स्वींग ट्रेडिंग SWING TRADING, यानी कुछ दिन या सप्ताह के अन्तराल में की जाने वाली STOCK की खरीद और विक्री (ट्रेडिंग)
शेयर ट्रेडिंग कितने तरह के होते हैं?
क्या आपने गौर किया है कि कुछ लोग शेयर खरीदकर अपने डीमैट अकाउंट में रख लेते हैं, जबकि कुछ सुबह खरीदकर दोपहर बाद बेच देते हैं. दरअसल, दोनों अलग-अलग तरह की ट्रेडिंग है. आइए शेयरों में निवेश से जुड़ी अहम बातें जानने की कोशिश करते हैं.
शेयरों की खरीद-बिक्री की सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध है. आप किसी ब्रोकरेज फर्म में अपना ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलकर शेयरों की खरीद और बिक्री कर सकते हैं.
आपको यह ध्यान में रखना होगा कि शेयरों में निवेश से काफी जोखिम जुड़ा होता है. अगर आप खुद कंपनियों के नतीजे समझने, उसके शेयरों का मूल्यांकन करने और बाजार की चाल समझ सकते सकते हैं तभी आपको शेयरों में सीधे निवेश करना चाहिए.
किसी कंपनी के शेयर में निवेश करने से पहले उसके Swing trading के लिए कौन से शेयर सर्वश्रेष्ठ हैं? कारोबार, शेयरों की सही कीमत (मूल्यांकन) और उसके कारोबार की संभावनाओं को जानना जरूरी है. शेयर बाजार में शेयरों के भाव स्थिर नहीं रहते. आम तौर पर जब शेयर का भाव कम होता है या बाजार में कमजोरी पर शेयर खरीदने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है.
आपने जो शेयर खरीदा है, जब उसका दाम बढ़ जाए तो उसे आप बेच सकते हैं. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की शुरुआत बहुत कम रकम से की जा सकती है.
शेयर ट्रेडिंग कितने तरह के होते हैं?
1. इंट्रा-डे ट्रेडिंग (Intra Day Trading)
इंट्रा-डे ट्रेडिंग में एक ही दिन में शेयर खरीद कर उसे बेच दिया जाता है. मार्केट खुलने के बाद आप शेयर खरीदते हैं और मार्केट बंद होने से पहले उसे बेच देते हैं.
इसे डे-ट्रेडिंग, MIS (Margin Intra day Square off) आदि भी कहते हैं.
Intra Day ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर आपके ट्रेडिंग अकाउंट में मौजूद रकम का 20 गुना आप को मुहैया कराता है. इसका Swing trading के लिए कौन से शेयर सर्वश्रेष्ठ हैं? मतलब यह है कि आप उधार रकम लेकर शेयर खरीद सकते हैं और उसी दिन बेच कर उसे वापस कर सकते हैं. यह वास्तव में वैसे निवेशकों के लिए जिन्हें बाजार की बहुत ज्यादा समझ होती है.
2. स्कैल्पर ट्रेडिंग ( Scalper Trading)
यह शेयर ट्रेडिंग का ऐसा तरीका है, जिसमें शेयर को खरीदने के 5-10 मिनट के अंदर ही बेच दिया जाता है. स्कैल्पर ट्रेडिंग किसी कानून के आने या आर्थिक जगत की किसी बड़ी खबर आने पर की जाती है.
शेयर मार्केट के पुराने दिग्गज स्कैल्पर ट्रेडिंग करते हैं. इसमें जोखिम सबसे ज्यादा होता है. स्कैल्पर ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर कंपनियां मार्जिन मुहैया कराती हैं.
3. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) या शार्ट टर्म ट्रेडिंग
स्विंग ट्रेडिंग थोड़े लंबे समय के लिए किया जाता है. इसमें आम तौर पर शेयर खरीदने के बाद उसकी डीमैट अकाउंट में डिलीवरी ले ली जाती है. स्विंग ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर कोई मार्जिन मुहैया नहीं कराता है.
अगर आप अपने निवेश के लक्ष्य के हिसाब से 5-10 % लाभ की उम्मीद पर शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर रहे है, तो स्विंग ट्रेडिंग से आप पैसे कमा सकते हैं.
4. LONG TERM ट्रेडिंग
जब आप किसी शेयर को खरीद कर लंबी अवधि के लिए रख लेते हैं तो उसे Long term ट्रेडिंग कहते हैं. स्टॉक मार्केट में ट्रेड करने के बाद अगर आप एक निवेशक के रूप में किसी शेयर में 6 महीने से लेकर कुछ साल तक बने रहें तो यह लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग है.
अगर आप किसी कंपनी के शेयर को एक, तीन या पांच साल या इससे ज्यादा अवधि के लिए खरीदते सकते हैं. कंपनी के कारोबार में अगर तेजी से वृद्धि हो तो लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग में आप बहुत अच्छा लाभ कमा सकते हैं.
आप जिन बड़े निवेशकों के बारे में सुनते हैं वे सभी लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग से ही मुनाफा कमाते हैं. इनमें राकेश झुनझुनवाला, पोरिन्जू वेलियथ, डॉली खन्ना जैसे नाम शामिल हैं.
शेयर बाजार
सेबी से पंजीकृत भारतीय रिसर्च एनालिस्ट महेश कौशिक से हिन्दी में सीखिये शेयर बाजार के गुर व हर सप्ताह पाईये फ्री शेयर टिप लोंग टर्म निवेश के लिये सेबी पंजीकरण क्रमांक:-INH 100000908 Registered under SEBI(RESEARCH ANALYSTS) REGULATIONS, 2014
शनिवार, 8 जून 2019
मेरे एक फोलावर श्री विपिन अग्रवाल ने भी स्विंग ट्रेड की सहायता से जीता जीरोधा का 60 डे विनिंग ट्रेडर का अवार्ड Swing Trading Zerodha
एक कक्षा में गुरूजी अनेक विधार्थियों को पढ़ाते हैं पर उनमें से होनहार विधार्थी ही गुरू के ज्ञान को आत्मसात करके उसे पचा पाते हैं किसी कक्षा के विधार्थियों में सभी प्रथम श्रेणी नहीं लाते क्यों कि उनमें गुरू के कथनों को सुनने व उस पर अमल करने की हिम्मत व लग्न नहीं होती।
मेरे एक होनहार शिष्य श्री विपिन अग्रवाल जी पहले इन्टरा डे करते थे जिसमें कभी उनको फायदा होता कभी नुकसान कुल मिलाकर गाड़ी नुकसान में ही चल रही थी जब से स्विंग ट्रेड पर मेरे वीडियो देखे उन्होनें इन्टराडे को तिलाजंली दे दी व स्विंग ट्रेड शुरू कर दी जब उन्होनें स्विंग ट्रेड में जीरोघा का 60 डे विनिगं ट्रेडर का अवार्ड जीत कर प्रमाण पत्र मुझे शेयर किया तो मेरा सीना गर्व से 56 इन्च का हो गया है:-
क्या पता बाकी शिष्य भी जाग जाये इसलिये मै उनका प्रमाण पत्र आप सब से शेयर कर रहा हूं। आप सब भी ज्यादा से ज्यादा विनिगं ट्रेडर बनें व अपने प्रमाण पत्र मेरे साथ शेयर करें आखिर एक गुरू को अपने शिष्यों की कामयाबी से ही खुशी मिलती है।
विपिन जी ने मेरी विधि की अक्षरक्षः पालना नहीं की उन्होने अपने दिमाग से स्विंग ट्रेड का कुछ मोडीफायड रूप इस्तेमाल किया था विपिन जी ने स्विंग ट्रेड कैसे की ये मैं अपने ब्लोग पर शेयर कर रहा हूं :-
विपिन जी इन्टराडे में शेयरों के प्राईस मूवमेंट से इतने डरे हुये थे कि मैंने स्विंग ट्रेड में बढ़ते शेयर चयन करने की जो विधि इस वीडियो में बताई थी उससे वो अभी तक सहमत नहीं हैं व सिर्फ गिरते शेयर जो उनके 52 वीक लो के आसपास हैं उनको ही चूज करते हैं।
मेरे एक फोलोवर ने पुछा भी था कि जो शेयर 52 वीक लो पर ट्रेड कर रहा हो उसमें स्विंग ट्रेड करने की मैथ्ड बताये तो विपिन जी की ये विधि उनके लिये भी अच्छी है जो गिरे हुये शेयर में ट्रेड करना चाहते हैं।
यहां एक बार फिर से दोहरा दूं कि याद रखें स्विंग ट्रेड सिर्फ निफटी 50 के शेयरों में ही करनी है क्यों कि ये यदि अधिक गिरे हुये भी हो तो इनमें फयूचर एण्ड आप्शन की एक्सपायरी के समय इनमें शाॅर्ट कवरिंग आने से इनमें स्विंग गेन मिल ही जाता है।
विपिन जी की विधि बहुत ही सरल है व मेरी समझ में आज तक ये नहीं आया कि जब शेयर मार्केट में पैसा कमाना इतना सरल है तो लोग अन्धाधूंघ ट्रेड करके पैसा हारते क्यों हैं ?ये ही मेरी जिदंगी का मिशन भी है कि कोई भी छोटा निवेशक शेयर बाजार से पैसा कमाये ना कि डूबाये।
विपिन जी ने निफटी के 10-11 गिरते हुये 52 वीक लो के आसपास वाले कम कीमत वाले शेयरों का चुनाव किया जैसे यस बैंक, हिंडालको, पावर ग्रिड, गैल, ओएनजीसी, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, जेएसडब्लयू स्टील, जी लिमिटेड, एनटीपीसी आदि।
अब विपिन जी की कुल पूंजी 50000 ही Swing trading के लिए कौन से शेयर सर्वश्रेष्ठ हैं? बची थी बाकी तो इन्टराडे में डीलीवरी ले लेने से फसं गयी थी इसलिये मेरे बताये अनुसार वो चाहते थे कि उन्हे प्रतिदिन इतनी पूंजी का निवेश करना है कि मार्केट गिरे तो भी वो लगातार 25 दिन ऐवरेज आउट करने की क्षमता में रहे।
उनकी विधि में वो रोज इन 10 से 12 शेयरों में लिमिट आर्डर लगाते थे पर वो लिमिट आर्डर उस शेयर की पिछले दिन की VWAP पर ना लगाकर विपिन जी पिछले दिन के लो से 2 प्रतिशत नीचे लगाते थे जिसके आने की संभावना बहुत कम मामलों में होने से वो भले ही 10 से 12 शेयरों में लिमिट आर्डर भरते पर इनमें से कभी 1 कभी 2 या कभी मार्केट गिरा हो तो 3 आर्डर ही एक्जीक्यूट होते थे। कुल मिलाकर 12 शेयरों में रोज ऐसा लिमिट आर्डर लगाने पर औषतन रोज 2 शेयर आते हैं ऐसा मुझे विपिन जी ने बताया।
जैसे शेयर का पिछले दिन का लो यदि 188 हो तो वो इससे दो प्रतिशत नीचे अर्थात 184.25 का लिमिट ओर्डर भरते थे इस प्राईस पर शेयर आना होता तो आ जाता नहीं तो ओर्डर कैसंल हो जाता।
इसका मतलब वो रोज 2 शेयर लेगें तो 25 दिन लगातार एक भी शेयर मुनाफा नहीं देवे तो भी उनकी खरीदने की क्षमता बनी रहे इसके लिये उन्हे रोज 2000 रूपये के लगभग ही निवेश करना था।
विपिन जी के खाते में 50000 रूपये हैं वो रोज 12 शेयरों में मार्केट खुलने के पहले आफटर मार्केट ओर्डर में पिछले दिन के लो के 2 प्रतिशत नीचे के प्राईस पर लिमिट ओर्डर डालते थे व प्रत्येक ओर्डर में 1000 रूपये के लगभग शेयर आ जाये इतनी क्वांटीटी भरते थे।
अगले दिन वापस इन्ही 12 शेयरों में फिर पिछले दिन के लो से 2 प्रतिशत नीचे लिमिट ओर्डर लगाते अर्थात वो रोज इन 12 शेयरों में ही लिमिट ओर्डर लगाते जिससे जो भी शेयर पिछले दिन के लो से 2 प्रतिशत नीचे गिर जाता वो ऐवरेज आउट अपने आप हो जाता।
इस प्रकार जो भी शेयर आते उनकी ऐवरेज प्राईस पर उन्होने कम से कम 4 प्रतिशत का फिक्स मुनाफा तय कर रखा था जब भी शेयर 4 प्रतिशत से उपर रिर्टन देता वो बेच लेते बस धीरे धीरे शेयर अपने न्यूनतम प्राईस पर आते जाते वो 4-4 प्रतिशत मुनाफा कमाते जाते कभी कोई शेयर 10 बार भी ऐवरेज आउट हो गया तो भी 10000 ही ब्लोक होते पर इतना ऐवरेज आउट होने पर हल्के से बाउंस बैक में ऐवरेज प्राईस पर 4 प्रतिशत मुनाफा मिलता रहा वो रोज कमाते रहे।
60 दिनों में कभी उन्होने 1000 रूपये के शेयर पर 4 प्रतिशत मुनाफा बुक किया तो सारे खर्च काट कर 20 रूपये ही बचे कभी 60 कमाये कभी 100 कमाये तो भी 200 कमाये कभी 400 भी कमाये कभी 700 से उपर लाभ भी एक ही दिन में हो जाता ऐसे करते करते औषतन रोज 100 रूपये भी कमाये तो 60 दिवस में 6000 की कमायी 50000 की पूंजी पर कर डाली जो 6 प्रतिशत मासिक रिर्टन है व 48 प्रतिशत सालाना रिर्टन है इस दर से उनके 50000 रूपयों से 1 करोड़ 20 लाख 94 हजार 784 रूपये बनते 14 वर्ष समय लगेगा।
मैं व्यक्तिगत रूप से इस विधि का समर्थक अभी भी नहीं हूं मेरा मानना है कि गिरते शेयरों की जगह बढ़ते शेयरों में पिछली VWAP पर लिमिट ओर्डर डाल कर सप्ताह में एक दिन वाली विधि से ज्यादा कमायी होती है तथा इसमें इतना पैसा ब्लोक करके रखने की जरूरत भी नहीं है पर विधि अपनी अपनी है मम्मी दाल चावल रोटी सब्जी सब प्रकार के व्यंजन बनाती है जिसको जो रूचिकर होता है वो वही खाता है आपको विपिन जी की विधि रोचक लगे तो आप उसे आजमायें।
Best VWAP Intraday Strategy कैसे उपयोग करें?
इस ब्लॉग में VWAP Intraday Strategy पर प्रकाश डालेंगे। जो हमारे शिक्षार्थियों को शेयर बाजार में लाभ प्राप्त करने में मदद कर सकती हैं। शेयर बाजारों में स्थिति बनाए रखने के लिए धैर्य और उचित तकनीक की आवश्यकता होती है।
लेकिन कभी-कभी लोग अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर पाते हैं। जिसके कारण वे शेयर बाजार में नुकसान (Loss) करते हैं।
बाजार के संरचना (Structure) को समझना
VWAP Intraday Strategy के रणनीतियों के बारे मे जानने से पहले हम बाजार के संरचना (Structure) को समझेंगे।
आइए,पहले शेयर Swing trading के लिए कौन से शेयर सर्वश्रेष्ठ हैं? मार्केट के संरचना के 4 चरणों को समझें:
बाजार को चार चरणों में विभाजित किया जा सकता है – चरण 1 संचय चरण यह उस तरह का है जहां मार्केट ना तो ऊपर जाता है और ना ही नीचे आता है। यह किसी सीमा (Range) में घूमता रहता है।
इसके बजाय, हम चरण 2 अपट्रेंड पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यदि हम एक Swing trading के लिए कौन से शेयर सर्वश्रेष्ठ हैं? अपट्रेंड में हैं, तो ही मार्केट में खरीदने के बारे में सोचना चाहिए।
जब मार्केट अपने अपट्रेंड को खत्म करता है तो फिर से रेंज में में स्थापित हो जाता है।
इसे चरण तीन कहते है। इस चरण में भी बाजार बग़ल (sideways) में मुड़ना शुरू हो जाता है, और चरण 4 में, बाज़ार में गिरावट आती है जहां व्यापारियों को खरीदने की स्थिति से बचना चाहिए और बेचने की स्थिति में चले जाना चाहिए।
यह बाजार के मुख्य रूप से चार चरण होते हैं।
बाजार संरचना के बारे में समझने के बाद, आइए हम VWAP Indicator पर चर्चा करें:
- Supertrend Best Intraday Trading Strategy
VWAP क्या है?
VWAP का फुल फॉर्म Volume-Weighted-Average-Price है। मूल्य (Volumes), मात्रा(weighted) और समय (Time), यह VWAP के मूल्य घटक हैं। Time बहुत ही महत्वपूर्ण है। क्योंकि सभी व्यक्ति अलग-अलग टाइम पर ट्रेड करते हैं। VWAP Intraday Strategy का उपयोग करके कुछ लोग swing Traders हैं तो कुछ लोग scalper पर हैं और कुछ लोग Intraday Traders भी हैं।
अब हम प्राइस पर आते हैं, सबसे पहले हमें यह देखना होता है की कौन मार्केट को चला रहा है। मतलब की मार्केट में ज्यादा लोग खरीदारी कर रहे हैं या फिर बेचने की स्थिति में है।
अगर अधिकतर लोग मार्केट में खरीदारी करेंगे तो मार्केट ऊपर की तरफ जाएगा। इसके विपरीत, अगर अधिकतर लोग बेचेंगे तो मार्केट नीचे की तरफ जाना शुरु कर देगा।
वहीं अगर, लोग ना तो खरीद रहे हैं और ना ही बेच रहे हैं तो मार्केट एक रेंज में घूमता रहेगा।
इंट्राडे में VWAP का उपयोग करके खरीदने की रणनीति।
जब मार्केट ऊपर जा रहा है तो, हम एक मिनट की समय सीमा (Timeframe) देखेंगे। और अगर प्राइस VWAP के ऊपर है तो हम मार्केट में कभी भी बेचने की Swing trading के लिए कौन से शेयर सर्वश्रेष्ठ हैं? कोशिश नहीं करेंगे।
इस समय मार्केट में हमेशा खरीदने का अवसर देखेंगे।
जब मार्केट किसी रेंज को ऊपर की तरफ तोड़ता है तभी हम खरीदेंगे। और स्टॉप लॉस किसी छोटे स्विंग के नीचे रखेंगे।
इस तरह से हम VWAP का उपयोग करके इंट्राडे में ट्रेडिंग कर सकते हैं।
इंट्राडे में VWAP का उपयोग करके बेचने की रणनीति।
इस रणनिती में कोई अंतर नहीं है, यह उपरोक्त रणनीति के विपरीत है।
मार्केट में सेल करने के लिए भी एक मिनट का टाइम फ्रेम लेना चाहिए।
जब मार्केट विवेक के नीचे रहेगा तब हमें हमेशा सेल करना चाहिए। मार्केट विवाह के नीचे होने पर कभी भी खरीदना नहीं चाहिए।
इसमें भी, जब मार्केट किसी रेंज को नीचे की तरफ तोड़ेगा, तो हमें सेल करना चाहिए। और इसके समीप वाले स्विंग पर Stop Loss लगाना चाहिए।
VWAP Intraday Strategy दिशानिर्देश।
VWAP भी मूवींग एवरेज (Moving Average) की तरह दिखता है। जिस तरह से जब मार्केट 50-Day मूविंग एवरेज के ऊपर जाता है तो हम इसे अपट्रेंड मार्केट कहने लगते हैं।
इसी तरह से छोटे टाइम फ्रेम पर जब मार्केट VWAP के ऊपर होता है तो हम इसे अब ट्रेंड मार्केट मान लेते हैं।
एक बार जब प्रतिरोध टूट जाता है, तो कोई अपना स्टॉप-लॉस सेट कर सकता है और देख सकता है कि कोई नया चलन सामने आता है या नहीं। लेकिन, फिर से, यह उस लंबी अवधि की समय सीमा के साथ संरेखित होता है, इसलिए उन तटस्थ अवधियों को पहचानने में मूल्य है।
निष्कर्ष (Conclusion):
हमें उम्मीद है कि आपको यह ब्लॉग जानकारीपूर्ण लगा होगा और शेयर मार्केट की दुनिया में इसकी अधिकतम क्षमता का उपयोग करेंगे। इसके अलावा, इस ब्लॉग को अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा करके और वित्तीय साक्षरता फैलाने के हमारे मिशन में हमारी मदद करके कुछ प्यार दिखाएं।
स्वींग ट्रेडिंग (Swing Trading)
SWING TRADING कर हिंदी अर्थ थोडा FUNNY सा लगता है, झूले से मतलब है, एक छोटे TIME PERIOD के रेंज में की जाने वाली ट्रेडिंग, जैसे – 2 दिन या 7 Swing trading के लिए कौन से शेयर सर्वश्रेष्ठ हैं? दिन या फिर 15 दिन के टाइम पीरियड में स्टॉक खरीदना और बेचना ,
SWING इसलिए कहा जा रहा है, क्योकि जिस तरह झूले एक DISTANCE के RANGE में झूलता रहता है,
वैसे ही स्टॉक मार्केट में की जाने वाली TRADING एक टाइम पीरियड में बार बार होती रहती है,
SWING TRADING IN STOCK MARKET
स्वींग ट्रेडिंग SWING TRADING, यानी कुछ दिन या सप्ताह के अन्तराल में की जाने वाली STOCK की खरीद और विक्री (ट्रेडिंग)
जब किसी शेयर या स्टॉक को खरीदने के बाद, अगर उसे कुछ दिन के बाद बेचा जाये, तो जितने समय कोई स्टॉक हमारे पास रहता है, वो उस स्टॉक का होल्डिंग पीरियड कहलाता है,
यानी शेयर खरीदने के बाद जितने समय तक हम उसे नहीं बेचते है, वो समय उस शेयर का होल्डिंग पीरियड टाइम होता है,
और अगर आपका “स्टॉक होल्डिंग पीरियड” ,कुछ दिनों से लेकर कुछ सप्ताह तक का है, तो इस तरह के WEEKLY , या MONTHLY HOLDING PERIOD में की जाने Trading को, स्वींग ट्रेडिंग कहा (Swing Trading) जाता है,
अगर स्वींग ट्रेडिंग में होल्डिंग पीरियड्स यानी समय बात की जाये समय की तो –
- 1 दिन से ज्यादा और कुछ दिनों तक जैसे 4-6 day तक
- 1 सप्ताह से कुछ सप्ताह तक जैसे 1 week तो 4 week
- 1 महीने से कुछ महीने तक जैसे 1 month to 3 month
स्वींग ट्रेडिंग को कई अन्य नामो से भी जाना जाता है –
जैसे – स्वींग ट्रेडिंग,डिलीवरी बेस्ड ट्रेडिंग, शार्ट टर्म ट्रेडिंग,
स्वींग डे ट्रेडिंग (Swing Trading) के फायदे –
Swing is the King
स्वींग ट्रेडिंग एक बहुत पोपुलर ट्रेडिंग सिस्टम है, जिसमे आपको मंथली बेस्ड ट्रेडिंग भी कह सकते है, अगर आप अपने इन्वेस्टिंग के लक्ष्य के अनुसार हर महीने 5 से 10 % लाभ की अपेक्षा रखते हुए ट्रेडिंग कर रहे है, तो स्वींग ट्रेडिंग से आप बहुत पैसे बना सकते है, और इसलिए स्वींग ट्रेडिंग को ट्रेडिंग का किंग कहा जाता है,
Short Term Investing
Swing trading शार्ट टर्म इन्वेस्टिंग भी कहा जा सकता है, क्योकि इसका टाइम पीरियड कुछ दिनों से लेकर कुछ सप्ताह या कुछ महीनो तक के लिए हो सकता है,
जैसे – 3- से 5 दिन, 1 सप्ताह से 4 सप्ताह, या 1 महीने से 6 महीने,
इंट्रा डे कि अपेक्षा रिस्क कम होना,
जब आप स्वींग ट्रेडिंग करते है, तो आप अपने प्रॉफिट टारगेट का इन्तेजार कर सकते है, और इस तरह आप इंट्रा डे की अपेक्षा अपने रिस्क को कई दिनों तक आगे ले जाते है, लेकिन मार्केट कि volatility को देखते हुए,आप रिस्क को कम भी करते है, अगर आपने fundamentally अच्छी कंपनी में पैसे लगाये हुए है तो,
दोस्तों, आर्टिकल अच्छा लगा या आपके मन में SWING TRADING से सम्बंधित और कुछ सवाल है तो नीचे कमेंट जरुर करे,
Swing trading के लिए कौन से शेयर सर्वश्रेष्ठ हैं?
भारतीय स्टॉक मार्किट का एक कम्पलीट कोर्स
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