्किट में कदम रखा है , तो आप पहले से ही इस सवाल पर आ गए होंगे कि क्या आप इंट्राडे ट्रेडिंग पसंद करते हैं या स्टॉक्स की डिलीवरी चाहते हैं। यह आर्टिकल आपको इंट्राडे बनाम डिलीवरी ट्रेडिंग के विषय को समझने में मदद करेगा और उनके बीच क्या अंतर होते हैं।

सही निवेश विकल्प बनाने के लिए एक नए निवेशक के लिए इंट्रा डे और डिलीवरी के बीच अंतर को समझना जरूरी होता है।

तो , स्टॉक मार्किट में ट्रेड करने के दो तरीके होते हैं। इनमें से एक इंट्राडे ट्रेडिंग है। इसका मतलब है कि आप उसी दिन स्टॉक खरीद / बेच सकते हैं , यानी , स्टॉक एक्सचेंज द्वारा निर्दिष्ट व्यापारिक घंटों के दौरान खरीद / बेच सकते हैं। इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है इस तरह , आप शेयर खरीदते हैं जब कीमत कम होती है और जब उनकी कीमतें अधिक होती हैं तो बेचते हैं। आप मूल्य की गति से लाभ पाने वाले बने रहे हों। यह इंट्राडे ट्रेडिंग होती है।

फिर , वह कौन सी डिलीवरी है जिसके बारे में आप सुनते रहते हैं ? इसका मतलब होता है , आप शेयर खरीदते हैं और उन्हें रात भर रखते हैं और उनकी डिलीवरी लेते हैं , फिर शेयर आपके डीमैट अकाउंट में दिखाई देते हैं। आप जब चाहें इन्हें बेच सकते हैं। जब आप डिलीवरी ट्रेडिंग करते हैं , तो आप किसी ऐसे व्यक्ति के रूप में जाने की संभावना रखते हैं जो केवल ट्रेडिंग के बजाय निवेश के अवसरों में अधिक रुचि रखते हैं। एक निवेशक के रूप में , आप अधिक लंबी अवधि के लिए सोचते हैं।

इंट्राडे और डिलीवरी ट्रेडिंग के बीच एक स्पष्ट अंतर होता है। अन्य इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है इंट्राडे बनाम डिलीवरी ट्रेडिंग पहलू आवश्यक पूंजी में निहित होते है। इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए , आपकी जरूरत की पूंजी कम होती है क्योंकि आप मार्जिन में भुगतान कर सकते हैं। मूल्य गति के आधार पर इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है बड़े लाभ के लिए इस छोटे भुगतान का उपयोग किया जा सकता है। आपके पास एक मार्जिन भी उपलब्ध होता है ताकि आप ऐसे लेनदेन को अंजाम दे सकें जिनका मूल्य आपकी पूंजी से कई गुना अधिक हो।

फिर , डिलीवरी ट्रेडिंग के मामले में क्या होता है ? स्टॉक की डिलीवरी लेने के लिए आपको कितना फंड चाहिए ? आपको याद रखना चाहिए कि डिलीवरी ट्रेडिंग के मामले में , आपको पूर्ण भुगतान करने की जरूरत होगी। इसलिए , आपको अपने बजट और अपने लक्ष्यों के आधार पर अच्छी योजना बनानी होगी और निवेश करना होगा। डिलीवरी बनाम इंट्राडे ट्रेडिंग के बीच यह एक और महत्वपूर्ण अंतर होते है जिसके बारे में आपको जागरूक रहना चाहिए।

हालांकि , ये दोनों के बीच परिभाषा के साधारण अंतर होते हैं। इंट्राडे और डिलीवरी ट्रेडिंग में जोखिम के अलग-अलग डिग्री शामिल होती हैं।

दोनों में जोखिम होते हैं। जब इंट्राडे की बात आती है , तो जोखिम एक दिन का मामला होता है। डिलीवरी ट्रेडिंग में , आपके पदों को लंबे समय तक रखा जाता है , इसलिए जोखिम हमेशा बना रहता है। हालांकि , यह कहना नहीं है कि इंट्राडे ट्रेडिंग तनाव – मुक्त या जोखिम – मुक्त है। वास्तव में , इंट्राडे ट्रेडिंग जोखिम भरा लग सकता है क्योंकि आपके द्वारा किया गया कोई भी लाभ या हानि उस दिन केवल सुरक्षा के प्रदर्शन पर आधारित होता है। डिलीवरी ट्रेडिंग में , भले ही एक दिन सुरक्षा ठीक नहीं हो रही हो , आप बोनस या लाभांश के माध्यम से लाभ प्राप्त करने के लिए खड़े होते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग आपको एक दिन के दौरान मूल्य लाभ का लाभ उठाने देती है। लेकिन यह मांग करता है कि आप सही प्रविष्टि और सावधानी से बाहर निकलने की योजना के लिए सतर्क रहें। आपको दिन के दौरान मूल्य गतियों पर मिनट – टू – मिनट ध्यान देने की जरूरत है , ट्रेडिंग चार्ट और अनुसंधान कंपनियों का बारीकी से उपयोग करें। आपको उच्च तरलता वाले शेयरों , अस्थिरता और अन्य कारकों के बारे में सीखना होगा जो आपको इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक को फ़िल्टर करने में मदद करते हैं।

जब डिलीवरी ट्रेडिंग की बात आती है , तो आप थोड़ा अधिक आराम कर सकते हैं क्योंकि आपकी प्रतिभूतियों को बेचने के लिए आवश्यक समय की कोई सीमा नहीं है। ट्रेडिंग शुरू करने से पहले आपको एक और इंट्राडे बनाम डिलीवरी पहलू पर विचार करना चाहिए।

एक और पहलू जो दोनों को अलग करता है वह है कम बिक्री। इंट्राडे ट्रेडिंग का एक फायदा यह है कि आप उन शेयरों को बेच सकते हैं जिन्हें आप खुद नहीं बेचते हैं। आप ब्रोकर से स्टॉक उधार लेते हैं , इसे बाजार में बेचते हैं , और दिन के लिए ट्रेडिंग खत्म होने से पहले कम कीमत के लिए इसे बाजार से वापस खरीदने की उम्मीद करते हैं। इस तरह , आप तब भी लाभ प्राप्त कर सकते हैं , जब किसी सुरक्षा की कीमत गिर रही हो। हालांकि , इसमें जोखिम शामिल होते हैं , और इसे लेने के लिए आपको डे ट्रोडिंग में कुछ अनुभव की जरूरत हो सकती है।

डिलिवरी बनाम इंट्राडे व्यापार इक्विटी बाजार में सबसे अधिक चर्चा विषयों में से एक होते है। सरल शब्दों में , यदि आप शेयर ट्रेडिंग से एक त्वरित लाभ की खोज कर रहे हैं , तो इंट्राडे डे चुनने का सही विकल्प होता है। लेकिन एक निवेशक के रूप में , आपको दीर्घकालिक निवेश पर ध्यान देना चाहिए। आप एक निवेशक के रूप में अपने लक्ष्यों के आधार पर दोनों विकल्पों का चयन कर सकते हैं या किसी एक पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

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