कुछ और व्यापार समझौतें है जिसका भारत पहले से ही हिस्सा है जिसमें - ‘दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार समझौता’ (SAFTA), BIMSTEC (Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation) (जिसे पूर्ण एफ.टी.ए. के रूप में विकसित करने के मकसद से किया गया), ‘एशिया-प्रशांत व्यापार समझौता’ (जो बांग्लादेश, चीन, लाओस, दक्षिण कोरिया और श्रीलंका के साथ एक विशेषाधिकारों वाला व्यापार समझौता है), एवं ‘भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका’ (IBSA) (जिसे एक त्रिपक्षीय दक्षिण-दक्षिण देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते के रूप में विकसित किया जा रहा है) इत्यादि।
भारत और जीसीसी मुक्त व्यापार समझौते को आगे बढ़ाने पर सहमत: वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल
India, GCC FTA: भारत और खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) दोनों क्षेत्रों के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को फिर से शुरू करने को लेकर गुरुवार को बैठक हुई। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जीसीसी के महासचिव नायेफ फलाह एम अल-हजरफ के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम जीसीसी और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौते को आगे बढ़ाने और वार्ता को फिर से शुरू करने तथा इसे जल्द से जल्द पूरा करने पर सहमत हुए हैं।’’ उन्होंने कहा कि इस संबंध में बातचीत फिर से शुरू की जाएगी।
भारत-जीसीसी व्यापार
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार जीसीसी को भारत से किया जाने वाला निर्यात साल 2021-22 में 58.26 फीसदी बढ़कर 43.9 अरब डॉलर हो गया जो साल 2020-21 में 27.75 अरब डॉलर था।
भारत के कुल निर्यात में इन छह देशों की हिस्सेदारी 2021-22 में बढ़कर 10.41 फीसदी हो गई जो 2020-21 में 9.51 फीसदी थी। इसी प्रकार जीसीसी के साथ द्विपक्षीय व्यापार भी 2021-22 में बढ़कर 154.73 अरब डॉलर हो गया। 2020-21 में यह 87.4 अरब डॉलर था।
वहीं भारत के कुल आयात में जीसीसी सदस्यों की हिस्सेदारी 2021-22 में बढ़कर 18.06 फीसदी हो गई जो मुक्त व्यापार समाप्त होता है? 2020-21 में 15.5 फीसदी थी। इसी प्रकार आयात भी 85.81 फीसदी बढ़कर 110.73 अरब डॉलर हो गया जो 2020-21 में 59.6 अरब डॉलर था।
भारत सऊदी अरब और कतर जैसे खाड़ी देशों से मुख्य रूप से कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस का आयात करता है। वहीं प्राकृतिक मोती, बहुमूल्य रत्न, धातु, लोहा और इस्पात, मानव निर्मित सूत, हैंडलूम, खनिज तेल, जैविक रसायन आदि का भारत इन देशों को निर्यात करता है।
जीसीसी देशों के साथ भारत का व्यापार
2021-22 में यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था, जबकि सऊदी अरब चौथे स्थान पर था। यूएई के साथ व्यापार पिछले मुक्त व्यापार समाप्त होता है? साल के 43.3 अरब डॉलर की तुलना में 2021-22 में बढ़कर 72.9 अरब डॉलर हो गया। सऊदी अरब के साथ कुल द्विपक्षीय व्यापार 2020-21 में 22 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2021-22 में लगभग 43 बिलियन डॉलर हो गया।
भारत कतर से प्रति वर्ष 8.5 मिलियन टन तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) का आयात करता है और अनाज से लेकर मांस, मछली और रसायनों सहित अन्य उत्पादों का निर्यात करता है। कुवैत भारत का 27वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था, जिसका व्यापार 2020-21 में 6.3 बिलियन के मुकाबले 2021-22 में 12.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। ओमान 2021-22 में भारत का 31वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था, द्विपक्षीय व्यापार 2021-22 में 10 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था, जो एक साल पहले 5.5 बिलियन डॉलर था। वहीं बहरीन और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2020-21 में 1 बिलियन डॉलर के मुकाबले 2021-22 में 1.65 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार में एक मुक्त व्यापार क्षेत्र होता है, जहां
एक मुक्त व्यापार क्षेत्र, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में होता है, जहां सदस्य देश व्यापार पर शुल्क और कोटा समाप्त कर देते हैं लेकिन गैर-सदस्य देशों से आयात पर प्रतिबंध लगाने के लिए स्वतंत्रता बनाए रखते हैं।
Key Points
- मुक्त व्यापार समझौते दो या दो से अधिक देशों द्वारा किए जाते हैं जो आपस में आर्थिक सहयोग को सील करना चाहते हैं और व्यापार की शर्तों पर सहमत होते हैं।
- समझौते में, सदस्य देश विशेष रूप से उन कर्तव्यों और शुल्कों की पहचान करते हैं जो आयात और निर्यात के मामले में सदस्य देशों पर लगाए जाने हैं।
- एक मुक्त व्यापार क्षेत्र ( FTZ ) विशेष आर्थिक क्षेत्र का एक वर्ग है। यह एक भौगोलिक क्षेत्र है जहां विशिष्ट सीमा शुल्क विनियमों के तहत माल का आयात, भंडारण, संचालन, निर्माण, या पुन: कॉन्फ़िगर और पुन: निर्यात किया जा सकता है और आम तौर पर सीमा शुल्क के अधीन नहीं होता है।
- एक FTA के समान एक सीमा शुल्क संघ, अपने सदस्यों के बीच टैरिफ को भी हटा देता है, लेकिन यह आयात और निर्यात किए गए सामानों पर गैर-सदस्यों के लिए एक सामान्य बाहरी टैरिफ भी स्थापित करता है। एक FTA और एक सीमा शुल्क संघ के बीच मुख्य अंतर यह है कि FTA लेनदेन के तहत अधिक अनुपालन (नौकरशाही) शामिल है।
- कुछ उद्योगों की सुरक्षा के लिए व्यापार प्रतिबंध लागू किए जाते हैं जिन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा की सुरक्षा के लिए सामरिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। रक्षा उद्योगों को अक्सर एक महत्वपूर्ण स्तर की सुरक्षा प्राप्त होती है क्योंकि मुक्त व्यापार समाप्त होता है? इसे राष्ट्रीय हित के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
- कई देश घरेलू बाजारों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाने के लिए आयात को प्रतिबंधित करते हैं। इस तरह के व्यवहार को संरक्षणवाद के रूप में जाना जाता है। देश मुख्य रूप से घरेलू राजनीतिक मांगों को पूरा करने के लिए ऐसा करते हैं। जो की प्रकार के व्यापार अवरोध हैं।
- प्रवेश के बंदरगाहों में या उसके निकट विशेष वाणिज्यिक और औद्योगिक क्षेत्र जहां सीमा शुल्क के भुगतान के अधीन विदेशी और घरेलू माल लाया जा सकता है। राष्ट्रीय सीमा शुल्क प्राधिकरण में पुन: निर्यात या प्रवेश से पहले कच्चे माल, घटकों और तैयार माल सहित व्यापारिक वस्तुओं को संग्रहीत, बेचा, प्रदर्शित, पुन: पैक, इकट्ठा, क्रमबद्ध, वर्गीकृत, साफ किया जा सकता है, या अन्यथा हेरफेर किया जा सकता है। माल (या माल से निर्मित वस्तुओं) पर शुल्क तभी लगाया जाता है जब माल सीमा शुल्क के अधीन क्षेत्र से देश के किसी क्षेत्र में जाता है। विदेशी व्यापार क्षेत्र को विदेशी मुक्त क्षेत्र, मुक्त बंदरगाह या बंधुआ गोदाम भी कहा जाता है।
भारत और जीसीसी मुक्त व्यापार समझौते को आगे बढ़ाने पर सहमत: वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल
India, GCC FTA: भारत और खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) दोनों क्षेत्रों के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को फिर से शुरू करने को लेकर गुरुवार को बैठक हुई। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जीसीसी के महासचिव नायेफ फलाह एम अल-हजरफ के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम जीसीसी और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौते को आगे बढ़ाने और वार्ता को फिर मुक्त व्यापार समाप्त होता है? से शुरू करने तथा इसे जल्द से जल्द पूरा करने पर सहमत हुए हैं।’’ उन्होंने कहा कि इस संबंध में बातचीत फिर से शुरू की जाएगी।
भारत-जीसीसी व्यापार
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार जीसीसी को भारत से किया जाने वाला निर्यात साल 2021-22 में 58.26 फीसदी बढ़कर 43.9 अरब डॉलर हो गया जो साल 2020-21 में 27.75 अरब डॉलर था।
भारत के कुल निर्यात में इन छह देशों की हिस्सेदारी 2021-22 में बढ़कर 10.41 फीसदी हो गई जो 2020-21 में 9.51 फीसदी थी। इसी प्रकार जीसीसी के साथ द्विपक्षीय व्यापार भी 2021-22 में बढ़कर 154.73 अरब डॉलर हो गया। 2020-21 में यह 87.4 अरब डॉलर था।
वहीं भारत के कुल आयात में जीसीसी सदस्यों की हिस्सेदारी 2021-22 में बढ़कर 18.06 फीसदी हो गई जो 2020-21 में 15.5 फीसदी थी। इसी प्रकार आयात भी 85.81 फीसदी बढ़कर 110.73 अरब डॉलर हो गया जो 2020-21 में 59.6 अरब डॉलर था।
भारत सऊदी अरब और कतर जैसे खाड़ी देशों से मुख्य रूप से कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस का आयात करता है। वहीं प्राकृतिक मोती, बहुमूल्य रत्न, धातु, लोहा और इस्पात, मानव निर्मित सूत, हैंडलूम, खनिज तेल, जैविक रसायन आदि का भारत इन देशों को निर्यात करता है।
जीसीसी देशों के साथ भारत का व्यापार
2021-22 में यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था, जबकि सऊदी अरब चौथे स्थान पर था। यूएई के साथ व्यापार पिछले साल के 43.3 अरब डॉलर की तुलना में 2021-22 में बढ़कर 72.9 अरब डॉलर हो गया। सऊदी अरब के साथ कुल द्विपक्षीय व्यापार 2020-21 में 22 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2021-22 में लगभग 43 बिलियन डॉलर हो गया।
भारत कतर से प्रति वर्ष 8.5 मिलियन टन तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) का आयात करता है और अनाज से लेकर मांस, मछली और रसायनों सहित अन्य उत्पादों का निर्यात करता है। कुवैत भारत का 27वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था, जिसका व्यापार 2020-21 में 6.3 बिलियन के मुकाबले 2021-22 में 12.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। ओमान 2021-22 में भारत का 31वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था, द्विपक्षीय व्यापार 2021-22 में 10 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था, जो एक साल पहले 5.5 बिलियन डॉलर था। वहीं बहरीन और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2020-21 में 1 बिलियन डॉलर के मुकाबले 2021-22 में 1.65 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
भारत और मुक्त व्यापार समझौता (एफ.टी.ए.)
मुक्त व्यापार समझौते या फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफ.टी.ए.) विश्व व्यापार संगठन या डब्ल्यूटीओ के अलावा दुनिया में व्यापार को उदारीकृत करने का आज का नया रास्ता है। एफ.टी.ए. द्विपक्षीय समझौते हैं जिनमें दो देश या दो से अधिक देशों के समूह इस बात पर रजामंद होते हैं कि उनके बीच व्यापार में आने वाली रुकावट कम हो या पूरी तरह खतम हो।
पिछले कुछ साल में भारत सरकार लगातार तथाकथित विकासशील देशों या विकसित देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौतों [Bilateral Free Trade Agreement (FTA)] के अवसर तलाशती रही है।
भारत ने श्रीलंका (1998) और थाईलैंड (2003) के साथ सीमित मुक्त व्यापार समझौता (limited FTAs) किया हैं। इसके अतिरिक्त अफगानिस्तान, नेपाल, चिले, और मर्कोसुर के साथ विशेषाधिकारों (preferential) वाले व्यापार समझौते (प्रशुल्क छूट/रियायत स्कीम) भी किए हैं।
भारत के साथ मुक्त व्यापार पर ऑस्ट्रेलियाई संसद की मुहर
भारत के 6,000 से अधिक उत्पादों को ऑस्ट्रेलिया में मिलेगा बाजार
दोनों देश जल्द तय करेंगे कि मुक्त व्यापार समाप्त होता है? यह समझौता किस तारीख से लागू हो
नई दिल्ली, एजेंसियां
ऑस्ट्रेलियाई संसद ने मंगलवार को भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को मंजूरी दे दी। अब दोनों देश आपसी सहमति से फैसला करेंगे कि यह समझौता किस तारीख से लागू होगा। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने एक ट्वीट में यह जानकारी दी। उन्होंने लिखा, बड़ी खबर-भारत के साथ हमारा मुक्त व्यापार समझौता संसद से पारित हो गया है। इस फैसले से भारत के 6,000 से अधिक उत्पादों को ऑस्ट्रेलियाई बाजार में जगह मिलने के संभावना है।
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