'Future trading'
Bitcoin ETF : ETFs की एक शीर्ष कंपनी ProShares एक वायदा बाजार में बिटकॉइन का ETF स्वरूप ला रही है, जिसमें निवेशक सीधे वहीं से निवेश कर सकेंगे. यह वैसा ही होगा, जैसा कि वायदा बाजार में किसी प्रॉडक्ट में निवेश करते हैं.
वैश्विक बाजारों से मिले तेजी के संकेतों के बीच सटोरियों द्वारा ताजा सौदे किए जाने से कच्चे तेल की कीमत सोमवार को 0.05 प्रतिशत बढ़कर 4,180 रुपये प्रति बैरल हो गई. विश्लेषकों के मुताबिक, भागीदारों द्वारा बोलियों में बढ़ोतरी के चलते कच्चे तेल की कीमतों में मुख्य रूप से तेजी आई.
हाजिर बाजार में पर्याप्त स्टॉक और सटोरियों के सौदे कम करने से गुरुवार को वायदा कारोबार में गेहूं 0.45 प्रतिशत गिरकर 1,973 रुपये प्रति क्विंटल पर रहा. नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज में गेहूं सितंबर 9 रुपये यानी 0.45 प्रतिशत गिरकर 1,973 रुपये प्रति क्विंटल पर रहा. इसमें 2,000 लॉट का कारोबार हुआ.
कमजोर वैश्विक रुख के बीच सटोरियों के सौदे घटाने से मंगलवार को वायदा कारोबार में सोना 0.13 प्रतिशत गिरकर 30,551 रुपये प्रति दस ग्राम पर रहा. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में सोना अक्तूबर 40 रुपये एफ एंड ओ ट्रेडिंग और एमसीएक्स ट्रेडिंग क्या है यानी 0.13 प्रतिशत गिरकर 30,551 रुपये प्रति दस ग्राम पर रह गया. इसमें 20 लॉट का कारोबार हुआ.
जेटली ने यहां एक समारोह में स्वर्ण ऑप्शन ट्रेडिंग की शुरुआत करते हुए कहा, "यह पीले धातु के व्यापार में बहुत ही महत्वपूर्ण विकास का प्रतीक है. यह व्यापारियों को वायदा का विकल्प देकर सभी जोखिमों से बचाव करता है."
देश के शेयर बाजार में आगामी सप्ताह वायदा और विकल्प सौदे की परिपक्वता के कारण उतार-चढ़ाव रहने की संभावना है। अप्रैल के एफएंडओ सौदे बुधवार 23 अप्रैल को परिक्व हो जाएंगे। शेयर बाजार 24 अप्रैल को मुंबई में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान के मद्देनजर बंद रहेंगे।
रुपये के डॉलर के मुकाबले 68.75 के न्यूनतम स्तर पर आ जाने के बीच सोना आज शुरुआती कारोबार में 2,500 रुपये की छलांग के साथ 34,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया।
देश के शेयर बाजारों में मंगलवार को तेजी का रुख रहा। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 176.20 अंकों की तेजी के साथ 19,040.95 पर और निफ्टी 43.70 अंकों की तेजी के साथ 5,748.10 पर बंद हुआ।
देश के शेयर बाजारों में सोमवार को तेजी का रुख रहा। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 28.98 अंकों की तेजी के साथ 18,864.75 पर और निफ्टी 21.85 अंकों की तेजी के साथ 5,704.40 पर बंद हुआ।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंध (संप्रग) के एक महत्वपूर्ण घटक डीएमके के गठबंधन से बाहर होने की घोषणा के बाद उपजी राजनीतिक अनिश्चितता के बीच बुधवार को भारतीय शेयर बाजारों में तीव्र गिरावट देखी गई।
F&O Stocks: HAL समेत 10 स्टॉक्स की फ्यूचर एंड ऑप्शंस सेग्मेंट एफ एंड ओ ट्रेडिंग और एमसीएक्स ट्रेडिंग क्या है में होगी एंट्री, 27 अगस्त से ट्रेडिंग की शुरुआत
F&O Stocks: एनएसई के मुताबिक मार्केट लॉट की जानकारी इन स्टॉक्स की F&O segment में एंट्री के एक दिन पहले उपलब्ध होगी.
स्टॉक्स को बाजार नियामक सेबी द्वारा तय मानकों के आधार पर ही सेग्मेंट में शामिल करने का फैसला लिया गया है.
F&O Stocks: अगर आप Futures and Options (F&O) segment में ट्रेडिंग करते हैं तो 27 अगस्त से 10 और विकल्प उपलब्ध हो जाएंगे. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के मुताबिक 27 अगस्त से इस सेग्मेंट में 10 और स्टॉक्स की ट्रेडिंग शुरू हो जाएगी. इसमें डिक्सॉन टेक्नोलॉजीज, कैन फाइनेंस होम्स, इंडियामार्ट, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), पॉलीकैब इंडिया, इप्का लैब, ओरेकल फाइनेंशियल, सिंजीन इंटरनेशनल, इंडियन एनर्जी एक्सचेंज और एमसीएक्स शामिल हैं. एनएसई के मुताबिक मार्केट लॉट की जानकारी इन स्टॉक्स की F&O segment में एंट्री के एक दिन पहले उपलब्ध होगी. इन स्टॉक्स को बाजार नियामक सेबी द्वारा तय मानकों के आधार पर ही सेग्मेंट में शामिल करने का फैसला लिया गया है.
F&O में शामिल होने के लिए ये हैं मानक
- रोलिंग कैलकुलेशन के आधार पर पिछले छह महीनों में डेली बैसिस पर औसतन मार्केट कैप और औसतन डेली एफ एंड ओ ट्रेडिंग और एमसीएक्स ट्रेडिंग क्या है ट्रेडेड वैल्यू के आधार पर टॉप 500 स्टॉक्स में शामिल होना चाहिए.
- पिछले छह महीनों में स्टॉक का मीडियन क्वार्टर सिग्मा ऑर्डर साइज एफ एंड ओ ट्रेडिंग और एमसीएक्स ट्रेडिंग क्या है 25 लाख रुपये से अधिक होना चाहिए. मीडियन क्वार्टर सिग्मा का मतलब है कि ऑर्डर साइज कम से कम इतना होना चाहिए कि इससे स्टॉक के प्राइस पर असर पड़ सके. इस क्राइटेरिया को लेकर सेबी की मंजूरी लेनी होती है.
- रोलिंग बेसिस पर स्टॉक की मार्केट वाइड पोजिशन लिमिट 500 करोड़ रुपये से अधिक होनी चाहिए. इसके तहत ये देखा जाता है कि स्टॉक सक्रिय रूप से ट्रेड हो रहा है या सिर्फ कुछ ही लोगों के पास सीमित है.
- सेबी के मुताबिक अगर लगातार तीन महीनों तक एलिजिबिलिटी शर्तें नहीं पूरी होती हैं तो उस सिक्योरिटी के नए मासिक कांट्रैक्ट नहीं जारी होंगे. हालांकि जो वर्तमान कांट्रैक्ट हैं और एक्सपायर नही हुए हैं, उन्हें एक्सपायरी तक ट्रेडिंग की मंजूरी रहेगी. इसके अलावा चालू कांट्रैक्ट महीने में फ्रेश स्ट्राइक्स को इंट्रोड्यूस किया जा सकता है.
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फ्चूयर और ऑप्शंस कांट्रैक्टस क्या हैं?
- फ्यूचर कांट्रैक्ट में दो पार्टियों के बीच एक फ्यूचर डेट पर एक प्राइस में सिक्योरिटीज को बेचने या खरीदने के लिए कांट्रैक्ट होता है. इस प्राइस का निर्धारण कांट्रैक्ट के समय ही हो जाता है. यह कांट्रैक्ट बीएसई या एनएसई के जरिए होता है. वहीं दूसरी तरफ ऑप्शंस कांट्रैक्ट में एक अंडरलाइंग एसेट को किसी खास दिन या प्राइस पर बिक्री या खरीदने के राइट्स मिलते हैं और इसमें कोई ऑब्लिगेशन नहीं होता है.
- फ्यूचर कांट्रैक्ट्स का अधिकतम तीन महीनों का ट्रेडिंग साइकिल होता है, जिसमें नियर (Near), नेक्स्ट (Next) और फार (Far) मंथ हैं. नए कांट्रैक्ट नियर मंथ कांट्रैक्ट्स के एक्सपायरी के बाद आते हैं. किसी भी कारोबारी दिन तीनों कांट्रैक्ट उपलब्ध रहते हैं. ऑप्शंस कांट्रैक्ट्स का भी तीन महीनों का साइकिल होता है.
- F&O contracts तीसरे महीने के अंतिम गुरुवार को समाप्त होते हैं और अगर इस दिन छुट्टी पड़ती है तो उसके एक कारोबारी दिन पहले यह कांट्रैक्ट एक्सपायर होगा.
- निफ्टी50 कांट्रैक्ट्स के लिए लॉट साइज 50 है. इसके अलावा अन्य स्टॉक्स का लॉट साइज 40 है.
(सोर्स: ब्रोकरेज एंड रिसर्च फर्म एंजेल वन)
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5paisa ऐप ने बनाया Commodity Market की ट्रेडिंग को अब और भी आसान, कोई भी कमा सकता है घर बैठे लाखों रुपए
शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में खरीद-बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) के नाम से जानते हैं। यह प्रक्रिया कंपनियों के शेयरों की ट्रेडिंग करने से थोड़ी भिन्न होती है। हालांकि कमोडिटी की ट्रेडिंग ज्यादातर फ्यूचर मार्केट पर निर्भर करती है।
ब्रांड डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक व्यक्ति हर दिन अपनी जरूरत की वस्तुओं को खरीदता है। कई बार हम जरूरत की चीजों का ही व्यापार भी करते हैं। लेकिन क्या आप नहीं चाहते कि ऐसी ही वस्तुओं की खरीदी व बिक्री करके महीने में लाखों रुपए कमा सकें और इसके लिए आपको कहीं आना-जाना भी न पड़े। इस बात को सुनकर हमारे दिमाग में कई तरह के संशय भी आते हैं। क्या ऐसा कौन कर सकता है? क्या इसके लिए पढ़ा-लिखा होना भी जरूरी है? घर बैठे पैसा कमाने के इस आसान तरीके को समझाएगा कौन? इसके बारे में विस्तार से जानकारी कहां से मिलेगी?
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समझ लें कमोडिटी मार्केट में क्या खरीदा व बेचा जा सकता है
आमतौर पर हम सब रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं, वैसे ही शेयर बााजार (share market) में भी इन कमोडिटी की खरीदा व बेचा जाता है। शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में इनकी ही खरीद बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) के नाम से जानते हैं। यह प्रक्रिया कंपनियों के शेयरों की ट्रेडिंग करने से थोड़ी भिन्न होती है। हालांकि कमोडिटी की ट्रेडिंग ज्यादातर फ्यूचर मार्केट पर निर्भर करती है। इनमें कीमती वस्तुओं से लेकर मिर्च मसाले तक का व्यापार किया जा सकता है।
●कीमती धातु - सोना, चांदी और प्लेटिनम।
●बेस मेटल - कॉपर, जिंक, निकल, लेड, टीन और एन्युमिनियम।
●एनर्जी - क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस, एटीएफ, गैसोलाइन।
●मसाले - काली मिर्च, धनिया, इलायची, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च।
●अन्य - सोया बीज, मेंथा ऑयल, गेहूं, चना।
कैसे आम इंसान के लिए भी लाभदायक है यह बाजार
1.भारत में 25 लाख करोड़ रुपए सालाना का कमोडिटी मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। इसमें छोटे और मध्यम वर्ग के निवेशक भी कम राशि के मार्जिन मनी से कमोडिटी ट्रेडिंग कर सकते हैं।
2.किसानों, मैन्युफैक्चरर और वास्तविक उपयोगकर्ताओं के लिए कमोडिटी के दाम में उतार चढ़ाव का रिस्क कम हो जाता है।
3.कमोडिटी का डेली टर्नओवर लगभग 22,000 - 25,000 करोड़ रुपए है, जो एक बेहतर ट्रेडिंग अपॉर्च्यूनिटी उपलब्ध कराती है।
4.कमोडिटी के बेसिक नेचर और सिंपल इकोनॉमिक फंडामेंटल की वजह से इसे समझना भी आसान होता है।
जान लीजिए भारत में हैं कुल कितने कमोडिटी एक्सचेंज?
भारत में 22 कमोडिटी एफ एंड ओ ट्रेडिंग और एमसीएक्स ट्रेडिंग क्या है एक्सचेंज हैं जो फॉरवर्ड मार्केट कमीशन के तहत स्थापित किए गए हैं। भारत में ट्रेडिंग के लिए नीचे दिए गए कमोडिटी एक्सचेंज लोकप्रिय विकल्प हैं। इनमें मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (MCX), इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (ICEX), नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (NMCE) और राष्ट्रीय कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज (NCDEX) सबसे अधिक महत्वपूर्ण कमोडिटी एक्सचेंज हैं।
ट्रेडर्स के लिए कमोडिटी में ट्रेडिंग से जुड़ीं कई अहम जानकारियां
इक्विटी के अलावा अन्य ऐसेट क्लासेज में निवेश करने में दिलचस्पी रखने वाले ट्रेडर्स के लिए कमोडिटी में ट्रेड से जुड़ी हुई अहम जानकारियां.
इस तरह की ब्रोकिंग सेवा देने एफ एंड ओ ट्रेडिंग और एमसीएक्स ट्रेडिंग क्या है वाले किसी ब्रोकर के यहां एक डीमैट अकाउंट खोलकर (अगर आप डिलीवरी चाहते हैं) आप ऐसा कर सकते हैं।
2. क्या ये वही ब्रोकर होते हैं, जो इक्विटी ब्रोकिंग सर्विस ऑफर करते हैं?
नहीं, लेकिन इनमें से कई इक्विटी ब्रोकिंग सर्विस ऑफर करते हैं और उन्होंने कमोडिटी एफएंडओ ब्रोकिंग के लिए अलग सब्सिडियरी खोल ली है। इनमें एंजेल कमोडिटीज, कार्वी कमोडिटीज जैसी इकाइयां शामिल हैं। इसका मतलब यह है कि अगर आप कमोडिटी में ट्रेड करना चाहते हैं तो अलग अकाउंट खोलना पड़ेगा।
3. क्या डिलीवरी अनिवार्य है?
ज्यादातर एग्रीकल्चर फ्यूचर्स जैसे एडिबल ऑयल्स, स्पाइसेज वगैरह में डिलीवरी अनिवार्य है, लेकिन आप अपनी पोजिशन को डिलीवरी से पहले काट सकते हैं। नॉन-एग्री सेगमेंट में ज्यादातर कमोडिटीज नॉन-डिलीवरी बेस्ड होती हैं।
4. क्या ट्रेडिंग इक्विटी एफएंडओ की तरह है?
हां। इसमें मार्क-टु-मार्केट डेली बेसिस पर सेटल होते हैं, लेकिन मार्जिन स्टॉक्स जितने ऊंचे नहीं होते।
5. ट्रेड का मार्जिन क्या होता है?
आमतौर पर 5-10 फीसदी, लेकिन एग्री कमोडिटीज में जब उतार-चढ़ाव बढ़ता है तो एक्सचेंज अतिरिक्त मार्जिन लगाता है। कई बार यह 30 से 50 फीसदी तक हो सकता है।
6. कमोडिटी एफएंडओ मार्केट को कौन रेगुलेट करता है?
मेटल्स और एनर्जी एक्सचेंज एमसीएक्स और एग्री एक्सचेंज एनसीडीईएक्स को सेबी रेगुलेट करता है।
7. क्या कमोडिटी मार्केट में पर्याप्त लिक्विडिटी होती है?
लिक्विडिटी गोल्ड, सिल्वर, क्रूड, कॉपर जैसे नॉन-एग्री काउंटर्स पर ज्यादा होती है। हालांकि, सोयाबीन, मस्टर्ड, जीरा, ग्वारसीड में भी काफी भागीदारी देखने को मिलती है। ज्यादातर रिटेलर्स डिलीवरी लेने या देने की बजाय मेटल्स और एनर्जी में कीमतों पर दांव लगाने पर जोर देते हैं।
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Diwali Muhurat Trading: जानें आज कब खुलेगा शेयर बाजार? यहां देखें स्टॉक
आज यानि 4 नवंबर को दीपावली है। इस दिन स्टाॅक मार्केट कुछ समय के लिए खुलता है।
आज यानि 4 नवंबर को दीपावली है। इस दिन स्टाॅक मार्केट कुछ समय के लिए खुलता है। बता दें कि इस स्पेशल टाइम को ही हम मूहर्त ट्रेडिंग कहते हैं क्योंकि दीपावली के दिन स्टाॅक मार्केट केवल एक घंटे के लिए खुलता है, इस दौरान आप निवेश कर सकते हैं। वहीं गुजरातियों और मारवाड़ियों में यह चलन खासतौर पर काफी चर्चित माना जाता है। मुहूर्त ट्रेडिंग से पहले स्टॉक एक्सचेंज में ब्रोकर खातों की पूजा करते हैं। वहीं कारोबारियों का मानना है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है।
वहीं साल 2021 का मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन शाम 6:15 बजे से शुरू होकर शाम 7:15 बजे तक चलेगा। एक नए संवत या संवत 2078 की शुरुआत को चिह्नित करते हुए, विशेष ट्रेडिंग विंडो हिंदू पंचांग के बाद खुलती है क्योंकि हिंदू कैलेंडर वर्ष दिवाली पर शुरू होता है। यह भी माना जाता है कि मुहूर्त ट्रेडिंग से साल भर समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है।
दिवाली मुहूर्त 2021
प्री ओपन टाइमिंग: शाम 6:00 बजे से शाम 6:15 बजे तक
सामान्य बाजार का समय: शाम 6:15 बजे से शाम 7:एफ एंड ओ ट्रेडिंग और एमसीएक्स ट्रेडिंग क्या है 15 बजे तक
समापन सत्र का समय: शाम 7:25 से शाम 7:35 तक
एफ एंड ओ, मुद्रा (सीडीएस), एमसीएक्स का समय: शाम 6:15 बजे से शाम 7:15 बजे तक
पिछले साल ये ट्रेंडिंग मुहूर्त कारोबारी सत्र में बीएसई सेंसेक्स 43,638 पर बंद हुआ था, जबकि एनएसई एफ एंड ओ ट्रेडिंग और एमसीएक्स ट्रेडिंग क्या है 12,771 पर बंद हुआ था।
दिवाली मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान, देखें स्टॉक
मनीकंट्रोल डॉट कॉम के अनुसार, वित्त वर्ष 2010 में रिलायंस सिक्योरिटीज वित्त वर्ष 2013 में 3.4% (वित्त वर्ष 2015 के बाद सबसे अधिक), निफ्टी 500 की आय जीडीपी अनुपात में 2.5% के निचले स्तर से सुधरने की उम्मीद करती है।
अशोक लीलैंड- टारगेट प्राइस: 170 रुपये
गुजरात गैस- टारगेट प्राइस: 967 रुपये
एचसीएल टेक्नोलॉजीज- टारगेट प्राइस: 1,480 रुपये
इंफोसिस- टारगेट प्राइस: 2,120 रुपये
कल्पतरु पावर- टारगेट प्राइस: 678 रुपये
लार्सन एंड टुब्रो- टारगेट प्राइस: 2,303 रुपये
आरके फोर्जिंग- टारगेट प्राइस: 1,700 रुपये
ट्रेडिंग के लिए डॉस एफ एंड ओ ट्रेडिंग और एमसीएक्स ट्रेडिंग क्या है एफ एंड ओ ट्रेडिंग और एमसीएक्स ट्रेडिंग क्या है मुहूर्त
ट्रेडिंग विंडो के दौरान, निवेशक एक प्रारंभिक निवेश की टोकन खरीद कर सकते हैं जो समृद्धि और निवेश पर एक अच्छा रिटर्न ला सकता है। ट्रेडिंग सत्र के दौरान बाजार आमतौर पर कम अस्थिर होता है क्योंकि व्यापारी स्टॉक को बेचने के बजाय खरीदना पसंद करते हैं।
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