दुबई स्थित प्राइवेट इक्विटी निवेशक गोयनका को लंदन स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध भारतीय पेट्रोलियम दिग्गज रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआइएल) की प्रतिभूतियों के कारोबार में गड़बड़ी करने का दोषी पाया गया था। जांच में पाया गया था कि गोयनका ने आरआइएल के जीडीआर के क्लोजिंग प्राइज में गड़बड़ी की थी। उसे अक्टूबर 2010 सुरक्षा और नियामक एक्सएम ब्रोकर में रूसी गैस कंपनी गाजप्रोम की प्रतिभूतियों के कारोबार में भी गड़बड़ी करने का दोषी पाया गया है। गोयनका पर लगा यह जुर्माना ब्रिटिश नियामक की ओर से अब तक किसी व्यक्ति पर लगाया गया सबसे बड़ा जुर्माना है।

ब्रिटेन में भारतीय मूल की ब्रोकर सहित तीन पर जुर्माना

लंदन। ब्रिटिश बाजार नियामक एफसीए सुरक्षा और नियामक एक्सएम ब्रोकर ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसीट्स (जीडीआर) के कारोबार में गड़बड़ी के आरोप में तीन ब्रोकरों पर करीब दो करोड़ रुपये (2.049 लाख पौंड) का जुर्माना लगाया है। इनमें एक भारतीय सुरक्षा और नियामक एक्सएम ब्रोकर मूल की ब्रोकर शामिल है। इस मामले में एफसीए भारतीय मूल के कारोबारी रमेश कुमार गोयनका पर पहले ही 60 लाख पौंड (56 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगा चुका है।

एफसीए ने पॉल ई शेडर मिलर एंड कंपनी के सीनियर पार्टनर और कंप्लाइंस ऑफिसर डेविड डेविस पर 70,258 पौंड का जुर्माना लगाया, जबकि इसी कंपनी की ब्रोकर वंदना पारिख पर 45,673 पौंड का जुर्माना लगाया गया है। नियामक ने अपने आदेश में कहा कि इन दोनों ब्रोकरों ने जीडीआर के क्लोजिंग प्राइस में की गई गड़बड़ी से निपटने में लापरवाही बरती। इसके अलावा इस धोखाधड़ी को अंजाम देने में गोयनका की मदद करने वाले एक अन्य ब्रोकर तारिक कैरिमजी पर 89,004 सुरक्षा और नियामक एक्सएम ब्रोकर पौंड का जुर्माना लगाया सुरक्षा और नियामक एक्सएम ब्रोकर गया है।

SEBI ने लगाई रोक, शेयर ब्रोकर ग्राहकों से नहीं ले सकते नकदी

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने शेयर दलालों को सुरक्षा और नियामक एक्सएम ब्रोकर अपने ग्राहकों ने किसी भी तरह की नकदी लेने पर पाबंदी लगा दी है। वे अपने बैंक अकाउंट में भी ग्राहकों के माध्यम से नकदी जमा नहीं करा सकते हैं। सेबी के मुताबिक शेयर दलाल ग्राहकों से लेनदेन के मामले में किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दिया चेक स्वीकार नहीं करेंगे। इस कदम का मकसद डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक अधिसूचना में कहा कि वर्तमान में इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से भुगतान सुरक्षा और नियामक एक्सएम ब्रोकर के कई विकल्प मौजूद हैं। इसे देखते हुए शेयर दलालों को निर्देश दिया जाता है कि वे ग्राहकों से सीधे नकदी नहीं लेंगे। इसके अलावा वे अपने बैंक अकाउंट में भी ग्राहकों को नकद जमा कर देने के लिए नहीं कहेंगे, और ग्राहकों को भी नकद में भुगतान नहीं करेंगे।

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