भुगतान तकनीक की आवश्यकता क्यों है?
Y -12705 (मोरमुगाओ)
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में भारतीय नौसेना को प्रोजेक्ट 15-B के तहत Y- 12705 (मोरमुगाओ), स्टील्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर का दूसरा जहाज, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा सौंपा गया।
प्रोजेक्ट 15-B क्या है ?
- नौसेना की मारक क्षमता में बढ़ोत्तरी करने के लिए युद्धपोत बनाने की परियोजना,प्रोजेक्ट 15-B के तहत 4 जहाजों को बनाने के लिए 2011 में अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।
- इसी परियोजना के पहले जहाज INS- विशाखापत्तनम को 2021 में भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया था।
- INS- मोरमुगाओ, प्रोजेक्ट-15-B श्रेणी का दूसरा स्वदेशी स्टील्थ विध्वंसक है।
- इस जहाज का नाम गोवा के समुद्री क्षेत्र मोरमुगाओ को समर्पित है।
Y -12705 (मोरमुगाओ)के बारे में
- यह जहाज 163 मीटर लंबा और 17 मीटर चौड़ा है। 'फ्लोट' और 'मूव' श्रेणियों में अनेक स्वदेशी उपकरणों के अलावा, विध्वंसक को निम्नांकित प्रमुख स्वदेशी हथियारों के साथ निर्मित किया गया है। परियोजना की समग्र स्वदेशी सामग्री लगभग 75 प्रतिशत है।
(a) मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (BEL, बैंगलोर)
(b) सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल (ब्रह्मोस एयरोस्पेस, नई दिल्ली)
(c) स्वदेशी टॉरपीडो ट्यूब लॉन्चर (L&T , मुंबई)
(d) पनडुब्बी रोधी स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर (L&T , मुंबई)
(e) 76 MM भुगतान तकनीक की आवश्यकता क्यों है? सुपर रैपिड गन माउंट (BHEL , हरिद्वार)
SOURCE –PIB
PSLV-C 54
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में ISRO ने PSLV-C54 को ओशनसैट-3 (EOS -06) और 8 नैनो उपग्रहों के साथ लॉन्च किया।
प्रमुख बिंदु
- अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट-6, ओशनसैट श्रृंखला में तीसरी पीढ़ी का उपग्रह है।इसका उद्देश्य पेलोड विनिर्देशों के साथ-साथ ओशनसैट -2 अंतरिक्ष यान को निरंतरता सेवाएं प्रदान करते रहना है।
8 नैनो उपग्रहों में भूटान के लिए इसरो नैनो सैटेलाइट-2 (INS-2B), आनंद, एस्ट्रोकास्ट (चार उपग्रह) और दो थायबोल्ट उपग्रह शामिल हैं। INS-2B अंतरिक्ष यान में 2 पेलोड होंगे अर्थात् NanoMx और APRS-Digipeater।
- आनंद नैनोसैटेलाइट- बेंगलुरु स्थित स्पेस स्टार्ट-अप, पिक्ससेल द्वारा विकसित।यह लो अर्थ ऑर्बिट में एक माइक्रोसेटेलाइट का उपयोग कर, पृथ्वी अवलोकन के लिए कैमरों की क्षमताओं और व्यावसायिक अनुप्रयोगों को प्रदर्शित करने के लिए प्रौद्योगिकी प्रदर्शक है।
- एस्ट्रोकास्ट -हैदराबाद स्थित ध्रुव स्पेस द्वारा विकसित।एक 3-U अंतरिक्ष यान है। यह इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) के लिए एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शक उपग्रह है।
- थायबोल्ट- अमेरिका स्थित स्पेसफ्लाइट द्वारा विकसित ।यह एक 0.5-U अंतरिक्ष यान बस है जिसमें कई उपयोगकर्त्ताओं के लिए तेजी से प्रौद्योगिकी प्रदर्शन और नक्षत्र विकास को सक्षम करने के लिए एक संचार पेलोड शामिल है।
SOURCE-TH
पेमेंट एग्रीगेटर
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में RBI ने Paytm पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड को भुगतान एग्रीगेटर के रूप में काम करने के लिए आवेदन फिर से जमा करने के लिए कहा है।
पेमेंट एग्रीगेटर क्या है?
- एक भुगतान एग्रीगेटर (या भुगतान सेवा प्रदाता) एक तृतीय-पक्ष है जो व्यापारियों के उपभोक्ताओं के साथ ऑनलाइन लेन-देन का प्रबंधन और प्रसंस्करण करता है, जिससे भुगतान तकनीक की आवश्यकता क्यों है? व्यापारियों को उनकी भुगतान प्रक्रिया में अधिक व्यावहारिक होने की अनुमति मिलती है। भुगतान क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, ई-वॉलेट, या बैंक हस्तांतरण द्वारा होता है।
पेमेंट गेटवे
- पेमेंट गेटवे एक सॉफ्टवेयर सेवा है जो ई-कॉमर्स व्यवसायों को उनकी वेबसाइट/ऐप पर लेन-देन की प्रक्रिया करने की अनुमति देती है। यह क्रेडिट/डेबिट कार्ड, नेट-बैंकिंग, ई-वॉलेट और यूपीआई के माध्यम से भुगतान स्वीकृति की अनुमति देता है।
लाइसेंस की आवश्यकता क्यों है?
- भुगतान एग्रीगेटर लाइसेंस ,एक फर्म को विभिन्न प्रकार के भुगतान साधनों के साथ मूल रूप से भुगतान विकल्प प्रदान करने की अनुमति देता है। यह अनिवार्य रूप से भुगतान गेटवे का एक विकास है।
- RBI कम समय के लिए ही लाइसेंस जारी करता है।
UN कंट्री टीम (UNCT)
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में मिस्र में हुए CoP- 27 में केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ने UN कंट्री टीम (UNCT) की विशेष बैठक को संबोधित किया।
UNCT के बारे में
- UNCT,132 देशों में मौजूद है।
- इसमें संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम वाले सभी 162 देशों को शामिल किया गया है ।
- UNCT का नेतृत्व संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रतिनिधि द्वारा किया जाता है।
- लक्ष्य- संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास सहयोग ढाँचे सहित सरकार के विकास एजेंडे के समर्थन में मूर्त परिणामों की डिलीवरी सुनिश्चित करना और रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर सिस्टम के हिस्से के रूप में योजना बनाना है।
- संयुक्त राष्ट्र की टीम के विकास कार्यक्रम का मार्गदर्शन करना है।
- UNCT देशों को अंतर-एजेंसी समन्वय और निर्णय लेने में सहायता करता है।
SOURCE-PIB
अंतर्राष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन (IEC)
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में भारत 2023-25 के कार्यकाल के लिए अंतर्राष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन (IEC) के वाइस प्रेसीडेंसी एंड स्ट्रेटेजिक मैनेजमेंट बोर्ड (SMB) में चयनित हुआ है।
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यह हमारे ग्राहकों के बारे में है
हॉस्पिटैलिटी, कैसीनो और गेमिंग, रिसॉर्ट्स और कंट्री क्लब उद्योगों में दुनिया भर में हमारे ग्राहकों के लिए ड्राइविंग बॉटम-लाइन वैल्यू।
मैट ओ'माले
क्रय के क्षेत्रीय निदेशक, यूएसए
प्रोजेक्ट स्क्रीन को देखना इतना आसान है। मुझे अब एक से अधिक स्प्रैडशीट में अनेक बजट रखने की आवश्यकता नहीं है। पूरी परियोजना स्वचालित है और एक केंद्रीय स्थान पर है। बचाए गए समय की मात्रा दिमागी दबदबा है।
जॉन हप्पमैन
सीनियर मैनेजर-कुलिनरी ऑपरेटर्स, ग्लोबल रेसिपी डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेशन
पोषण डेटा तक आसान संगठन-व्यापी पहुंच के अलावा, बिर्चस्ट्रीट तकनीक विक्रेताओं के साथ जुड़ती है, इसलिए यदि मैं केकड़ा केक डिनर कर रहा हूं, तो मुझे स्वचालित रूप से केकड़े की कीमत का पता चल जाता है। यह दिन-प्रतिदिन वित्तीय स्थिति की एक बेहतर तस्वीर प्रदान करता है, इसलिए खर्च को बढ़ाने के लिए निर्णय किए जा सकते हैं।
फोर सीजन्स होटल एंड रिसॉर्ट्स
दुनिया भर में हमारी संपत्तियों में BirchStreet के कार्यान्वयन ने हमारी नियंत्रण प्रक्रियाओं, आपूर्तिकर्ता प्रबंधन, खर्च विश्लेषण, साझा सेवाओं की गतिविधियों में सुधार किया है और इसके प्रभाव के संदर्भ में कम करके आंका नहीं जाना चाहिए, इसके प्रभाव के सभी उपयोगकर्ताओं के बीच जागरूकता बढ़ी है। खरीद गतिविधियों।
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कुकीलॉइन्फो-चेकबॉक्स-एनालिटिक्स | 11 महीने | यह कुकी GDPR कुकी सहमति प्लग इन द्वारा सेट की गई है। कुकी का उपयोग "एनालिटिक्स" श्रेणी में कुकीज़ के लिए उपयोगकर्ता की सहमति को संग्रहीत करने के लिए किया जाता है। |
कुकीलॉइन्फो-चेकबॉक्स-कार्यात्मक | 11 महीने | कुकी को "कार्यात्मक" श्रेणी में कुकीज़ के लिए उपयोगकर्ता की सहमति रिकॉर्ड करने के लिए GDPR कुकी सहमति द्वारा सेट किया गया है। |
कुकीलॉइन्फो-चेकबॉक्स-आवश्यक | 11 महीने | यह कुकी GDPR कुकी सहमति प्लग इन द्वारा सेट की गई है। कुकीज़ का उपयोग "आवश्यक" श्रेणी में कुकीज़ के लिए उपयोगकर्ता की सहमति को संग्रहीत करने के लिए किया जाता है। |
कुकीलॉइन्फो-चेकबॉक्स-अन्य | 11 महीने | यह कुकी GDPR कुकी सहमति प्लग इन द्वारा सेट की गई है। कुकी का उपयोग "अन्य" श्रेणी में कुकीज़ के लिए उपयोगकर्ता की सहमति को संग्रहीत करने के लिए किया जाता है। |
कुकीलॉइन्फो-चेकबॉक्स-प्रदर्शन | 11 महीने | यह कुकी GDPR कुकी सहमति प्लग इन द्वारा सेट की गई है। कुकी का उपयोग "प्रदर्शन" श्रेणी में कुकीज़ के लिए उपयोगकर्ता की सहमति को संग्रहीत करने के लिए किया जाता है। |
देखी गई_कुकी_नीति | 11 महीने | कुकी जीडीपीआर कुकी सहमति प्लगइन द्वारा सेट की जाती है और इसका उपयोग स्टोर करने के लिए किया जाता है कि उपयोगकर्ता ने कुकीज़ के उपयोग के लिए सहमति दी है या नहीं। यह कोई व्यक्तिगत डेटा संग्रहीत नहीं करता है। |
कार्यात्मक कुकीज़ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वेबसाइट की सामग्री को साझा करने, फीडबैक एकत्र करने और अन्य तृतीय-पक्ष सुविधाओं जैसे कुछ कार्यों को करने में मदद करती हैं।
प्रदर्शन कुकीज़ का उपयोग वेबसाइट के प्रमुख प्रदर्शन सूचकांकों भुगतान तकनीक की आवश्यकता क्यों है? को समझने और उनका विश्लेषण करने के लिए किया जाता है जो आगंतुकों के लिए बेहतर उपयोगकर्ता अनुभव प्रदान करने में मदद करता है।
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अन्य अवर्गीकृत कुकीज़ वे हैं जिनका विश्लेषण किया जा रहा है और जिन्हें अभी तक किसी श्रेणी में वर्गीकृत नहीं किया गया है।
डिजिटल इंडिया: डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था के लिए एक कार्यक्रम
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम (1.5 MB) - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है का उद्देश्य देश को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में परिणत करना है। यह 7 अगस्त 2014 को डिजिटल इंडिया कार्यक्रम (1.5 MB) - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है पर प्रधानमंत्री - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है की बैठक के दौरान कार्यक्रम के प्रारूप पर लिए गये महत्वपूर्ण निर्णयों का अनुपालन और सरकार के सभी मंत्रालयों को इस विशाल कार्यक्रम के प्रति जागरूक करने के लिए है जो सरकार के सभी क्षेत्रों पर रोशनी डालती है। यह कार्यक्रम इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डीईआईटीवाई) द्वारा परिकल्पित किया गया है।
यह कार्यक्रम वर्तमान वर्ष से 2018 तक चरणबद्ध तरीके से कार्यान्वित किया जायेगा। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम (1.5 MB) - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है परिवर्तनकारी प्रकृति का है जो यह सुनिश्चित करेगा की सरकारी सेवाएँ इलेक्ट्रॉनिक रूप से नागरिकों के लिए उपलब्ध हैं।
वर्तमान में अधिकतर ई-गवर्नेंस परियोजनाओं के लिए धन का स्रोत केन्द्रीय या राज्य सरकारों में संबंधित मंत्रालयों / विभागों के बजटीय प्रावधानों के माध्यम से होता है। डिजिटल इंडिया (1.5 MB) - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है की परियोजना(ओं) के लिए धन की आवश्यकताओं का आकलन संबंधित नोडल मंत्रालयों/विभागों द्वारा किया जाएगा।
भारत में कैश व कार्ड्स की जगह ले रहे हैं डिजिटल एप्स : एफआईएस रिपोर्ट
वैश्विक बैंकिंग एवं भुगतान तकनीक प्रदाता-एफआइएस द्वारा संचालित नवीनतम सर्वे में यह पता चला है कि भारतीय बैंकिंग ग्राहकों ने डिजिटल बैंकिंग को पूरे दिल से अपनाया है। वे भुगतान करने के लिए मोबाइल.
वैश्विक बैंकिंग एवं भुगतान तकनीक प्रदाता-एफआइएस द्वारा संचालित नवीनतम सर्वे में यह भुगतान तकनीक की आवश्यकता क्यों है? पता चला है कि भारतीय बैंकिंग ग्राहकों ने डिजिटल बैंकिंग को पूरे दिल से अपनाया है। वे भुगतान करने के लिए मोबाइल वालेट्स एवं वचुर्अल कार्डों को सबसे अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं।
डिजिटल ऐक्सस चूंकि भारत में परिपक्व स्तर पर पहुंच गया है, ऐसे में बैंक पिछले साल में अपने डिजिटल सामर्थ्य का विस्तार कर रहे हैं।
एफआइएस के चौथे परफॉर्मेंस अगेन्स्ट कस्टमर एक्सपेक्टेशंस (पीएसीई) अध्ययन में भारत में 1,000 से अधिक बैंकिंग ग्राहकों का सर्वे किया गया है। इस सर्वे में पाया गया कि 86 प्रतिशत भारतीय बैंकिंग ग्राहक अपने भुगतान तकनीक की आवश्यकता क्यों है? बैंक खाता जांचने और वित्तीय लेन-देन करने के लिए फाइनेंशियल मोबाइल एप्स का उपयोग करते हैं।
डिजिटल बैंकिंग को अपनाने में हो रही वृद्धि यह दशार्ती है कि बैंकों को ग्राहकों की जरूरतों को समझने की आवश्यकता है ताकि वे उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दे सकें जहां डिजिटल सबसे अधिक मायने रखता है।
एफआइएस पेस की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत के बैंक अपने ग्राहकों की अपेक्षाओं को सफलतापूर्वक पूरा कर रहे हैं। वे उन्हें विभिन्न डिजिटल चैनलों एवं सुविधाजनक शाखा स्थानों की पेशकश करते हैं।
82 प्रतिशत भारतीय ग्राहक अपने प्राथमिक बैंक से संतुष्ट हैं और निजी क्षेत्र के बैंकों के ग्राहक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के ग्राहकों की तुलना में ज्यादा संतुष्ट नजर आये। रिपोर्ट में यह भी पता चला कि बैंक रिवार्ड प्रोग्राम की पेशकश कर उनके संतुष्टि के स्तर को और अधिक बढ़ा सकते हैं।
भारत में एफआईएस के प्रबंध निदेशक रामास्वामी वेंकटचेलम ने कहा, “इस साल का पेस अध्ययन स्पष्ट तौर पर दशार्ता है कि डिजिटल एक्सेस और मोबाइल फाइनेंशियल एप्लीकेशंस भारतीय ग्राहकों के लिए सबसे अधिक मायने रखते हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था लेस कैश इकोनॉमी की तरफ बढ़ भुगतान तकनीक की आवश्यकता क्यों है? रही है, ऐसे में बैंक अपने ग्राहकों को डिजिटल सामर्थ्य मुहैया करा रहे हैं, ताकि वित्तीय गतिविधियों की व्यापक श्रृंखला को बढ़ावा दिया जा सके।
डिजिटलाइजेशन तेजी से विकसित हो रहा है, बैंकों को रणनीतिक ढंग से व्यक्तिगत ग्राहकों की जरूरतों एवं इच्छाओं को प्राथमिकता देने की भुगतान तकनीक की आवश्यकता क्यों है? जरूरत होगी ताकि ग्राहकों को पूर्ण संतुष्टि मिले। पेस अध्ययन में एक स्पष्ट तस्वीर दी गई है कि भारत के बैंकों को कहां पर फोकस करना चाहिये और हम किस तरह बैंकिंग ग्राहकों की मांगों को पूरा करने के लिए सेवाओं/उत्पादों को उपलब्ध करा सकते हैं।”
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