इस एंटीक सिक्के की फोटो आपको वेबसाइट पर डालनी होगी, जिसके बाद लोग आपके सिक्के के लिए बोली लगाएंगे और आप अपना सिक्का बेचकर लाखों रुपए कमा सकते हैं। आइए हम आपको बताते हैं कि कौन सा वाला सिक्का आपकों चाहिए और कैसे कमाई कर सकते हैं आप।

25 पैसे का ये पुराना सिक्का आपको बना सकता है लखपत्ति, बस करना होगा ये काम

नई दिल्ली: पैसा कमाने के लिए लोगों को क्या-क्या पापड़ बैलने पड़ते हैं। जिसके बाद भी लोग केवल अपनी जरूरतें ही पूरी कर पाते हैं जबकि सपने अधूरे रह जाते हैं। सपनों को पूरा करने के लिए मोटी कमाई होना बड़ी जरूरी है। कुछ ऐसा ही तरीका हम आपकों बताने वाले हैं। इसमें आपको करना कुछ नहीं है। आपके पास सिर्फ 25 पैसे का सिक्का होना चाहिए। आपके पास अगर ये सिक्का है तो आपको सीधे 1.5 लाख रुपए मिलेंगे।

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इस एंटीक सिक्के की फोटो आपको वेबसाइट पर डालनी होगी, जिसके बाद लोग आपके सिक्के के लिए बोली लगाएंगे और आप अपना सिक्का बेचकर लाखों रुपए कमा सकते हैं। आइए हम आपको बताते हैं कि कौन सा वाला सिक्का आपकों चाहिए और कैसे कमाई कर सकते हैं आप।

ये सिक्का बनाएगा लखपत्ति
सूत्रों के मुताबिक, इंडियामार्ट की वेबसाइट पर पुराने सिक्कों और नोटों की नीलामी हो रही है। अगर आपने भी पुरानी चीजों को इकट्ठा रखने का शौक है तो आप भी लखपत्ति बन कौन सा सिक्का चुनना है? सकते हैं। आपके पास अगर सिल्वर कलर का 25 पैसे का सिक्का है तो आपको मोटे पैसे मिल सकते हैं। इस सिक्के को ऑक्शन में बेचकर आप 1.5 लाख रुपए तक कमा सकते हैं। सिक्कों की बोली के दौरान आपके पास मोलभाव का ऑप्शन मौजूद है।

यहां बेचे ये सिक्के
इंडियामार्ट पर आप इन नोटों के घर बैठे अच्छी कीमत पर बेच सकते हैं। इन कंपनी की साइट पर जाकर आप ये नोट सेल कर सकते हैं और इसके बदले आपकों लाखों रुपए मिल सकते हैं।

वैष्णो देवी के इन सिक्कों से भी करें मोटी कमाई
इसके अलावा अगर आपके पास माता वैष्णो देवी के 5 और 10 के सिक्के हैं तो आप इनको भी बेचकर मोटा पैसा कमा सकते हैं। इन सिक्कों को साल 2002 में जारी किया गया था। इन सिक्कों पर माता रानी की तस्वीर होने के कारण लोग इन्हें किस्मत वाला मान रहे हैं। ऐसे में लोग इन सिक्कों को खरीदने के लिए लाखों रुपए खर्च कर रहे हैं।

इस नोट को बेचकर कमाएं 25 हजार रुपए
बता दें कि ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में ऐसे नोट प्रचलित थे, जिनकी अब किसी को भी शायद जानकारी भी न हो। पहले के 10 रुपए के नोट पर अशोक स्तंभ बना रहता था। 3 मुंह वाले शेर का ये नोट अब दुर्लभ हो चुका है, लेकिन अगर आपके पास ये नोट है तो आपकी किस्मत चमक उठेगी। इस नोट के बदले आपको 20-25 हजार रु मिल सकते हैं। इन नोटों को आप इन वेबसाइट पर बेच सकते हैं।

यहां करें सेल
https://dir.indiamart.com/impcat/old-coins.html
https://in.pinterest.com/080841052o/sell-old-coins/
http://www.indiancurrencies.com/

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Online Sell Old Coin And Note आप भी घर बैठे पुराने सिक्के और नोट बेच कर कमा सकते हो पैसे

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Online Sell Old Coin And Note आप भी घर बैठे पुराने सिक्के और नोट बेच कर कमा सकते हो पैसे आज हम लोग ऐसा पोस्ट पढ़ने वाले हैं जो आप लोगों को किस्मत बदल देगी लेकिन जिस बात को इस पोस्ट में बताया गया है उस पोस्ट को सभी बात को फॉलो करना होगा तभी आप लोग अपना कोई भी नोट या सिक्का एक भी रहने पर आपकी किस्मत बदल देगी तो सारी जानकारी आप लोग को नीचे दिया गया है इस पोस्ट को ध्यान पूर्वक पढ़ना होगा तभी समझ में आएगा कि कैसे हमारे पास जो नोट है या सिक्का है उसको स्टेप बाय स्टेप बेचने का तरीका इस पोस्ट में बताया गया है तो पूरा पढ़ें तभी समझ में आएगा !

Online Sell Old Coin And Note आप भी घर बैठे पुराने सिक्के और नोट बेच कर कमा सकते हो पैसे

आधुनिक दुनिया में कब कौन गरीब से अमीर बन जाए? ये कोई नहीं जानता रातों-रात कईयों का किस्मत खुल जाता है ऐसे में अगर आपके पास भी इस तरह के पुराने नोट या सिक्के है तो आप रातों-रात रोड़पति से करोड़पति बन जाएंगे। आज हम इस आर्टिकल में आपको पैसा कमाने का एक ऐसा जरिया कहिए या तरीका बताने जा रहे हैं जिसके तहत आप घर बैठे पैसा कमा सकते हैं। इसके लिए आपको कोई भी इसमें निवेश भी करने की जरूरत नहीं है। यदि आप यह आपके परिवार में कोई भी पुराने पैसा रखने का शौक करते हैं। यदि भाग से आपके पास इस वक्त इस तरह के पुराने नोट या सिक्के रखे हुए हैं। Old Coin Note Sale

Online Sell Old Coin And Note आप भी घर बैठे पुराने सिक्के और नोट बेच कर कमा सकते हो पैसे

अगर आप भी चाहते हैं कि हम एक करोड़पति आदमी बने तो इसके लिए आप भी कोई भी पैसा इन्वेस्ट करने की जरूरत नहीं है बस आपके पास यह पुराने दुर्लभ नोट आशिक का होना आवश्यक है क्योंकि आज के जमाने में बहुत सारे ऐसे आदमी है कि वह पुराने नोट और सिक्के के बहुत ही आशिक है इसके लिए आपसे वह नोट याशिका लेगा और आपके उसके बदले एक लाख से ऊपर एक सिक्के और नोट के मिल सकते बस आपके पास वह नोट होना चाहिए और इस पोस्ट के माध्यम से हम आप लोग को बताएंगे कि आाप कैसे हैं नोट को बेचे और कैसे आपको देख पाए कि मेरे पास यह नोट है या नहीं।

Online Sell Old Coin And Note आप भी घर बैठे पुराने सिक्के और नोट बेच कर कमा सकते हो पैसे

पुरानी नोट और सिक्कों को कैसे बेचे

अक्सर लोगों के मन में यह सवाल होता है कौन सा सिक्का चुनना है? की पुरानी नोट और सिक्कों को कैसे बेचा जाए। आप ऑनलाइन के माध्यम से पुराने नोट और सिक्के को बेच सकते हैं। किस तरीका से बेचेंगे इसके बारे में स्टेप बाय स्टेप पूरी प्रोसेस नीचे की तरफ बताई गई है।

◆ सबसे पहले आपको उन वेबसाइट पर जाना है जो पुराने सिक्के नोट बेचते हैं और खरीदते हैं। इन पुराने सिक्के और नोट को बेचने के लिए वेबसाइट का लिंक नीचे दिया गया है।

◆ आप सबसे पहले उन वेबसाइट पर खुद को अकाउंट बनाएं

◆ अकाउंट को बनाने के बाद आपके पास जो भी पुरानी नोट किया सिक्के हैं उस पर फोटो अपलोड करें !

दीपावली पर पूजन के लिए पुराना चांदी का सिक्का खरीदने की सोच रहे हैं तो जरूर पढ़ लें ये खबर

धनतेरस पर चांदी के सिक्कों की मांग ज्यादा रहती है।

धनतेरस पर ज्यादातर लोग दीपावली पर पूजन के लिए चांदी का सिक्का खरीदते हैं ऐसे में पुराना विक्टोरिया वाला सिक्का जांच परखकर ही खरीदें क्योंकि बाजार में बनावटी सिक्के भी हैं। इन बनावटी सिक्कों की पहचान न कर पाने से ग्राहक ठगे जाते हैं।

कानपुर, जेएनएन। इस बार धनतेरस का त्योहार दो दिन का माना गया है, गुरुवार की शाम से शुरू हुआ त्योहार दूसरे दिन शुक्रवार तक रहने की उम्मीद से दुकानदार खासा उत्साहित भी है। धनतेरस पर ज्यादातर लोग दीपावली पर पूजन के लिए चांदी का पुराना विक्टोरिया अंकित सिक्का खरीदने की चाहत रखते हैं लेकिन उन्हें असली और बनावटी की पहचान नहीं हो पाती है। इसके चलते वे अक्सर बनावटी सिक्का खरीदकर फंस जाते हैं। पुराना विक्टोरिया वाला सिक्के की अधिक मांग रहती है, ऐसे में दुकानदार भी मुंहमांगे दाम वसूलते हैं। इसलिए सिक्का खरीदने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखेंगे तो बनावटी सिक्का खरीदने से बच सकते हैं।

कानपुर देहात के रूरा में सराफा कारोबारी सुशील स्वर्णकार बताते हैं कि मार्का 49 के सिक्के अच्छे होते हैं और शुद्धता की भी गारंटी रहती है। पुराने सिक्के को उछाल कर देखें, असली सिक्का गिरने पर ठक की आवाज करेगा और ठोस होने का अहसास कराएगा। इसी तरह बनावटी चांदी का सिक्का छन जैसी आवाज करेगा। पुराने की सिक्कों की मांग अधिक होती है लेकिन ऐसे में जांच परख कर खरीदना ही बुद्धिमानी है। वह बताते हैं कि असली सिक्के की पहचान के लिए किनारों को जरूर देखें। क्योंकि असली सिक्कों के किनारे घिसे हुए और धारीदार होंगे, जबकि बनावटी सिक्कों के किनारे घिसे हुए नहीं होंगे।

कानपुर जवाहरपुरम के सेक्टर 13 स्थित खाली पड़े केडीए के फ्लैट

नगर के प्रमुख सराफा व्यापारी श्यामजी गुप्ता बताते हैं कि धनतेरस पर चांदी के सिक्के की सर्वाधिक मांग रहती है, ऐसे में बाजार में बनावटी सिक्के ग्राहकों को थमा दिए जाते है। त्योहार की भीड़ में सही सिक्के की पहचान आम तौर पर ग्राहक नहीं कर पाते हैं। इसलिए ग्राहकों को प्रतिष्ठित दुकान से खरीदारी करनी चाहिये। इस बार पुराना विक्टोरिया व किंग जार्ज के सिक्के के अलावा फाइन सिक्का भी अच्छी किस्म के है। पुराने सिक्कों की मांग ज्यादा होने के कारण बाजार में हमशक्ल बनावटी सिक्के भी हैं। बनावटी सिक्कों में आकृति उभरकर नहीं आती, इसके अलावा सबसे ज्यादा सिक्के के किनारे धारी या घुंडी की लाइन नाम मात्र की मिले तो समझो बनावटी है।

भारतीय मुद्रा का इतिहास, कौन सा सिक्का चुनना है? सोने-चांदी से सिक्कों से आधुनिक सिक्कों तक

भारतीय मुद्रा का इतिहास, सोने-चांदी से सिक्कों से आधुनिक सिक्कों तक

इसके बाद मौर्य साम्राज में चंद्रगुप्त मौर्य ने चांदी, सोने, तांबे और सीसे के सिक्के चलवाए। इस समय चांदी के सिक्के को रुप्यारुपा, सोने के सिक्के को स्वर्णरुपा, तांबे का सिक्के को ताम्ररुपा और सीसे के सिक्के को सीसारुपा कहा जाता था।

इसके बाद इंडो-ग्रीक कुषाण राजाओं ने सिक्कों पर तस्वीरें अंकित करने की शुरुआत की। यह परंपरा अगली आठ सदियों तक चलती रही। इससे प्रभावित होकर कई राजवंशों, और राज्यों ने अपने खुद के सिक्के बनाने शुरू कर दिए।

इन सिक्कों पर एक तरफ राजा की तस्वीर छपी होती थी और दूसरी तरफ उन देवताओं की, जिन्हें वो मानते थे। सबसे ज्यादा सोने के सिक्के जारी करने का श्रेय गुप्त साम्राज्य को दिया जाता है। इनके सिक्कों में संस्कृत में लिखा होता था। 12वीं शताब्दी में दिल्ली के तुर्क सुल्तानों ने सिक्कों से राजाओं की तस्वीरें हटा कर इस्लामी कैलिग्राफी में कौन सा सिक्का चुनना है? लिखना शुरू कर दिया।

इस वक्त भी सोने, चांदी और तांबे के सिक्के लोगों के बीच थे। अब इन सिक्कों को 'टंका' कहा जाता था और कम मूल्य वाले सिक्कों को 'जीतल'। इस वक्त मुद्रा का मापदंड तय होने लगा था। दिल्ली सल्तनत ने अलग-अलग मूल्य के सिक्कों को बाजार में उतारा।

मुगल साम्राज्य के प्रारंभ से यानि 1526 ईसवी से पूरे साम्राज्य के लिए एक संयुक्त और मजबूत मौद्रिक प्रणाली सामने आई। हुमायूं को हराने के बाद शेरशाह सूरी ने नए नागरिक और सैन्य प्रशासन की स्थापना की। शेरशाह ने 178 ग्रेन्स वजन का चांदी का सिक्का जारी किया।

साल 1600 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के आने से पहले यह सिक्का प्रसिद्ध हो चुका था। ब्रिटिश सरकार ने भारत में पाउंड लाने की कोशिश की, लेकिन रुपए के आगे ऐसा हो न सका। साल 1717 में अंग्रेजों ने मुगल राजा फारुख़सियर से ब्रिटिश मुद्रा को बॉम्बे मिंट में बनाने की इजाजत ली।

ब्रिटिश राज के सोने के सिक्कों को कैरोलिना चांदी के सिक्कों को एंगलिना और तांबे के सिक्कों को कॉपरून कहा। छोटे-छोटे सिक्कों को टिनी कहा जाता था। 18वीं शताब्दी में सबसे पहले कागज की मुद्रा को छापा गया था।

कागज की मुद्रा को सबसे पहले बैंक ऑफ हिंदुस्तान, जनरल बैंक इन बंगाल, और द बंगाल बैंक ने जारी किया। भारत का सबसे पुराना नोट, दो सौ पचास सिक्का रुपये का Bank of Bengal ने जारी किया था, 3 सितंबर 1812 की तारीख लिखी है।

मगर, 1857 के आंदोलन के ​बाद ब्रिटिश सरकार ने रुपए को औपचारिक रूप से सरकारी मुद्रा घोषित कर दिया।इन नोट और सिक्कों पर किंग जॉर्ज VI की तस्वीर छपी थी। 1862 में रानी विक्टोरिया के सम्मान में उनकी तस्वीर वाले बैंक नोट छापे गए और उसके बाद कई और राजाओं की तस्वीरें छपती रहीं।

औपचारिक रूप से भारतीय रिजर्व बैंक 1935 में स्थापित हुआ और भारतीय सरकार की मुद्रा छपने लगी। RBI ने अब तक सबसे ज्यादा मूल्य का नोट 10,000 रुपए का जारी किया, जिसे आजादी के बाद बंद कर दिया गया।

जनवरी 1938 में भारतीय रिजर्व बैंक ने सबसे पहला नोट पांच रुपए का जारी किया था। इस नोट पर किंग जॉर्ज VI की तस्वीर छपी थी। भारत के आजाद होने के बाद 15 अगस्त 1950 को 'आना सिस्टम' सामने आया।इस वक्त ब्रिटिश राजा की तस्वीर को सारनाथ के अशोक स्तंभ से बदल दिया गया।

साल 1955 में इंडियन कॉइनेज (एमेंडमेंट) एक्ट के बाद एक अप्रैल 1957 से ‘दशमलव प्रणाली’ पेश की गई। अब एक रुपए में 100 पैसे होन लगे थे। इनका आकार ऐसा रखा गया कि नेत्रहीन लोग भी इसे पहचान लें।

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