बिजनेस टूल्स गाइड: विषय सूची और प्रस्तावना
इस मार्गदर्शिका के प्रकाशन में सहयोग के लिए Google News Initiative को धन्यवाद। इसे न्यूयॉर्क की शोधकर्ता ताल्या कूपर ने अपने शोध के आधार पर लिखा है। उन्होंने ‘द इंटरसेप्ट‘ के ‘एडवर्ड स्नोडेन संग्रहालय‘ में पुरालेखपाल के बतौर काम किया है। वह स्टोरीकॉर्प्स में भी आर्काइव मैनेजर रह चुकी हैं। वह लाइब्रेरियन्स के लिए निगरानी विरोधी और गोपनीयता प्रौद्योगिकी संबंधी एक गाइड, Anonymity के लिए एलिसन मैकरीना के साथ सह-लेखिका भी हैं। प्रस्तुत ‘बिजनेस टूल्स गाइड‘ का संपादन निकोलिया अपोस्टोलू और रीड रिचर्डसन ने किया है। इसमें सेंटावियो ने Freepik.com. के माध्यम से चित्र बनाए हैं। इसे चफीक फैज ने डिजाइन किया है।
यह ‘बिजनेस टूल्स गाइड‘ छोटे न्यूजरूम को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। इसमें समाचार-संकलन के सिवाय अन्य सभी कामों में मदद के लिए टूल दिए गए हैं। इसमें बिलों का भुगतान, सहयोगी परियोजनाओं को शेड्यूल करना, टीम सदस्यों के साथ नियमित संचार, पॉडकास्ट का संपादन और पोस्टिंग, सोशल मीडिया के लिए ग्राफिक डिजाइन करना और उसका प्रदर्शन देखना इत्यादि शामिल है।
इन चीजों के लिए बाजार में अनगिनत उत्पाद मौजूद हैं। सभी खुद को सबसे अच्छा बताते हैं। इनमें कौन से उत्पाद सर्वोत्तम हैं, इस पर शोध करना और उनके लिए भुगतान करना छोटे न्यूजरूम के लिए मुश्किल हो सकता है। इसलिए हमने प्रमुख श्रेणियों में उपलब्ध विभिन्न लोकप्रिय विकल्पों का चयन किया है। इसमें हमने आर्थिक बोझ वहन करने की क्षमता को भी ध्यान में रखा है।
यहां प्रस्तुत अधिकांश उत्पादों में निशुल्क परीक्षण की सुविधा है। अधिकांश के ‘फ्रीमियम‘ संस्करण भी उपलब्ध हैं। ‘फ्रीमियम‘ – यानी सीमित सुविधाओं के साथ एक निःशुल्क संस्करण, जिसमें भुगतान करने पर समस्त क्षमताओं की विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध हो। अधिकांश कंपनियां सशुल्क सब्सक्रिप्शन के साथ ‘कस्टमर सपोर्ट‘ की सुविधा भी देती हैं। छोटे मीडिया संगठनों के पास सीमित तकनीकी स्टाफ होने के कारण यह सुविधा भी महत्वपूर्ण है।
इनमें से कई सॉफ्टवेयर कंपनियां गैर-लाभकारी संगठनों, चैरिटेबल संस्थाओं और शिक्षण संस्थानों को विशेष छूट देती हैं। इसके लिए कुछ दस्तावेज देने पड़ते हैं। गैर-लाभकारी समाचार संगठनों, चैरिटेबल संस्थाओं और स्वयंसेवी संगठनों को अपने सॉफ्टवेयर कार्यान्वयन के बारे में कोई भी निर्णय लेने से पहले यूके के TechSoup (Charity Digital Exchange) से परामर्श कर लेना चाहिए। यह अपने पंजीकृत सदस्यों को मुफ्त और रियायती सॉफ्टवेयर प्रदान करने के लिए विभिन्न कंपनियों से संपर्क करता है। इसमें माइक्रोसॉफ्ट (एमएस) ऑफिस और एडॉब क्रिएटिव क्लाउड जैसे लोकप्रिय और महंगे उत्पाद शामिल हैं। वे कई प्रकार के कोर्सेस और नेटवर्किंग के अवसर तकनीकी विश्लेषक का टूलबॉक्स भी प्रदान करते हैं। इनकी कीमतें विभिन्न देशों के लिए अलग-अलग होती हैं। कुछ उत्पादों के लिए प्रशासनिक शुल्क भी लिया जाता है।
‘फ्री एंड ऑपेन सोर्स सॉफ्टवेयर’ (एफओएसएस) के संबंध में कुछ बातें जानना जरूरी है। ऐसे उत्पादों का निर्माण और रखरखाव आम तौर पर स्वयंसेवी लोगों द्वारा किया जाता है। संभव है कि उनके पास भी भुगतान किए गए टूल के समान सुविधाएं और क्षमताएं हों। लेकिन उनमें आमतौर पर आपके खास उपयोग के अनुरूप पॉलिश्ड इंटरफेस की कमी होती है। उनका इस्तेमाल करते समय उपयोगकर्ता आमतौर पर उन्हें ‘आउटडेटेड‘ बताते हैं। ऐसे उपकरण काफी धीमी गति से कार्य कर सकते हैं। इनमें ‘एक्सेल‘ या ‘फोटोशॉप‘ जैसे उत्पाद जैसी सहजता का अभाव दिखाई पड़ सकता है। इनमें व्यावसायिक सॉफ्टवेयर की तुलना में अधिक तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता पड़ सकती है। व्यावसायिक सॉफ्टवेयरों में ज्यादा प्लग-एंड-प्ले होते हैं।
इस गाइड में हमारे द्वारा चुने गए उपकरणों का दुनिया भर में व्यापक उपयोगकर्ता समुदाय हैं। इसलिए इनके संबंध में जानकारियों का विशान ऑनलाइन खजाना है। जैसे, निर्देशात्मक यूट्यूब वीडियो, विकीपीडिया की जानकारी, उपयोगकर्ता समूह इत्यादि। इनसे नए उपयोगकर्ताओं की बाधाओं को दूर करने में काफी मदद मिलती है।
‘फ्री एंड ऑपेन सोर्स’ सॉफ्टवेयर में सुरक्षा संबंधी कई लाभ भी हैं। चूंकि ये उत्पाद ओपन सोर्स हैं, इसलिए उपयोगकर्ता समुदाय इसके कोड का ऑडिट कर सकता है। इसके कारण इनमें छिपे हुए किसी बग या बैकडोर सहित किसी एप्लिकेशन की संभावना कम हो जाती है। कुछ कंपनियां केवल कुछ देशों में अपने भुगतान किए गए उत्पादों की पेशकश करती हैं। अधिकांश ‘फ्री एंड ऑपेन सोर्स’ सॉफ्टवेयर उत्पादों की ऐसी कोई भौगोलिक सीमा नहीं है। उनके पास वैश्विक उपयोगकर्ता आधार मौजूद है। इसलिए इनका अधिक भाषाओं में अनुवाद भी किया गया है। संभव है कि वाणिज्यिक उत्पादों का उतनी भाषाओं में अनुवाद नहीं मिल पाए।
अंत में, गूगल या फेसबुक इत्यादि के मुफ्त टूल का उपयोग करने में गोपनीयता की कीमत चुकानी पड़ सकती है। ऐसे उपकरण निशुल्क उपलब्ध कराने के बदले बड़ी तकनीकी कंपनियां आपके डेटा के साथ ही आपके उपयोगकर्ताओं का भी विश्लेषण करेंगी। संभव है कि किन्हीं देशों में आपके ऐसे डेटा तक कानून प्रवर्तन एजेंसियों को पहुंच भी मिल जाए। कोई टूल आपको उपयोग में आसान और त्वरित सेटअप लायक होने के कारण पसंद आ सकता है, लेकिन आपको ‘सॉफ्टवेयर गोपनीयता‘ नीतियों को ध्यान से पढ़ना चाहिए। अपने लिए टूल का चयन करते समय इन बातों को ध्यान में रखना चाहिए।
इस गाइड में सभी मूल्य दिनांक 24 जून, 2021 के आधार पर यूएस डॉलर में दिए गए हैं। अगर उल्लेख न किया गया हो, तो इसमें वैट शामिल नहीं है। जिस भाषा में उपकरण उपलब्ध है, उसकी भी जानकारी दी गई है। जहां सूचना मिल सकी, वहां हमने यह भी बताया है कि वह उपकरण किन देशों में उपलब्ध हैं।
तकनीकी विश्लेषक का टूलबॉक्स
देहरादून। एक तरफ केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के साथ ही राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) का पूरे देश में प्रदूषण स्तर नियंत्रित करने पर खासा जोर है। इसे लेकर केंद्र की ओर से तमाम योजनाएं भी संचालित हैं। वहीं उत्तराखंड राज्य प्रदूषण तकनीकी विश्लेषक का टूलबॉक्स नियंत्रण बोर्ड में वैज्ञानिकों व तकनीकी विशेषज्ञों की कमी के चलते प्रदूषण नियंत्रण कानूनों को लागू कराने में तमाम दिक्कतें आ रही हैं ।
उत्तराखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीसीबी) के आंकड़ों पर ही नजर डालें तो बोर्ड के पास महज 11 वैज्ञानिकों की टीम है। निर्धारित मानकों के मुताबिक 41 वैज्ञानिकों की जरूरत है। जहां तक तकनीकी विशेषज्ञों का सवाल है तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में 26 तकनीकी विशेषज्ञों की जगह मात्र 10 तकनीकी विशेषज्ञ ही हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से वैज्ञानिकों व तकनीकी विशेषज्ञों की नियुक्ति का अधियाचन सात माह पूर्व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को भेजा गया, लेकिन अभी यह मामला फिलहाल अधर में लटका हुआ है ।
बता दें, कैग ने भी अपनी सालाना रिपोर्ट में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में वैज्ञानिकों व तकनीकी विशेषज्ञों की कमी को लेकर सवाल उठाए हैं। कैग ने अपनी सालाना रिपोर्ट में राज्य में साल दर साल बढ़ते प्रदूषण को लेकर गहरी चिंता जताते हुए कई बिंदुओं पर रिपोर्ट भी सौंपी गई है। कैग अधिकारियों ने जब राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के समक्ष प्रदूषण कानूनों का अनुपालन नहीं सुनिश्चित कराने की बात उठायी तो अधिकारियों ने ज्यादातर मामलों में यह तर्क देकर बचाव किया कि उनके पास वैज्ञानिक व तकनीकी विशेषज्ञों की कमी है। इसके चलते प्रदूषण कानूनों को लागू कराने व प्रदूषण को नियंत्रित करने में तमाम दिक्कतें आ रही हैं।
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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में वैज्ञानिकों व तकनीकी विशेषज्ञों की भर्ती को लेकर अधियाचन अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को सात माह पूर्व भेजा जा चुका है। अभी इस मामले में कोई प्रगति नहीं हो पाई है। बोर्ड में वैज्ञानिकों, तकनीकी विशेषज्ञों की भारी कमी है। इसका असर प्रदूषण कानूनों को लागू कराने पर भी पड़ रहा है।
- एसपी सुबुद्धि, सदस्य सचिव, उत्तराखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
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यूनिवर्सल एंडपॉइंट डिटेक्शन एंड रिस्पांस (EDR)
स्टेलर साइबर के ओपन एक्सडीआर प्लेटफॉर्म के साथ एकीकृत करने के लिए किसी भी ईडीआर (ओं) को लाएं, और अंतर्निहित डेटा निष्ठा में सुधार के लिए अपनी पूरी संभावित एआई-आधारित डेटा प्रोसेसिंग का एहसास करें, और बाकी हमले की सतह के साथ ईडीआर को सहसंबंधित करें। निकट-तत्काल कॉन्फ़िगरेशन, XDR की निकट-तत्काल प्राप्ति, भविष्य-प्रूफ सुरक्षा स्टैक।
यह काम किस प्रकार करता है?
यूनिवर्सल एंडपॉइंट डिटेक्शन एंड रिस्पांस
स्टेलर साइबर का यूनिवर्सल ईडीआर एक विषम समापन बिंदु नियंत्रण दुनिया के लिए बनाया गया था जहां कोई नहीं EDR एक जैसे है। यूनिवर्सल ईडीआर किसी की डेटा निष्ठा लाता है EDR एक निश्चित बार तक, और फिर उस डेटा को टेलीमेट्री के अन्य सभी रूपों के साथ सहसंबंधित करता है। यह पहले एक कड़े द्विदिश एकीकरण द्वारा पूरा किया जाता है, डेटा का उपभोग करने के लिए और कार्रवाई करने के लिए प्रतिक्रिया देने के लिए। इसके बाद, डेटा कई अलर्ट पाथवे के प्रसंस्करण ढांचे के माध्यम से जाता है, ताकि तकनीकी विश्लेषक का टूलबॉक्स निष्ठा में सुधार हो, शोर कम हो, और जहां संभव हो वहां नए उपन्यास अलर्ट बनाएं। अंत में, से डेटा ईडीआर और अन्य सभी स्रोतों को एक साथ सहसंबद्ध किया जाता है ताकि संभव सबसे पूर्ण पहचान संदर्भ प्रदान किया जा सके।
एमपीईडीए द्वारा प्रशिक्षण
एमपीईडीए किसानों, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदायों के सदस्यों और जलकृषि को अपनाने के इच्छुक व्यक्तियों के लाभ के लिए चिरस्थाई श्रिम्प जलकृषि और विविधीकरण पर 3-5 दिनों की अवधि के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है। जो किसान पहले से ही जलकृषि व्यवसाय में हैं, उन्हें चिरस्थाई तकनीकी विश्लेषक का टूलबॉक्स कृषि पद्धतियों, बेहतर प्रबंधन प्रथाओं और विविध जलकृषि के लिए संभावित प्रजातियों की कृषि तकनीक पर शिक्षित करने के लिए 3 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाता है। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदायों के सदस्यों को चिरस्थाई श्रिम्प / श्रिम्प पालन पर 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम दिया जाता है ताकि वे श्रिम्प पालन को स्वरोजगार के साधन के रूप में अपना सकें या अन्य किसानों के झींगा फार्मों में रोजगार प्राप्त कर सकें, जिससे आजीविका अर्जित की जा सके। .
किसानों की बैठक
विभिन्न कृषि क्षेत्रों को कवर करते हुए एमपीईडीए के क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा एक दिवसीय किसान सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। किसानों की बैठकें किसानों को उनकी समस्याओं को उठाने के लिए मंच प्रदान करती हैं जिन पर सरकार द्वारा ध्यान दिये जाने के साथ-साथ किसानों के सामने आने वाले विभिन्न तकनीकी मुद्दों पर चर्चा करने की आवश्यकता होती है। किसान सम्मेलन में तकनीकी विशेषज्ञ किसानों को उनकी दिन-प्रतिदिन की कृषि गतिविधियों के तकनीकी पहलुओं के बारे में नई अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। फोरम किसानों को आपस में और अधिकारियों और तकनीकी कर्मियों के साथ अपने अनुभवों का आदान-प्रदान करने का अवसर भी प्रदान करता है।
जागरूकता प्रगति
जागरूकता कार्यक्रम आम तौर पर आधे दिन की अवधि के कार्यक्रम होते हैं जिसमें नए विचारों, नई योजनाओं, जलकृषि के क्षेत्र में नए विकास आदि से अवगत कराने केलिए किसानों की छोटी सभाएं आयोजित की जाती हैं । इस तरह के कार्यक्रम गांव – वार आयोजित किए जाते हैं। जलकृषि में एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग के खिलाफ अभियान, विविध जलकृषि को आगे बढ़ाने के लिए अवसरों की उपलब्धता आदि अभियान, जागरूकता कार्यक्रमों का उद्देश्य बनाते हैं।
अंतरराज्यीय अध्ययन दौरा
एमपीईडीए के फील्ड कार्यालय किसानों के लिए अंतर्राज्यीय अध्ययन दौरों का आयोजन करते हैं। इन कार्यक्रमों में किसानों को उन राज्यों से ले जाया जाता है जहां वे जलकृषि गतिविधियों में लगे हुए हैं और अध्ययन दौरों पर अन्य तटीय राज्यों में जाते हैं। किसानों को खेतों, हैचरी, चारा मिलों आदि का दौरा करने और उन राज्यों में अपनाई जाने वाली प्रथाओं के बारे में जानने का अवसर मिलता है, जहां वे जाते हैं। यह कार्यक्रम किसानों को अन्य राज्यों के किसानों और उद्यमियों के साथ बातचीत करने और उनके अनुभवों के बारे में जानने का अवसर भी प्रदान करता है। आने वाले किसान भी आने वाले राज्यों के किसानों के ज्ञान में योगदान करते हैं।
प्रदर्शन कार्यक्रम
किसी विशेष उम्मीदवार प्रजाति की कृषि के लिए विकसित या अपनाई गई नई कृषि तकनीकों को प्रदर्शन कार्यक्रमों के आयोजन द्वारा जनता के बीच लोकप्रिय बनाया जाता है। किसानों को प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के उद्देश्य से सीबास, तिलपिया, मैंग्रोव केकड़े आदि की व्यावसायिक खेती के लिए संस्कृति तकनीकें की जाती हैं। एमपीईडीए के क्षेत्रीय कार्यालय किसानों के तालाबों में प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित करते हैं जिससे किसानों को निर्यातोन्मुख प्रजातियों की वाणिज्यिक कृषि की बारीकियों को आत्मसात करने में मदद मिलती है। कार्यक्रम से न केवल उस खेत के मालिक को लाभ होता है तकनीकी विश्लेषक का टूलबॉक्स जिसमें प्रदर्शन आयोजित किया जाता है बल्कि पड़ोसी किसानों और प्रदर्शन कार्यक्रमों में आने वाले अन्य किसानों को भी लाभ होता है।
Technical Expert Jobs (तकनीकी विशेषज्ञ नौकरियां)
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शिक्षा वाइज रिक्तियों की सूची - यहां आव
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नई 11,721 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता नौकरी रिक्तियों 2020 अद्यतन
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अन्य पदनाम नौकरियां
पदनाम द्वारा नौकरियों
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स्थान द्वारा नौकरियां
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रोजगरलैइव - भारत का नंबर 1 नौकरी साइट । यहाँ आप भारत में विभिन्न पदों के रिक्त पदों के लिए नवीनतम 2022 सरकार के साथ ही प्राइवेट नौकरी भर्ती सूचनाएं पा सकते हैं। दोनों नवसिखुआ और अनुभवी के लिए कंपनी के शीर्ष नौकरी मिलती है । नौकरी तलाशने वालों, उपयोगी साक्षात्कार सुझाव प्राप्त सर्विस एवं साक्षात्कार सवाल और जवाब फिर से शुरू कर सकते हैं । साक्षात्कार की तैयारी के लिए उपयोगी है, जो नि: शुल्क ऑनलाइन परीक्षा का अभ्यास करें। नवीनतम रोजगार समाचार / रोजगार समाचार सूचनाएं प्राप्त करने के लिए हमारे साथ रजिस्टर । इसके अलावा ई-मेल के माध्यम से दैनिक नवीनतम मुक्त सरकार और अन्य सरकारी नौकरी अलर्ट प्राप्त करें।
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