ब्रोकर्स और ट्रेडर्स को बड़ी राहत, सेबी ने बदले मार्जिन के नियम
बाजार नियामक सेबी ने ब्रोकर्स और ट्रेडर्स को पीक मार्जिन के नियमों में ढील दी है।
नई दिल्ली। बाजार नियामक सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने ब्रोकर्स और ट्रेडर्स को बड़ी राहत दी है। सेबी ने मार्जिन के नियमों में बदलाव किया है। अब मार्जिन का स्नैपशॉट बिगनिंग ऑफ डे (BOD) पैरामीटर के हिसाब से देना होगा। दिन की शुरुआत में मार्जिन कलेक्शन की डीटेल्स भेजनी होगी। बिगनिंग ऑफ द डे मार्जिन में सभी स्पैन (SPAN) मार्जिन और ईएलएम (ELM) शामिल होंगे।
एंड ऑफ डे (EOD) मार्जिन गणना के तरीकों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। सेबी ने सिर्फ अपफ्रंट मार्जिन कलेक्शन की पुष्टि के लिए नियमों में बदलाव किया है। बाजार नियामक के यह नए नियम 1 अगस्त 2022 से लागू हो जाएंगे।
सेबी के नए मार्जिन नियमों का क्या असर होगा, आइए ईटी नाउ और ईटी नाउ स्वदेश के मैनेजिंग एडिटर Nikunj Dalmia से समझते हैं-
इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज की मान्यता खत्म
मालूम हो कि सेबी ने हाल ही में इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज लिमिटेड की मान्यता रद्द कर दी। इस संदर्भ में सेबी ने कहा कि एक्सचेंज के पास पर्याप्त संख्या में अनुभवी कर्मचारी और अपेक्षित वित्तीय क्षमता का अभाव है। सेबी ने एक आदेश में कहा कि भारतीय जिंस एक्सचेंज (आईसीईएक्स) एक मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज नहीं रहेगा। उल्लेखनीय है कि आईसीईएक्स को सरकार द्वारा स्थायी आधार पर अक्टूबर 2009 में वायदा अनुबंध के तहत एक एक्सचेंज के रूप में मान्यता दी गई थी।
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SEBI New Margin Rules in Hindi | Share Market के नए नियम | Buy/Sell
सेबी ने हाल ही मैं कई निवेशकों के नुकसान को देखते हुए अपनी तरफ से SEBI New Margin Rules in Hindi लागु किये है. जिनसे निवेशकों को फायेदा होगा या नुकसान इस बात के बारे में हम इस पोस्ट में जानेंगे साथ ही साथ सेबी के new rules के बारे में भी जानेंगे.
सेबी के रूल्स को जानने से पहले आपको Share Market के rules के बारे में जानकरी होनी चाहिए क्योंकी अगर आपको शेयर मार्केट के रूल्स के बारे में जानकारी नहीं है. तो आपको सेबी के ने नियम समझ नहीं आएंगे और आप और भी ज्यादा confuse हो जायेंगे की क्या करे या नहीं.
SEBI New Margin Rules In Hindi
प्रिश्न पर पर क्लिक करे और उत्तर पर जाए !
Share Market New Rules in Hindi
शेयर मार्केट के नियम एक निवेशक के हितों को ध्यान में रख कर बनाये गए है तो अगर आप इनका पालन नहीं करते तो आपको शेयर मार्केट में आपको नुकसान हो सकता है.
लेकिन अगर आप शेयर मार्केट के नियमो का पालन करते है तो आपको शेयर मार्केट में कोई नुकसान नहीं होता. तो अगर आप शेयर मार्केट के ने नियमो के बारे में जानना चाहते है तो उसके लिए आप हमारी नीचे दी गई पोस्ट पढ़े.
SEBI New Margin Rules in Hindi
New SEBI Margin Rules in Hindi के नए Margin नियम के अनुसार आप अपने Demat Account, Trading Account सेबी के नए मार्जिन नियम में दी जाने वाली Margin Money का उपयोग तब ही कर पाएंगे जब आपके खाते में margin money का 20% balance पहले से ही उपलब्ध हो.
अगर सेबी के नए मार्जिन नियम हम इसे उधाहरण के तौर पर समझे तो मान लीजिये की आपके Demat Account, Trading Account में 1,00,000 की Margin Money की limit आपको मिली है. इस अनुसार आप शेयर मार्केट में 1,00,000 रूपए के शेयर खरीद सकते है . लेकिन तब जब आपके खाते में पहले से ही 20,000 रूपए balance हो अन्यथा आप 1,00,000, रूपए के Share तो नहीं खरीद पाएंगे .
यहाँ जरूरी नहीं है की आपके Demat Account, Trading Account में आपको 1,00,000 रूपए की limit मिलती है.
यह limit दरअसल Margin Money कहलाती है. Margin Money क्या है और यह कैसे काम करती है यह जानने के लिए आप हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़े
SEBI New Margin Rules List in Hindi
1. शेयर खरीदने / बेचने में कम लाभ
2. एक्सचेंज का शेयरों पर नियंत्रण
3. उसी दिन intraday trading के profit के लाभ का उपयोग नहीं कर सकते
4. T+2 Settlement Time के बाद ही शेयर खरीदें और बैच सकेंगे
5. 20% पैसा सेबी के नए मार्जिन नियम निवेश का नकद डीमैट खाते में होना अनिवार्य है
Share Kaise Kharide
शेयर मार्केट में शेयर कैसे ख़रीदे और उन्हें बैचे इसके बारे में पूरी तरह जानने के लिए और शेयर मार्केट में शेयर खरीदने के आसान तरीके को जानने के लिए हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़े.
Demat Account Kya Hai
शेयर मार्केट से शेयर खरीदने के लिए आपके पास Demat Account होना चाहिए इसके बिना आप शेयर मार्केट में शेयर नहीं खरीद सकते. अगर आपको demat account के बारे में अधिक जानकारी नहीं है तो इसके लिए आप हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़े .
Trading Account Kya Hai
शेयर मार्केट में शेयर को खरीदने और बेचने के लिए या भी intraday trading करने के लिए आपके पास trading account होना चाहिए. अगर आपको ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है तो आप हमारी नीचे दी गई पोस्ट पढ़े.
- ट्रेडिंग अकाउंट क्या है – ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोले – TRADING ACCOUNT IN HINDI
Trading Kya Hai Kaise Kare
अगर आप ट्रेडिंग क्या होती है या ट्रेडिंग कैसे करते है इसके बारे में नहीं जानते तो आप शेयर मार्केट से रोज पैसे नहीं कमा सकते . क्योंकी ट्रेडिंग ही शेयर मार्केट से रोज पैसे कमाने का एक साधन है और इसी की मदद से आप शेयर मार्केट में रोज पैसे कमा सकते है. तो ट्रेडिंग क्या है और इसके कैसे करते है यह जानने के लिए नीचे दी गई पोस्ट को पढ़े .
आपको हमारी यह पोस्ट SEBI New Margin Rules in Hindi अगर अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ share जरुर करे.
SEBI New Margin Rules in Hindi | Share Market के नए नियम | Buy/Sell
सेबी ने हाल ही मैं सेबी के नए मार्जिन नियम कई निवेशकों के नुकसान को देखते हुए अपनी तरफ से SEBI New Margin Rules in Hindi लागु किये है. जिनसे निवेशकों को फायेदा होगा या नुकसान इस बात के बारे में हम इस पोस्ट में जानेंगे साथ ही साथ सेबी के new rules के बारे में भी जानेंगे.
सेबी के रूल्स को जानने से पहले आपको Share Market के rules के बारे में जानकरी होनी चाहिए क्योंकी अगर आपको शेयर मार्केट के रूल्स के बारे में जानकारी नहीं है. तो आपको सेबी के ने नियम समझ नहीं आएंगे और आप और भी ज्यादा confuse हो जायेंगे की क्या करे या नहीं.
SEBI New Margin Rules In Hindi
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Share Market New Rules in Hindi
शेयर मार्केट के नियम एक निवेशक के हितों को ध्यान में रख कर बनाये गए है तो अगर आप इनका पालन नहीं करते तो आपको शेयर मार्केट में आपको नुकसान हो सकता है.
लेकिन अगर आप शेयर मार्केट के नियमो का पालन करते है तो आपको शेयर मार्केट में कोई नुकसान नहीं होता. तो अगर आप शेयर मार्केट के ने नियमो के बारे में जानना चाहते है तो उसके लिए आप हमारी नीचे दी गई पोस्ट पढ़े.
SEBI New Margin Rules in Hindi
New SEBI Margin Rules in Hindi के नए Margin नियम के अनुसार आप अपने Demat Account, Trading Account में दी जाने वाली Margin Money का उपयोग तब ही कर पाएंगे जब आपके खाते में margin money का 20% balance पहले से ही उपलब्ध हो.
अगर हम इसे उधाहरण के तौर पर समझे तो मान लीजिये की आपके Demat Account, Trading Account में 1,00,000 की Margin Money की limit आपको मिली है. इस अनुसार आप शेयर मार्केट में 1,00,000 रूपए के शेयर खरीद सकते है . लेकिन तब जब आपके खाते में पहले से ही 20,000 रूपए balance हो अन्यथा आप 1,00,000, रूपए के Share तो नहीं खरीद पाएंगे .
यहाँ जरूरी नहीं है की आपके Demat Account, Trading Account में आपको 1,00,000 रूपए की limit मिलती है.
यह limit दरअसल Margin Money कहलाती है. Margin Money क्या है और यह कैसे काम करती है यह जानने के लिए आप हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़े
SEBI New Margin Rules List in Hindi
1. शेयर खरीदने / बेचने में कम लाभ
2. एक्सचेंज का शेयरों पर नियंत्रण
3. उसी दिन intraday trading के profit के लाभ का उपयोग नहीं कर सकते
4. T+2 Settlement Time के बाद ही शेयर खरीदें और बैच सकेंगे
5. 20% पैसा निवेश का नकद डीमैट खाते में होना अनिवार्य है
Share Kaise Kharide
शेयर मार्केट में शेयर कैसे ख़रीदे और उन्हें बैचे इसके बारे में पूरी तरह जानने के लिए और शेयर मार्केट में शेयर खरीदने के आसान तरीके को जानने के लिए हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़े.
Demat Account Kya Hai
शेयर मार्केट से शेयर खरीदने के लिए आपके पास Demat Account होना चाहिए इसके बिना आप शेयर मार्केट में शेयर नहीं खरीद सकते. अगर आपको demat account के बारे में अधिक जानकारी नहीं है तो इसके लिए आप हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़े .
Trading Account Kya Hai
शेयर मार्केट में शेयर को खरीदने और बेचने के लिए या भी intraday trading करने के लिए आपके पास trading account होना चाहिए. अगर आपको ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है तो आप हमारी नीचे दी गई पोस्ट पढ़े.
- ट्रेडिंग अकाउंट क्या है – ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोले – TRADING ACCOUNT IN HINDI
Trading Kya Hai Kaise Kare
अगर आप ट्रेडिंग क्या होती है या ट्रेडिंग कैसे करते है इसके बारे में नहीं जानते तो आप शेयर मार्केट से रोज पैसे नहीं कमा सकते . क्योंकी ट्रेडिंग ही शेयर मार्केट से रोज पैसे कमाने का एक साधन है और इसी की मदद से आप शेयर मार्केट में रोज पैसे कमा सकते है. तो सेबी के नए मार्जिन नियम ट्रेडिंग क्या है और इसके कैसे करते है यह जानने के लिए नीचे दी गई पोस्ट को पढ़े .
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सेबी के नए मार्जिन नियम आज से लागू, यहां जानिए अपने हर सवाल का जवाब
कैश मार्केट में मार्जिन से जुड़े ने नियम 1 सितंबर से लागू हो गए हैं. सेबी ने इसे कुछ समय टालने की अपील ठुकरा दी है
सेबी मार्जिन के दो तरह के नियमों को लागू करना चाहता है. पहला नियम कैश मार्केट में अपफ्रंट मार्जिन से संबंधित है.
मार्जिन के नए नियम क्या है?
सेबी मार्जिन के दो तरह के नियमों को लागू करना चाहता है. पहला नियम कैश मार्केट में अपफ्रंट मार्जिन से संबंधित है. कैश मार्केट का मतलब ऐसे ट्रांजेक्शन से है, जिनमें शेयरों की डिलीवरी होती है. ये नियम 1 सितंबर से लागू हो गए हैं. दूसरा नियम पीक मार्जिन रिपोर्टिंग के लिए है. इसका संबंध डेरिवेटिव ट्रेडिंग से है. ये नियम 1 दिसंबर से लागू होंगे.
मैं मार्जिन को पूरी तरह से नहीं समझता, क्या मुझे इसके बारे में विस्तार से बता सकते हैं?
मार्जिन का मतलब उस रकम से है, जो आपके ट्रेडिंग अकाउंट में होती है. सामान्य रूप से निवेशक को अपने ट्रेडिंग अकाउंट में जमा रकम सेबी के नए मार्जिन नियम से शेयर खरीदने की इजाजत होनी चाहिए. लेकिन, व्यवहार में मामला थोड़ा अलग है. कई ब्रोकिंग कंपनियां अपने क्लाइंट को शेयर खरीदने के लिए रकम उधार देती हैं. इसे लिवरेज या मार्जिन ट्रेडिंग कहते हैं. इंट्राडे ट्रेडिंग में यह ज्यादा देखने को मिलता है.
फिर, 1 सितंबर से क्या बदलने जा रहा है?
पहले हम यह समझते हैं कि शेयरों की डिलीवरी किस तरह होती है. अभी बाजार में डिलीवरी के लिए टी+2 (ट्रेडिंग प्लस दो दिन) मॉडल का पालन होता है. इसका मतलब है कि अगर आप सोमवार को शेयर खरीदते या बेचते हैं तो यह बुधवार को डेबिट या क्रेडिट होगा. इसी तरह शेयर का पैसा भी बुधवार को आपके अकाउंट में आएगा या उससे जाएगा. इस मॉडल में ब्रोकर्स क्लाइंट के अकाउंट में पैसा नहीं होने पर भी शेयर खरीदने की इजाजत देते हैं. यह इस शर्त पर किया जाता है कि आप पैसा टी+1 या टी+2 दिन में चुका देंगे.
अब सेबी ने जो नया नियम बनाया है, उसमें ब्रोकर को सौदे की कुल वैल्यू का 20 फीसदी क्लाइंट से अपफ्रंट लेना होगा. इसका मतलब यह है कि सौदे के वक्त क्लाइंट (रिटेल निवेशक) को 20 फीसदी रकम चुकाना होगा. उदाहरण के लिए अगर रिटेल निवेशक रिलायंस इंडस्ट्रीज के एक लाख रुपये मूल्य के शेयर खरीदता है तो ऑर्डर प्लेस करने से पहले उसके ट्रेडिंग अकाउंट में कम से कम 20,000 रुपये होने चाहिए. बाकी पैसा वह टी+1 या टी+2 दिन में या ब्रोकर के निर्देश के मुताबिक चुका सकता है. सेबी के नए नियम के मुताबिक शेयर बेचते वक्त भी आपके ट्रेडिंग अकाउंट में मार्जिन होना चाहिए.
शेयर बेचने के लिए मेरे ट्रेडिंग अकाउंट में मार्जिन क्यों होना चाहिए?
सेबी ने सोच-समझकर यह नियम लागू किया है. इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं. मान लीजिए आप सोमवार को 100 शेयर बेचते हैं. ये शेयर आपको अकाउंट से बुधवार को डेबिट होंगे. लेकिन, अगर आप मंगलवार (डेबिट होने से पहले) को इन शेयरों को किसी दूसरे को ट्रांसफर कर देते हैं तो सेटलमेंट सिस्टम में जोखिम पैदा हो जाएगा.
ब्रोकिंग कंपनियों के पास ऐसा होने से रोकने के लिए हथियार होते हैं. 95 फीसदी मामलों में ऐसा नहीं होता है. सेबी ने यह नियम इसलिए लागू किया है कि 5 फीसदी मामलों में भी ऐसा न हो.
यह नियम कुछ ज्यादा सख्त लगता है, क्या इसका कोई दूसरा तरीका नहीं है?
इसका दूसरा तरीका है. सेबी ने बगैर मार्जिन शेयर बेचने की इजाजत दी है. लेकिन, इसमें शर्त यह है कि ब्रोकर के पास ऐसा सिस्टम होना चाहिए, जिसमें शेयर बेचने के दिन वह शेयरों को क्लाइंट के अकाउंट से अपने अकाउंट में ट्रांस्फर कर लें. लेकिन, सेबी के नए मार्जिसेबी के नए मार्जिन नियम न नियम इसमें कुछ ऑपरेशनल दिक्कतें हैं.
इस नियम का बाजार पर क्या असर पड़ेगा?
विश्लेषकों और इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि नए नियमों से ट्रेडिंग सेबी के नए मार्जिन नियम वॉल्यूम घटेगा. लेकिन, कुछ लोगों का मानना है कि पिछले 25 साल में जब भी नए नियम लागू किए गए, बाजार ने उसके हिसाब से खुद को ढाल लिया. नए नियम बाजार में जोखिम घटाने और निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए लागू किए जाते हैं.
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ब्रोकर्स और ट्रेडर्स को बड़ी राहत, SEBI ने पीक मार्जिन नियमों में दी ढील, इंट्राडे पर पेनाल्टी से मिल सकता है छुटकारा
SEBI Update: सेबी ने पीक मार्जिन के नियमों में ब्रोकर्स और ट्रेडर्स को सेबी के नए मार्जिन नियम ढील दी है. इस नियम के बाद ब्रोकर्स और ट्रेडर्स को इंट्राडे ट्रेडिंग के समय लगने वाली पेनाल्टी से छुटकारा मिल सकता है.
SEBI Update: सेबी यानी कि सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने ब्रोकर्स और ट्रेडर्स (Brokers and Traders) को बड़ी राहत दी है. सेबी ने पीक मार्जिन के नियमों में ब्रोकर्स और ट्रेडर्स को ढील दी है. इस नियम के बाद ब्रोकर्स और ट्रेडर्स को इंट्राडे ट्रेडिंग के समय लगने वाली पेनाल्टी से छुटकारा मिल सकता है. नए नियम के मुताबिक इंट्राडे से फिक्स्ड बिगनिंग ऑफ द डे मार्जिन (Bod Margin) स्नैपशॉट के हिसाब से तय होगा. बता दें कि बिगनिंग ऑफ द डे मार्जिन में सभी SPAN मार्जिन और ELM शामिल होंगे.
ब्रोकर्स संगठन ने फैसले का किया स्वागत
वहीं ब्रोकर्स के संगठन एनमी (ANMI) के प्रेसिडेंट कमलेश शाह ने इस पर कहा कि वो इस फैसले को लागू करने पर सेबी की चेयरमैन माधवी पुरी बुच के प्रति आभार व्यक्त करते हैं. उन्होंने कहा कि 2 मई को सेबी सेबी के नए मार्जिन नियम के चेयरमैन के साथ इस मुद्दे पर बैठक हुई थी. उन्होंने कहा कि इस नियम के बाद सारी पेनाल्टी प्रोसिडिंग ब्रोकर्स पर से हट जाएगी.
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उन्होंने कहा कि इस नियम की वजह से ब्रोकर्स को राहत मिलेगी. अगर ब्रोकर्स अगले दिन का एंड ऑफ दि मार्जिन जमा करते हैं तो पीक मार्जिन कलेक्शन में कोई डिफॉल्ट नहीं होगा और इसकी वजह से ब्रोकर्स या ट्रेडर्स पर कोई पेनाल्टी नहीं लगेगी. उन्होंने आगे कहा कि सेबी के इस फैसले से सभी क्लाइंट और ब्रोकर्स को बहुत रिलीफ मिलेगा.
🔸इंट्रा-डे के दिन पेनाल्टी से छुटकारा
ब्रोकर्स पर इस वजह से लगता था जुर्माना
बता दें कि मार्जिन में कमी आने पर ब्रोकर्स पर जुर्माना लगता था. वहीं ब्रोकर्स जुर्माने की रकम ट्रेडर्स पर थोप दिया करते थे. उन्होंने कहा कि फिक्स्ड मार्जिन की वजह से बार-बार ब्रोकर्स को स्नैपशॉट्स मिलते थे. ऐसे में पीक मार्जिन के नियमों में ढील देने के बाद से ब्रोकर्स और ट्रेडर्स को बड़ी राहत मिली है.
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