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पश्चिम बंगाल के मंत्री की सहयोगी के घर पर छापेमारी, 20 करोड़ कैश मिला

पतंजलि योग ग्राम की फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को ठगने के आरोप में तीन गिरफ्तार

पुलिस ने शनिवार इसकी जानकारी दी। उसने बताया कि पतंजलि योग ग्राम की 20 फर्जी वेबसाइट की पहचान की गईं और उन्हें ब्लॉक करने (प्रतिबंधित करने) के लिए उनका ब्योरा ‘नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया’ को भेजा गया है।

पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान हरेंद्र कुमार (25), रमेश पटेल (31) और आशीष कुमार (22) के तौर पर की गई है जो बिहार विदेशी मुद्रा पैसे पश्चिम बंगाल के निवासी हैं।

उसके अनुसार हरेंद्र वेबसाइट निर्माता है और उसने ही लोगों को ठगने के लिए फर्जी वेबसाइट बनाई थीं। नितिन शर्मा नामक एक व्यक्ति ने पुलिस से शिकायत की थी कि वह अपने बेटे का आयुर्वेदिक इलाज कराना चाहते थे और उन्हें इंटरनेट पर एक विदेशी मुद्रा पैसे पश्चिम बंगाल मोबाइल नंबर मिला था। शर्मा के मुताबिक जब उन्होंने इस नंबर फोन किया, तो उधर से एक व्यक्ति ने अपने को पतंजलि से जुड़ा डॉ सुनील गुप्ता बताया और उनसे पंजीकरण शुल्क के रूप में 10,000 रुपये का भुगतान करने को कहा।

किन घोटालों के सिलसिले में हुई छापेमारी?

पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन और पश्चिम बंगाल प्राइमरी एजुकेशन बोर्ड में घोटाले की जांच को लेकर कलकता हाई कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने CBI से ग्रुप 'C' और 'D' कर्मचारी, 9वीं-10वीं कक्षा के असिस्टेंट टीचर और प्राइमरी टीचरों की भर्तियों में हुए घोटाले की जांच के आदेश दिए हैं। वहीं ED प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग विदेशी मुद्रा पैसे पश्चिम बंगाल एक्ट (PMLA) के तहत इस मामले की जांच कर रही है।

ED विदेशी मुद्रा पैसे पश्चिम बंगाल ने शुक्रवार को घोटालों से जुड़े कई स्थानों पर छापेमारी की थी। मुखर्जी के घर पर छापेमारी के दौरान ED को लगभग 20 करोड़ का कैश मिला। मीडिया में आई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि उनके घर पर 500 और 2,000 रुपये के नोटों का ढेर लगा हुआ है। एजेंसी ने बताया कि कैश काउंटिंग मशीन के जरिये इसकी गिनती हो रही है। मुखर्जी के आवास से 20 से अधिक मोबाइल फोन भी जब्त हुए हैं।

छापेमारी के दौरान बरामद हुईं ये चीजें

ED की तरफ से जानकारी दी गई है कि घोटाले से जुड़े अलग-अलग ठिकानों से छापेमारी के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज, रिकॉर्ड, संदिग्ध कंपनियों की जानकारी, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, विदेशी मुद्रा और सोना बरामद किया गया है। इन छापेमारी के साथ-साथ एजेंसी ने पार्थ चटर्जी और शिक्षा राज्यमंत्री परेश अधिकारी के घर की भी तलाशी ली। घोटाले से जुड़े मामले में CBI भी इन दोनों नेताओं से कई घंटों तक पूछताछ कर चुकी है।

छापेमारी में बरामद हुए कैश पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुनाल घोष ने कहा कि पार्टी का इस कैश से कोई संबंध नहीं है। जांच में जिन लोगों का नाम सामने आया है, यह उनकी जिम्मेदारी है कि वो सवालों के जवाब दें। तृणमूल कांग्रेस अभी हालात पर नजर बनाए हुए हैं और बाद में अपना रूख स्पष्ट करेगी। इन घोटालों को लेकर विपक्ष लगातार ममता बनर्जी सरकार और तृणमूल कांग्रेस पर हमलावर बना हुआ है।

भाजपा ने ममता सरकार को घेरा

ED की छापेमारी के बाद भाजपा ने ममता बनर्जी और उनकी पार्टी पर जमकर निशाना साधा है। भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने मुखर्जी की ममता बनर्जी और पार्थ चटर्जी के साथ तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि ये तो ट्रेलर है। पिक्चर अभी बाकी है।

ED ने अर्पिता मुखर्जी को पार्थ चटर्जी की 'करीबी सहयोगी' बताया है। पेशे से अभिनेत्री मुखर्जी ने कई बंगाली, ओडिया और तमिल फिल्मों में काम किया है। उन्होंने 2008 में आई फिल्म 'पार्टनर' में बंगाली सुपरस्टार जीत और 2009 में आई 'मामा बागने' में प्रसनजीत चटर्जी के साथ काम किया था। विदेशी मुद्रा पैसे पश्चिम बंगाल वो चटर्जी की दुर्गा पूजा समिति नाकटला उदयन के प्रचार अभियान का चेहरा भी रह चुकी हैं। यह कोलकाता की सबसे बड़ी दुर्गा पूजा समितियों में से एक है।

Share Market भारतीय शेयर बाजार का एक और नया रिकॉर्ड, आज सेंसेक्स हुआ 63500 के पार

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नई दिल्ली. आज यानी गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार (Indian Share Market) ने फिर एक और नया रिकॉर्ड बनाया है। दरअसल शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स (Sensex) 483 अंकों की तेजी के साथ 63,500 के पार पहुंच चूका है। वहीं निफ्टी (NIFTY) भी 129 अंक चढ़कर 18,800 के पार पहुंच गया है।

जी हां, आज शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 483.42 अंक के उछाल के साथ 63,583.07 अंक पर आया; निफ्टी 129.25 अंक की बढ़त के साथ 18,887.60 अंक पर कारोबार कर रहा था।

इसी के साथ आज अमेरिकी डॉलर में कमजोरी के बीच इसके मुकाबले रुपया 32 पैसे बढ़कर 80.98 रुपये पर पहुंच गया है। मामले पर अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने कहा कि ब्याज दरों में वृद्धि की रफ्तार कुछ कम हो सकती है, इससे रुपये को बल मिला।

पश्चिम बंगाल : लोन दिलाने के बहाने ठगी मामले में पांडे ब्रदर्स गिरफ्तार

पश्चिम बंगाल के व्यवसायी शैलेश पांडे और उनके दो भाइयों अरविंद पांडे और रोहित पांडे से जुड़े ऋण जालसाजी घोटाले की जांच पुलिस और ईडी कर रही है. इस बीच कोलकाता पुलिस ने शैलेश रोहित और विदेशी मुद्रा पैसे पश्चिम बंगाल अरविंद पांडे को गिरफ्तार कर लिया है (Kolkata Police nab Pandey brothers).

कोलकाता: कोलकाता पुलिस की खुफिया इकाई ने शुक्रवार को शहर में ऋण-सह-विदेशी मुद्रा गबन घोटाले के मुख्य आरोपी शैलेश पांडे और तीन अन्य को ओडिशा और गुजरात से गिरफ्तार किया (Kolkata Police nab Pandey brothers). इनमें दो शैलेश के भाई अरविंद व रोहित हैं. इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामले में विदेशी मुद्रा लेनदेन के पहलू से भी मामले की जांच शुरू कर दी है.

पुलिस ने विदेशी मुद्रा पैसे पश्चिम बंगाल विदेशी मुद्रा पैसे पश्चिम बंगाल गुरुवार देर रात गुजरात और ओडिशा से हावड़ा के पांडे ब्रदर्स शैलेश रोहित और अरविंद पांडे को गिरफ्तार किया. ईडी ने शिबपुर स्थित विदेशी मुद्रा पैसे पश्चिम बंगाल उनके घर और उनकी कार से करोड़ों रुपये बरामद किए थे. पांडे ब्रदर्स कुछ समय के लिए फरार चल रहे थे.

81 तक पहुँचने के आसार

आपको बता दें कि सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को भारतीय मुद्रा रुपये में बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी। विदेशी मुद्रा पैसे पश्चिम बंगाल बाजार शुरू होते ही यह डॉलर के मुकाबले 28 पैसे टूटकर पहली बार 78 के स्तर के पार पहुंचा था। मंगलवार को भी इसमें गिरावट का सिलसिला थमा नहीं, वहीं बुधवार को यह गिरावट और भी बढ़ गई। वहीं विशेषज्ञों के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि डॉलर के मुकाबले रुपया आने वाले दिनों में 81 के सर्वकालिक निचले स्तर तक जा सकता है।

विशेषज्ञों का मानना विदेशी मुद्रा पैसे पश्चिम बंगाल है कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में जब उथल-पुथल होती है तो निवेशक डॉलर की ओर अपना रुख कर लेते हैं। डॉलर (Dollar) की मांग बढ़ती है तो फिर अन्य करेंसियों पर भी दबाव बढ़ जाता है। दुनिया भर में अनिश्चितता की बात करें तो कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine) में चल रहे युद्ध की वजह से आपूर्ति में रुकावटें देखने को मिली हैं। जब अनिश्चितता का समय होता है तो लोग सुरक्षित ठिकाना खोजते हैं ऐसे में डॉलर को ही एक सुरक्षित ठिकाना माना जाता है। विदेशी निवेशकों की बिकवाली से विदेशी मुद्रा भंडार पर काफी असर पड़ता है और डॉलर की मांग बढ़ जाती है और रुपये की मांग घट जाती है।

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