इस उपक्रम के एक भाग के रूप में, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद डिजाइन में डिप्लोमा (डीईपीडी) पर 6 माह का स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम इन तीनों केन्द्रों का संयुक्त उपक्रम है जिसका उद्देश्य ईएसडीएम क्षेत्र के लिए उत्पाद डिजाइन में प्रशिक्षित जनशक्ति तैयार करना है, जो उद्योग के विकास में अपना योगदान देंगे। डीईपीडी पाठ्यक्रम का लक्ष्य विद्यार्थियों को इलेक्ट्रॉनिक तकनीकी और मूलभूत विश्लेषण का संयोजन करें उत्पाद की डिजाइन अर्थात अवधारणा से लेकर उत्पाद विकास तक के बारे में प्रशिक्षित करना है।
औपचारिक पाठ्यक्रम
इलेक्ट्रॉनिकी तथा हार्डवेयर उद्योग का अनुप्रयोग अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में बढ़ता जा रहा है और इस प्रकार इसे हमारे देश के विकास के मुख्य समर्थनकर्ता के रूप में स्वीकार किया जाता है। विकास की वर्तमान प्रवृत्ति तथा वैश्विक इलेक्ट्रॉनिकी उद्योग में इसका विद्यमान योगदान यह दर्शाता है कि उत्पादन एवं रोजगार की दृष्टि से भारत में सूचना प्रौद्योगिकी हार्डवेयर तथा इलेक्ट्रॉनिकी विनिर्माण उद्योग के अंश में कई गुना वृद्धि होने की संभावना है, जो वैश्विक इलेक्ट्रॉनिकी विनिर्माण की मूल्य श्रृंखला में इसके उद्भव द्वारा चालित है।
उच्च प्रौद्योगिकी के विनिर्माण, अधिक पूँजी की आवश्यकता वाले सेमीकण्डक्टर तथा अन्य उच्च प्रौद्योगिकी के इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार करने, तकनीकी और मूलभूत विश्लेषण का संयोजन करें वैश्विक पूँजीनिवेश आकर्षित करने तथा पर्याप्त मूलसंरचना एवं आर्थिक प्रणाली के अभाव के कारण उत्पन्न व्यावहारिक अन्तराल को पूरा करने के उद्देश्य से, भारत सरकार ने देश कई उपक्रमों की घोषणा की है। इस परिप्रेक्ष्य में, इस क्षेत्र के लिए प्रशिक्षित मानव संसाधनों की उपलब्धता का भी सुनिश्चय करने की जरूरत है जिससे विकास को जारी रखा जा सके और इस क्षेत्र के लिए निर्धारित लक्ष्य संदर्भ में, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार ने ‘इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद डिजाइन एवं उत्पादन प्रौद्योगिकी (ईपीडीपीटी) के क्षेत्रों में क्षमता निर्माण’ नामक एक परियोजना आरम्भ की है, जिसका निष्पादन जनशक्ति विकास, कम कीमत वाले इलेक्ट्रॉनिकी डिजाइन, अनुसंधान एवं विकास आदि के लिए नाइलिट औरंगाबाद, नाइलिट चेन्नै तथा सी-डैक हैदराबाद द्वारा किया जा रहा है।
स्टॉक का तकनीकी विश्लेषण क्या है?
स्टॉक और रुझानों का तकनीकी विश्लेषण कालानुक्रमिक बाजार डेटा का एक अध्ययन है, जिसमें मात्रा और मूल्य शामिल हैं। मात्रात्मक विश्लेषण और दोनों की सहायता सेव्यवहार अर्थशास्त्र, एक तकनीकी विश्लेषक भविष्य के व्यवहार की भविष्यवाणी करने के लिए पिछले प्रदर्शन का उपयोग करने का विरोध करता है।
रणनीतियों की एक श्रृंखला के लिए एक व्यापक शब्द, वित्तीय बाजारों का तकनीकी विश्लेषण प्रमुख रूप से एक विशिष्ट स्टॉक में मूल्य कार्रवाई की व्याख्या पर निर्भर करता है। अधिकांश तकनीकी विश्लेषण यह समझने पर केंद्रित है कि क्या वर्तमान प्रवृत्ति जारी रहने वाली है।
और अगर नहीं तो कब उलट होगा। अधिकांश विश्लेषक ट्रेडिंग के लिए संभावित निकास और प्रवेश बिंदुओं का पता लगाने के लिए उपकरणों के संयोजन का उपयोग करते हैं। उदाहरण के लिए, एक चार्ट निर्माण अल्पावधि के लिए एक प्रवेश बिंदु की ओर संकेत कर सकता है, लेकिन व्यापारियों को अलग-अलग समय अवधि के लिए चलती औसत की झलक मिल सकती है ताकि यह स्वीकार किया जा सके कि ब्रेकडाउन आ रहा है या नहीं।
आप स्टॉक रुझानों के तकनीकी विश्लेषण का उपयोग कैसे कर सकते हैं?
शेयर बाजार तकनीकी विश्लेषण का मूल सिद्धांत यह है कि कीमतें उपलब्ध जानकारी को दर्शाती हैं जो बाजार पर एक बड़ा प्रभाव छोड़ सकती हैं। इससे महत्वपूर्ण, आर्थिक या नवीनतम विकासों को देखने की कोई आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि उनकी कीमत पहले से ही सुरक्षा में होगी।
आम तौर पर, तकनीकी विश्लेषकों का मानना है कि कीमतों में प्रवृत्तियों में बढ़ोतरी होती है और जहां तक बाजार के मनोविज्ञान का संबंध है, इतिहास में खुद को दोहराने की अधिक संभावना है। तकनीकी विश्लेषण के दो प्राथमिक और सामान्य प्रकार हैं:
चार्ट पैटर्न
ये तकनीकी विश्लेषण का एक व्यक्तिपरक रूप है जहां विश्लेषक विशिष्ट पैटर्न का अध्ययन करके एक चार्ट पर प्रतिरोध और समर्थन के क्षेत्रों को पहचानने का प्रयास करते हैं। मनोवैज्ञानिक कारकों द्वारा प्रबलित, इन पैटर्नों को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि वे यह अनुमान लगाने में मदद करते हैं कि किसी विशेष समय और बिंदु से ब्रेकआउट या ब्रेकआउट के बाद कीमतें कहां बढ़ रही हैं।
तकनीकी विश्लेषण की सीमाएं
जितना अधिक वे सहायक होते हैं, तकनीकी विश्लेषण में एक विशिष्ट व्यापार ट्रिगर के आधार पर कुछ सीमाएं हो सकती हैं, जैसे:
- चार्ट पैटर्न का आसानी से गलत अर्थ निकाला जा सकता है
- गठन कम मात्रा पर स्थापित किया जा सकता है
- चलती औसत का अध्ययन करने के लिए उपयोग की जाने वाली अवधि बहुत कम या बहुत लंबी हो सकती है
तकनीकी विश्लेषण की प्रक्रिया
किसी भी अन्य डोमेन की तरह, तकनीकी विश्लेषण भी विशिष्ट सिद्धांतों के बारे में है। इस दायर में शामिल अवधारणाएं वित्तीय बाजार में बेहतर निर्णय लेने के लिए तकनीकी विश्लेषक के दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करती हैं। कुछ सामान्य अवधारणाएँ हैं:
चार्ट पैटर्न: विभिन्न पैटर्न का स्टॉक चार्ट विश्लेषण एक तकनीकी चार्ट पर सुरक्षा की गति के साथ होता है।
फैलना: यहां, कीमतें पूर्व प्रतिरोध या समर्थन के क्षेत्र में मजबूती से प्रवेश करती हैं। यदि आप केवल सूचकांकों में व्यापार करना चाहते हैं, तो आप निफ्टी तकनीकी चार्ट में ब्रेकआउट की तलाश कर सकते हैं।
सहायता: यह कीमत का एक स्तर है जो खरीदारी गतिविधि को बढ़ा सकता है
प्रतिरोध: यह कीमत का एक स्तर है जो बिक्री गतिविधि को बढ़ा सकता है
तकनीकी और मूलभूत विश्लेषण का संयोजन करें
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जैव चिकित्सा तकनीके
कम्प्यूटेड टोमोग्राफिक क्रमवीक .
Updated On: 27-06-2022
Solution : यह चिकित्सा विज्ञान की एक अत्यन्त महत्वपूर्ण तकनीक है, जिसमें एक्स किरणों (X-Rays) के प्रयोग को कंप्यूटर तकनीक के साथ संयोजित करते हुए शरीर के किसी भाग का द्विविमीय अथवा त्रिविमीय अनुप्रस्थ काट (Cross sectioned) का चित्र प्राप्त किया जा सकता है। इस चित्र में समस्त अंग अलग-अलग स्पष्ट दिखाई देते हैं। इस तकनीक का विकास ब्रिटेन के भौतिक विज्ञानी गाँडफ्रे हॉन्सफील्ड द्वारा 1968 में किया गया। इनको इस खोज के लिए 1979 में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।
- इस तकनीक के सैद्धान्तिक आधार की विवेचना एक भारतीय वैज्ञानिक श्री गोपालसमुद्रम एन, रामचन्द्रन (GN. Ramchandran) ने प्रस्तुत की। सी.टी. स्कन जिसे कम्प्यूटेड एक्सियल टोमोग्राफी स्कैन (AT Scan) भी कहते हैं। तकनीक में X-Rays की अल्प मात्रा युक्त पुंज (Beum)360° पर घूमती हुई मरीज के एक पतले क्रॉस सैक्शन जैसे भाग से गुजरती है। इस समय अपने ऊतक अपने घनत्व (Density) के अनुरूप विकिरण को कुछ मात्रा का अवशोषण कर लेते हैं। यह विकिरण पुंज शरीर से बाहर आने पर प्रकाश संवेदी क्रिस्टल संसूचक (Detector) द्वारा इलैक्ट्रोनिक संकेतों (Electronic signals) में बदल जाता है, जिसे तकनीकी और मूलभूत विश्लेषण का संयोजन करें Computer Scanner (कम्प्यूटर क्रमवीक्षक) को संप्रेषित (Transmitted) कर दिया जाता है। यह प्रक्रिया तक तक पुनरावृत्त होती है जब तक कि शरीर की कार के किसी स्तर को सभी कोणों से नहीं प्रेक्षित कर लिया जाये। इन आंकड़ों का कंप्यूटर द्वारा विश्लेषण किया जाता है। इस परीक्षण में थोड़ी-थोड़ी दूरी की क्रॉस कार्यों के स्तरों पर चित्रों की एक श्रृंखला प्राप्त हो जाती है। अतः क्रमवीक्षण (Scan) कहलाते हैं। सी. टी. स्कैन का उपयोग शरीर के किसी भी हिस्से का चित्र प्राप्त करने में कर सकते हैं। यह तकनीक मस्तिष्क, मेरुरज्जु , छाती एवं उदर झ्यादि से संबंधित रोगों के निदान में सहायक सिद्ध होती है। इस परीक्षण से अबुंदों (Tumours) की जाँच तथा आस-पास के ऊतकों में उनके प्रसार के बारे में अत्यधिक उपयोगी जानकारी प्राप्त होती है।
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