Paytm पर अब शेयर भी खरीद-बेच सकते हैं, जानिए कैसे करेगा यह काम
Paytm Money ने अभी सिर्फ 80,000 यूजर्स के साथ यह सर्विस शुरू की है
पेटीएम मनी (Paytm Money) से भी अब आप कंपनियों के शेयर की खरीद-बिक्री कर सकेंगे। इसके लिए पेटीएम (Paytm) ने अपने ऑनलाइन निवेश और वेल्थ मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म पेटीएम मनी पर स्टॉक ट्रेडिंग (Stock trading) फीचर लॉन्च किया है। हालांकि, कंपनी ने अभी केवल बीटा वर्जन पर सिर्फ 80 हजार एंड्रॉयड यूजर्स के लिए ही यह सेवा शुरू की है। पेटीएम की योजना अगले 6 से 8 हफ्तों में अपने सभी यूजर के लिए रिटेल शेयर ब्रोकिंग सेवा (Share Broking Service) शुरू करने की है।
Paytm ने कहा कि शेयर ब्रोकिंग के लिए केवाईसी (KYC) और अकाउंट खोलने का प्रोसेस भी पूरी तरह से पेपरलैस होगा। यूजर इस ऐप के जरिये डिजिटली अपना डीमैट अकाउंट खोल सकेंगे और शेयर में इनवेस्ट करने के साथ उसकी खरीद-बिक्री और किसी भी कंपनी के शेयर के बारे में विस्तार से रिसर्च कर सकेंगे। कंपनी ने कहा कि पेटीएम मनी ऐप से उपभोक्ता शेयर मार्केट में विभिन्न कंपनियों के शेयर की ट्रेडिंग कर सकेंगे। इसके साथ ही यूजर 50 स्टॉक्स के रीयल टाइम मूल्य को आसानी से ट्रैक कर सकते हैं और अपनी सुविधा के हिसाब से अलर्ट लगा सकते हैं। इस ऐप में दिन के टॉप गेनर, लूजर सहित और भी कई तरह की सुविधाएं दी गई हैं।
अभी टेस्टिंग मोड में है यह फीचर
Paytm के सीईओ वरुण श्रीधर (Varun sridhar) ने कहा कि यह प्लेटफॉर्म नए और पुराने निवेशकों को पूरी तरह से डिजिटल और सुरक्षित वातावरण में शेयरों में निवेश और व्यापार करने की सहूलियत देगा। हालांकि, यह फीचर अभी टेस्टिंग मोड में है, इसलिए अभी केवल चुनिंदा लोगों को ही यह सेवा मुहैया कराई गई है। लेकिन जल्दी ही हम इसे अपने सभी यूजर्स तक पहुंचाएंगे। वरुण श्रीधर ने कहा कि अभी तक म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में कारोबार करने वाली Paytm पूरी तरह से शेयर ब्रोकिंग फर्म (Share Broking Firm) बन जाएगी। कंपनी का लक्ष्य अगले साल तक Paytm money पर 2.5 लाख से अधिक एक्टिव यूजर्स (Active Users) बनाने का है, जिससे इस प्लेटफॉर्म से 6 लाख वॉल्यूम का कारोबार हो सके।
ब्रोकर मेंबरशिप मिल चुकी है
ऑनलाइन रिटेल शेयर ब्रोकिंग सेवा के लिए Paytm money को 1 अप्रैल, 2019 को ही शेयर बाजार नियामक सेबी (SEBI) से मंजूरी मिल गई थी। लेकिन कोरोना के चलते कंपनी को अपनी ये सेवा शुरू करने में देरी हुई। SEBI ने Paytm की सब्सिडियरी कंपनी Paytm money को इसके लिए मंजूरी दी थी। Paytm ने कहाल है कि उसे बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) में ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर मेंबरशिप मिल गई है। कंपनी जल्द ही स्टॉक एक्सचेंज के साथ इनवेस्टिंग और ट्रेडिंग प्रोडक्ट शुरू करेगी। वरुण श्रीधर ने कहा कि Paytm money पर इक्विटीज और कैश सेग्मेंट में भी ट्रेडिंग होगी।
ऐसे खोले अपना डीमैट अकाउंट
- Paytm money ऐप पर जाकर कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? सबसे पहले ओपन डीमैट अकाउंट (Open Demat account) पर क्लिक करें और फॉर्म भरें।
- इसके बाद आपको पेटीएम एक्जीक्यूटिव का फोन आएगा और आपको मोबाइल पर एसएमएस के जरिए और अपनी ईमेल आईडी पर एक लिंक मिलेगा।
- इस लिंक पर जाकर और अपनी केवाईसी पूरी करें। केवाईसी प्रोसेस के लिए पैन कार्ड नंबर, आधार जैसे डॉक्यूमेंट की जरूरत होगी।
- केवाईसी प्रोसेस पूरी होने के 24 घंटे के अंदर आपको क्लाइंट आईडी और पासवर्ड मिल जाएगा।
- पेटीएम मनी पर अकाउंट खोलने के लिए 300 रुपये और डिजिटल केवाईसी के लिए 200 रुपये की फीस देनी होगी।
शेयर मार्केट क्या होता है।
आइए आज हम आप लोगों को यह बताएंगे कि शेयर मार्केट क्या होता है और क्या शेयर मार्केट से पैसा कमाया जा सकता है आज के समय में नव युवक जो भी लोग हैं वह हमेशा उनके दिमाग में चलता रहता है क्या हम शेयर मार्केट से पैसा कमा सकते हैं और पैसा कमा भी सकते हैं तो कैसे कमा सकते हैं।
शेयर मार्केट क्या होता है
आसान भाषा में समझे तो शेयर का मतलब हिस्सा होता है कि आप इस शेयर में कितने का हिस्सा है कोई व्यक्ति संस्थान अपनी कंपनी में निवेश बढ़ाने के लिए अपनी कंपनी का मालिकाना हक को भेजता है उसे शेयर कहा जाता है।
कोई भी व्यक्ति किसी भी कंपनी और संस्थान के मालिकाना हक को खरीदा है उस कंपनी का हिस्सेदार हो जाता है यानी अगर आप किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के शेयर होल्डर हो जाते हैं उस कंपनी के शेयर में आप का भी अधिकार हो जाता है।
क्यों अपना शेयर कंपनियां बेचती है।
अपनी कंपनी को बड़ा करने के लिए कंपनी अपने शहर को बेचती है जो व्यक्ति इस शेयर को खरीदना है वह व्यक्ति उस कंपनी का शेयर होल्डर बन जाता है जिससे कंपनी की जो प्रॉफिट होती है उसमें उस व्यक्ति का भी शेयर होता है जिस प्रकार कंपनी ग्रोथ करती है उसी प्रकार उसमें से शेयर खरीदने वाले को प्रॉफिट होता है।
शेयर मार्केट याई स्टॉक मार्केट एक ऐसी जगह है जहां पर आप अपने पैसे का निवेश करके एक अच्छी खासी पैसा रिटर्न कर सकते हैं और कमा सकते हैं या मार्केट पूरी तरह से देश की अर्थव्यवस्था और वैश्विक संकेतों मुद्रा आरबीआई की नीतियों आज पर निर्भर करता है स्टॉक मार्केट में अलग-अलग कंपनियों के नाम से शेयर होते हैं जिसको आप खरीद कर महंगे दामों पर बेच सकते हैं और अपना प्रॉफिट कमा सकते हैं शेयर मार्केट में अपना प्रॉफिट कमाने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि आप शेयर मार्केट के बारे में जाने शेयर मार्केट क्या होता है शेयर मार्केट में पैसा कैसे लगाया जा सकता है शेयर मार्केट से पैसा कैसे कमाया जा सकता है इसमें निवेश करते समय निवेश को शुरुआती दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है लेकिन वह धीरे-धीरे जब वह शेयर मार्केट के अच्छी तरह ज्ञाता बन जाएंगे वह अपने अनुभव के दम पर पैसा कमा सकते हैं और जिन्होंने भी अनुभव किया वह अपने दम पर शेयर मार्केट से पैसा निकाल रहे हैं।
शेयर मार्केट का सेक्टरों में बटा होता है।
शेयर मार्केट स्टॉक मार्केट कई क्षेत्रों में बटा होता है जिसमें लोग खरीद और बिक्री करते हैं कई क्षेत्रों जैसे आयल क्षेत्र रियल स्टेट छेत बैंकिंग कंज्यूमर गुड्स मेटल स्टील पावर संचार
कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें निवेशक अपना पैसा निवेश करके पैसा अच्छा खासा कमा सकता है अगर किसी निवेशक को अपनी पसंदीदा कंपनी चुन्नी है तो सबसे पहले निवेशक को कंपनी के बारे में जानना बहुत ही जरूरी होता है कंपनी काम क्या करते हैं कंपनी का ग्रोथ लेवल क्या है कंपनी 1 साल में कितनी की टर्नओवर करती है यह सारी बात जानने के बाद आप यह अनुमान लगा सकते हैं कि यह कंपनी बाद में कितना ग्रोथ कर सकती है जिससे आपको जो शेयर आप खरीद के रखे हैं उसमें आपको प्रॉफिट मिल सके।
अपना बेस्ट सेक्टर चुने
जैसा कि आपने देखा कि निवेशक के लिए कई सेक्टर देखने को मिलता है लेकिन उसमें आपको किस सेक्टर में अपना निवेश करना चाहिए यह आपके विवेक पर निर्भर करता है जिससे आपको एक अच्छा खासा रिटर्न मिल सके इन सेक्टरों में कौन सा सबसे अच्छा सेक्टर है इसकी जानकारी लेने के लिए आपको न्यूज़ पेपर पढ़ना पड़ेगा जिसके जरिए आपको यह पता चलेगा कि कौन सा सेक्टर इस समय अच्छा चल रहा है। जब देश की अर्थव्यवस्था सही ढंग से नहीं चल रहा होता है और विश्व आर्थिक संकट में जूझ रहा होता है तो आपको ऐसी स्थिति में विशेषज्ञों का मानना है कि आपको मिड कैप सेक्टर को चुनना चाहिए ऐसी स्थिति में लार्जकैप स्टाफ को बहुत ही ज्यादा घाटे में चली जाती है।
शेयर मार्केट में निवेश करने का सही तरीका
जो भी व्यक्ति शेयर मार्केट में निवेश करना चाहता है उसके सामने सबसे पहला सवाल यह होता है कि शेयर मार्केट में निवेश कैसे किया जाए सबसे पहले तो यह तय करें कि आप जो भी निवेश करना चाह रहे हैं उसकी आपको जरूरत कब से क्यों इससे आपको लंबी और छोटी अवधि के शहरों का चुनाव कर सकते हैं निवेश करने के लिए आप जिस कंपनी का शेयर लेंगे उसके बारे में अच्छी तरह से पढ़ ले अच्छी तरह से उसकी जानकारी ले लें कि कंपनी क्या करती है कंपनी किस सेक्टर में काम करते हैं कंपनी का ग्रोथ लेवल क्या है यह सारी जानकारी लेने के बाद ही उसमें शेयर खरीदने के लिए सोचे शेयर मार्केट में काम करने के लिए आप सहायता ले सकते हैं यह जरूरी नहीं है कि आप एक ही कंपनी में निवेश करें एक से अधिक कंपनी में निवेश करने से फायदा यह होता है कि कोई कंपनी घाटे में जाती है तो कोई कंपनी बहुत अधिक प्रॉफिट में चली जाती है जिससे आपका कैपिटल 0 होने का चांस बहुत ही कम हो जाता है इससे आप शेयर मार्केट में पैसा कमा सकते हैं और अपने कैपिटल को बचा सकते हैं।
डीमेट अकाउंट
हो सकता है शायद डीमेट अकाउंट के बारे में बहुत लोग जानते हो लेकिन डीमेट अकाउंट क्या होता है डिमैट अकाउंट क्यों खोला जाता है यह सारी जानकारी में इस आर्टिकल में बताने वाला हूं आपको अगर शेयर मार्केट में काम करना है तो उसके लिए एक किसी भी कंपनी में डिमैट अकाउंट होना बहुत ही जरूरी है बिना डिमैट अकाउंट के जरिए आप शेयर मार्केट में ना शेयर खरीद सकते हैं ना शेयर को भेज सकते हैं इसलिए सबसे जरूरी है कि आप अपना किसी भी कंपनी में एक डिमैट अकाउंट खुलवाएं डीमेट अकाउंट के जरिए आप शेयर को खरीदते हैं और शेयर को डीमेट अकाउंट के जरिए भेज भी देते हैं डीमेट अकाउंट की बहुत सी कंपनियां हैं 5paisa एंजल ब्रोकिंग शेरखान रिलायंस मनी इंडिया इन्फोलाइन जैसी शेयर ब्रोकरेज कंपनियों से संपर्क करना पड़ता है कुछ समय पहले तक तो शेयरों का फिजिकल ट्रेनिंग होती थी इसमें शेर सीधे ट्रांसफर होते थे पर अब ऐसा नहीं है अब इनकी खरीद बिक्री किसी बैंक या वित्तीय संस्थान के डिमैट खाते के जरिए किया जाता है आप खुद या अपने स्थान पर कोई शेयर ब्रोकिंग कंपनी को चुन सकते हैं जिसके माध्यम से आप शेयर को खरीद और भेज सकते हैं।
निवेश की अवधि कैसे चुनाव करें।
निवेश की अवधि निवेशक पर निर्भर करता है वह व शेयर खरीदकर कितने दिनों के लिए छोड़ सकता है जैसे एक इंट्राडे ट्रेडिंग होती है जो पर डे खरीद कर पर डे ही बेचना पड़ता है जिसमें आपको प्रॉफिट और लॉस उसी दिन पता चल जाता है एक होती है long-term जिसमें व्यक्ति किसी कंपनी का शेयर खरीदकर उसे लांग टर्म के लिए छोड़ देता है।
कंपनी कुछ समय घाटे में चलती है फिर वह धीरे-धीरे प्रॉफिट में आ जाती है इस तरह निवेशक अपने शेयर को 3 और 6 महीने के लिए अपने पास रखते हैं जबकि लंबी अवधि कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? में खरीदे गए शेयर को 6 महीने से ऊपर तक भी अपने पास रख सकते हैं निवेशक पर निर्भर करता है उस शहर को 10 साल या उससे ऊपर भी रख सकते हैं जिससे एक उनको अच्छा रिटर्न मिल सकता है और लॉन्ग टर्म में जोखिम बहुत ही कम होता है जबकि छोटी अवध के लिए आप शेयर खरीदते हैं उस में जोखिम बहुत ज्यादा ही होता है।
आजकल शेयरों की ट्रेडिंग इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होती है यह प्रक्रिया मुंबई स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के जरिए किया जाता है एक्शन के अलावा निवेशक शेरखान रिलायंस आईसीआईसीआई डायरेक्ट ब्रोकरेज हाउस की सहायता ले सकती है।
दोस्तों शेयर मार्केट के बारे में जो हमने बताया है वह आपको जरूर ही पसंद आया होगा ऐसे ही टिप्स जानने के लिए इस पेज को फॉलो कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? करें।
जानिए कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? Share Holder बनने के क्या क्या लाभ होते हैं |
सामान्यतया कोई भी व्यक्ति being a share holder stock market में Invest करके शेयर बेचने और खरीदने की प्रक्रिया में शामिल होकर अपनी Kamai करना चाहता है | लेकिन being a share holder व्यक्ति को न सिर्फ शेयर खरीदने और बेचने का लाभ मिलता है, बल्कि ऐसे बहुत से benefits होते हैं जो किसी कंपनी द्वारा उसके Share holders को दिए जाते हैं | आज हम इसी विषय पर बात करेंगे की being a share holder एक व्यक्ति को क्या क्या लाभ (benefits) हो सकते हैं |
Benefits of being a Share holder in Hindi
1. Share Holder बनने से लाभांश में हिस्सेदारी मिलती है
Dividends से आशय लाभांश से होता है यह लाभांश कंपनी द्वारा घोषित किये जाते हैं जिस पर being a share holder Investor का पूरा अधिकार होता है | यदि की शेयर होल्डर के पास कंपनी द्वारा निर्धारित की गई समयावधि तक कंपनी के शेयर विद्यमान हैं तो इस स्थिति में वह कंपनी द्वारा दिए जाने वाले dividends पाने का अधिकारी होता है |
2. कंपनी में स्वामित्व प्राप्त होता है
Being a share holder किसी व्यक्ति को सिर्फ शेयर खरीदने और बेचने का benefits नहीं अपितु वह कंपनी में भी भागीदार बन जाता है | जिसका अभिप्राय है की जब कोई व्यक्ति किसी कंपनी के शेयर खरीदकर उसके शेयर होल्डर होने का तमगा पहनता है तो कंपनी उसे महत्वपूर्ण निर्णय लेने हेतु होने वाली मीटिंग में बुलाती है, ताकि जो भी निर्णय हो उसमे Share holders की सहमती की भी मुहर लग सके | यह तो तय है की यह मालिकाना हक़ किस अनुपात में होगा यह सब व्यक्ति द्वारा ख़रीदे गए शेयरों की संख्या पर निर्भर करेगा |
अर्थात जिस व्यक्ति के पास अधिक शेयर होंगे उसे कंपनी मीटिंग में होने वाले निर्णयों के खिलाफ या साथ में अधिक वोट देने का अधिकार होगा, और जिसके पास शेयरों कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? की संख्या कम होगी उन्हें कम वोट देने का |
being a shareholder company ownership से अभिप्राय यह बिलकुल नहीं है की यदि किसी व्यक्ति के पास किसी कंपनी के 1000-500 shares हैं तो वह ऑफिस में जाकर कंपनी चलाएगा, बल्कि एक विशेष कानून के अंतर्गत Share holders के भागीदारी संबंधी अधिकारों को प्रतिबंधित किया गया है, इसलिए यह कहा जा सकता है की being a shareholder व्यक्ति के पास सिमित अधिकार होते हैं |
3. सूचना का अधिकार प्राप्त होता है
कंपनी द्वारा अपने Share holders को समय समय पर कंपनी के कामकाज से जुड़ी information दी जाती है | इस सूचना का benefit यह होता है की व्यक्ति कंपनी से मिली अधिकारिक Information के बलबूते महत्वपूर्ण निर्णय लेने में कामयाब हो पाता है | हालाँकि जैसे की हम उपर्युक्त वाक्य में बता चुके हैं की being a shareholder कोई भी व्यक्ति कंपनी के दैनिक कार्यों में हिस्सा नहीं लेता है|
लेकिन कंपनी द्वारा लिए जाने या लिए गए निर्णयों की Information उसको दी जाती है, ताकि जिन कार्यों को आगे बढाने के लिए एक Share holder की सहमती जरुरी होती है उन कार्यों को आगे बढ़ाया जा सके |
इसके अलावा जब कोई कंपनी अपने शेयर होल्डर को कंपनी को आगे बढाने हेतु लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों और अन्य रिपोर्ट के बारे में उनको Information देती है तो इसका सबसे बड़ा benefit यह होता है की व्यक्ति अपने विवेक से यह निर्णय लेने में सक्षम हो पाता है की उसके द्वारा ख़रीदे गए शेयर को वह कब तक रखेगा, और कितने रखेगा, हो सकता है की शेयर होल्डर और शेयर ख़रीदे और यह भी हो सकता है की वह अपने सारे शेयर बेच दे |
4. Share Holder बनने से अतिरिक्त शेयरों का लाभ मिलता है
Extra Share benefits से आशय कंपनी की उस क्रिया से है जिसमे कंपनियां समय समय पर अपने शेयर धारकों को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ अतिरिक्त लाभ मुहैया कराती हैं | इनमे right issue और bonus share जैसे benefits प्रमुख हैं | right issue किसी कंपनी द्वारा केवल और केवल अपने वर्तमान Share holders के लिए जारी किया जाता है, इसमें कंपनी share holders को उसके शेयर तात्कालिक दामों से कम दामों में बेचती है और यदि कोई व्यक्ति being a share holder right issue खरीदने से मना कर देता है |
तब कंपनी उसको बाहर के व्यक्ति को बेचती है | इसके अलावा कंपनी Bonus issue जारी करके अपने share holders को उनके पास मौजूद शेयरों के मुताबिक bonus share देती है | उदाहरणार्थ : माना ABC नामक कंपनी अपना Bonus issue जारी करके प्रत्येक दो शेयर पर एक बोनस शेयर की घोषणा करती है तो इस स्थिति में जिस शेयर होल्डर के पास कंपनी के 100 शेयर हैं bonus shares को मिला के 150 हो जायेंगे |
5. मीटिंग में भाग लेने और वोटिंग का अधिकार मिलता है
किसी भी निर्णय को अंजाम तक पहुँचाने के लिए विचार विमर्श बेहद जरुरी होता है | यही कारण है की कंपनियों में भी निर्णय लेने से पहले अधिकारिक लोगों के बीच विचार विमर्श किये जाते हैं | कंपनी इन निर्णयों में विचार विमर्श का अधिकार अपने शेयर होल्डरों को उनके द्वारा लिए गए कंपनी के शेयरों के अनुपात के आधार पर प्रदान करती है |
हर साल कंपनी को अपने आप को आगे बढाने के लिए विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श की आवश्यकता पड़ती है और यदि कोई ऐसा मुद्दा जो विचार विमर्श के माध्यम से हल नहीं होता तो इस स्थिति में कंपनी शेयर होल्डर को वोट देने का अधिकार देती है | और उसी निर्णय को अंतिम रूप दे दिया जाता है जिस निर्णय के साथ अधिक निवेशक खड़े रहते हैं |
6. पोस्टल वॉलेट की सुविधा मिलती है
निवेशकों की समस्या को ध्यान में रखते हुए Postal wallet नामक concept प्रचलन में आया है, इस concept की खासियत यह है की being a shareholder कोई भी व्यक्ति कंपनी के महत्वपूर्ण निर्णयों में अपनी भागीदारी पोस्टल के माध्यम से भी कर सकता है | इसमें शेयर होल्डर को मीटिंग में उपस्थित होना जरुरी नहीं होता बल्कि वह अपना वोट पोस्ट ऑफिस के माध्यम से कंपनी को भेज सकता है |
और इसकी अहमियत भी उतनी ही होती है जितनी उपस्थित निवेशको के वोट की | कंपनी इस Postal wallet में निवेशकों को निर्णय सम्बन्धी सभी जानकारी जैसे निर्णय क्यों लिया जा रहा है इत्यादि details भेजती है | जिसमे being a share holder व्यक्ति अपने शेयरों की संख्या और पक्ष विपक्ष में वोट देकर वापस भेजता है |
उपर्युक्त benefits के अलावा being a share holder व्यक्ति को कंपनी विभिन्न benefits जैसे शेयरों की खरीद फरोख्त की आज़ादी अर्थात निवेशक चाहे तो अपने शेयर किसी भी कीमत पर बेच सकता है | और कंपनी के सरप्लस पर भी शेयरों के आधार पर हिस्सेदारी देती है |
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- शेयर बाज़ार में कैसे निवेश करें |
इनका नाम महेंद्र कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? रावत है। इनकी रूचि बिजनेस, फाइनेंस, करियर जैसे विषयों पर लेख लिखना रही है। इन विषयों पर अब तक ये विभिन्न वेबसाइटो एवं पत्रिकाओं के लिए, पिछले 7 वर्षों में 1000 से ज्यादा लेख लिख चुके हैं। इनके द्वारा लिखे हुए कंटेंट को सपोर्ट करने के लिए इनके सोशल मीडिया हैंडल से अवश्य जुड़ें।
Share Market (शेयर बाज़ार) क्या है और कैसे काम करता है?
हम रोजाना सुनते हैं की आज शेयर बाज़ार इतना गिर गया, इतना ऊपर उठ गया, लोगों को नुकसान या फायदा हो गया। लेकिन आज कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? भी बहुत से लोग हैं जिन्हें share market के बारे में बिलकुल भी नहीं पता, तो आज हम बड़े आसान से शब्दों में आपको इसके बारे में बताएँगे।
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Share Market (शेयर बाज़ार) क्या है?
सबसे पहले तो आपको बता दें की Stock Market, Equity Market या Share market – इन तीनों का एक ही मतलब होता है। यह वो मार्केट होता है जहां आप किसी भी company के share (शेयर) खरीद सकते हो। शेयर खरीदने के सीधा-सीधा मतलब यही है की आप उस कंपनी का कुछ percent हिस्सा खरीद रहे हो यानि की कुछ percent आप उस company के मालिक बन रहे हो।
आपने किसी कंपनी का शेयर खरीद लिया, अब मानो की उस कंपनी को Loss (घाटा ) हुआ तो कुछ Percent घाटा आपको भी होगा, और उस कंपनी को अगर फायदा (profit) हुआ तो आपको भी फायदा होगा।
” एक उदाहरण के तौर पर आपको समझना है तो मान लीजिये, आपको अपनी एक company खोलनी है और आपके पास सिर्फ 1 लाख रुपये हैं जो की काफी नहीं हैं। अब आप अपने किसी दोस्त के पास जाते हैं और उससे कहते हैं की तू भी 1 लाख रुपये लगा मेरी कंपनी में और उस कंपनी के हम दोनों 50-50 % मालिक होंगे। तो अब भविष्य में आपकी कंपनी को जो लाभ (Profit) होगा उसका 50% आपको मिलेगा और 50% आपके दोस्त को मिलेगा। तो इस तरह से 50% कंपनी के शेयर आपने अपने दोस्त को दे दिये हैं। ”
बस यही चीज Share Market, Equity Market या Stock market में होती है। वहाँ आप अपने दोस्त के पास गए थे और यहाँ आप पूरी दुनिया के पास जाकर कहते हैं की आओ मेरी कंपनी में Invest करो, उसके share (हिस्सेदारी) खरीदो।
Stock Exchange क्या है?
Stock Exchange वो जगह है जहां लोग किसी भी कंपनी के शेयर खरीदते या बेचते हैं। भारत में सबसे Popular Stock exchange Mumbai में है जिसे BSE यानि की (Bombay Stock Exchange) कहा जाता है। Stock Exchange में दो तरह के market होते हैं जिन्हें हा, Primary Market और Secondary market कह सकते हैं।
Primary Market वो होता है जहां एक कंपनी अपने शेयर को बेचती है। यहाँ कंपनी तय करती है की शेयर की Price क्या रखनी है, हालाकि वह कंपनी भी Demand पर तय करती है की शेयर की Price क्या रखना है, क्यूंकी वो भी ख़रीदारों पर निर्भर करतीं है की कितना पैसा लोग उनके शेयर को खरीदने में दे सकते हैं।
मान लीजिये किसी कंपनी की वैल्यू 1 लाख है और वो लोगों को 1 रुपये प्रति शेयर में अपने शेयर लोगों को बेचती है और अगर उसकी डिमांड ज्यादा हुई तो वहाँ कंपनी अपने share की कीमत को बढ़ा सकती है, क्यूंकी वहाँ डिमांड बढ़ गयी है उनके शेयर की।
Secondary Market वो होता है जहां शेयर (Share) खरीदने वाले Shares को बेचते हा खरीदते हैं। इस Market में लोग कंपनी से खरीदे गए Share को Buy/Sell करते हैं। मतलब की यहाँ कोई कंपनी नहीं होती, यहाँ Share खरीदार होते है जो की share को खरीदते है और बेचते हैं।
Primary Market में कंपनी ने अपने Share की Price को Set किया था लेकिन यहाँ Secondary market में कंपनी कुछ भी नहीं कर सकती।
कंपनी के शेयर
हर कंपनी के शेयर की कीमत एक समान होती है, ऐसा नहीं की वो हर share की कीमत अलग-अलग रख सकतीं हैं। अगर किसी कंपनी का मूल्य 1 लाख है तो वो अपने प्रति share की कीमत 1 रुपया प्रति शेयर रख सकती है या फिर 50 पैसे प्रति share के 2 लाख शेयर भी बना सकती है। मतलब की 1 लाख कंपनी के मूल्य के अंदर ही वो कंपनी अपने शेयर की price तय करती है।
यहाँ सबसे बड़ी मज़ेदार बात यह है की कोई भी कंपनी का मालिक अपने पूरे शेयर बेचने के लिए नहीं रखता, वो 50 प्रतिशत या उस से ज्यादा शेयर का हिस्सा अपने पास ही रखता है और बाकी के शेयर बेचने के लिए stock exchange में रखता है। ऐसा वो इसलिए करता है ताकि वो उस कंपनी का मालिक बना रहे, अगर वो पूरे 100% शेयर बेच देगा तो उसके जितने भी खरीदार है वो उस कंपनी के मालिक बन जाएंगे।
जैसे की, 1 लाख की आपकी कंपनी है और आपने उसके सारे शेयर बेच दिया और लोगों ने कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? उन सभी Shares को खरीद लिया तो आप उस कंपनी के मालिक अब नहीं रहे, अप वो Share खरीदने वाले उस कंपनी के मालिक बन जाएंगे। इसलिए हर कंपनी का मालिक 50% या उस से ज्यादा Shares अपने पास रखता है, ताकि वो कंपनी का मालिक बना रहे और सारे निर्णय वो ले सके।
भारत के स्टॉक एक्स्चेंज (Stock Exchange)
सभी देशों के अपने-अपने Stock Exchange होते हैं। भारत में भी दो प्रमुख Stock exchange हैं।
- BSE – Bombay Stock Exchange
- NSE – National Stock exchange
सेंसक्स और NIFTY क्या है?
इन BSE और NSE में सभी कंपनी के शेयर का भाव ऊपर जा रहा है या नीचे जा रहा है इस चढ़ाव-उतार को देखने के लिए हमारे यहाँ सेंसक्स और NIFTY बनाई गयी है। सेंसेक्स या नीफ़्टी एक सूचकांक / बेंचमार्क है जिसका उपयोग BSE और NSE में सूचीबद्ध कंपनियों के प्रदर्शन को मापने के लिए किया जाता है।
सेंसक्स यह BSE की top 30 कंपनी के share के प्रदर्शन को दिखाता है की किस कंपनी के शेयर ऊपर-नीचे जा रहे हैं। सेंसक्स का फुल फॉर्म होता है Sensitivity Index
Nifty (निफ्टी) का full form है National Fifty यह भी NSE की Top 50 कंपनी के share में हुये चढ़ाव-उतार के Index को दिखाता है।
शेयर बाज़ार का इतिहास (Share Market History)
शेयर बाज़ार का इतिहास बहुत पुराना है, आज से करीब 400 साल पहले इसकी शुरुआत हुई थी। 1600 सदी के समय एक Dutch East India company थी जैसे की ब्रिटिश की East India company थी। उस जमाने में नक्शे की खोज नहीं हुई थी तो लोग समुद्री जहाज़ के जरिये दुनिया के अलग-अलग जगहों को खोज करते थे। यह कंपनी अपने जहाजों को भेजती थी दुनिया के देशों की खोज करने के लिए ताकि व्यापार कर सकें।
यहाँ सबसे बड़ी परेशानी यह थी की इस कंपनी को दूर-दूर तक सफर करना पड़ता था जिसमें काफी पैसा खर्च करना पड़ता था। इस परेशानी का उपाय उन्होने यह किया की उन्होने लोगों के बीच जाकर ये कहा की आप हमारे जहाजों में आकर पैसा लगाओ ताकि वो जहाज़ दूर-दूर का सफर तय करके दूसरे देशों से जो भी पैसा कमाकर लाएँगे वो पैसे का हिस्सा आप लोगों में बाँट दिया जाएगा। अब जो पैसा लगाने वाले थे वो अलग-अलग जहाजों में अपना पैसा निवेश करने लगे। तो इस तरह से Share bazaar का उदय हुआ।
आज हर देश के पास अपना-अपना Stock Exchange है और किसी भी देश की economy उसके शेयर बाज़ार पर काफी निर्भर करती है।
शेयर कैसे खरीदें – How To Buy Share in Hindi?
शेयर बाज़ार में अपना पैसा लगाना और शेयर खरीदना अब बहुत आसान हो गया है। अब आप ऑनलाइन ही share खरीद सकते हैं। इसके लिए आपके पास Bank Account, Demat Account और Trading Account होना जरूरी है।
अब आपको एक बात और ध्यान रखनी है वो यह की आप एक Retail Investor के तौर पर Stock Exchange में शेयर खरीदने के लिए जा रहे हैं। आम लोग जब Retail Investor के तौर पर कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? जब शेयर खरीदने जाते हैं तो उन्हें जरूरत पड़ती है एक ब्रोकर की (दलाल की), यह Broker का काम होता है Buyer और Seller को एक साथ मिलाना।
ब्रोकर के रूप में एक बैंक भी हो सकता है, आज कई Mobile एप्लिकेशन भी हैं और कोई एक खास group भी हो सकता है जिसकी मदद से आप Share खरीद सकते हैं।
जब आप ब्रोकर (दलाल) के माध्यम से Stock Market में अपना पैसा लगाते हैं तो ये ब्रोकर कुछ कमीशन लेता है जिसे Brokerage rate भी कहते हैं।
आशा करते हैं शेयर बाज़ार क्या है, कैसे काम करता है और किस तरह से आप भी शेयर खरीद सकते हैं इसकी जानकारी आपको मिल गयी होगी। यदि आपको भी शेयर बाज़ार में अपने पैसा लगाना है तो सबसे पहले इसकी पूरी जानकारी आपको होना बेहद जरूरी है।
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