International Funds Taxation: इंटरनेशनल फंड में कैसे कर सकते है निवेश, देखें क्या है फायदे और नुकसान

International Funds ऐसे म्यूचुअल फंड हैं. जिससे एक देश में रहने वाले निवेशक दूसरे देशों की कंपनियों में पैसे लगा सकते हैं.

By: ABP Live | Updated at : 09 Sep 2022 08:55 PM (IST)

Edited By: Sandeep

Why Invest in International Funds : देश में निवेशकों का ध्यान अब इंटरनेशनल फंड (International Funds) की ओर जा रहा है. क्या इंटरेशनल फंड अपने निवेशकों को बढ़िया रिटर्न दे रहा हैं. क्या इनमें निवेश घरेलू फंड जितना ही आसान है या नहीं? आखिर इन फंड्स में निवेश के क्या फायदे हैं. क्या आपको इस फंड में निवेश करना चाहिए या नहीं?

क्या है इंटरनेशनल फंड
आपको बता दे कि इंटरनेशनल फंड (International Funds) ऐसे म्यूचुअल फंड हैं. जिससे एक देश में रहने वाले निवेशक दूसरे देशों की कंपनियों में पैसे लगा सकते हैं. भारत में रहने वाला एक निवेशक इंटरनेशनल फंड के जरिए अमेरिका या ब्रिटेन की किसी कंपनी के शेयर्स में निवेश कर सकता है. डॉलर के मुकाबले रुपये में होने वाली गिरावट का इंटरनेशनल फंड पर असर नहीं होता है.

ये है अच्छा विकल्प
अगर आप इन्वेस्टर्स के तौर पर अपने पोर्टफोलियो को बढ़ाना चाहते हैं. तो इंटरनेशनल फंड आप के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है. इससे आपको न सिर्फ इंटनेशनल मार्किट में एक्सपोजर का मौका मिलेगा, बल्कि इससे आपको अच्छा रिटर्न भी मिलेगा.

बढ़े निवेशक
बताया जा रहा है कि पिछले कुछ सालों में कम निवेश जोखिम और अच्छे रिटर्न के चलते इंटरनेशनल फंड में निवेश करने वाले निवेशकों की संख्या में खासा मुनाफा देखने को मिला है. टॉन्ग टर्म अवधि में निवेश करना हमेशा से ही अच्छा विकल्प माना जाता रहा है. लंबी अवधि के लिए किये निवेश में शॉर्ट टर्म निवेश के मुकाबले काफी कम जोखिम होता है.

क्या है राय
बैंक बाजार.कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी का कहना है कि, निवेशकों को निवेश से पहले थोड़ा बड़ा सोचना चाहिए. डोमेस्टिक मार्केट के अलावा इंटरनेशनल फंड्स में निवेश के विकल्प पर भी विचार किया जा सकता है. हालांकि अधिकतर भारतीय निवेश के लिए डोमेस्टिक मार्केट में इंवेस्टमेंट करना ही ज्यादा पसंद करते हैं.

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Published at : 09 Sep 2022 08:55 PM (IST) Tags: Mutual Funds SIP Investments investment tips Debt funds International funds Investment Portfolio Investment Goals हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

आज से लॉन्च हुई भारत बॉन्ड ETF की चौथी किस्त, क्या आपको करना चाहिए निवेश?

भारत बॉन्ड ETF केवल 'AAA' रेटिंग वाले सरकारी कंपनियों के बॉन्ड्स यानी फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज में निवेश करता है.

भारत बॉन्ड ETF की चौथी किस्त आज से निवेश के लिए खुल गई है. ये भारत का पहला कॉर्पोरेट बॉन्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड है. इस फंड को मैनेज कर रही एडेलवाइस म्यूचुअल फंड ने कहा है कि ये बॉन्ड पैसा लगाने के लिए 8 दिसंबर तक खुला रहेगा.

क्या होता है भारत बॉन्ड ETF

भारत बॉन्ड ETF केवल 'AAA' रेटिंग वाले सरकारी कंपनियों के बॉन्ड्स यानी फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज में निवेश करता है. ये एक तय समय के लिए जारी किया जाता है, मैच्योर होने के बाद निवेशक को उसका पैसा रिटर्न के साथ मिल जाता है. इस स्कीम के जरिए सरकारी कंपनियां अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसा जुटाती है. भारत बॉन्ड ETF निवेश के लिहाज से बिल्कुल सुरक्षित है और इसमें तय रिटर्न मिलता है, क्योंकि ये सिर्फ AAA रेटिंग वाले वाले बॉन्ड्स में ही निवेश करता है. इसमें 7-7.25% तक का रिटर्न मिलने का अनुमान होता है.

ये 2019 में लॉन्च किया गया था. इस ETF का असेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 50,000 करोड़ रुपये को पार कर चुका है. अबतक भारत बॉन्ड ETF की पांच मैच्योरिटी वाली स्कीम्स लॉन्च हो चुकी हैं, 2023, 2025, 2030, 2031 और 2032.

किन निवेशकों के लिए है स्कीम

ये नई भारत बॉन्ड ETF और भारत बॉन्ड फंड ऑफ फंड (FOF) सीरीज अप्रैल 2033 में मैच्योर होगी. भारत बॉन्ड ETF उन कंजर्वेटिव निवेशकों के लिए है जिन्हें फिक्स्ड इनकम की खातिर कम लागत वाले हाई क्वालिटी डेट इंस्ट्रूमेंट की तलाश है.

1,000 करोड़ जुटाएगी सरकार

इस नई सीरीज के जरिए चौथी किस्त में सरकार 1,000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है, इसके साथ 4000 करोड़ रुपये का ग्रीन शू ऑप्शन भी है, यानी इसके ऊपर भी सब्सक्रिप्शन मिला तो वो स्वीकार किया जाएगा.पिछले साल सरकार ने इसकी तीसरी किस्त जारी की थी, जिसका इश्यू साइज 1,000 करोड़ रुपये था. वो इश्यू 6.2 गुना ओवर सब्सक्राइब हुआ था और उसे 6200 करोड़ रुपये की बोलियां मिली थीं.

कैसे करें निवेश

अगर डीमैट अकाउंट है तो भारत बॉन्ड ETF-2033 में निवेश कर सकते हैं

अगर डीमैट अकाउंट नहीं है तो भारत बॉन्ड ETF FOF में निवेश कर सकते हैं

भारत बॉन्ड ETF की वेबसाइट (www.invest.edelweissmf.com) पर जाकर डीमैट की जानकारी डालकर निवेश कर सकते हैं

स्मार्टफोन है तो eInvest मोबाइल ऐप या अपने ब्रोकर के जरिए भी इसमें निवेश कर सकते हैं

ऑफलाइन मोड के जरिए भी निवेश कर सकते हैं, इसके लिए अपने म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर से बात करें

ऑनलाइन निवेश के लिए UPI और नेटबैंकिंग की सुविधा उपलब्ध है, NEFT, RTGS का भी ऑप्शन है

ऑफलाइन निवेश के लिए आपको निवेश फॉर्म के साथ चेक देना होगा

जब बाजार खुला रहे तो अपने डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए आप कभी भी खरीद या बेच सकते हैं

कोई लॉक इन पीरियड नहीं होता, लेकिन FOF के केस में अगर निवेश 30 दिन के अंदर निकाला तो 0.10% का एग्जिट लोड, 30 दिन के बाद कोई एग्जिट लोड नहीं

मिनिमम 1000 रुपये से शुरुआत कर सकते हैं, फिर इसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल का निवेश

भारत बॉन्ड ETF का पहला इश्यू साल 2019 में आया था, जिससे सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेस (CPSEs) को 12,400 करोड़ रुपये जुटाने में मदद मिली थी. दूसरी और तीसरी किस्त में 11,000 करोड़ और 6200 करोड़ रुपये जुटाए गए थे. इन सबको मिला दिया जाए तो तीन किस्तों में अबतक 29600 करोड़ रुपये जुटाए जा चुके हैं.

स्टॉक या म्यूचुअल फंड? इन दोनों में क्या अंतर है और निवेश के लिए आपको क्या चुनना चाहिए?

निवेश के शुरुआती दिनों में अक्सर निवेशकों में कई बातों को लेकर असमंजस की स्थिति होती है. इनमें से एक असमंजस इस बात की भी होती है कि उन्हें सीधे स्टॉक में निवेश करना चाहिए या म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए. इन दोनों में क्या अंतर है और किसमें उन्हें फायदा मिल सकता है.

ज्यादातर निवेशक इस दुविधा में रहते हैं कि क्या आपको भी निवेश करना चाहिए वो स्टॉक या म्यूचुअल फंड में से किसी एक को कैसे चुनें? इसका कोई गलत या सही जवाब नहीं है. मामला पूरी तरह से सब्जेक्टिव है और इसका एक दूसरे से तुलना करना सेब और संतरे की तुलना करने जैसा है. सीधे शब्दों में कहें, यदि आप शेयरों में निवेश कर रहे हैं, तो आप अपनी पिक के लिए जिम्मेदार हैं. दूसरी ओर, यदि आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो फंड मैनेजर आपकी ओर से यह कॉल लेता है. अपने गोल्स को अचीव करने के लिए आपके कुछ फैक्टर्स को ध्यान में रखकर स्टॉक या म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए.

यदि आपके पास आवश्यक जानकारी और एक्सपीरियंस है, तो शेयर बाजार में सीधे निवेश करना आपके लिए फायदेमंद हो साबित हो सकता है. हालांकि, अगर आप कभी-कभार ही शेयरों में निवेश करते हैं या सलाह के लिए किसी तीसरे पक्ष पर निर्भर हैं, तो आपको निवेश से पहले दो बार सोचना चाहिए. दूसरी ओर, म्यूचुअल फंड के साथ मामला अलग है. फंड मैनेजर आपके पोर्टफोलियो की देखभाल करता है. यानी आपको बार-बार मार्केट को ट्रैक करने की जरूरत नहीं होती. संक्षेप में कहे तो म्यूचुअल फंड पैसिव इन्वेस्टर्स के लिए अच्छा काम करते हैं जिनके पास समय की कमी है और अनुभव कम है.

निवेश के मूल सिद्धांतों में से एक, पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई करना होता है. ये रिस्क को कम करने और पोर्टफोलियो को संतुलित करने में मदद करता है. विभिन्न क्षेत्रों में 10-15 शेयरों के बास्केट से आपको पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई करने का मौका मिलता है. जब आप किसी एक स्टॉक में निवेश करते हैं, तो आपको उस डोमेन में एक्सपोजर मिलता है जिसे कंपनी संचालित करती है. उदाहरण के लिए, यदि आप किसी तकनीकी फर्म के शेयर खरीदते हैं, तो आपका एक्सपोजर उस क्षेत्र तक ही सीमित हो जाता है. दूसरी ओर जब आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो आपका पैसा अलग-अलग सेक्टर्स और स्टॉक में लगता है. इससे आपका पोर्टफोलियो अपने आप ही डायवर्सिफाई हो जाता है.

स्टॉक से आपको कभी खुशी तो कभी गम मिल सकता है. यदि आपके पास एक मल्टीबैगर है, तो आपका रिटर्न कुछ ही समय में बढ़ सकता है. ये रातों-रात आपके रिटर्न को कई गुना कर सकता है. दूसरी ओर अगर आप से गलत स्टॉक का चुनाव हो गया तो ये आपके इन्वेस्टमेंट को डूबा भी सकता है. म्यूचुअल फंड में हमेशा आपका पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई रहता है इसलिए इसमें न तो बहुत ज्यादा और न ही बहुत कम रिटर्न मिलता है.

पहली बार शेयर बाजार में कर रहें है निवेश तो जान लें ये बातें; जानें क्या करें, क्या ना करें

Stock Market में निवेश की शुरुआत करने वाले निवेशक कई बार बड़ी गलतियां कर बैठते हैं और अपनी पूंजी गंवा देते हैं। निवेशकों को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो कभी किसी भी अनजाने व्यक्ति की सलाह पर शेयर में पैसा नहीं लगाएं

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। अपने भविष्य को संवारने के लिए जरूरी होता है कि आप सही समय पर निवेश की शुरुआत करें । वहीं किसी भी निवेश से पहले जरूरी होती है उसकी सोच समझ कर की गई प्लानिंग। हर निवेशक पैसा लगाने के बदले में कुछ उम्मीद या कोई लक्ष्य रख कर आगे बढ़ता है। अगर आप प्लानिंग के साथ निवेश की शुरुआत करते हैं तो यकीन मानिये कि आप अपने लक्ष्य को जरूर प्राप्त करेंगे। निवेश करने से पहले आपको इस बात की योजना बनानी होगी कि आपके पास फंड कहां से आएगा और आपको कितना निवेश करना है। वहीं आपको ये भी समझना होगा कि आप इस रकम के साथ कितना जोखिम उठाने के लिए तैयार हैं। इसी आधार पर निवेश की नींव तैयार की जा सकती है। बढ़ती महंगाई ने निवेशकों की जेब पर डाका डाला है, लोगों की सेविंग्स खत्म हो रही है, ऐसे में महंगाई को मात देने के लिए निवेशकों के लिए अब जरूरी हो गया क्या आपको भी निवेश करना चाहिए है कि वो अपना रिटर्न बढ़ाने पर ध्यान दें। ऐसे में शेयर बाजार में सोच समझ कर किया गया निवेश निवेशकों के लिए काफी मददगार हो सकता है।

Commodity market is affected by these reasons, you should also know the reason

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महंगाई का मुकाबला करने के लिए शेयर बाजार की अहमियत पहले से ज्यादा बढ़ गई है। ये सच है कि शेयर बाजार में निवेश जोखिम भरा होता है, लेकिन ये भी सच है कि नए निवेशक आसानी से स्टॉक मार्केट के बारे में सीख सकते हैं और इनवेस्ट कर पैसा कमा सकते हैं। स्टॉक मार्केट में इनवेस्टमेंट का कोई शॉर्टकट नहीं है। अगर आप कुछ नियमों का पालन करते हैं और बाजार को समझते हुए आगे बढ़ते हैं तो आप बेहतर रिटर्न पा सकते हैं। स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव होता रहती है, ऐसे में यह समझना जरूरी है कि स्टॉक्स में निवेश पर आपको फायदा और नुकसान दोनों ही हो सकता है। स्टॉक मार्केट में निवेश करते समय धैर्य रखना बेहद जरूरी है।

कैसे करें स्टॉक्स का चयन

शेयर बाजार में निवेश शुरू करने के लिए बड़ी रकम की जरूरत नहीं होती है। आप थोड़ी-थोड़ी रकम से बाजार में निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। नए investor को शुरुआत में ज्यादा रिटर्न पर फोकस करने से बचना चाहिए। इसलिए, उन्हें तेज उतार-चढ़ाव वाले stock पर फोकस करने के बजाए फंडामेंटली मजबूत शेयरों में पैसा लगाना चाहिए। कई बार ऐसा पढ़ने-सुनने को मिलता है कि इन्वेस्टर ज्यादा रिटर्न पाने के लालच में ऐसी कंपनियों के शेयर में निवेश कर देते हैं, जो फंडामेंटली मजबूत नहीं होती हैं और निवेशक इसमें फंस जाते हैं। इसलिए निवेश की शुरुआत लार्जकैप शेयरों से करना बेहतर होगा।

शुरुआत में नए निवेशक को penny stocks में पैसा लगाने से बचना चाहिए। कई निवेशकों को लगता है कि ऐसे शेयर में पैसा लगाकर मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है। लेकिन ये दांव अक्सर उलटा पड़ जाता है। जब आप शेयर बाजार अच्छी तरह समझने लगें तो आप थोड़ा जोखिम उठा सकते हैं। शेयर का चुनाव हमेशा कंपनी की ग्रोथ देखकर ही करना चाहिए। उसी कंपनी के शेयर में निवेश करें, जिसका कारोबार अच्छा हो और उसको चलाने वाला मैनेजमेंट बेहतर हो। तभी आप अपने निवेश पर अच्छा रिटर्न पा सकेंगे।

क्या करें, क्या ना करें

सोशल मीडिया पर दिए गए टिप्स के आधार पर स्टॉक मार्केट में इनवेस्ट ना करें। एक निवेशक को बाय एंड होल्ड की रणनीति अपनानी चाहिए। स्टॉक मार्केट में गिरावट आने पर कभी भी घबराकर पूरा निवेश नहीं निकालें। आप उन कंपनियों के शेयर पर फोकस रहें जिसमें आपने पूरी रिसर्च और भरोसे के साथ इनवेस्ट किया है। अगर आपने सिर्फ stock के प्रदर्शन को देखकर जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में कहीं इनवेस्ट किया है तो तुरंत अपने निवेश की समीक्षा करें। शेयर बाजार में गिरावट आने पर निवेश बंद नहीं करें। बाजार के जानकारों से सलाह लें और निवेश के विकल्प खुले रखें।

शेयर बाजार में पैसा लगाने वालों के लिए जरूरी बातें

Stock Market में निवेश की शुरुआत करने वाले निवेशक कई बार बड़ी गलतियां कर बैठते हैं और अपनी पूंजी गंवा देते हैं। निवेशकों को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो कभी किसी भी अनजाने व्यक्ति की सलाह पर शेयर में पैसा नहीं लगाएं। निवेश करने से पहले कंपनी के बारे में खुद रिसर्च करें या भरोसे वाले बाजार के जानकारों से मदद लें। 5paisa ऐसा ही एक एक्सपर्ट है जो आपको बाजार में आगे बढ़ने के लिए कारगर सलाहें देता है, जिससे बाजार में आप अपना पहला कदम मजबूती के साथ रख सकते हैं।

वहीं share चुनते समय रिटर्न को ही आधार बनाना सबसे आम गलतियों में से एक है। इसलिए निवेशक को कभी ऊंचे रिटर्न देखकर ही पैसा लगाने का फैसला नहीं करना चाहिए। यह ध्यान रखना चाहिए कि शेयर की चाल हमेशा एक समान नहीं होती है, इसमें उतार-चढ़ाव बना रहता है।

किसी कंपनी पर आंख बंद कर भरोसा करने की गलती कभी नहीं करें। अगर आपने एक ऐसी कंपनी में निवेश किया है जिसका फंडामेंटल मजबूत था, लेकिन अब उसमें कुछ बदलाव हुआ है तो शेयर बेचकर निकलने में ही भलाई है। याद रखें, आपने पैसा कमाने के लिए शेयर में निवेश किया है, नुकसान उठाने के लिए नहीं।

शेयरों में भी SIP के जरिये कर सकते हैं आप निवेश, जानें तरीका

आमतौर पर छोटे निवेश सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। लेकिन, क्या आपको पता है कि आप एसआईपी के जरिये सीधे शेयरों में भी निवेश कर सकते हैं। यह सुविधा आपको.

शेयरों में भी SIP के जरिये कर सकते हैं आप निवेश, जानें तरीका

आमतौर पर छोटे निवेश सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। लेकिन, क्या आपको पता है कि आप एसआईपी के जरिये सीधे शेयरों में भी निवेश कर सकते हैं। यह सुविधा आपको शेयर ब्रोकर उपलब्ध करते हैं।

हालांकि, शेयरों में एसआईपी के जरिये निवेश करने के लिए आपके पास सबसे पहले डीमैट खता होना जरूरी है। डीमैट खाता खोलने की सुविधा ब्रोकर उपलब्‍ध कराते हैं। डीमैट खाता खुलने के बाद आप अपने मोबाइल एप के जरिये ब्रोकर के प्‍लेटफॉर्म का इस्‍तेमाल करते क्या आपको भी निवेश करना चाहिए हुए शेयर बाजार से शेयरों की खरीद सकते हैं। इसके लिए आपका बैंक खाता डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट से जुड़ा होना चाहिए। इसके बाद आप महीने में एक तय राशि एसआईपी के जरिये सीधे शेयर खरीदने में लगा सकते हैं।

शेयरों में एसआईपी कैसे शुरू करें

शेयरों में एसआईपी शुरू करने के लिए आपको निवेश की रकम, शुरुआत करने की तारीख, अंतिम तारीख, ट्रिगर डेट इत्‍यादि के बारे में बताना पड़ता है। ट्रिगर डेट वह तारीख है जिस दिन हर एक किस्‍त के लिए बकेट में निवेश किया जाएगा। इसी दिन उन शेयरों के लिए एक अलग ऑर्डर जेनरेट होगा जिन्‍हें आपने चुना है। ये ऑर्डर शेयर ब्रोकर के ऑर्डर मैचिंग सिस्‍टम के अनुसार एग्‍जीक्‍यूट होते हैं। आप एसआईपी के जरिये निवेश की अवधि दैनिक, साप्‍ताहिक, पाक्षिक या मासिक चुन सकते हैं। शेयर में एसआईपी शुरू करने पर आपके पास विकल्‍प होता है कि आप किसी खास शेयर को नहीं चुनें। आप बता सकते हैं कि हर एक शेयर में
मजबूत कंपनियों के शेयरों में करें निवेश

म्यूचुअल फंड में जब आप एसआईपी के जरिये निवेश करते हैं तो उसका प्रबंधन म्यूचुअल फंड मैनेजर करता है। लेकिन स्टॉक एसआईपी जिसे 'ई-सिप' कहा जता है उसमें निवेश का प्रबंधन खुद करना होता है या फिर आपका ब्रोकर इसे संभालता है। पको ब्रोकर को यह बताना पड़ता है कि आप कितने समय में कितना शेयर खरीदना चाहते हैं। ई-सिप खरीदते समय हमेशा उन शेयरों में निवेश करना चाहिए जिनके कारोबार और वित्तीय स्थिति मजबूत हों। ई-सिप का फायदा यह है कि आपके निवेश को डाइवर्सिफिकेशन का लाभ मिलता है। यानी आप अपना इनवेस्टमेंट अलग-अलग शेयरों में करते हैं। यह ध्यान रखना चाहिए कि ई-सिप के जरिये जब निवेश करें तो अलग-अलग शेयरों में करें।

बड़े वित्तीय लक्ष्य हासिल करना आसान

ई-सिप में फायदा यह है कि आप एक छोटी निवेश राशि से निवेश कर लंबी क्या आपको भी निवेश करना चाहिए अवधि में बड़ा निवेश करते हैं। आप इसके जरिये बड़ा वित्तीय लक्ष्य आसानी से हासिल कर लेते हैं। निवेश की राशि कम होती है इसलिए जोखिम भी कम होता है। क्या आपको भी निवेश करना चाहिए इसमें लिक्वडिटी काफी होती है और अचानक पैसे की जरूरत पड़ने पर आप अपनी रकम निकाल सकते हैं। दरअसल ई-सिप के जरिये में निवेश पर आपको हाई रिटर्न का फायदा मिलता है। म्यूचुअल फंड निवेश में कई तरह के चार्ज, फंड मैनेजर का खर्च आदि कट कर रिटर्न मिलता है। लेकिन इसमें इस तरह का खर्च नहीं है। इस वजह से इनमें रिटर्न का ज्यादा हिस्सा आपके हाथ आता है। जो निवेशक कम पैसे से धीरे-धीरे शेयर में निवेश करना चाहते हैं उनके लिए यह ई-सिप के जरिये शेयरों में निवेश काफी अच्छा विकल्प है

इन बातों का रखें ध्‍यान

शेयरों में एसआईपी शुरू करने से पहले यह जरूरत पता कर लें कि स्‍टॉक एसआईपी रीक्‍वेस्‍ट क्रिएट करने के लिए ब्रोकर ब्रोकरेज जैसे अन्‍य रेगुलर शुल्क के अलावा कितना चार्ज करते हैं। आप किसी भी समय स्‍टॉक एसआईपी इंस्‍ट्रक्‍शन को कैंसिल या बदल सकते हैं। यह अगली ट्रिगर डेट से प्रभावी हो जाएगी।

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