डॉलर मजबूत हो रहा है या रुपया कमजोर ? जानिए इस खास रिपोर्ट में
अमेरिका में दिया गया वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन का एक बयान इन दिनों सुर्खियों में है. सोशल मीडिया पर तो उनका ये बयान काफ़ी छाया हुआ है. ट्विटर से लेकर फ़ेसबुक तक उन्हीं के चर्चे हैं. हर कोई उनसे उनके इस बयान का मतलब पूछ रहा है. अब तो आप समझ ही गए होंगे कि, आख़िर हम किस मुद्दे की बात कर रह हैं. जी हां हम बात कर रहे हैं डॉलर के मुक़ाबले कमज़ोर होती रुपये की सेहत की.
A statement by Finance Minister Nirmala Sitaraman given in America is in the headlines these days. This statement of his has been quite shadowed on social media.
रुपया नहीं गिर रहा, डॉलर मजबूत हो रहा: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
वाशिंगटन। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका के वाशिंगटन में पत्रकार वार्ता के दौरान एक अजीबोगरीब बयान दिया है जिसके बाद से वह सुर्खियों में है। विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की सालाना बैठकों में शामिल होने के लिए अमेरिका के दौरे पर पहुंची मंत्री ने कहा कि रुपया गिर नहीं रहा, बल्कि डॉलर निरंतर मजबूत हो रहा है। केंद्रीय वित्त मंत्री का बयान ऐसे समय में आया है जब 1 डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 82.69 पर पहुंच गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गिरावट पर अपना तर्क देते हुए कहा कि रुपया इसलिए गिर रहा है क्योंकि डॉलर दिन-ब-दिन मजबूत हो रहा बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है है। उन्होंने कहा कि रुपया कमजोर नहीं हो रहा है बल्कि डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है।
भारतीय रुपये ने तोड़े सभी रिकॉर्ड, देश में अब ये सब हो जाएगा महंगा
Rupee vs Dollar: हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के गिरने पर बयान दिया था। आज रुपये फिर रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ।
Updated Oct 19, 2022 | 04:22 PM IST
Rupee vs Dollar: डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर रुपया
नई दिल्ली। बुधवार को भारतीय रुपये (Indian Rupee) ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। अमेरिकी मुद्रा की तुलना में आज रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ है। रुपये ने पहली बार 83 के स्तर को पार किया। डॉलर (Dollar) के मुकाबले रुपया 66 पैसे कमजोर हो कर 83.02 के स्तर पर बंद हुआ। आज इसमें 0.8 फीसदी की कमजोरी आई है। पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 10 पैसे की गिरावट के साथ 82.40 के स्तर पर बंद हुआ था।
मालूम हो कि आज घरेलू शेयर बाजारों बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है में मजबूती से निवेशकों की धारणा को मिले समर्थन से शुरुआती कारोबार के दौरान रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले छह पैसे मजबूत होकर 82.34 के भाव पर पहुंच गया था। आज अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 82.32 प्रति डॉलर के भाव पर खुला था। हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डॉलर के मुकाबले लगातार कमजोर हो रही भारतीय मुद्रा का बचाव किया था और कहा था कि 'रुपया गिर नहीं रहा है, डॉलर मजबूत हो रहा'
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रुपये की कीमत गिरने का आप पर सीधा असर पड़ेगा। इसका सबसे बड़ा प्रभाव पेट्रोल और डीजल की कीमत पर पड़ता है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी से भी ज्यादा क्रूड ऑयल विदेश से आयात करता है। इसलिए डॉलर की कीमत बढ़ने से भारत का कच्चा तेल महंगा हो जाएगा। सिर्फ बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है क्रूड ऑयल ही नहीं, बल्कि भारत जिन भी प्रोडक्ट्स का इम्पोर्ट करता है, अब उन सबके दाम बढ़ जाएंगे। आयातकों को इन प्रोडक्ट्स के लिए पहले से ज्यादा पैसे देने होंगे।
शेयर बाजार की बात बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है करें, तो आज बीएसई का तीस शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 146.59 अंक की मजबूती के साथ 59,107.19 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई का निफ्टी 25.30 अंकों की बढ़त के साथ 17,512.25 के स्तर पर बंद हुआ।
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पीएम मोदी ले रहे हैं बहुत बड़ा रिस्क, हिल जाएगी पूरी दुनिया, रुपया मजबूत करने के लिए लगाएंगे डॉलर की लंका
भारत और रूस के बीच अंतरराष्ट्रीय ट्रेड की पेमेंट रूपए में हो सके, इस पर बात चल रही है। लेकिन बात सिर्फ रूस तक सीमित नहीं है, भारत रूस के अलावा कई और देशों से ऐसी बातचीत कर रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) बहुत बड़ा रिस्क ले रहे हैं और यकीन मानिए जो रिस्क पीएम मोदी ले रहे हैं उससे पूरी दुनिया हिल जाएगी।
Updated Nov 9, 2022 | 11:24 PM IST
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) बहुत बड़ा रिस्क ले रहे हैं और यकीन मानिए जो रिस्क पीएम मोदी ले रहे हैं उससे पूरी दुनिया हिल जाएगी। पूरी दुनिया अमेरिका के डॉलर के पीछे भागती है। सरकारें हों, कंपनियां हों, मार्केट हो। किसी का काम डॉलर के बिना नहीं चलता। दुनिया में देश कोई भी हो, उसकी करेंसी की वैल्यू डॉलर (Dollar) के मुकाबले ही देखी जाती है। इंटरनेशनल ट्रेड में किसी को सुई भी खरीदनी होती है तो पेमेंट डॉलर में होता है। यानी डॉलर का ऐसा रुतबा है, ऐसा दबदबा है, कि दुनिया भर में इसी की दादागीरी चलती है। इसके सामने दूसरी करेंसी बेबस हो जाती है। इसके सामने दुनिया के दूसरे देश बेबस हो जाते हैं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे बदलना चाहते हैं। कैसे वो बहुत बड़ा रिस्क ले रहे हैं।
अभी तक आपको पता होगा कि भारत और रूस के बीच अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड की पेमेंट रूपये (Rupees) में हो सके, इस पर बात चल रही है। लेकिन बात सिर्फ रूस तक सीमित नहीं है, भारत रूस के अलावा कई और देशों से ऐसी बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है बातचीत कर रहा है। इसमें श्रीलंका, मालदीव के अलावा कई साउथ ईस्ट एशियाई देश हैं। इसके अलावा कुछ अफ्रीकन, लैटिन अमेरिकन देश हैं। यानी एक तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये तय कर लिया है कि अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता को कम किया जाए, अपने रुपये को मजबूत किया जाए।
फिलहाल भारत का कोई Exporter अपना सामान बेचता है, तो उसे डॉलर में पेमेंट मिलती है। उसे वो रूपये में कैश कराता है। या फिर भारत को कोई Importer दूसरे देश से माल खरीदता है तो वो दूसरे देश को डॉलर में पेमेंट करता है। क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डॉलर एक कॉमन करेंसी है जिसमें माल बेचा और खरीदा जाता है। लेकिन इस पेमेंट सिस्टम में अगर डॉलर को हटाना है तो ये तभी हो सकता है कि ट्रेड करने वाले आपस में ये तय कर लें कि डॉलर की जगह अपनी अपनी करेंसी में माल खरीदेंगे और बेचेंगे। इससे डॉलर पर निर्भरता कम होगी और डॉलर का दबदबा भी कम होगा, जिसके सहारे अमेरिका अपनी दादागीरी भी दिखाता है।
अमेरिका के वर्चस्व को चुनौती देने के बड़े रिस्क भी है। आपने देखा ही है कैसे यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत पर दबाव डाला गया। अब अगर अमेरिकी डॉलर के वर्चस्व को चुनौती दी जाएगी और अमेरिकी डॉलर की नरेंद्र मोदी लंका लगाएंगे तो उन पर चौतरफा हमले शुरू होंगे। वो लॉबी फिर से जुट जाएगी जो इस तरह की किसी चुनौती को पसंद नहीं करती। इसलिए हम कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बड़ा रिस्क ले रहे हैं। डॉलर को अमेरिका हथियार बनाता रहा है। यूक्रेन युद्ध में भी यही हुआ।
यूक्रेन युद्ध की वजह से पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है लगा दिए थे। इससे रूस को डॉलर पर चलने वाले ग्लोबल फाइनेंस सिस्टम से बाहर कर दिया। रूस का 630 बिलियन डॉलर का विदेश मुद्रा भंडार फ्रीज कर दिया गया था। रूस के सेंट्रल बैंक को भी इंटरनेशनल पेमेंट के स्विफ्ट सिस्टम से बाहर किया गया। ये सब अमेरिका ने डॉलर के दम पर किया
Rupee Vs Dollar: रुपया गिर नहीं रहा बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है: निर्मला सीतारमण
Rupee Vs Dollar: रुपया गिर नहीं रहा बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है: निर्मला सीतारमण
Rupee Vs Dollar: डॉलर के मुकाबले जिस तरह से रुपया लगातार कमजोर हो रहा है। इसे लेकर विपक्षी दलों ने भाजपा सरकार को निशाने पर रखा है। इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका में कहा कि रुपया गिर नहीं रहा है बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है। वित्त मंत्री के अनुसार रुपया कमजोर नहीं हुआ है बल्कि डॉलर लगातार मजबूत पकड़ रहा है, और भारतीय रिजर्व बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है बैंक रुपए को संभालने की हर संभव कोशिश में लगी है।
ज्ञात हो कि निर्मला सीतारमण फिलहाल अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर हैं, यहां वॉशिंगटन डीसी में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए रुपए के बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है सामने आने वाले दिनों में क्या चुनौती हैं इसको लेकर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है रुपए को आगे और गिरने से बचाने के लिए सरकार क्या-क्या कदम उठा रही है।
वित्त मंत्री ने बताया कि सभी विकाशील देशों की मुद्रा की तुलना में भारतीय रुपए ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। रिजर्व बैंक की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहें हैं कि रुपया बहुत अधिक ना गिरे, RBI के हाथ में यह नहीं है कि वह सीधे बाजार में उतरे और रुपए की मूल्य को सही कर दे। यहाँ गौर करने वाली बात है कि रुपया डॉलर के मुकाबले अपने अब तक के रिकॉर्ड 82.68 के स्तर पर पहुंच गया है। बीते शुक्रवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 82.32 रुपए पहुंच गया था, बाद में इसमे 8 पैसे की और गिरावट दर्ज की गई। गुरुवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 82.24 के स्तर पर था।
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