FPI निवेशकों को पसंद नहीं आ रहा कैपिटल मार्केट, अक्टूबर महीने में अब तक 1,472 करोड़ रुपये निकाले, जानें क्यों?

Foreign Portfolio investors: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने अक्टूबर महीने में भारतीय बाजार से पैसे निकाले हैं. इस महीने निवेशकों ने अबतक 1,472 करोड़ रुपये निकाले हैं.

By: abp news | Updated at : 17 Oct 2021 11:45 AM (IST)

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (फाइल फोटो)

Foreign Portfolio investors: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने अक्टूबर महीने में भारतीय बाजार से पैसे निकाले हैं. एक ओर शेयर बाजार में तेजी का रुख जारी हैं वहीं, दूसरी तरफ विदेशी निवेशक कैपिटल मार्केट से बिकवाली कर रहे हैं. इस महीने निवेशकों ने अबतक 1,472 करोड़ रुपये निकाले हैं. इसके अलावा अगर पिछले दो महीनों का आंकड़ा देखें तो इस दौरान एफपीआई ने भारतीय बाजारों (Stock Market) में निवेश किया था. FPI की इस बिकवाली पर एक्सपर्ट ने कहा कि रुपये में आई गिरावट और ग्लोबल संकेतों की वजह से विदेशी पोर्टफोलियो बेस्ट पोर्टफोलियो का कॅपिटल निवेशक अपना पैसा निकाल रहे हैं.

पूंजी बाजार से कर रहे निकासी
डिपॉजिटरी आंकड़ों के मुताबिक, चालू महीने में विदेशी निवेशकों ने अबतक भारतीय पूंजी बाजारों से शुद्ध रूप से 1,472 करोड़ रुपये की निकासी की है. लोन या फिर बांड बाजार की बात करें तो यहां एफपीआई निवेशकों को रुख पूरी तरह से बदल गया है.

सितंबर और अगस्त में किया था निवेश
सितंबर महीने में एफपीआई निवेशकों ने बांड मार्केट में 13,363 करोड़ रुपये का निवेश किया था. वहीं, बेस्ट पोर्टफोलियो का कॅपिटल अगस्त महीने में यह आंकड़ा 14,376.2 करोड़ रुपये थे. वहीं, अक्टूबर महीने में बांड बाजार से 1,698 करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं.

रुपये की गिरावट का दिख रहा है असर
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘एफपीआई के रुख में यह बदलाव अक्टूबर में रुपये में आई गिरावट की वजह से है.’’ हालांकि, एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 226 करोड़ रुपये का निवेश किया है.

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IT सेक्टर में भी रही बिकवाली
विजयकुमार ने कहा कि सितंबर के पहले पखवाड़े में एफपीआई बैंकिंग शेयरों में शुद्ध बिकवाल रहे थे, लेकिन दूसरे पखवाड़े में उन्होंने लिवाली की थी. सितंबर में पूरे महीने उन्होंने आईटी कंपनियों में बिकवाली की थी. आईटी कंपनियों में विप्रो, इन्फोसिस और माइंडट्री के अच्छे प्रदर्शन की वजह से आगे चलकर एफपीआई का इस क्षेत्र में प्रवाह बढ़ने की उम्मीद है.

रिकॉर्ड स्तर पर है बाजार
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि बाजार इस समय अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर है. इससे मूल्यांकन भी बढ़ गया है. ऐसे में संभवत: एफपीआई अभी ‘देखो और इंतजार करो’ की नीति अपना रहे हैं.

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Published at : 17 Oct 2021 11:45 AM (IST) Tags: Stock Market FPI Foreign Portfolio investors हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

Portfolio Turnover- पोर्टफोलियो टर्नओवर

क्या होता है पोर्टफोलियो टर्नओवर?
पोर्टफोलियो टर्नओवर (Portfolio Turnover) एक पैमाना है कि कितनी बार किसी बेस्ट पोर्टफोलियो का कॅपिटल फंड के भीतर के एसेट्स की मैनेजरों द्वारा खरीद और बिक्री की जाती है। पोर्टफोलियो टर्नओवर की गणना या तो खरीदी गई नई प्रतिभूतियों की कुल राशि या किसी विशिष्ट अवधि की बेची गई (जो भी कम हो) प्रतिभूतियों की संख्या, जो फंड के कुल नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) द्वारा विभाजित है, को लेकर की जाती है। इस माप की रिपोर्ट आम तौर पर 12 महीने की समय अवधि के लिए की जाती है।

मुख्य बातें
- पोर्टफोलियो टर्नओवर एक माप है कि किसी फंड में प्रतिभूतियां कितनी तेजी से किसी निर्दिष्ट समय अवधि के भीतर फंड के मैनेजरों द्वारा खरीदी या बेची जाती हैं।

- टर्नओवर की दर संभावित निवेशकों के लिए विचार करने के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि जिन फंडों की उच्च दर है, उन्हें टर्नओवर लागत प्रदर्शित करने के लिए उच्चतर फीस भी अदा करनी होगी।

- जिन फंडों की उच्च दर है वे आम तौर पर कैपिटल गेन टैक्स लगाते हैं जिन्हें बाद में निवेशकों को वितरित कर दिया जाता है, जिन्हें उन कैपिटल गेन पर कर अदा करना पड़ सकता है।

-ग्रोथ म्युचुअल फंड और किसी म्युचुअल फंड जो एक्टिवली मैनेज्ड हैं, में पैसिव फंडों की तुलना में उच्च टर्नओवर रेट होती है।

- कुछ ऐसे परिदृश्य होते हैं जिनमें उच्च टर्नओवर रेट कुल उच्चतर रिटर्न में बदल जाता है और इस प्रकार अतिरिक्त फीस के प्रभाव को कम कर देता है।

पोर्टफोलियो टर्नओवर को समझना
किसी निवेशक द्वारा पोर्टफोलियो टर्नओवर माप पर किसी म्युचुअल फंड या समान फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट की खरीद के निर्णय से पहले विचार किया जाना चाहए। ऐसा इसलिए है कि उच्च टर्नओवर दर वाला फंड कम दर वाले फंड की तुलना में अधिक ट्रांजेक्शन लागत का निर्वहन करेगा। जब तक बेहतर एसेट चयन अतिरिक्त ट्रांजेक्शन लागत को ऑफसेट करने वाला लाभ प्रदान नहीं करता है, एक कम सक्रिय ट्रेडिंग पोस्चर उच्च फंड रिटर्न जेनरेट कर सकता है। इसके अतिरिक्त, लागत के प्रति संवेदनशील फंड निवेशकों को यह भी नोट करना चाहिए कि ट्रांजेक्शन से संबंधित ब्रोकरेज फीस लागत फंड के ऑपरेटिंग व्यय अनुपात की गणना में शामिल नहीं किए जाते हैं।

Investment Tips: क्या आपका म्यूचुअल फंड निवेश नुकसान में है? तो जानिए अपनी कैपिटल बचाने के सटीक तरीके

म्‍यूचुअल फंड (Mutual Fund) एक बेहतरीन इनवेस्‍टमेंट टूल है.

म्‍यूचुअल फंड (Mutual Fund) एक बेहतरीन इनवेस्‍टमेंट टूल है.

ऐसे निवेशक जो कम जोखिम उठाकर इक्विटी मार्केट में निवेश (Investing In Equity Market) करना चाहते हैं उनके लिए म्‍यूचुअल फ . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : July 21, 2022, 12:29 IST

हाइलाइट्स

म्‍यूचुअल फंड के माध्‍यम से इक्विटी मार्केट में निवेश को अन्‍य तरीकों से ज्‍यादा जोखिमरहित माना जाता है.
बाजार में गिरावट के दौरान भी अगर निवेशक निवेश बरकरार रखता है तो उसे लॉन्‍ग टर्म में फायदा होता है.
नुकसान से बचने के लिए निवेश में विविधता होनी आवश्‍यक है.

नई दिल्‍ली. जब आप इक्विटी मार्केट (Equity Market) या इससे संबंधित इनवेस्‍टमेंट टूल्‍स में निवेश करते हैं तो फायदे के साथ-साथ नुकसान होने की संभावना भी रहती बेस्ट पोर्टफोलियो का कॅपिटल है. अगर निवेशक ने जैसा सोचकर निवेश किया है और वैसा न हो तो इनवेस्‍टर अपनी मूल पूंजी (कैपिटल) भी खो सकता है. हालांकि यह भी एक हकीकत है कि हाई रिस्‍क निवेश शानदार रिटर्न भी देता है.

ऐसे निवेशक जो कम जोखिम उठाकर इक्विटी मार्केट में निवेश (Investing In Equity Market) करना चाहते हैं उनके लिए म्‍यूचुअल फंड (Mutual Fund) एक बेहतरीन इनवेस्‍टमेंट टूल है. लेकिन, ऐसा भी नहीं है कि म्‍यूचुअल फंड में घाटा नहीं होता. इसमें भी निवेश कई बार नुकसान में चला जाता है. लेकिन, म्‍यूचुअल फंड निवेश के घाटे को दूर किया जा सकता है. इसके लिए कुछ बातों का ध्‍यान रखना पड़ता है.

निरंतर निवेश
इक्विटी मार्केट में कमाई का मूल मंत्र है ‘निरंतर और विविध निवेश’ (Invest regularly and invest diversified). शेयर बाजार में मंदी के दौर में अपनी पूंजी को सुरक्षित रखना काफी महत्‍वपूर्ण हो जाता है, ताकि आपका निवेश और रिटर्न प्रभावित न हो. जी बिज़ की एक रिपोर्ट के अनुसार, इपिसिलोन मनी के सीईओ अभिषेक देव का कहना है कि बाजार में अस्थिरता उन निवेशकों की परम मित्र है जो दीर्घावधि निवेश करते हैं. ऐसे ही जो लोग निरंतर निवेश करते हैं, उनके मंदी में दोनों हाथ में लड्डू होते हैं. निरंतर निवेश एक निवेशक को अपने पोर्टफोलियो में ज्‍यादा यूनिट जोड़ने का अवसर प्रदान करता है जब बाजार में गिरावट आती है.

मंदी में खरीदारी करके वह अपने एवरेज कॉस्‍ट को घटा सकता है. अभिषेक का कहना है कि आज सारा विश्‍व आपस में जुड़ चुका है. विश्‍व में कहीं घटित एक घटना का असर भी भारतीय बाजार पर हो सकता है. ऐसा यूएस फेड द्वारा ब्‍याज दरों में वृद्धि करने और यूक्रेन संकट के कारण हो भी चुका है. अभिषेक का कहना है कि बाजार में आगे क्‍या होगा, इसकी भविष्‍यवाणी करना बहुत मुश्किल है. इसलिए मंदी के प्रभाव को कम करने का एक ही तरीका है कि इसका सामना करने के लिए तैयार रहें और बाजार गिरावट में भी निवेश करते रहें.

निवेश में विविधता
अपनी पूंजी को एक ही जगह लगाना समझदारी नहीं है. निवेश में हमेशा विविधिकरण होना चाहिए. सभी फाइनेंशियल प्‍लानर्स का कहना है कि निवेशक को अपनी पूंजी एसेट क्‍लास, इक्विटी, फिक्‍स्‍ड इनकम, सोने और विदेशी सिक्‍योरिटीज में लगानी चाहिए. निवेश में विविधिकरण होने से फायदा यह होता है कि जब एक एसेट क्‍लास में नुकसान होता है तो आपका इसके अलावा कहीं किया गया दूसरा निवेश अच्‍छा रिटर्न दे रहा होता है. इस तरह आपका पोर्टफोलियो नुकसान से बच जाता है.

अभिषेक का कहना है कि एक डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो मार्केट के झटके सहने मे ज्‍यादा सक्षम होता है. अगर आपने अपनी सारी पूंजी इक्विटी जैसी एक ही एसेट क्‍लास में लगा रखी है तो आपको भारी घाटा होने की संभावना बहुत होती है. इसलिए आपको हमेशा अपनी पूंजी को अलग-अलग जगह निवेश करना चाहिए.

SIP से निवेश
एसआईपी से निवेश करना सबसे सुरक्षित निवेश है. जब बाजार में मंदी होती है तो यह अपने पोर्टफोलियो में ज्‍यादा यूनिट जोड़ने का सबसे बेहतरीन तरीका है. जब आप इक्विटी मार्केट में सिप के माध्‍यम से निवेश करते हैं तो यह अस्थिरता से मुकाबला करने में आपकी बहुत मदद करता है. इससे लॉन्‍ग टर्म में निवेशक बढिया मुनाफा कमा सकता है. यहां यह जानना जरूरी है कि इक्विटी मार्केट ने दस साल की अवधि में कभी नेगेटिव रिटर्न नहीं दिया है.

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FPI निवेशकों को पसंद नहीं आ रहा कैपिटल मार्केट, अक्टूबर महीने में अब तक 1,472 करोड़ रुपये निकाले, जानें क्यों?

Foreign Portfolio investors: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने अक्टूबर महीने में भारतीय बाजार से पैसे निकाले हैं. इस महीने निवेशकों ने अबतक 1,472 करोड़ रुपये निकाले हैं.

By: abp news | Updated at : 17 Oct 2021 11:45 AM (IST)

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (फाइल फोटो)

Foreign Portfolio investors: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने अक्टूबर महीने में भारतीय बाजार से पैसे निकाले हैं. एक ओर शेयर बाजार में तेजी का रुख जारी हैं वहीं, दूसरी तरफ विदेशी निवेशक कैपिटल मार्केट से बिकवाली कर रहे हैं. इस महीने निवेशकों ने अबतक 1,472 करोड़ रुपये निकाले हैं. इसके अलावा अगर पिछले दो महीनों का आंकड़ा देखें तो इस दौरान एफपीआई ने भारतीय बाजारों (Stock Market) में निवेश किया था. FPI की इस बिकवाली पर एक्सपर्ट ने कहा कि रुपये में आई गिरावट और ग्लोबल संकेतों की वजह से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक अपना पैसा निकाल रहे हैं.

पूंजी बाजार से कर रहे निकासी
डिपॉजिटरी आंकड़ों के मुताबिक, चालू महीने में विदेशी निवेशकों ने अबतक भारतीय पूंजी बाजारों से शुद्ध रूप से 1,472 करोड़ रुपये की निकासी की है. लोन या फिर बांड बाजार की बात करें तो यहां एफपीआई निवेशकों को रुख पूरी तरह से बदल गया है.

सितंबर और अगस्त में किया था निवेश
सितंबर महीने में एफपीआई निवेशकों ने बांड मार्केट में 13,363 करोड़ रुपये का निवेश किया था. वहीं, अगस्त महीने बेस्ट पोर्टफोलियो का कॅपिटल बेस्ट पोर्टफोलियो का कॅपिटल में यह आंकड़ा 14,376.2 करोड़ रुपये थे. वहीं, अक्टूबर महीने में बांड बाजार से 1,698 करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं.

रुपये की गिरावट का दिख रहा है असर
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘एफपीआई के रुख में यह बदलाव अक्टूबर में रुपये में आई गिरावट की वजह से है.’’ हालांकि, एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 226 करोड़ रुपये का निवेश किया है.

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IT सेक्टर में भी रही बिकवाली
विजयकुमार ने कहा कि सितंबर के पहले पखवाड़े में एफपीआई बैंकिंग शेयरों में शुद्ध बिकवाल रहे थे, लेकिन दूसरे पखवाड़े में उन्होंने लिवाली की थी. सितंबर में पूरे महीने उन्होंने आईटी कंपनियों में बिकवाली की थी. आईटी कंपनियों में विप्रो, इन्फोसिस और माइंडट्री के अच्छे प्रदर्शन की वजह से आगे चलकर एफपीआई का इस क्षेत्र में प्रवाह बढ़ने की उम्मीद है.

रिकॉर्ड स्तर पर है बाजार
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि बाजार इस समय अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर है. इससे मूल्यांकन भी बढ़ गया है. ऐसे में संभवत: एफपीआई अभी ‘देखो और इंतजार करो’ की नीति अपना रहे हैं.

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Published at : 17 Oct 2021 11:45 AM (IST) Tags: Stock Market FPI Foreign Portfolio investors हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

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