ज्यादातर मामलों में कुशल धनाढ्य निवेशक ही आईपीओ पर दांव लगाते हैं। अगर आईपीओ के छोटे निवेशकों के लिए बाजार में अच्छा मौका बंद होने और इसके सूचीबद्ध होने के बीच कोई बड़ा उलटफेर नहीं होता है तो उनके कारोबार का गणित सटीक बैठता है। आम तौर पर आईपीओ बंद होने और शेयर सूचीबद्ध होने में छह से आठ दिनों का फासला रहता है।
गोल्डन है गोल्ड का फ्यूचर, अभी है निवेश का मौका, जानें एक्सपर्ट की क्या है राय
गोल्ड में निवेश को काफी सुरक्षित माना जाता है. इस समय तमाम परिस्थितियां ऐसी हैं जो संकेत कर रही हैं कि आने वाले समय में सोना के भाव में इजाफा होगा. पूरी दुनिया में हाई इंफ्लेशन चल रहा है. चीजों के दाम बढ़ रहे हैं. दुनिया में मंदी का खतरा मंडरा रहा है. इसके अलावा रुप युक्रेन में युद्ध छिड़ा है. और कई देशों में जियो-पॉलिटिकल टेंशन काफी बढ़ा हुआ है. ऐसे में कई जानकार मान रहे हैं कि आने वाले समय में सोने की कीमत में उछाल की पूरी-पूरी संभावना है. इसी मुद्दे पर अपने खास कार्यक्रम प्रभात खबर प्राइम बिजनेस में जाने माने जानकार नितिन कुमार मिश्रा से गोल्ड को लेकर बातचीत की गई.
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दो छोटे आईपीओ पर एचएनआई ने लगाए हैं बड़े दांव
बाजार में आए दो छोटी कंपनियों के आरंभिक सार्वजनिक निर्गमों (आईपीओ) पर करीब 90,000 करोड़ रुपये दांव पर लगे हैं। हैप्पिएस्ट माइंड्स टेक्नोलॉजीज और रूट मोबाइल के आईपीओ इसी सप्प्ताह बाजार में आए हैं और एंकर निवेशकों के निवेश को छोड़ दें तो इन दोनों निर्गमों का संयुक्त आकार महज 806 करोड़ रुपये ही था। इस तरह, दोनों आईपीओ के तहत जितने शेयरों की पेशकश की गई थी उसके मुकाबले आवेदन 111 गुना दांव लगे हैं।
विशेषज्ञों ने कहा कि शानदार शुरुआत की भविष्यवाणी और पहले इनसे पहले सूचीबद्ध हुईं कंपनियों को मिली सफलता से अधिक से अधिक निवेशक कतार में खड़े हो गए। कुछ दिनों पहले रसायन कंपनी रोसारी बायोटेक का आईपीओ बाजार में आया था और सूचीबद्ध होने के समय शेयर लगभग दोगुना उछल गया। इससे कई धनाढ्य निवेशकों (एचएनआई) को जबरदस्त मुनाफा कमाने का मौका मिल गया। कारोबारियों का कहना है कि हैपिएस्ट माइंड्स और रूट मोबाइल दोनों के शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के बाद 50 प्रतिशत से अधिक उछल सकते हंै। शुक्रवार को बंद हुए रूट मोबाइल के आईपीओ को 74 गुना आवेदन मिला था। दूसरी तरफ हैपिएस्ट माइंड्स का आईपीओ बुधवार को बंद हुआ और इसे 151 गुना आवेदन मिले।
कोई कंपनी ऊँचे दाम पर शेयर क्यों खरीदती है ?
अपने शेयर को उचे दाम पर खरीदने की वजह कुछ ऐसी हो सकती है।
उचे दाम पर खरीदने की वजह से लोग सीधा शेयर बाजार से छोटे निवेशकों के लिए बाजार में अच्छा मौका उस कंपनी के शेयर को खरीदते है जिस से उस कंपनी के शेयर का दाम बढ़ जाता है।
और उचे दाम पर शेयर खरीद कर कंपनी अपने शेयर धारको को लाभ देती है।
इस मौके का फायदा उठाकर हम शेयर बाजार से कम जोखिम लेकर पैसा कमा सकते है वो भी कम समय में।
जोखिम कम कैसे होता है?
इस प्रक्रिया में शेयर बेचने का दाम तो तय होता है, और आप जिस दाम पर बाजार से शेयर खरीदेंगे उस से आपको मिलने वाला लाभ तय होता है।
जितने कम दाम में आपको शेयर मिलेगा उतना आपको ज़्यादा लाभ मिलेगा। खरीदने और बेचने का दोनो दाम तय हो जाने से जोखिम कम हो जाता है।
शेयर बाजार में बिना छोटे निवेशकों के लिए बाजार में अच्छा मौका जोखम के कुछ नहीं होता। इस में जोखिम यह है की जैसे शेयर वापस खरीदने का दाम तय होता है। उसी तरह कितने शेयर खरीदने है उसकी संख्या भी तय होती है। इस लिए अगर आपने 100 शेयर के लिए आवेदन किया हो तो कंपनी हमेशा 100 शेयर नहीं खरीदती। कंपनी कितने प्रतिशत शेयर खरीदेगी वो Buy Back में आवेदन करने वाले निवेशक और कुल Buy Back के लिए आए आवेदन पर आधारित है।
Buy Back की पूरी प्रक्रिया :
1) कंपनी के शेयर के Buy Back का ऐलान :
पहले कंपनी Buy Back का ऐलान करती है जिसमे की Buyback का दाम और कितने शेयर Buy Back करेगी वो संख्या का ज़िक्र होता है।
2) Buy Back की Record Date का ऐलान :
कुछ समय के बाद कंपनी Buyback की Record Date का ऐलान करती है।
Record Date वह तारीख है जिस दिन आपके Demat Account में उस कंपनी के शेयर होने चाहिए।
3) Buyback के खुलने और बंद होने की तारीख का ऐलान :
Record Date का एलान करने के कुछ समय बाद कंपनी यह जानकारी देती है की कब Buyback शुरू होगा और कब ख़त्म होगा।
एक बार की निवेश योजना: प्रभावित करने वाले कारक, पेशेवरों और विपक्ष
जो लोग म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं, वे आमतौर पर एसआईपी के लिए जाते हैं, जिसमें किसी के नाम पर एक निश्चित राशि जमा की जाती है। नियमित छोटे भुगतानों का उपयोग करके धन का निर्माण करना उनके लिए आसान हो जाता है। जानें कि म्यूचुअल फंड और एसआईपी में बुनियादी अंतर क्या है । लेकिन कुछ मामलों में, अनुभवी निवेशक प्रत्यक्ष योजना में एक बड़ी राशि का निवेश करने का विकल्प चुनते हैं, जब यह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा है, लेकिन भविष्य में बढ़ेगा। वे प्रत्यक्ष योजनाओं में निवेश करते हैं जहां उन्हें उच्च रिटर्न की बड़ी संभावना दिखाई देती है। इसे एकमुश्त निवेश या एकमुश्त निवेश योजना के रूप में जाना जाता है। जानें कि क्या म्यूचुअल फंड में एकमुश्त निवेश करना आपके लिए सही विकल्प है । जहां एक व्यक्ति एक योजना में धन का निवेश करता है जो लंबे समय में सबसे अधिक संभावना होगी।
कुछ कारक जो एकमुश्त निवेश योजना के निर्णय को प्रभावित करते हैं
बाजार का मूल्यांकन
आपको बाजार में उतार-चढ़ाव के बारे में पता होना चाहिए और इसके लिए, आप पी / ई अनुपात (कमाई के लिए मूल्य) का उपयोग कर सकते हैं। इन गणनाओं के लिए, पिछली 4 तिमाहियों के आंकड़ों पर विचार करें। आप इसके लिए बेंचमार्क पर भी विचार कर सकते हैं, जैसे निफ्टी । निफ्टी पी / ई चाहे निचले या ऊपरी छोर के करीब हो। यदि पी / ई कम है (14 के करीब) से अधिक होने पर लाभ उत्पन्न करने का एक बेहतर मौका है, जब यह उच्च (22 के करीब) है।
निवेश से पहले संभावित रिटर्न और लिक्विडिटी उम्मीदों का अनुमान लगाना
यदि निवेशकों की आवश्यकताएं अल्पावधि के लिए हैं, तो कोई कम अस्थिरता वाले डेट फंड या लिक्विड फंड में निवेश कर सकता है । डेट म्यूचुअल फंड बनाम फिक्स्ड डिपॉजिट के बीच की गई तुलना पर पढ़ें । इसके अलावा, जानें कि 2019 में निवेश करने के लिए बेस्ट डेट फंड क्या हैं । इन फंडों की कम अस्थिरता के कारण, शॉर्ट टर्म परिप्रेक्ष्य के लिए इक्विटी फंडों की तुलना में ये फंड अधिक सुरक्षित हैं। 2019 में निवेश करने के लिए सर्वश्रेष्ठ लघु अवधि के निवेश की योजना के बारे में जानकारी रखें । इसलिए, हम मानते हैं कि लंबी अवधि के लिए इक्विटी फंड में निवेश फलदायी होना चाहिए। सर्वश्रेष्ठ इक्विटी म्यूचुअल फंड का मूल्यांकन करना सीखें । इन फंडों को प्रदर्शन करने के लिए 5 साल या उससे अधिक की अवधि की आवश्यकता होती है।
एकमुश्त निवेश योजना के पेशेवरों
- इस तरह से पैसा निवेश करना या तो नकदी को हाथ में रखने या बैंक खाते में सहेजने और कम ब्याज अर्जित करने से बेहतर है।
- एक बार की निवेश योजना निवेशकों के लिए सुविधा प्रदान करती है क्योंकि निवेशकों को भविष्य में किश्तों का भुगतान करने या निवेश की तारीखों की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
- निवेश का उद्देश्य लंबा है। यह बच्चों की शिक्षा, शादी, अचल संपत्ति या अन्य खरीदने के मामले में हो सकता है।
- निवेश उन परिसंपत्तियों में होते हैं जो लंबे समय में बेहतर किराया देने की गारंटी देते हैं और इसलिए जल्दी शुरू करना महत्वपूर्ण है। पहले आप शुरू करते हैं, दीर्घकालिक वित्तीय लाभ। आप 2019 में निवेश करने के लिए सर्वश्रेष्ठ निवेश योजनाओं या भारत में सर्वश्रेष्ठ निवेश विकल्पों पर भी पढ़ सकते हैं
- अगर एक बार इक्विटी मार्केट में निवेश किया जाए तो एकमुश्त निवेश योजना की लेनदेन लागत बहुत कम होती है। अगर आप Rs। एकमुश्त निवेश योजना में 10 लाख, तो रु। 100 का होगा शुल्क आयोग लेकिन अगर आप इसे 10 अलग-अलग लेन-देन में विभाजित करते हैं, तो आपको छोटे निवेशकों के लिए बाजार में अच्छा मौका इसके लिए कुल 1,000 रुपये का भुगतान करना होगा। हालांकि SIP निवेश के मामले में, कोई लेनदेन लागत (इकाइयों की खरीद या बिक्री दोनों में) नहीं है। लेकिन 2019 में निवेश करने के लिए सबसे अच्छी एसआईपी योजना क्या है ?
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड बाजार के उतार-चढ़ाव के दौर में बेहतर रहते हैं.
देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे में सबसे छोटे निवेशकों के लिए बाजार में अच्छा मौका जरूरी है हमारी सुरक्षा. चाहे वो सेहत को लेकर हो या फिर फाइनेंशियली. पिछले साल जिन लोगों ने शेयर बाजार में पैसा लगाया था आज उनको बढ़िया मुनाफा मिल रहा है. इनमें हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स (Hybrid Mutual Funds) में इंवेस्ट करने वालों को खूब फायदा मिला है. हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स म्यूचुअल फंड्स का ही एक रूप है. वैसे तो म्यूचुअल फंड्स की कई कैटेगरी हैं, और हर कैटेगरी में रिस्क और रिटर्न को लेकर अलग-अलग कैलकुलेशन है. इन्हीं में से एक कैटेगरी हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स (Hybrid Mutual Funds) की है. हाइब्रिड म्यूचुअल फंड बाजार के उतार-चढ़ाव के दौर में बेहतर रहते हैं.
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स में भी अलग-अलग कैटेगरी है. इनमें एग्रेसिव हाइब्रिड, कंजर्वेटिव हाइब्रिड, बैलेंस्ड हाइब्रिड, डायनेमिक एसेट एलोकेशन या बैलेंस्ड एडवांटेज, मल्टी एसेट एलोकेशन, आर्बिट्राज और इक्विटी सेविंग स्कीम्स शामिल हैं. इनमें हम सिर्फ एग्रेसिव हाइब्रिड फंड्स की बात करें, तो बीते 5 साल में टॉप 5 स्कीम्स का रिटर्न सालाना 17 फीसदी से 21 फीसदी के बीच रहा है. इनमें निवेशकों के पैसा आराम से 5 साल में डबल हो गया. यानी, अगर किसी ने 5 साल पहले 1 लाख रुपये इन स्कीम्स में निवेश किया है, तो आज की उसकी वैल्यू 2 लाख रुपये से ज्यादा है. इसी तरह, अलग कैटेगरी के हाइब्रिड फंड्स का रिटर्न अलग-अलग है.
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