Explained: अब क्रिप्टो करेंसी से व्यापार की इजाजत, जानिए- क्या है बिटक्वॉयन या वर्चुअल करेंसी
सरकार या किसी भी नियामक ने किसी भी एजेंसी, संस्था, कंपनी या बाजार मध्यस्थ को बिटक्वॉयन जारी करने का लाइसेंस नहीं दे रखा है.
इंटरनेट करेंसी होने की वजह से इसे आसानी से हैक किया जा सकता है.
By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 04 Mar 2020 01:16 PM (IST)
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को देश में क्रिप्टोकरेंसी में व्यापार की अनुमति प्रदान कर दी. इससे पहले 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था. भारत में क्रिप्टो करेंसी का कारोबार करने वालों की संस्था इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने इसे चुनौती देते हुए कहा था कि भारत सरकार ने क्रिप्टो करेंसी पर रोक नहीं लगाई है.
ऐसे में रिज़र्व बैंक को अपनी तरफ से इस तरह का आदेश देने का अधिकार नहीं था. रिज़र्व बैंक ने दलील दी थी कि बैंकिंग व्यवस्था को किसी भी संभावित नुकसान से बचाने के लिए इस तरह का कदम उठाना ज़रूरी था.
क्या है बिटक्वॉयन या वर्चुअल करेंसी?
क्रिप्टो करेंसी एक वर्चुअल करेंसी है और क्रिप्टो करेंसी में सबसे लोकप्रिय बिटकाइन है. बिटकॉइन को 2009 में लॉन्च किया गया था और इसके बाद से कई और क्रिप्टो करेंसी लॉन्च हो चुकी हैं.
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इस करेंसी को सरकार जारी नहीं करती है इसलिए उसे रेगुलेट भी नहीं कर सकती हैं. भले ही इसके नाम में करेंसी या क्वॉयन जुड़ा हो, लेकिन दुनिया के किसी भी केंद्रीय बैंक मसलन, भारतीय रिजर्व बैंक ने इसे जारी नहीं किया है.
इसको हम अपने घर या अपनी जेब में नहीं रख सकते. वर्चुअल करेंसी ना तो कागजी नोट के रुप में नजर आता है और ना ही धातु के सिक्के के तौर पर. लिहाजा वर्चुअल करेंसी ना तो नोट है और ना ही सिक्का. यह केवल इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर होती है और अगर किसी के पास बिटकॉइन है तो वह आम मुद्रा की तरह ही सामान खरीद सकता है. सरकार या किसी भी नियामक ने किसी भी एजेंसी, संस्था, कंपनी या बाजार मध्यस्थ को बिटक्वॉयन जारी करने का लाइसेंस नहीं दे रखा है.
सरकार लगातार क्रिप्टो करेंसी को लेकर आगाह करती रही
वित्त मंत्रालय ने पहले भी बिटक्वॉयन समेत तमाम वर्चुअल करेंसी के खतरे के प्रति लोगों को आगाह किया था. साथ ही इसे एक तरह का पोंजी स्कीम भी माना है जिसमें भारी मुनाफे के लालच में लोग पैसा लगाते हैं, लेकिन बाद में मूल के भी लाले पड़ जाते है. अपने बजट भाषण में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था, ''सरकार क्रिप्टो करेंसी लीगल टेंडर या क्वाइन पर विचार नहीं करती है. अवैध गतिविधियों को धन उपलब्ध कराने अथवा भुगतान प्रणाली के एक भाग के रुप में इन क्रिप्टो परिसंपत्तियों के प्रयोग को समाप्त करने के लिए सभी प्रकार का कदम उठाएगी.''
जब RBI ने कही थी खुद की क्रिप्टो करेंसी लाने की बात
अप्रैल 2018 में रिजर्व बैंक ने एक कमेटी बनाने का ऐलान किया था जो आरबीआई के वर्चुअल करेंसी लाने के बारे में सुझाव देगा. बैंक का कहना है कि ये मौजूदा कागजी मुद्रा के अतिरिक्त होगी. कागजी मुद्रा की छपाई वगैरह पर खर्च भी काफी होता है जबकि वर्चुअल करेंसी को लेकर इस तरह की परेसानी नहीं होगी. फिलहाल, अभी स्ष्पट नहीं है कि ये वर्चुअल करेंसी कब आएगी.
क्या हैं क्रिप्टो करेंसी से होने वाले नुकसान?
इंटरनेट करेंसी होने की वजह से इसे आसानी से हैक किया जा सकता है. इस करेंसी को किसी भी सेंट्रल एजेंसी द्वारा नियंत्रित नही किया जाता है इसलिए किसी ग्राहक का पैसा डूबने या विवाद को हल करने के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं है. बिटकॉइन के जरिए लेन-देन करने वालों को लीगल और फाइनेंशियल रिस्क उठाना पड़ता है. दरअसल, इस करेंसी को लेकर उठने वाली समस्याओं को हल करने की कोई उचित व्यवस्था नहीं है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बिटकॉइन का इस्तेमाल गैरकानूनी और आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.
बिटकॉइन नहीं है, ये है सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली क्रिप्टोकरेंसी
बिटकॉइन सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली क्रिप्टोकरेंसी नही है. हालांकि डिजिटल एसेट की दुनिया में इसकी वैल्यू जरूर 70 फीसदी है. क्रिप्टकरेंसी से जुड़ी वेबसाइट कॉइनमार्केटकैप डॉट कॉम. CoinMarketCap.com के आकड़ों के मुताबिक दुनिया में सबसे ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी टीथर का इस्तेमाल होता है. 30 गुना तक कम मार्केटकैप होने के बावजूद इसका दैनिक और मासिक ट्रेडिंग वॉल्यूम सबसे अधिक है.
Published at : 04 Mar 2020 12:31 PM (IST) Tags: Bitcoin Cryptocurrency Supreme Court हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
जॉब में अगर की यह गलती तो निकाले जायेंगे
भविष्य में करियर के लिहाज से चुनौतियां बढ़ने वाली हैं. आपकी शिक्षा, मौजूदा कुशलता और कामकाज का अनुभव शायद आपकी बहुत बिटकॉइन का सामना करने वाली चुनौतियाँ मदद नहीं कर सके. कारोबार के सामने आने वाली नई-नई चुनौतियों और नई तकनीक की वजह से बहुत से मौजूदा जॉब खत्म हो रहे हैं. तकनीक और ऑटोमेशन के इस दौर में आप पर भी असर पड़ना लाजमी है.
यहां सच यह भी है कि सब कुछ खत्म नहीं होने वाला है. इंटरनेट के विस्तार की वजह से करियर के बहुत से नए मौके भी सामने आ रहे हैं. अब ज्ञान और कुशलता किसी एक इलाके या वर्ग तक सीमित नहीं रह गयी है. काम और कमाई के नए मौके भी सामने आ रहे हैं. सवाल यह है कि बदलते माहौल में आप किस तरह खुद को बदलें जिससे कि आने वाले समय में आप समय के साथ चल सकें.
अब तक आपने सुना होगा कि स्पेशलिस्ट की मांग हमेशा बनी रहती है और उन्हें हटाना मुश्किल होता है. इस हिसाब से आपने अकाउंटेंसी की ट्रेनिंग ली और ऑडिट के स्पेशलिस्ट बन गए. अगर आप दस साल से यही काम कर रहे हैं तो इस दौरान काफी कुछ बदल गया होगा. नियम, टैक्स की दरें और केस से जुड़े कानून, सब बदले हैं. अब आप अकाउंटिंग और ऑडिट के डिजिटल माध्यम भी इस्तेमाल कर रहे होंगे. आपको मौजूदा कुशलता के साथ नई चीजें भी सीखनी होंगी. अगर आप नहीं सीखेंगे तो नई कुशलता से लैस युवा आपको रिप्लेस करेंगे.
अगर आपने किसी खास काम में कुशलता हासिल की है तो आपको समय के साथ उसे अपग्रेड करते रहना होगा. आपको नई चीजें उसी स्पीड से स्वीकार करनी होंगी जिस गति से कोई युवा उन चीजों को सीखता है. अगर आप नई जिम्मेदारी लेने को हर वक्त तैयार रहते हैं और अपनी पिछली कुशलताओं का प्रयोग कर नई विशेषज्ञता हासिल करते हैं तो आप जॉब में बने रह सकते हैं.
आपके मौजूदा ज्ञान की शेल्फ लाइफ बहुत कम है. इससे आपकी आमदनी हर साल कम होती रहेगी. अब आपकी जगह जो नया व्यक्ति जॉब की लाइन में खड़ा है उसके पास ज्ञान प्राप्त करने के अपर स्रोत हैं. आपकी कुशलता यह होगी कि जो ज्ञान आपके पास है, किस तरह उसके उपयोग से आप नतीजे दे सकते हैं. हर समय नई चीजें सीखते रहना आपके लिए ज्यादा बेहतर विकल्प है.
आपको सोचने पर कुछ समय खर्च करना चाहिए. फोन, ईमेल और मनोरंजन के अन्य साधनों की भीड़ में आपके पास शांत दिमाग से सोचने का वक्त होना चाहिए. आपको यह समझ आना चाहिए कि कौन सी तरकीब काम कर सकती है और कौन सी नहीं. जब आप जटिल समस्या के बारे में सोचेंगे और उसका हल निकालने के प्रयास करेंगे तो आपकी इम्पलॉयबिलिटी बढ़ जाएगी.
क्या आप अकेले बेहतर काम कर सकते हैं या टीम के रूप में आपका प्रदर्शन बेहतर रहता है. अगर आप अकेले काम करने में बिटकॉइन का सामना करने वाली चुनौतियाँ बेहतर महसूस करते हैं तो आपके लिए चुनौतियां बढ़ सकती हैं. अगर आप टीम के साथ प्रभावी नतीजे देने में सक्षम हैं, तभी आप जॉब बिटकॉइन का सामना करने वाली चुनौतियाँ में लंबे समय तक चल पाएंगे.
ऑटोमेशन के इस बढ़ते दौर में आम समस्या सामने कम आएगी. इस स्थिति में जटिल समस्या सुलझाना आपके बूते की बात नहीं होगी. अब हर संस्थान में एक टीम होगी और अलग बैक ग्राउंड के लोग टीम में एक साथ उस समस्या को दूर करने पर काम करेंगे. अगर आप इस स्थिति में काम कर सकें और टीम का नेतृत्व कर सकें तो ही आप जॉब में सफल हो पाएंगे.
अगर आप लगातार सीखना जारी रखते हैं तो आप इस कला में कुशल हो जायेंगे. इसके लिए जरूरी है कि आप सबसे पहले भूलना सीखें. मान लीजिये कि आपको कोडिंग आती है, लेकिन आप यह नहीं समझ पा रहे हैं कि आपकी HR टीम को आपसे क्या चाहिए. आप अपने दिमाग से पुरानी चीजों को निकालिए और नई चीज सीखना शुरू कीजिये. आप शुरुआत से स्टार्ट कीजिये.
डॉलर को चुनौती दे रही वर्चुअल करेंसी बिटक्वाइन
LUCKNOW : एसटीएफ द्वारा वर्चुअल करेंसी बिट1वाइन के नाम पर ठगी करने के आरोपी को दबोचा तो चर्चा शुरू हुई कि आ2िार बिट1वाइन है 1या और इसका इस्तेमाल आ2िार कौन करता है। दरअसल इन दिनों इंटरनेट पर रुपये और दूसरी मुद्राओं के साथ लेन-देन में इस करेंसी का जमकर इस्तेमाल बिटकॉइन का सामना करने वाली चुनौतियाँ किया जा रहा है। हैरानी की बात है कि किसी देश की करेंसी न होने और किसी देश द्वारा मान्यता न मिलने के बावजूद बिट1वाइन वर्चुअल दुनिया में 2ासी पॉपुलर हो चुकी है। अब तक इंटरनेशनल ट्रांजे1शन का जरिया यूएस डॉलर को 5ाी यह नई करेंसी चुनौती दे रही है। वजह 5ाी साफ है, इस करेंसी के जरिए लेन-देन करने पर न तो सरकार को इस बारे में पता चलता है और न ही वह श2स सुरक्षा एजेंसियों के राडार पर आ पाता है।
नहीं आती किसी कानून के दायरे में
बिट1वाइन करेंसी की पॉपुलारिटी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेजन और कई ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स इसे ए1सेप्ट कर रही हैं। दरअसल, यह एक डिजिटल करेंसी है और इसका बिना बैंक के लेनदेन होता है। यह दुनिया के किसी 5ाी कानून के दायरे में नहीं आती और न ही इसकी निगरानी ही सं5ाव है। यही वजह है कि यह गैरकानूनी कामों को करने वालों या फिर टै1स चोरों के लिये इससे ट्रांजे1शन करना बेहद मुफीद साबित हो रहा है। यही वजह है कि इसे इस्तेमाल करने वालों की तादाद दिन दूनी रात चौगुनी र3तार से बढ़ती जा रही है। आ5ासी दुनिया की यह नई करेंसी तमाम देशों के लिये चिंता का सबब 5ाी बन चुकी है। चीन ने तो बिट1वाइन से लेनदेन को प्रतिबंधित कर दिया है।
रुपया दीजिए, बिट1वाइन लीजिए
ऑनलाइन ट्रांजे1शन के काम आने वाली बिट1वाइन को हासिल करना 5ाी बेहद आसान है। 5ारत में यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्6ा https://support.buysellbitco.in/support/home पर उपल4ध है। इसके लिये कंपनी ने एजेंट 5ाी बना र2ो हैं जो इसी प्लेटफॉर्म पर लागइन आईडी के जरिए बिट1वाइन की 2ारीद-फरो2त करते हैं। इसके लिये किसी 5ाी श2स को साइट पर जाना होता है। जहां उसे अपनी जरूरत के हिसाब से बिट1वाइन 2ारीदने का ऑप्शन होता है। बिट1वाइन का रेट वैसे तो बिटकॉइन का सामना करने वाली चुनौतियाँ इंटरनेशनल मार्केट से तय होता है लेकिन, 5ारत में इसकी कीमत 20 फीसदी तक ज्यादा वसूली जाती है। शनिवार शाम को एक बिट1वाइन की कीमत 14,812 यूएस डॉलर थी। जरूरत के मुताबिक बिट1वाइन 2ारीदने के लिये साइट पर 2ाुद का ई-वॉलेट बनाना पड़ता है। जिसके बाद रुपया ट्रांसफर करने पर उतनी रकम के एवज में बिट1वाइन दे दिये जाते हैं। हाल ही में पकड़ा गया मो। अजहद 5ाी 2ाुद को एजेंट बताकर हरियाणा के फतेहाबाद निवासी व्यापारी को ठगने में सफल हो गया था।
इंजीनियरिंग छात्रों के जरिए चल रहा गोर2ाधंधा
बिट1वाइन के नाम पर धो2ाधड़ी करने वाले गैंग का 2ाुलासा करने वाले यूपी एसटीएफ के एएसपी डॉ। त्रिवेणी सिंह ने बताया कि अब तक की जांच में पता चला है कि बिट1वाइन के नाम पर लोगों को ठगने वाले गैंग का सरगना पुणे में मौजूद हैं। उसने बेहद चालाकी से अपनी पहचान छिपाते हुए इंजीनियरिंग के छात्रों को अपना एजेंट बना लिया और उनके जरिए ही इस गोर2ाधंधे को संचालित कर रहा है। इतना ही नहीं, गैंग ने देश के तमाम शहरों में अपने एजेंट बना लिये हैं। इन एजेंटों का काम ऑनलाइन बिट1वाइन 2ारीदने वाले को झांसा देकर दिये गए बैंक अकाउंट में रकम जमा कराना होता है। जिसके बाद सरगना रकम को निकाल लेता है। साथ ही एजेंटों को उनका कमीशन उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाता है। डॉ। सिंह ने बताया कि एसटीएफ टीम को गिर3त में आए मो। अजहद से जो जानकारी हाथ लगी है, उसके सहारे अब पुणे पुलिस से संपर्क साधा गया है।
क्रिप्टोकरेंसी की कानूनी स्थिति स्पष्ट करें: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा
जस्टिस सूर्यकांत की उक्त टिप्पणी उस समय आई, जब प्रवर्तन निदेशालय बिटकॉइन का सामना करने वाली चुनौतियाँ के लिए पेश हुईं एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी ने बेंच से आग्रह किया कि गैन बिटकॉइन घोटाले के आरोपी अजय भारद्वाज जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
जस्टिस सूर्यकांत ने इस पर पूछा,
''आपका 'सहयोग न करने' का क्या मतलब है?
एएसजी ने जवाब दिया कि ईडी ने जांच के सिलसिले में आरोपी को कई समन जारी किए हैं। गौरतलब है कि अगस्त, 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को एक करोड़ रुपये जमा करने पर अग्रिम जमानत दी थी। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया था कि उसके खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जा सकता। ईडी ने जमानत रद्द करने के लिए आईए दायर किया।
जस्टिस सूर्यकांत ने तब मौखिक रूप से टिप्पणी की,
"हम चाहते हैं कि आप भारत संघ के रूप में बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी के रूप में शासन को रिकॉर्ड पर रखें? क्या यह अभी भी एक अपराध है?"
एएसजी से आग्रह किया,
"हम ऐसा करेंगे। डायरेक्ट मार्केटिंग दिशानिर्देश हैं, जिन्हें उन्होंने चुनौती दी है। इस घोटाले में 80,000 बिटकॉइन शामिल हैं, जिनकी कीमत 20,000 करोड़ है। पूरे देश में एफआईआर दर्ज हैं। पीड़ित हजारों लोग हैं जिनकेा पैसे इसमें लगा है। "
उल्लेखनीय है कि हाल के बजट सत्र में संसद ने वित्त विधेयक पारित किया, जो क्रिप्टो-करेंसी एक्सचेंज पर टैक्स लगाने का प्रावधान करता है। हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी पर टैक्स लगाने का मतलब यह नहीं है कि इसे कानूनी मान्यता मिल गई है।
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने वर्तमान मामले में दर्ज किया कि एएसजी ने कहा कि इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि 80,000 के बिटकॉइन यानी लगभग 20,000 करोड़ रुपए मूल्य के बिटकॉइन के घोटाले का आरोप है, याचिकाकर्ता ने जांच के दौरान सहयोग नहीं किया। गिरफ्तारी पर रोक लगाने वाले अंतरिम बिटकॉइन का सामना करने वाली चुनौतियाँ आदेश को वापस लिया जा सकता है।
पीठ ने शुक्रवार को निर्देश दिया,
"हम याचिकाकर्ता को प्रवर्तन निदेशालय में जांच अधिकारी के सामने पेश होने का निर्देश देते हैं और जब भी ऐसा करने के लिए कहा जाए तो जांच में सहयोग करे। आईओ चार सप्ताह के भीतर इस अदालत के समक्ष एक नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेगा। इसमें प्रगति का संकेत दिया जाएगा। जांच और याचिकाकर्ता की ओर से सहयोग है या नहीं। याचिकाकर्ता बिटकॉइन का सामना करने वाली चुनौतियाँ द्वारा जांच में सहयोग करने की शर्त पर गिरफ्तारी पर रोक लगाने वाला अंतरिम आदेश लिस्टिंग की अगली तारीख तक जारी रहेगा।"
कथित तौर पर, अजय भारद्वाज के भाई अमित भारद्वाज, गैन बिटकॉइन घोटाले के कथित मास्टरमाइंड को मार्च 2018 में गिरफ्तार किया गया था। बाद में तीन अप्रैल, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी। अमित भारद्वाज ने कई कंपनियों की स्थापना की। उसने बिटकॉइन निवेश पर 10% मासिक रिटर्न का वादा किया था।
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