4.कुछ और महत्वपूर्ण जानकारियाँ
Station Guruji
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अच्छा शेयर कैसे चुनें? इसमें मैंने आपको बताया इन्वेस्टमेंट करने से पहले क्या करें था कि अच्छे शेयर चुनने से पहले किन-किन बातों पर इन्वेस्टमेंट करने से पहले क्या करें ध्यान देना आवश्यक है।
यदि आपको स्टॉक मार्केट में सफल निवेशक बनना है तो आपको कई बातों पर ध्यान देना होगा। आप चाहे लंबी अवधि के लिए स्टॉक मार्केट में निवेश करते हैं या फिर Intraday Trading करते हैं।
हर परिस्थिति में अच्छी स्टॉक को चुनना आवश्यक है। आज मैं आपको एक ट्रिक बता रहा हूं जिसके द्वारा आप एक सेकंड में मालूम कर सकते हैं कि यह शेयर खरीदना चाहिए या नहीं।
दोस्तों एक अच्छा शेयर का चुनाव के जितने भी तरीके हैं हम सभी अपनाते हैं। शेयर को सेलेक्ट कर लेते हैं। जब उसे खरीदे लगते हैं तो मन में कई तरह की आशंका उत्पन्न होने लगती है। यह शेयर महंगा तो नहीं है। इसे लेने के बाद इसका दाम नीचे तो नहीं गिर जाएगा।
P/E Ratio का मतलब क्या है?
P/E Ratio का अर्थ Price Earning Ratio है।
साधारण भाषा में इसका मतलब यह होता है कि हमें कितने रुपए लगाने पर कितने रुपए मिलेगा।
उदाहरण द्वारा इसे समझते हैं। रिलायंस कंपनी के 1 शेयर का दाम अभी ₹ 2000 हैं। इस कंपनी ने पिछले 1 साल में ₹ 200 लाभ दिया है। यदि मुझे इसका P/E Ratio निकालना है तो 2000 ÷ 200 = 10 निकलेगा।
इस P/E Ratio का मतलब यह हुआ कि आपको ₹ 1 कमाने के लिए रिलायंस कंपनी में ₹10 लगाना पड़ेगा। या दूसरे भाषा में ₹ 2000 केेेेेेे निवेश पर हमें ₹ 200 प्राप्त होगा।
इस प्रकार P/E Ratio उसे कहते हैं जिसे प्रति शेयर बाजार मूल्य में उसके द्वारा दी गई आय के द्वारा भाग देने पर जो प्राप्त इन्वेस्टमेंट करने से पहले क्या करें होता है वही P/E Ratio है।
शेयर खरीदने हेतु P/E Ratio क्या होने चाहिए
अब आपके मन में यह सवाल उठता होगा कि शेयर खरीदने वक्त हमें कितना P/E Ratio का शेयर खरीदना चाहिए और कितना P/E Ratio शेयर नहीं खरीदना चाहिए।
आमतौर पर वित्तीय सलाहकार कहते हैं कि जिसका P/E Ratio 30 से ज्यादा है उसे हमें नहीं खरीदना चाहिए। क्योंकि यदि मुझे ₹30 लगाकर सालाना ₹1 प्राप्त हो यहां तक तो ठीक माना जा सकता है। पर उससे ज्यादा लगाकर यदि मुझे ₹1 प्राप्त हो तो यह कभी भी ठीक नहीं माना जा सकता।
वैसे जैसे जैसे कंपनी मुनाफा कमाता रहता है उसका P/E Ratio बढ़ता रहता है। इसलिए आप कंपनी के पिछले कुछ सालों का मुनाफा देख इन्वेस्टमेंट करने से पहले क्या करें सकते हैं। यह जरूरी नहीं कि P/E Ratio ज्यादा होने से उस शेयर में निवेश ना करें।
म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट कैसे करे – आसान हिन्दी में बेहतरीन आर्टिकल्स की एक शुरुआती गाइड
म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट हर एक इन्वेस्टर के बीच काफ़ी लोकप्रिय हैं । जिसका कारण है इससे मिलने वाले फायदे। इसके कईं फायदों में से कुछ सबसे महत्वपूर्ण फ़ायदे नीचे दिए हैं, जो इन्वेस्टर्स को अपनी ओर खींचते है और जिसकी वजह से –
- इन्वेस्टर्स कितनी भी राशि के साथ शुरुआत कर सकते हैं ( 500 जितना कम भी )
- इन्वेस्टर्स, अलग-अलग स्टॉक्स और डेट,गोल्ड जैसे इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं
- हर महीने ऑटोमेटेड इन्वेस्मेंट्स शुरू कर सकते हैं (SIP)
- डीमैट अकाउंट खोले बिना भी इन्वेस्ट कर सकते हैं
शुरुआती इन्वेस्टर्स के लिए इस म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट गाइड में हमने कुछ आर्टिकल्स को आपके लिए चुना है। जो म्युचुअल फंड को समझने में और कैसे इन्वेस्ट करना शुरू करें, इसमें आपकी मदद करेंगे। हम सुझाव देंगे कि आप इस पेज को बुकमार्क कर इन्वेस्टमेंट करने से पहले क्या करें लें ताकि आप इन आर्टिकल्स को अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी पढ़ सकें।
Investment Tips: पांच साल में 5 लाख जमा करना चाहते हैं, हर महीने SIP में करें इतना निवेश
Investment Tips: अगर आप पांच साल में बड़ी रकम जमा करना चाहते हैं, तो यह खबर आपके लिए है। आप हर महीने सिर्फ 6500 रुपये की बचत करके इन्वेस्टमेंट करने से पहले क्या करें 5 साल में पांच लाख रुपये से ज्यादा जमा कर सकते हैं। एक व्यवस्थित निवेश योजना आपको अपना सपना पूरा करने में मदद कर सकती है। इसमें आप नियमित अंतराल पर छोटी रकम निवेश कर सकते हैं। यदि आप पांच वर्ष में लाखों रुपये जमा करना चाहते हैं तो आइए जानते हैं एसआईपी कैलकुलेटर (SIP Calculator) की मदद से इस निवेश के बारे में।
पांच साल में 5 लाख कैसे जमा करें?
अगर आप 5 साल के लिए सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan) में हर महीने 6500 रुपये का निवेश करते हैं, तो आपका कुल निवेश 3,90,000 रुपये होगा। इस तरह 12 फीसदी ब्याज दर पर आपको रिटर्न के तौर पर 1,46,161 रुपये मिलेंगे। ऐसे में पांच साल बाद कुल राशि 5,इन्वेस्टमेंट करने से पहले क्या करें 31,161 हो जाएगी।
किसी इक्विटी फंड में निवेश करने से पहले किन जानकारियों और जोखिम मानकों पर विचार किया जाना चाहिए?
अपने पोर्टफोलियो के लिए इक्विटी फंड चुनने के लिए एक व्यवस्थित चुनाव प्रक्रिया की ज़रूरत होती है जिसमें दो फेज़ होते हैं। पहला फेज़ आपके बारे में है और यह आपके पोर्टफोलियो में इक्विटी म्यूचुअल फंड की ज़रूरत या आपके वित्तीय गोल के साथ ही इसकी समय सीमा, इक्विटी फंड में निवेश के प्रकार और आपकी जोखिम लेने की क्षमता के असेसमेंट से शुरू होता है। एक बार जब ये तीनों चीजें तय हो जाती हैं, तो मौजूदा फंड्स में से सही फंड चुनने का अगला चरण यानी दूसरा फेज़ शुरू होता है।
किसी इक्विटी फंड में निवेश करने से पहले किन जानकारियों और जोखिम मानकों पर विचार किया जाना चाहिए?
अपने पोर्टफोलियो के लिए इक्विटी फंड चुनने के लिए एक व्यवस्थित चुनाव प्रक्रिया की ज़रूरत होती है जिसमें दो फेज़ होते हैं। पहला फेज़ आपके बारे में है और यह आपके पोर्टफोलियो में इक्विटी म्यूचुअल फंड की ज़रूरत या आपके वित्तीय गोल के साथ ही इसकी समय सीमा, इक्विटी फंड में निवेश के प्रकार और आपकी जोखिम लेने की क्षमता के असेसमेंट से शुरू होता है। एक बार जब ये तीनों चीजें तय हो जाती हैं, तो मौजूदा फंड्स में से सही फंड चुनने का अगला चरण यानी दूसरा फेज़ शुरू होता है।
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