यह विदेशी मुद्रा व्यापार से संबंधित है
चीन में विदेशी मुद्रा बाजार अधिक लचीला
चीन में विदेशी मुद्रा बाजार अधिक लचीला है और आरएमबी की विनिमय दर अपेक्षाकृत स्थिर रही। चीन में सीमापार पूंजी का प्रवाह आम तौर पर स्थिर रहा। यह बात चीन राष्ट्रीय विदेशी मुद्रा प्रबंध ब्यूरो के उप प्रभारी और प्रेस प्रवक्ता वांग छुनयिंग ने 22 जुलाई को पेइचिंग में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कही।
वांग ने कहा कि इस साल के पहले छह महीनों में चीन में बैंकों के विदेशी मुद्रा निपटान व बिक्री और विदेशी-संबंधित प्राप्तियों और भुगतानों दोनों ने अधिशेष दिखाया है। माल के व्यापार और प्रत्यक्ष निवेश जैसे मौलिक अधिशेषों ने यह विदेशी मुद्रा व्यापार से संबंधित है अपेक्षाकृत उच्च स्तर बनाए रखा है।
आरएमबी की विनिमय दर की चर्चा में वांग ने कहा कि इस साल से अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर बढ़ाने और भू-राजनीति मुठभेड़ आदि कई तत्वों से प्रभावित होकर अंतर्राष्ट्रीय विदेशी मुद्रा के बाजार में यूएस डॉलर का मूल्य निरंतर बढ़ता रहा, जबकि गैर यूएस डॉलर की मुद्राओं का मूल्य कम होता रहा। यूएस डॉलर के प्रति चीन की विनिमय दर में यह विदेशी मुद्रा व्यापार से संबंधित है भी अवमूल्यन हुआ है, लेकिन अन्य प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय मुद्राओं की तुलना में आरएमबी के मूल्य में स्थिरता अपेक्षाकृत मजबूत होती रही है।
विनिमय दर के जोखिम का निपटारा करने के लिए चीन राष्ट्रीय विदेशी मुद्रा प्रबंध ब्यूरो ने कई विभागों और वाणिज्य बैंकों के साथ मिलकर चीन के उद्यमों को मदद दी है।
फेरा और फेमा में क्या अंतर होता है?
सन 1973 में विदेशी विनिमय नियमन अधिनियम(FERA)पारित किया गया, जिसका मुख्य उद्येश्य विदेशी मुद्रा का सदुपयोग सुनिश्चित करना था. लेकिन यह यह विदेशी मुद्रा व्यापार से संबंधित है कानून देश के विकास में बाधक बन गया था इस कारण दिसम्बर 1999 में संसद के दोनों सदनों द्वारा फेमा प्रस्तावित किया गया था. राष्ट्रपति के अनुमोदन यह विदेशी मुद्रा व्यापार से संबंधित है के बाद 1999 में फेमा प्रभाव में आ गया.
ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में विदशी मुद्रा बहुत ही सीमित मात्रा में होती थी; इस कारण सरकार देश में इसके आवागमन पर नजर रखती थी. सन 1973 में विदेशी विनिमय नियमन अधिनियम (FERA) पारित किया गया, जिसका मुख्य उद्येश्य विदेशी मुद्रा का सदुपयोग सुनिश्चित करना था. लेकिन यह कानून देश के विकास में बाधक बन गया था इस कारण सन 1997-98 के बजट में सरकार ने फेरा-1973 के स्थान पर फेमा (यह विदेशी मुद्रा व्यापार से संबंधित है विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) को लाने का प्रस्ताव रखा था. दिसम्बर 1999 में संसद के दोनों सदनों द्वारा फेमा पास किया गया था. राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद जून 1, 2000 को फेमा प्रभाव में आ गया था.
फेरा क्या है?
फेरा कानून का मुख्य कार्य विदेशी भुगतान पर नियंत्रण लगाना, पूँजी बाजार में काले धन पर नजर रखना, विदेशी मुद्रा के आयात और निर्यात पर नजर रखना और विदेशियों द्वारा अचल संपत्तियों की खरीद को नियंत्रित करना था. इस कानून को देश में तब लागू किया गया था जब देश का विदेशी पूँजी भंडार बहुत ही ख़राब हालत में था. इसका उद्देश्य विदेशी मुद्रा के संरक्षण और अर्थव्यवस्था के विकास में उसका सही उपयोग करना था.
फेमा क्या है?
फेमा का महत्वपूर्ण लक्ष्य विदेशी मुद्रा से संबंधित सभी कानूनों का संशोधन और एकीकरण करना है. इसके अलावा फेमा का लक्ष्य देश में विदेशी भुगतान और व्यापार को बढ़ावा देना, विदेशी पूँजी और निवेश को देश में बढ़ावा देना ताकि औद्योगिक विकास और निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके. फेमा भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के रखरखाव और सुधार को प्रोत्साहित करता है.
फेमा भारत में रहने वाले एक व्यक्ति को पूरी स्वतंत्रता प्रदान करता है कि वह भारत के बाहर संपत्ति को खरीद सकता है मालिक बन सकता है और उसका मालिकाना हक़ भी किसी और यह विदेशी मुद्रा व्यापार से संबंधित है को दे सकता है.
आइये जानते हैं कि फेरा और फेमा में क्या अंतर है.
क्रम संख्या
फेरा
फेमा
इसे संसद ने 1973 में मंजूरी दी थी
इसे संसद ने 1999 में मंजूरी दी थी
यह वर्तमान में लागू नही है
यह वर्तमान में लागू है
इसमें अनुभागों (sections) की संख्या 81 है
इसमें अनुभागों (sections) की संख्या 49 है
इसे भारत में विदेशी भुगतानों पर नियंत्रण लगाने और विदेशी मुद्रा का सदुपयोग करने के लिया बनाया गया था.
इसका उद्येश्य विदेशी व्यापार और विदेशी भुगतानों को बढ़ावा देना और देश में विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाना
इसमें भारत का नागरिक उसी व्यक्ति को माना जाता था जो भारत का नागरिक हो
इसमें भारत का नागरिक उस व्यक्ति को मान लिया जाता है जो 6 महीने से भारत में रह रहा हो.
इसमें अपराध को क्रिमिनल अपराध की श्रेणी में रखा जाता था
इसमें अपराध को दीवानी अपराध की श्रेणी में रखा जाता है
इसके दोषी पाए जाने पर सीधे सजा का प्रावधान था
इसमें दोषी पाए जाने पर सजा तभी होगी यह विदेशी मुद्रा व्यापार से संबंधित है जबकि व्यक्ति नोटिस की तिथि से 90 दिन के भीतर निर्धारित अर्थदंड जमा न करे
इसके तहत मुकदमा दर्ज होते ही आरोपी दोषी माना जाता था और उसे ही यह साबित करना होता था कि वह दोषी नही है
इसमें किसी गुनाह के सम्बन्ध में सबूत देने का बोझ आरोपी पर नही बल्कि फेमा लागू करने वाले अधिकारी पर होता है
उम्मीद है कि ऊपर दिए गए अंतरों के आधार पर आप समझ गए होंगे कि फेरा और फेमा में क्या अंतर है और फेरा की जगह पर फेमा को क्यों लागू किया गया था?
नाला: तकनीकी विश्लेषण
चैनल एक तकनीकी विश्लेषण का मुख्य विचार है। यह एक सतत गलियारे एक मोटे तौर पर स्थिर चौड़ाई के साथ कीमत उतार चढ़ाव के रूप में परिभाषित किया गया है .
फार्मेशन
नेत्रहीन चैनल दो समानांतर ट्रेंडलाइनें द्वारा वर्णित है, a सपोर्ट महत्वपूर्ण चढ़ाव और एक जोड़ने नीचे रेजिस्टेंस महत्वपूर्ण को जोड़ने से ऊपर.
- एक अपट्रेंड में ट्रेंडलाइन्स सकारात्मक ढलान है .
- एक नीचे की ट्रेंड में ट्रेंडलाइन्स नकारात्मक ढलान है .
इंटरप्रिटेशन
- सकारात्मक झुका हुआ चैनल से पता चलता है कि मांग के बलों की आपूर्ति की ताकतों से स्थायी रूप से अधिक से अधिक कर रहे हैं। हालांकि निचले ट्रेंडलाइन के नीचे एक विराम (प्लस कुछ विचलन व्यापक रूप से आम है) चैनल को तोड़ने का एक संकेत हो सकता है और एक बेचने के संकेत माना जाता है.
- नकारात्मक झुका हुआ चैनल से पता चलता है की आपूर्ति स्थायी रूप से है कि भारी मांग। हालांकि ऊपरी ट्रेंडलाइन के ऊपर एक विराम (प्लस कुछ विचलन व्यापक रूप से आम है) चैनल को तोड़ने का एक संकेत हो सकता है और एक संकेत खरीदने पर विचार किया.
- जब तक चैनल टूटी है ट्रेंडलाइन कीमतों चैनल समर्थन और प्रतिरोध लाइनों के रूप में अभिनय के अंदर रखने के लिए विश्वास कर रहे हैं .
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भारत ने बनाया विदेशी मुद्रा भंडार का रिकॉर्ड
भारत ने विदेशी मुद्रा के भंडार का नया रिकॉर्ड बना लिया है. इस हफ्ते देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 333.17 अरब डॉलर हो गया है जो अब तक का अधिकतम है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ही विदेशी मुद्रा को हैंडल करता है.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 21 फरवरी 2015,
- (अपडेटेड 21 फरवरी 2015, 2:34 PM IST)
भारत ने विदेशी मुद्रा के भंडार का नया रिकॉर्ड बना लिया है. इस हफ्ते देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 333.17 अरब डॉलर हो गया है जो अब तक का अधिकतम है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ही विदेशी मुद्रा को हैंडल करता है.
13 फरवरी को समाप्त हुए हफ्ते में यह बढ़ोतरी 2.96 अरब डॉलर की थी. 6 फरवरी को विदेशी मुद्रा भंडार 330.2 अरब डॉलर का हो गया था, जो उस समय का अधिकतम था. 16 जनवरी को ही विदेशी मुद्रा भंडार अपने अब तक के सबसे अधिकतम पर यानी 322.14 अरब डॉलर पर जा पहुंचा था.
इसी हफ्ते भारत का स्वर्ण भंडार 20.18 अरब डॉलर के बराबर का था. इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ था. विदेशी मुद्रा यह विदेशी मुद्रा व्यापार से संबंधित है भंडार में बढो़तरी का बड़ा कारण यह है कि रिजर्व बैंक सरकारी बैंकों के जरिये ही डॉलर के प्रवाह को संतुलित कर रहा है. इससे डॉलर के बहाव को रोकने में उसे सफलता मिली है.
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार
प्रश्न-हाल ही में जारी RBI के आंकड़ों के अनुसार भारत के विदेशी मुद्रा भंडार ने पहली बार 500 अरब डॉलर के स्तर को पार किया है-
(a) 5 जून, 2020 को समाप्त सप्ताह में
(b) 29 मई, 2020 को समाप्त सप्ताह में
(c) 12 जून, 2020 को समाप्त सप्ताह में
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
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