Demat Account kya hai? डीमैट अकाउंट कैसे खोलें तथा यह क्यों जरुरी है?
आप यदि भविष्य में बाजारों में निवेश करना चाहते हैं तो आपको demat account की आवश्यकता पड़ेगी. बैंकों में पैसों के लेनदेन सम्बंधित account से तो हम सभी भलीभांति परिचित हैं किन्तु बहुत सारे लोगों को ये पता नहीं होता है कि demat account क्या है?
यह क्यों जरुरी होता है? इसे कैसे खोला जाता है? इसतरह के बहुत सारे प्रश्न हमारे मन में उठते हैं जिसे हम जानना चाहते हैं. आज के लेख में हम इन सभी सवालों का जवाब जानेंगे कि demat account kya hai? (डीमैट अकाउंट क्या है?)
Table डीमैट अकाउंट कौन खुलवा सकता है of Contents
Demat Account kya hai?
Share market में निवेश करने के लिए हमारे पास demat account होना जरुरी है. जिसप्रकार हम अपने पैसों को bank में सुरक्षित रखते हैं ठीक उसी प्रकार हमारे demat account में shares सुरक्षित रहते हैं. यह किसी बैंक अकाउंट की तरह ही होता है जहाँ बैंकों में पैसों का लेनदेन होता है ठीक उसी प्रकार demat account के जरिये शेयरों का लेनदेन होता है. जो निवेशक होते हैं वो online shares की लेनदेन करने के लिए इस खाता का उपयोग करते हैं.
इस खाता के द्वारा transactions digitally या इलेक्ट्रॉनिक रूप से होता है इसी कारण इसे demat account कहते हैं. Demat account वास्तव में शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से रखने का सुविधा प्रदान करता है. यहाँ ख़रीदे गये shares को जमा करके रखा जाता है.
Demat यानि Dematerialize, यानि शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से खातों में रखने की सुविधा को ही हम demat कहते हैं. आजकल इलेक्ट्रॉनिक कैश का प्रचलन तेज़ी से बढ़ रहा है जैसे कि जब हम कहीं से कुछ खरीदारी करते हैं और भुगतान भौतिक रूप से नहीं करके डेबिट कार्ड से करते हैं तो इसी भुगतान की प्रक्रिया को हम इलेक्ट्रॉनिक कैश भुगतान कहते हैं.
हमारे पास जो shares demat account में होते हैं हम उसे दुसरे व्यक्ति के demat account में digitally transfer करते सकते हैं और ऐसे में हमें अपने shares को भौतिक रूप से रखने की आवश्यकता नहीं पड़ती है.
Demat account क्यों जरुरी है?
बाज़ार में यदि आप स्टॉक खरीदना और बेंचना चाहते हैं तो demat account का होना जरुरी है. शेयर बाज़ार में निवेश करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है. जब आपके द्वारा शेयर ख़रीदा जाता है तो वह demat account में आता है और शेयर बेंचने का काम भी इसी account से होता है.
जब हम शेयर्स खरीदते हैं तो वह शेयर्स हमारे demat account में ही जमा होता है इसीतरह जब हम अपना share बेंचते हैं तो वह शेयर हमारे demat account से खरीदनेवाले के demat account में जमा हो जाता है. SEBI (Securities And Exchange Board Of India) के दिशानिर्देशों के अनुसार demat account को छोड़कर किसी अन्य रूपों में शेयरों को ख़रीदा या बेंचा नहीं जा सकता है.
इसतरह से हम कह सकते हैं कि demat account का उपयोग हमारे ख़रीदे गये shares को रखने का काम account या लॉकर के रूप डीमैट अकाउंट कौन खुलवा सकता है में किया जाता है. इसका उपयोग सिर्फ इतना है कि हमारे ख़रीदे गये shares को रखना.
कैसे खोलें Demat account?
किसी रजिस्टर्ड DP (Depository Participant) के जरिये निवेशक अपना demat account खुलवा सकता है. Depository सर्विस – बैंक, निजी वित्तिय संस्थान आदि प्रदान करते हैं जहाँ यह खाता डीपी के द्वारा खुलवाया जा सकता है. आपको demat account खोलने के लिए यह देखना है की आपके द्वारा चयनित डीपी किस डिपाजिटरी के साथ रजिस्टर्ड है.
Demat account की देखरेख डिपाजिटरी डीपी के जरिये ही करती है. देश के अन्दर दो डिपाजिटरी हैं – 1. NSDL (National Securities Depository Limited) और 2. CDSL (Central Securities Depository Limited). ये दोनों डिपाजिटरी SEBI (Securities and Exchange Board of India) के द्वारा रजिस्टर्ड हैं.
Demat account खोलने के लिए जरुरी दस्तावेज़
Passport size Photo
आप address prove करने के लिए इसके साथ और भी कोई पहचान दे सकते हैं जैसे की वोटर कार्ड, पासपोर्ट, राशन कार्ड आदि लेकिन एक बात का ध्यान रहे पैन कार्ड और आधार कार्ड देना अनिवार्य है.
कौन कौन से बैंक और स्टॉक ब्रोकर हैं जहाँ Demat Account खोले जा सकते हैं?
यहाँ पर मैं बैंकों का नाम लेकर लिस्ट को सिमित नहीं करना चाहता हूँ क्योंकि आजकल लगभग सभी बैंक Demat Account खोलने की सुविधा प्रदान कर रहे हैं. स्टॉक ब्रोकर की अगर बात करें तो कुछ प्रमुख स्टॉक ब्रोकर हैं जो demat account खोलते हैं – SHAREKHAN LTD, INDIA INFOLINE OR IIFL, MOTILAL OSWAL, ZERODHA आदि.
Demat Account opening Fees
इस खाता को खोलने के लिए आपको फीस अदा करना पड़ता है जो अलग – अलग संस्थानों के हिसाब से अलग – अलग है. आप 200 से 1000 रुपया के अन्दर इस खाता को खोल सकते है. खाता खोलने के आलावा वार्षिक maintenance charges भी pay करना पड़ता है. आप ऑफलाइन ऑफिस जाकर और ऑनलाइन इन्टरनेट के जरिये इस खाता को खोल सकते हैं.
Nomination की सुविधा
किसी दुर्घटना की स्तिथि में यदि खाताधारक की मृत्यु हो जाए तो शेयर्स नॉमिनी के नाम पर ट्रान्सफर हो जाता है. खाता खोलने के समय नॉमिनी का नाम डालना पड़ता है. नॉमिनी का नाम डालना भविष्य को सुरक्षित करने के लिए जरुरी है.
आशा करता हूँ कि आप demat account kya hai? अच्छी तरह समझ गये होंगे. यदि आपके मन में इस विषय से सम्बंधित कोई प्रश्न हो तो आप comment करके पूछ सकते हैं.
मैं इस हिंदी ब्लॉग का संस्थापक हूँ जहाँ मैं नियमित रूप से अपने पाठकों के लिए उपयोगी जानकारी प्रस्तुत करता हूँ. मैं अपनी शिक्षा की बात करूँ तो मैंने Accounts Hons. (B.Com) किया हुआ है और मैं पेशे से एक Accountant भी रहा हूँ.
सुकन्या समृद्धि योजना से जुड़े हर सवाल का यहां है जवाब
छोटी बचत योजनाओं में सुकन्या समृद्धि योजना बेहतर है। खासकर उन माता-पिता के लिए, जो बेटी की शिक्षा और शादी के लिए पैसा जोड़ना चाहते हैं। मोदी सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना बेटियों के लिए शुरू.
छोटी बचत योजनाओं में सुकन्या समृद्धि योजना बेहतर है। खासकर उन माता-पिता के लिए, जो बेटी की शिक्षा और शादी के लिए पैसा जोड़ना चाहते हैं। मोदी सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना बेटियों के लिए शुरू की गई है। सरकार ने इसे 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' मुहिम के हिस्से के तौर पर शुरू किया था। इस स्कीम में कौन निवेश कर सकता है, इसके लिए खाता कहां और कैसे खोलें, कितना पैसा जमा किया जा सकता है, इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब यहां हैं।
सुकन्या समृद्धि योजना में कौन निवेश कर सकता है?
- सुकन्या समृद्धि खाता बेटी के नाम पर माता पिता खोल सकते हैं।
- बेटी के जन्म से 10 साल की उम्र तक कभी भी इस खाते को खुलवाया जा सकता है।
- एक बेटी के नाम पर सिर्फ एक खाता ही खुलवाया जा सकता है। माता-पिता एक ही बेटी के लिए अलग-अलग खाता नहीं खुलवा सकते हैं।
- परिवार में ज्यादा से ज्यादा दो बेटियों के लिए खाता खुलवाया जा सकता है।
- विशेष केस में जैसे, जुड़वां/तिड़वा बच्चों के मामले में दो से ज्यादा खाते खुलवाने की अनुमति है
खाते में कम से कम और ज्यादा से ज्यादा कितना जमा किया जा सकता है?
सुकन्या समृद्धि अकाउंट कम से कम 250 रुपये के साथ खुलवाया जा सकता है। इसके बाद हर वित्त वर्ष में न्यूनतम 250 रुपये जमा करना जरूरी है। वित्त वर्ष में दौरान अगर कोई मिनिमम अमाउंट नहीं डाल पाता है तो अकाउंट को डिफॉल्ट माना जाता है। एक वित्त वर्ष में सुकन्या समृद्धि खाते में अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किया जा सकता है।
खाता खुलवाने के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत होती है?
सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाने के लिए माता-पिता को बेटी के जन्म प्रमाणपत्र के साथ भरा हुआ फॉर्म-1 जमा करना पड़ता है। इसमें माता-पिता के पैन और आधार का डीमैट अकाउंट कौन खुलवा सकता है ब्योरा मांगा जाता है।
अकाउंट में कितने समय तक डिपॉजिट किया जा सकता है?
खाता खोलने की डेट से 15 साल पूरे होने तक डिपॉजिट किया जा सकता है।
अकाउंट कब मैच्योर होता है?
खाता खुलने की डेट से 21 साल बाद या बेटी के 18 साल होने पर शादी के समय (शादी की तारीख से 1 महीना पहले या तीन महीने बाद) सुकन्या समृद्धि खाता मैच्योर होता है।
सुकन्या समृद्धि जमा रकम पर ब्याज की दर क्या है?
छोटी बचत स्कीमों की ब्याज दर के साथ सुकन्या समृद्धि अकाउंट पर सरकार हर 3 महीने पर ब्याज दर बदलती है। अप्रैल-जून 2021 के लिए ब्याज दर 7.6 फीसदी रखी गई है।
सुकन्या समृद्धि खाते में ब्याज कैसे तय होता है?
सुकन्या समृद्धि खाते पर ब्याज की गणना करने का तरीका फिक्स है। 5वें दिन की क्लोजिंग और महीने के अंत के बीच खाते में सबसे कम बैलेंस पर ब्याज को कैलकुलेट किया जाता है। अकाउंट में सालाना चक्रवृद्धि ब्याज दर से पैसा बढ़ता है, हालांकि, ब्याज की वास्तविक रकम खाते में हर वित्त वर्ष डीमैट अकाउंट कौन खुलवा सकता है के अंत में डाली जाती है।
सुकन्या समृद्धि खाता कहां खुलवा सकते हैं?
सुकन्या समृद्धि अकाउंट हर उस पोस्ट ऑफिस या बैंक में खुलवाया जा सकता है जो यह स्कीम ऑफर करते हों। बता दें स्कीम के तहत किए जाने वाले डिपॉजिट पर सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन मिलता है। डिपॉजिट पर अर्जित ब्याज और मैच्योरिटी की रकम टैक्स के दायरे से बाहर है।
क्या सुकन्या समृद्धि अकाउंट को मैच्योरिटी से पहले बंद की जा सकती है?
- कुछ शर्तों के साथ सुकन्या समृद्धि अकाउंट को मैच्योरिटी से पहले बंद किया जा सकता है। खाता खुलने के 5 साल बाद अकाउंट का प्री-मैच्योर क्लोजर मुमकिन है।
- बेटी की मौत या अनुकंपा के आधार पर मैच्योरिटी से पहले खाता बंद कराया जा सकता है। अनुकंपा के आधार में अकाउंट होल्डर को जानलेवा बीमारी और अकाउंट चलाने वाले अभिभावक की मौत शामिल है।
- अकाउंट होल्डर की मौत की स्थिति में मौत की तारीख से पेमेंट की तारीख तक पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट की ब्याज दर लागू होती है।
सुकन्या समृद्धि खाते से पैसा निकालने का क्या तरीका है?
बेटी के 18 साल के होने या 10वीं पास कर लेने पर खाते से बैलेंस का अधिकतम 50 फीसदी निकाला जा सकता है। सुकन्या समृद्धि खाते से एकमुश्त या किस्तों में पैसा निकाला जा सकता है।
बंद खाते को रिवाइव कराने का क्या तरीका है?
किसी वित्त वर्ष में सुकन्या समृद्धि खाते में अनिवार्य न्यूनतम डिपॉजिट न किया जाए तो खाता डिफॉल्ट हो जाता है। इस डिफॉल्ट अकाउंट को खाता खुलने की तारीख से 15 साल पूरे हो से पहले रिवाइव कराया जा सकता है। इसके लिए मिनिमम 250 रुपये के साथ हर साल के हिसाब से 50 रुपये पेनाल्टी जमा करनी पड़ती है। बता दें बेटी के 18 साल के होने तक यह खाता अभिभावक ऑपरेट करते हैं।
बैंक जाकर ये वाला खाता खुलवाएं, हर महीने 1000 जमा कराएं, फायदे ही फायदे
जानते ही होंगे कि जनवरी 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कैंपेन के तहत सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की थी। हम आपको इस सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में बता रहे हैं जिससे कि आप आसानी से इस योजना का फायदा उठा सकें और अपनी बिटिया का सुनहरा भविष्य सुनिश्चित कर सकें।
खाता खुलवाने की विधि: सुकन्या समृद्धि योजना का खाता आप किसी भी पोस्ट ऑफिस या बैंकों की अधिकृत शाखा में खुलवा सकते हैं। आम तौर पर जो भी बैंक पीपीएफ खाता खोलने की सुविधा उपलब्ध कराते हैं, वे सुकन्या समृद्धि योजना का खाता भी खोलते हैं।
खाता खुलवाने को चाहिएं ये दस्तावेजः अकाउंट खुलवाने का फॉर्म। बच्ची का जन्म प्रमाणपत्र। जमाकर्ता (माता-पिता या अभिभावक) का पहचान पत्र जैसे पैन कार्ड, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट आदि। जमाकर्ता के पते का प्रमाणपत्र जैसे पासपोर्ट, राशन कार्ड, बिजली बिल, टेलीफोल बिल आदि। सुकन्या समृद्धि योजना का फॉर्म पोस्ट ऑफिस या बैंक से प्राप्त कर सकते हैं। पैसे जमा करने के लिए आप नेटबैंकिंग का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
कौन खुलवा सकता है ये अकाउंटः आप यह खाता तभी खुलवा सकते हैं जब आप लड़की के प्राकृतिक या कानूनन अभिभावक हों। आप एक बेटी के नाम ऐसा एक ही खाता खुलवा सकते हैं। कुल मिला कर आप दो बेटियों के नाम यह खाता खुलवा सकते हैं, लेकिन अगर दूसरी बेटी के जन्म के समय आपको जुड़वां बेटी होती है तो आप तीसरा खाता भी खुलवा सकते हैं।
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न कोई चिंता और न झंझट! Post Office की इस डिपॉजिट स्कीम में डबल हो जाएगा आपका पैसा और टैक्स बेनिफिट भी
अगर आप कही पैसे इन्वेस्ट करने का डीमैट अकाउंट कौन खुलवा सकता है सोच रहे हैं और सेफ रिटर्न पाना चाहते हैं तो ये खबर आपके काम की है। आज हम आपको पोस्ट ऑफिस की एक ऐसी स्कीम के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें आपका अच्छा रिटर्न तो.
अगर आप कही पैसे इन्वेस्ट करने का सोच रहे हैं और सेफ रिटर्न पाना चाहते हैं तो ये खबर आपके काम की है। आज हम आपको पोस्ट ऑफिस की एक ऐसी स्कीम के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें आपका अच्छा रिटर्न तो मिलेगा ही साथ ही और भी कई फायदे मिलेंगे। हम बात कर रहे हैं पोस्ट ऑफिस की टाइम डिपॉजिट स्कीम (TD Account) के बारे में, खास बात यह है कि इस स्कीम में आपको बैंक से ज्यादा ब्याज मिलेगा। इस स्कीम को डाकघर (Post Office) की FD भी कहते हैं। आइए आपको बताते हैं इस स्कीम के बारे में डिटेल में बताते हैं।
पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट स्कीम डिटेल्स
इस स्कीम में आप 1 साल, 2 साल, 3 साल और 5 साल के लिए पैसे जमा कर सकते हैं। इसमें 1 साल की अवधि वाले एफडी अकाउंट पर मौजूदा समय में 5.5 फीसदी की ब्याज दर मौजूद है। इसके अलावा 2 साल की एफडी और 3 साल वाली एफडी पर भी 5.5 फीसदी की समान दर से ब्याज मिल रहा है। पोस्ट ऑफिस में 5 साल की टैक्स सेविंग एफडी पर 6.7 फीसदी का ब्याज दे रहा है। ब्याज का भुगतान सालाना आधार पर किया जाता है, लेकिन इसे तिमाही आधार पर कैलकुलेट किया जाता है। पोस्ट ऑफिस में 5 साल की अवधि वाले टाइम डिपॉजिट अकाउंट में निवेश की गई राशि पर इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80C के तहत बेनेफिट मिलता है.
ऐसे करें कैलकुलेट
यानी अगर कोई 1 लाख रुपये की जमा से 5 साल मैच्योरिटी पीरियड वाला टर्म डिपॉजिट खुलवाता है तो 6.7 फीसदी सालाना की ब्याज दर के हिसाब से 5 साल बाद वह 1,39,407 रुपये का मालिक बन जाएगा। अगर आप टाइम डिपॉजिट स्कीम (Time Deposit scheme benefits) में पैसा लगाते हैं और आपको 6.7 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है तो आपका पैसा डबल होने में करीब 10.74 साल यानी 129 महीने लगेंगे।
कौन कर सकता है Time Deposit स्कीम के लिए अप्लाई?
इस स्कीम में कोई भी सिंगल व्यक्ति अपना खाता खुलवा सकता है। इसके अलावा इसमें 3 अडल्ट मिलकर ज्वॉइंट अकाउंट (Time deposit Joint account) भी ओपन करा सकते हैं। वहीं, 10 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के नाम पर पैरेंट्स अकाउंट खोल सकते हैं।
Demat Account kya hai? डीमैट अकाउंट कैसे खोलें तथा यह क्यों जरुरी है?
आप यदि भविष्य में बाजारों में निवेश करना चाहते हैं तो आपको demat account की आवश्यकता पड़ेगी. बैंकों में पैसों के लेनदेन सम्बंधित account से तो हम डीमैट अकाउंट कौन खुलवा सकता है सभी भलीभांति परिचित हैं किन्तु बहुत सारे लोगों को ये पता नहीं होता है कि demat account क्या है?
यह क्यों जरुरी होता है? इसे कैसे खोला जाता है? इसतरह के बहुत सारे प्रश्न हमारे मन में उठते हैं जिसे हम जानना चाहते हैं. आज के लेख में हम इन सभी सवालों का जवाब जानेंगे कि demat account kya hai? (डीमैट अकाउंट क्या है?)
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Demat Account kya hai?
Share market में निवेश करने के लिए हमारे पास demat account होना जरुरी है. जिसप्रकार हम अपने पैसों को bank में सुरक्षित रखते हैं ठीक उसी प्रकार हमारे demat account में shares सुरक्षित रहते हैं. यह किसी बैंक अकाउंट की तरह ही होता है जहाँ बैंकों में पैसों का लेनदेन होता है ठीक उसी प्रकार demat account के जरिये शेयरों का लेनदेन होता है. जो निवेशक होते हैं वो डीमैट अकाउंट कौन खुलवा सकता है online shares की लेनदेन करने के लिए इस खाता का उपयोग करते हैं.
इस खाता के द्वारा transactions digitally या इलेक्ट्रॉनिक रूप से होता है इसी कारण इसे demat account कहते हैं. Demat account वास्तव डीमैट अकाउंट कौन खुलवा सकता है में शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से रखने का सुविधा प्रदान करता है. यहाँ ख़रीदे गये shares को जमा करके रखा जाता है.
Demat यानि Dematerialize, यानि शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से खातों में रखने की सुविधा को ही हम demat कहते हैं. आजकल इलेक्ट्रॉनिक कैश का प्रचलन तेज़ी से बढ़ रहा है जैसे कि जब हम कहीं से कुछ खरीदारी करते हैं और भुगतान भौतिक रूप से नहीं करके डेबिट कार्ड से करते हैं तो इसी भुगतान की प्रक्रिया को हम इलेक्ट्रॉनिक कैश भुगतान कहते हैं.
हमारे पास जो shares demat account में होते हैं हम उसे दुसरे व्यक्ति के demat account में digitally transfer करते सकते हैं और ऐसे में हमें अपने shares को भौतिक रूप से रखने की आवश्यकता नहीं पड़ती है.
Demat account क्यों जरुरी है?
बाज़ार में यदि आप स्टॉक खरीदना और बेंचना चाहते हैं तो demat account का होना जरुरी है. शेयर बाज़ार में निवेश करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है. जब आपके द्वारा शेयर ख़रीदा जाता है तो वह demat account में आता है और शेयर बेंचने का काम भी इसी account से होता है.
जब हम शेयर्स खरीदते हैं तो वह शेयर्स हमारे demat account में ही जमा होता है इसीतरह जब हम अपना share बेंचते हैं तो वह शेयर हमारे demat account से खरीदनेवाले के demat account में जमा हो जाता है. SEBI (Securities And Exchange Board Of India) के दिशानिर्देशों के अनुसार demat account को छोड़कर किसी अन्य रूपों में शेयरों को ख़रीदा या बेंचा नहीं जा सकता है.
इसतरह से हम कह सकते हैं कि demat account का उपयोग हमारे ख़रीदे गये shares को रखने का काम account या लॉकर के रूप में किया जाता है. इसका उपयोग सिर्फ इतना है कि हमारे ख़रीदे गये shares को रखना.
कैसे खोलें Demat account?
किसी रजिस्टर्ड DP (Depository Participant) के जरिये निवेशक अपना demat account खुलवा सकता है. Depository सर्विस – बैंक, निजी वित्तिय संस्थान डीमैट अकाउंट कौन खुलवा सकता है आदि प्रदान करते हैं जहाँ यह खाता डीपी के द्वारा खुलवाया जा सकता है. आपको demat account खोलने के लिए यह देखना है की आपके द्वारा चयनित डीपी किस डिपाजिटरी के साथ रजिस्टर्ड है.
Demat डीमैट अकाउंट कौन खुलवा सकता है account की देखरेख डिपाजिटरी डीपी के जरिये ही करती है. देश के अन्दर दो डिपाजिटरी हैं – 1. NSDL (National Securities Depository Limited) और 2. CDSL (Central Securities Depository Limited). ये दोनों डिपाजिटरी SEBI (Securities and Exchange Board of India) के द्वारा रजिस्टर्ड हैं.
Demat account खोलने के लिए जरुरी दस्तावेज़
Passport size Photo
आप address prove करने के लिए इसके साथ और भी कोई पहचान दे सकते हैं जैसे की वोटर कार्ड, पासपोर्ट, राशन कार्ड आदि लेकिन एक बात का ध्यान रहे पैन कार्ड और आधार कार्ड देना अनिवार्य है.
कौन कौन से बैंक और स्टॉक ब्रोकर हैं जहाँ Demat Account खोले जा सकते हैं?
यहाँ पर मैं बैंकों का नाम लेकर लिस्ट को सिमित नहीं करना चाहता हूँ क्योंकि आजकल लगभग सभी बैंक Demat Account खोलने की सुविधा प्रदान कर रहे हैं. स्टॉक ब्रोकर की अगर बात करें तो कुछ प्रमुख स्टॉक ब्रोकर हैं जो demat account खोलते हैं – SHAREKHAN LTD, INDIA INFOLINE OR IIFL, MOTILAL OSWAL, ZERODHA आदि.
Demat Account opening Fees
इस खाता को खोलने के लिए आपको फीस अदा करना पड़ता है जो अलग – अलग संस्थानों के हिसाब से अलग – अलग है. आप 200 से 1000 रुपया के अन्दर इस खाता को खोल सकते है. खाता खोलने के आलावा वार्षिक maintenance charges भी pay करना पड़ता है. आप ऑफलाइन ऑफिस जाकर और ऑनलाइन इन्टरनेट के जरिये इस खाता को खोल सकते हैं.
Nomination की सुविधा
किसी दुर्घटना की स्तिथि में यदि खाताधारक की मृत्यु हो जाए तो शेयर्स नॉमिनी के नाम पर ट्रान्सफर हो जाता है. खाता खोलने के समय नॉमिनी का नाम डालना पड़ता है. नॉमिनी का नाम डालना भविष्य को सुरक्षित करने के लिए जरुरी है.
आशा करता हूँ कि आप demat account kya hai? अच्छी तरह समझ गये होंगे. यदि आपके मन में इस विषय से सम्बंधित कोई प्रश्न हो तो आप comment करके पूछ सकते हैं.
मैं इस हिंदी ब्लॉग का संस्थापक हूँ जहाँ मैं नियमित रूप से अपने पाठकों के लिए उपयोगी जानकारी प्रस्तुत करता हूँ. मैं अपनी शिक्षा की बात करूँ तो मैंने Accounts Hons. (B.Com) किया हुआ है और मैं पेशे से एक Accountant भी रहा हूँ.
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