औंधे मुंह गिरा यह मल्टीबैगर स्टाॅक, रिकवरी को लेकर एक्सपर्ट के ये हैं अनुमान

BitCoin निवेशकों को आज फिर लगा झटका, कीमतों में भारी गिरावट

CryptoCurrency Price Today: BitCoin पिछले एक सप्ताह से 30 हजार डाॅलर के कभी ऊपर तो कभी नीचे चली आती है। अभी फिलहाल बिटक्वाॅइन अपने आल टाइम हाई 69000 डाॅलर से 35% नीचे आकर ट्रेड कर रही है।

BitCoin निवेशकों को आज फिर लगा झटका, कीमतों में भारी गिरावट

CryptoCurrency Price Today: क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में आज फिर गिरावट देखने को मिली है। बिटक्वाॅइन की ताजा कीमतें 30,000 डाॅलर के नीचे आ गई हैं। दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में आज यानी मंगलवार को 4% की गिरावट देखने को मिली है। एक बिटक्वाॅइन की कीमत 31,000 डाॅलर से घटकर 29,370 डाॅलर क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी पर आ गई। हाल - फिलहाल बिटक्वाॅइन की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव का दौर जारी है।

BitCoin पिछले एक सप्ताह से 30 हजार डाॅलर के कभी ऊपर तो कभी नीचे चली आती है। अभी फिलहाल बिटक्वाॅइन अपने आल टाइम हाई 69000 डाॅलर से 35% नीचे आकर ट्रेड कर रही है। बता दें, नवंबर 2021 में एक बिटक्वाॅइन की कीमत 69,000 डाॅलर हो गई थी।

औंधे मुंह गिरा यह मल्टीबैगर स्टाॅक, रिकवरी को लेकर एक्सपर्ट के ये हैं अनुमान

दूसरी तरफ Ethereum की कीमतों में आज 7% की गिरावट देखने को मिली है। जिसके बाद एक ईथर की कीमत घटकर 1.782 डाॅलर हो गई है। DogeCoin और ShibaInu की ताजा कीमतें भी 6% की गिरावट के साथ ट्रेड कर रही हैं। वहीं, क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट कैप भी 2% घटकर 1.27 ट्रिलियन डाॅलर हो गया है।

Carrdano, Stellar, Uniswap, XRP, Litecoin, Tron, Solana, Polkadot जैसी क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में भी आज गिरावट देखने को मिली है।

क्रिप्टो दुर्घटना में अपना भाग्य खोने के बाद, बेंगलुरु चाय-विक्रेता बिटकॉइन में भुगतान स्वीकार किया

अपने रहस्यमय मूल के साथ छद्म नाम सतोशी के पीछे एक अज्ञात इकाई को जिम्मेदार ठहराया, क्रिप्टो युवा निवेशकों को आकर्षित करना जारी रखता है, जबकि अधिकारी सतर्क रहते हैं। जब भारत सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से होने वाले मुनाफे पर 30 प्रतिशत कर लगाने का फैसला किया, तो उसने यह निर्दिष्ट नहीं किया कि क्या उन्हें कानूनी माना जाएगा। लेकिन इसने बेंगलुरु में चाय-विक्रेता जैसे अभिनव व्यक्तियों को बिटकॉइन में भुगतान स्वीकार करने और एक ही समय में लोकप्रियता हासिल करने से नहीं रोका है।

लत्ता और पीठ के लिए धन 22 वर्षीय शुभम सैनी की कहानी युवा उद्यमियों के लिए एक चेतावनी और प्रेरणा दोनों है, जो ब्लॉकचेन बूम से बह गए हैं। उन्होंने पहले बेंगलुरु में नौकरी की तलाश में क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार शुरू किया और फिर पूर्णकालिक क्रिप्टो व्यापारी बनने के लिए बीसीए के अपने अंतिम सेमेस्टर से बाहर हो गए। आभासी संपत्ति में 1.5 लाख रुपये का निवेश करने के बाद, 1000 प्रतिशत की छलांग ने सैनी के पोर्टफोलियो का मूल्य 30 लाख रुपये तक बढ़ा दिया, और वह खुद को क्रिप्टो ब्रह्मांड के 'राकेश झुनझुनवाला' के रूप में सोचने लगा।

लेकिन अनियंत्रित मुद्रा की अप्रत्याशित दुनिया में, 2021 में 90 प्रतिशत दुर्घटना ने उनके बटुए के मूल्य को 1 लाख रुपये तक खींच लिया। वापस जहां से उन्होंने शुरुआत की थी, सैनी को आने-जाने के लिए अपना आईफोन बेचना पड़ा, और अंत में शहर में एक फुटपाथ पर एक चाय की दुकान खोली। लेकिन क्रिप्टो उनके जीवन में वापस आ गया जब कुछ ग्राहकों ने बिटकॉइन के माध्यम से चाय के लिए भुगतान करने की कोशिश की, और इसे स्वीकार करने से उनकी दुकान क्रिप्टो उत्साही लोगों के बीच लोकप्रिय हो गई। सैनी एक प्लेकार्ड पर INR से अमेरिकी डॉलर रूपांतरण दरों को भी अपडेट करता है, और लोग UPI कोड को स्कैन कर सकते हैं, रुपये को डॉलर में बदल सकते हैं और क्रिप्टो का उपयोग करके भुगतान कर सकते हैं।

उनकी लोकप्रियता ऐसे समय में आई है जब कोई प्राधिकरण भारत में क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी नहीं कर रहा है, और जबकि क्रिप्टो ट्रेडिंग के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है, सरकार ने इसकी वैधता पर कोई टिप्पणी नहीं की है। लेकिन क्रिप्टो लेनदेन पर 1% कर ने व्यापारियों को भारतीय एक्सचेंजों से दूर कर दिया है, जिससे उनके वॉल्यूम में 90 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि वे केमैन आइलैंड्स स्थित बिनेंस में गए, जो लेवी नहीं लेता है।

नीति ने बिनोक्स जैसे ऐप के लिए नए व्यावसायिक अवसर भी बनाए हैं, जो क्रिप्टो निवेशकों को कराधान को सरल बनाने और अनुपालन सुनिश्चित करने में मदद करते हैं। जुलाई में लॉन्च होने के बाद, इसे बीज पूंजी के रूप में $ 4 मिलियन प्राप्त हुए हैं।

सैनी के लिए, उन्होंने क्रिप्टो व्यापारियों द्वारा एक छात्र स्टार के रूप में शुरुआत की, जो रातोंरात अरबपति बन गए। लेकिन उन उद्यमियों में प्रेरणा की तलाश की, जो उनके पतन के बाद नवाचार पर पनपे।

गोरखपुर कांड: 14 रिमाइंडर, 1 लीगल नोटिस और अंतिम चेतावनी भी दी थी

लखनऊ। उत्तरप्रदेश के गोरखपुर में बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज, अस्पताल में आॅक्सीजन सप्लाई बंद हो जाने के कारण हुईं मरीजों की मौतों के मामले में विशेषज्ञों की राय है कि कंपनी मालिक और अस्पताल प्रबंधन केे खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला बनता है। यदि यह मामला स्वास्थ्य मंत्री के संज्ञान में पहुंच चुका था तो उनके खिलाफ भी आपराधिक प्रकरण दर्ज किए जाने का ग्राउंड है। बता दें कि 7 अगस्त से अब तक बीआरडी में 60 बच्चों समेत 63 लोगों की मौत हो गई है। कंपनी ने 4 अगस्त से सप्लाई बंद कर दी थी और अस्पताल प्रबंधन को मालूम था कि आॅक्सीजन खत्म हुई तो मरीजों की मौत होगी। बावजूद इसके कोई इंतजाम नहीं किए गए। प्रबंधन हादसे का इंतजार करता रहा जबकि इस मामले को 4 अगस्त को ही इमरजेंसी लेवल पर लिफ्ट करा लिया जाना चाहिए था। यह 100 प्रतिशत प्रबंधन की ओर से हुआ अपराध है। इसे लापरवाही की श्रेणी में भी नहीं रखा जा सकता।

मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के एडवोकेट विवेक गुप्ता ने शनिवार को बताया- "कंपनी की तरफ से पेंडिंग पेमेंट के भुगतान के लिए बीआरडी कॉलेज को 14 रिमाइंडर भेजे गए। इसके बाद भी पेमेंट नहीं मिला। इस वजह से 4 अगस्त को आख‍री बार टैंकर भेजा गया और सप्लाई बंद कर दी गई।

विवेक गुप्ता बताया कि, ''कंपनी की ओर से मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को 26 फरवरी से 18 जुलाई 2017 के बीच कुल 14 रिमाइंडर भेजे गए थे। इसमें 26, 28 फरवरी, 6, 12, 17 और 24 अप्रैल, 2, 16 और 29 मई, 3, 6, 13 और 28 जून और 18 जुलाई 2017 के बीच रिमाइंडर भेजे गए।

इन रिमाइंडर में कंपनी का 63,65,702 रुपए बकाया भुगतान करने की बात कही गई थी। इतने रिमाइंडर के बाद भी प्रिंसिपल की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया। इसके बाद 30 जुलाई 2017 को कंपनी की ओर से लीगल नोटिस भेजा गया था। लीगल क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी नोटिस में साफ तौर से लिखा गया था कि भुगतान न होने पर तीसरा पक्ष (आई नॉक्स) आपूर्ति जारी रखने में परेशानी खड़ी कर रहा है।

गुप्ता ने बताया- "जब हमारे नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया तब 1 अगस्त को कंपनी ने आखिरी चेतावनी दी थी। 4 अगस्त से मेडिकल कॉलेज को ऑक्सीजन की सप्लाई बंद कर दी गई। प्रिंसिपल की ओर से भुगतान न करने की वजह बजट का न होना बताया जाता था। ये वही बता सकते हैं कि बजट क्यों नहीं मिल सका।

दिल्ली हाई कोर्ट के क्रिमिनल लॉयर अरुण शर्मा ने बताया- " यह मामला लापरवाही में हुआ हादसा नहीं है। यह गैर-इरादतन हत्या का मामला है। मामले में गैस सप्लाई करने वाली कंपनी को पता था कि अगर मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिलेगी तो उनकी जिंदगी खतरे में पड़ जाएगी। साथ ही अस्पताल को पता था कि अगर बकाया भुगतान नहीं किया जाएगा तो कंपनी गैस सप्लाई रोक देगी और मरीजों की जान जा सकती है। दोनों पक्षों के साथ ही वे सभी लोग जिम्मेदार हैं जिन्हें कंपनी ने बकाया भुगतान का लीगल नोटिस भेजा था।

क्रिप्टोकरेंसी पर बोली वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, बिटक्वॉइन को करेंसी माने जाने के लिए कोई प्रस्ताव नहीं…

संसद सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने पर बोली वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कहा, बिटक्वॉइन को करेंसी माने जाने के लिए कोई प्रस्ताव नहीं है, और सरकार की कोई योजना भी नहीं है। बता दें, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पूछे गए सवाल के क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी जवाब में कहा है कि सरकार का Bitcoin को देश में करेंसी के तौर पर मान्यता देने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने बताया कि सरकार बिट्कॉइन को लेकर किये जाने वाले ट्रांजैक्शन का कोई डाटा नहीं रखती है।

Govt of India does not collect data on Bitcoin transactions. No proposal to recognise Bitcoin as a currency in the country: Ministry of Finance in a written reply in Lok Sabha

आपको बता दें वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से जब सवाल किया गया कि क्या बिट्कॉइन को करेंसी की मान्यता देगी सरकार? इसके उत्तर में वित्त मंत्री ने जवाब देते हुए कहा NO Sir. वित्त मंत्री से भी सवाल पूछा गया कि क्या सरकार कोई जानकारी है कि देश में बिट्कॉइन ट्रांजैक्शन में लगातार इजाफा हो आ रहा है? इसका उत्तर देते हुये वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार बिट्कॉइन में किये गए ट्रांजैक्शन का कोई डाटा नहीं रखती है।

'स्पाइडर-मैन: नो वे होम' की पाइरेटेड कॉपी में खतरनाक मालवेयर

'स्पाइडर-मैन: नो वे होम' की पाइरेटेड कॉपी में खतरनाक मालवेयर

मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स की नई मूवी 'स्पाइडर-मैन: नो वे होम' दुनियाभर में हिट रही है और इसकी पाइरेटेड कॉपी डाउनलोड करने वाले भी लाखों यूजर्स हैं। टोरेंट वेबसाइट्स की मदद से पाइरेटेड कॉपी डाउनलोड करना भारी पड़ सकता है और इससे जुड़ी चेतावनी सामने आई है। रिसर्चर्स ने बताया है कि इस मूवी की पाइरेटेड कॉपीज में क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग मालवेयर मौजूद है। यानी कि मूवी डाउनलोड करने भर से आपका क्रिप्टो वॉलेट खाली हो सकता है।

साइबर सुरक्षा रिसर्चर्स ने दी चेतावनी

रीजन लैब्स साइबर सुरक्षा रिसर्चर्स ने चेतावनी दी है कि टोरेंट वेबसाइट्स की मदद से स्पाइडर-मैन: नो वे होम डाउनलोड करना माइनिंग मालवेयर का शिकार बना सकता है। रिसर्चर्स का कहना है कि इस मूवी की ऐसी ढेरों पाइरेटेड कॉपीज इंटरनेट पर शेयर की जा रही हैं, जिनमें मालवेयर मौजूद है। इनमें 'spiderman_net_putidomoi.torrent.exe.' फाइल नेम वाला क्रिप्टोजैकिंग मालवेयर भी शामिल है, जिसका काम कंप्यूटिंग पावर का इस्तेमाल माइनिंग के लिए करना है।

पूरे कंप्यूटर को हाईजैक कर लेता है मालवेयर

रिसर्चर्स ने बताया है कि एक बार सिस्टम में पहुंचने के बाद मालवेयर इसकी कंप्यूटिंग पावर को हाईजैक कर लेता है। मालवेयर सारी कंप्यूटिंग पावर को प्राइवेसी कॉइन मॉनेरो की माइनिंग के लिए ट्रांसफर कर देता है। इस तरह कंप्यूटर की क्षमता का इस्तेमाल सामान्य सॉफ्टवेयर्स रन करने के बजाय माइनिंग के लिए किया जाता है। रीजन लैब्स रिसर्चर्स ने ब्लॉग पोस्ट मे बताया है कि यह मालवेयर 'रशियन टोरेंटिंग वेबसाइट्स' से फैलना शुरू हुआ है।

टारगेट सिस्टम से डाटा नहीं चुराता मालवेयर

मूवी में छुपी फाइल क्रिप्टोजैकिंग मालवेयर की है इसलिए यह टारगेट सिस्टम से कोई डाटा चुराने की कोशिश नहीं करता। हालांकि, इसकी वजह से PC का CPU यूजेस बढ़ जाता है क्योंकि इसका इस्तेमाल क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग के लिए हो रहा होता है और इस क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी तरह इलेक्ट्रिसिटी बिल जरूर बढ़ सकता है। रिसर्चर्स ने यह भी बताया है कि लंबे वक्त तक ऐसा होते रहने क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी से इन्फेक्टेड डिवाइस स्लो हो सकता है।

मालवेयर का पता लगाना आसान नहीं

रिसर्चर्स की मानें तो क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग मालवेयर का पता लगाना आसान नहीं है। यह एक बार सिस्टम में पहुंचने के बाद विंडोज डिफेंडर से खुद को छुपा लेता है। इसके अलावा विक्टिम CPU पर ट्रैक ना की जा सकने वाली माइनिंग के लिए यह एक वॉचडॉग प्रोसेस इस्तेमाल करता है। यानी कि मालवेयर इसके नाम से जुड़े हर प्रोसेस को किल कर देता है, जिससे एक वक्त पर एक क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी ही जगह कंप्यूटिंग पावर का इस्तेमाल हो।

पाइरेटेड फाइल्स डाउनलोड ना करना ही बेहतर

रिसर्चर्स ने अनजान सोर्स से इस तरह का पाइरेटेड कंटेंट डाउनलोड ना करने की सलाह दी है। ब्लॉग में फाइल डाउनलोड करने से पहले उसका एक्सटेंशन चेक करने के लिए कहा गया है। ध्यान रहे, वीडियो या मूवी फाइल के आखिर में '.mp4' एक्सटेंशन होना चाहिए ना कि '.क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी exe' और इन्हें डाउनलोड करने से पहले अच्छे से चेक कर लेना चाहिए। फिल्में आधिकारिक सोर्स से देखना और खरीदना ही सुरक्षित माना जाता है।

न्यूजबाइट्स प्लस

टोरेंट सेवाओं का इस्तेमाल फाइल्स डाउनलोड करने के लिए करना अवैध नहीं है। हालांकि, किसी भी तरह की पाइरेसी के लिए इनका इस्तेमाल आपको सजा दिला सकता है और पाइरेसी अपराध की श्रेणी में आता है।

रेटिंग: 4.83
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 458