अपोलो टायर्स के नये रेडियल टायर उत्पाद में शामिल एंडुट्रैक्स एमए टायर 295/90 आर 20 के साइज में लांच किया गया है। यह एप्लिकेशन स्टीयर फिटमेंट से पूरी तरह मिला-जुला टायर है। यह मुख्य रूप से टिपर्स में उपयोग किया जाता है। इसे ऊबड़-खाबड़ इलाकों में बाधा रहित चलने के लिए बेहतर कट और चिप प्रतिरोधी बनाया गया है। यह पथरीले रास्तों पर आसानी से चलता है और पत्थरों द्वारा रुकावट पैदा नहीं होने देता। इसमें जिग-जैग टाइप में चौड़े खांचे हैं जो वाहन को कंट्रोल करने में सहायक होते हैं। इसकी सतह काफी मजबूत होती है। इस टायर का मजबूत डिजायन रोड की स्थितियों में वाहन और उसमें भरे लोड के बावजूद आसानी से चलने में सक्षम है। इससे टायर की क्षमता बढ़ती है। कंपनी के अनुसार इस टायर को यह सुनिश्चित करने के लिए डिजायन किया गया है कि ग्राहकों के लिए देश में बदलते सडक़ों के बुनियादी ढांचों में वाहन चलाते समय प्रति किलोमीटर के हिसाब से कम से कम लागत आए।
जयललिता की मौत पर अपोलो अस्पताल को जांच का सामना क्यों करना पड़ सकता है? 5 कारण
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के शुरुआती के लिए ApolloX में व्यापार कैसे करें निधन को लेकर देश की प्रमुख हॉस्पिटल चेन अपोलो हॉस्पिटल जांच के दायरे में है. पूर्व मुख्यमंत्री का निधन किन परिस्थितियों में हुआ, इसकी जांच-पड़ताल करने के लिए जस्टिस ए अरुमुघस्वामी आयोग को स्थापित किया गया था. इस कमीशन ने ये निष्कर्ष निकाला है कि जयललिता के इलाज में अपोलो के डॉक्टरों ने कुछ गंभीर चूक की थी. बता दें कि जयललिता अपनी शुरुआती के लिए ApolloX में व्यापार कैसे करें मौत के 75 दिन पहले से चेन्नई के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती थीं.
पांच कारण
मुख्य रूप से पांच कारणों से आयोग ने अस्पताल में जयललिता के इलाज को संदिग्ध माना है :
अंतर्निहित हार्ट कंडीशन के लिए जयललिता का सर्जिकल इलाज नहीं किया गया था.
कथित तौर पर जयललिता को उनके इलाज के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर अंधेरे में रखा गया था.
कथित तौर पर सरकार को जयललिता की हेल्थ कंडीशन की वास्तविक स्थिति के बारे में सूचित नहीं किया गया था.
कथित तौर पर हॉस्पिटल के अधिकारियों ने जयललिता की वास्तविक स्वास्थ्य स्थिति का खुलासा नहीं करके जनता को गुमराह किया.
कथित तौर पर हॉस्पिटल ने मौत का सही समय रिकॉर्ड नहीं किया और इसे रिकॉर्ड करने में कई घंटे की देरी हुई.
जिस दौर में जयललिता एक्टिंग करती थीं उस दौर में धर्मेंद्र उनसे बात करते हुए.
आयोग ने पूछा, जयललिता की सर्जरी क्यों नहीं कराई गई?
2015 के अंत में कथित तौर पर जलयालिता को दिल की बीमारी (लेफ्ट वेंट्रिकुलर (एलवी) डिसफंक्शन) का पता चला था. आयोग ने नोट किया है कि इस संबंध में "सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट के बिना अस्पष्ट सबूत हैं". आयोग के अनुसार, 22 सितंबर 2016 को जब जयललिता को अपोलो हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था, तब शुरुआती तौर पर यह डायग्नोस हुआ था कि जयललिता सेप्सिस, कम्युनिटी-एक्वॉर्ड निमोनिया शुरुआती के लिए ApolloX में व्यापार कैसे करें और एक्यूट LV फेल्योर से पीड़ित थीं. आयोग के मुताबिक 29 सितंबर 2016 को जयललिता के हार्ट पर "सुराख और वेजीटेशन (असामान्य वृद्धि)" डेवलप हुई, जबकि हॉस्पिटल ने उनका सेप्सिस और निमोनिया का इलाज किया.
आयोग ने दो डॉक्टरों का हवाला देते हुए कहा कि मरीज को वाल्व सर्जरी की जरूरत थी. आयोग ने यह पाया कि डॉ राम गोपालकृष्णन (अपोलो में संक्रामक रोग के लिए सलाहकार) और डॉ राजीव सोमन (पुणे स्थित संक्रामक रोग विशेषज्ञ) ने सर्जरी का सुझाव दिया था.
Apollo Tyres ने ट्रक और बस के नए रेडियल टायर किए लांच
कमर्शियल व्हीकल्स के टायर्स निर्माण करने में अग्रणी कंपनी अपोलो टायर्स ने भारतीय बाजार में ट्रक और बस के कई नये रेडियल टायर पेश किए हैं। कंपनी का दावा है कि ये नये टायर्स ड्राइव और ऑल व्हील फिटमेंट टायरों के मिश्रण हैं। इन्हें ड्राइवरों की डिमांड और उनकी वाहन चलाने की पर्याप्त क्षमता बढ़ाने के हिसाब से बेस्ट तकनीकी सॉल्यूशन्स के साथ डिजाइन किया गया है। यही नहीं इन टायर्स को बाजार में पेश करने से पहले इनका बड़े पैमाने पर परीक्षण भी किया गया। यहां ट्रक जंक्शन की इस पोस्ट में अपोलो टायर्स कंपनी के नये टायरों की गुणवत्ता सहित इनकी कीमत एवं टायरों के फीचर्स शुरुआती के लिए ApolloX में व्यापार कैसे करें आदि की पूरी जानकारी दी जा रही है।
काला इतिहास! जब जिंदा जल गए अंतरिक्षयात्री, Apollo 1 की उस कहानी से आज भी डरता है अमेरिका
अंतरिक्ष के शुरुआती के लिए ApolloX में व्यापार कैसे करें मामले में 1960 का दशक आज भी काफी याद किया जाता है. ये वो समय था, जब अमेरिका और सोवियत संघ (Soviet Union) एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में लगे थे. अमेरिका ने अपने अंतरिक्षयात्रियों को चंद्रमा की सतह पर सबसे पहले उतारने के लिए अपोलो प्रोग्राम (Apollo Programme) शुरू किया. अपोलो 1 (Apollo 1) AS-204 के नाम से भी जाना शुरुआती के लिए ApolloX में व्यापार कैसे करें शुरुआती के लिए ApolloX में व्यापार कैसे करें जाता है. इसे 21 फरवरी, 1967 को अपोलो कमांड और सर्विस मॉड्यूल का एक टेस्ट करना था, जो पृथ्वी की निचली कक्षा में किया जाता. लेकिन मिशन कभी पूरा नहीं हो सका.
ऑक्सीजन फ्लो ज्यादा हो गया
शाम के 6:30 बजे के बाद मिशन कंट्रोल के इंजीनियरों ने कैबिन के भीतर अधिक ऑक्सीजन फ्लो और प्रेशर बनते देखा. जिसके बाद वहां आग लग गई. कुछ ही देर में अंतरिक्षयान के भीतर लगी आग बाहर तक आ गई और उसे चारों ओर से घेर लिया (Apollo 1 Explosion). लेकिन अंतरिक्षयात्री अंदर ही फंसे रह गए. ऐसा माना जाता है कि अंतरिक्ष यात्रियों ने चीखते हुए कहा था, ‘हमारे आसपास भयानक आग लग गई है, बाहर निकलना है. हम जल रहे हैं.’ आग तो कुछ समय बाद बुझ गई लेकिन उसका परिणाम इतना भयंकर था कि अमेरिका में इस कहानी को सुनने वाले आज भी कांप उठते हैं.
इंजीनियर्स अंतरिक्षयान का दरवाजा खोलना चाहते थे, लेकिन नहीं खोल सके. मिशन कंट्रोलर लाइव वीडियो में सब देखते रहे लेकिन असहाय होकर. इमरजेंसी क्रू को अंतरिक्षयान के दरवाजे खोलने में शुरुआती के लिए ApolloX में व्यापार कैसे करें पांच मिनट का वक्त लगा. लेकिन अंदर हद से ज्यादा गर्मी और धुआं था (Apollo 1 Disaster Date). तीन अंतरिक्षयात्रियों की मौत हो चुकी है. घटना के बाद उसकी जांच के आदेश दिए गए. समीक्षा बोर्ड को पता चला कि यूरीन कलेक्शन सिस्टम से पाइपिंग के ऊपर निकले तार की वजह से हादसा हुआ. आग नीचे से लगनी शुरू हुई और बचने के लिए अंतरिक्षयात्रियों को वक्त नहीं मिला.
सीसीआई का सबक: देश की बड़ी टायर कंपनियों ने कीमतों को लेकर की सांठगांठ, लगा 1788 करोड़ का भारी-भरकम शुरुआती के लिए ApolloX में व्यापार कैसे करें जुर्माना
गुटबंदी में शामिल होकर बिज़नेस करने को लेकर देश की बड़ी टायर कंपनियों को बड़ा झटका लगा है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने बताया है कि सुप्रीम कोर्ट ने टायर कंपनियों द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने गुटबंदी में शामिल होने के लिए उन पर कुल 1,788 करोड़ रुपए से अधिक का जुर्माना लगाने के नियामक के आदेश को चुनौती दिया था। सीसीआई ने अपोलो टायर्स पर 425.53 करोड़ रुपए, एमआरएफ लिमिटेड पर 622.09 करोड़ रुपए, सीईएटी लिमिटेड पर 252.16 करोड़ रुपए, जेके टायर पर 309.95 करोड़ रुपए और बिड़ला टायर्स पर 178.33 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था। आदेश में उन्हें अनुचित व्यापार प्रैक्टिस में शामिल होने और उसे बंद करने के लिए भी कहा गया है।
ये है कीमत
स्पुतनिक वी की प्रति खुराक की कीमत 1,145 रुपये रखी गई है। अस्पताल मधुकर रेनबो के अधिकारियों ने समाचार एजेंसी एएनआई को जानकारी दी है कि हॉस्पिटल स्पुतनिक वी को 20 जून तक शुरुआती के लिए ApolloX में व्यापार कैसे करें अस्थायी रूप से देना शुरू कर देगा। कोविन पोर्टल के जरिए बुकिंग हो सकती है।
गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा विकसित स्पुतनिक V, कोविड -19 के खिलाफ दुनिया का पहला रजिस्टर्ड टीका है और इसे पिछले अगस्त में मॉस्को में रेगुलेटरी अप्रूवल दिया गया था। इस दो डोज वाली वैक्सीन को अब 67 देशों में अधिकृत किया गया है। स्पुतनिक वी ने अपने हाइहेस्ट एफिशिएंसी रेट र 91.6 प्रतिशत होने का दावा किया है।
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