Stock Market : शेयर बाजार से मुनाफा पाना है तो अमल में लाएं कुछ जरूरी बातें
बाजार की परख, धैर्य की कुंजी के जरिए शेयर मार्केट की तिजोरी से कमाई को पंख लगाए जा सकते हैं. निवेश का शेयर मार्केट में निवेश करना क्यों जरूरी है तरीका क्या है और कौन सी सावधानियां अपनानी हैं, इसके कुछ मामूली टिप्स जानकार आप लाभ उठा सकते हैं.
By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 03 Jul 2021 10:31 PM (IST)
stock market : शेयर मार्केट में निवेश सिर्फ लाभ बनाना भर नहीं है. इसके लिए आपके पास सही स्टॉक चुनने की समझ भी जरूरी है. शेयर बाजारों में निवेश के साथ जोखिम भी काफी है, लेकिन इसके मुकाबले होने वाले बड़े लाभ नुकसान का असर कम कर देते हैं. दअसल, शेयर बाजार राष्ट्रीय वित्तीय एक्सचेंजों पर लिस्टेँड कंपनी के शेयरों की खरीद-बिक्री है. जब कोई कंपनी सार्वजनिक होती है तो वह अपने शेयर जनता को बिक्री के लिए जारी करती है, इन्हें शेयर मार्केट में निवेश करना क्यों जरूरी है खरीदने या बेचने वाले स्टॉक कारोबारी कहे जाते हैं. वे बाजार के जानकार होने के साथ यह भी समझते है कि अपने पैसे का सही निवेश कब और कहां करना चाहिए. स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग से पहले पुख्ता प्लानिंग जरूरी है.
निवेश से पहले यह करना जरूरी
सभी पेंडिंग लोन खत्म कर लें: शेयर बाजार में निवेश शुरू करने से पहले एहतियातन आपको अपने सभी हाई इंट्रेस्ट वाले लोन, जैसे पर्सनल, क्रेडिट कार्ड क्लीयरेंस आदि चुकता कर लेने चाहिए. जिससे क्रेडिट लायबिलिटी न हो.
एक्स्ट्रा सेविंग ही इंवेस्ट करें: स्मार्ट निवेश का एक जरूरी नियम है कि मार्केट में आप उसी बजट का
उपयोग करें, जो आपकी एक्स्ट्रा सेविंग है. ऐसी सूरत में आपको स्टॉक खरीदने के लिए कभी भी रकम उधार नहीं लेनी होगी. किसी दूसरी जरूरत के लिए रखा पैसा भी र्मोकेट में लगाना ठीक नहीं.
कुछ रकम बचाकर रखें: एक इमरजेंसी फंड भी मेनटेन करें. इसके लिए कुछ नगदी पूरी तरह अलग रखें. आप शेयर बाजार में सारा पैसा निवेश करते हैं, तो इमरजेंसी की सूरत में खुद को मुसीबत में डाल सकते हैं.
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लक्ष्य तय करना जरूरी
निवेश से पहले तय करिए कि लंबी अवधि के लिए निवेश कर हाई रिटर्न पाना चाहते हैं? या लाभांश के रूप में सिर्फ कमाई के लिए अलग सोर्स. ऐसे निवेश के लक्ष्य आपको समझने में मदद करेंगे कि आपको निवेश कितना और कब तक करना चाहिए. वर्तमान वित्तीय स्थिति देखकर तय करें कि आप एकमुश्त निवेश चाहते हैं या छोटे नियमित मासिक. एक छोटी राशि से शुरुआत करना ही समझदारी है, जिसे समय के साथ आप धीरे-धीरे बढ़ा सकते हैं.
ट्रेडिंग खाता खोलें
शेयर बाजार शेयर मार्केट में निवेश करना क्यों जरूरी है में निवेश के लिए ब्रोकर रख सकते हैं या ट्रेडिंग खाता बना सकते हैं, जो आपको खुद ऑपरेट करने की छूट देगा. निवेश के लिए एक बजट तय कर लें औ तय करें कि आप दिन के दौरान कारोबार करते समय उसी बजट को उपयोग करें.
खुद की नॉलेज बढ़ाएं
नियमित शेयर बाजार के कामकाज के बारे में पढ़ें, उन कंपनियों की चेकलिस्ट रखें, जिनमें आपकी रुचि है. उनकी परफार्मेंस के लिए स्टॉक चेक करें. समय के साथ जैसे-जैसे आप अधिक से अधिक कारोबार करेंगे, समझ जाएंगे कि अपने लक्ष्य के लिए बेहतर क्या है.
भावुकता नहीं तर्क से समझें
आप शेयर में निवेश शुरू करते हैं तो बेहद खुद दिमाग से फैसले लेने होंगे. यहां चीजें लगातार बदलती हैं. कठिन परिस्थितियों में आपको तर्कशीलता से काम करना चाहिए. कोई भी विशेषज्ञ आपको यही बताएगा कि कारोबार का पहला नियम है आपके दिमाग के साथ कारोबार करना है, न कि दिल के साथ.शेयर मार्केट में निवेश करना क्यों जरूरी है
जानिए क्या हैं स्टॉक ब्रोकर
यह दो तरह के होते हैं, पहला कम्लीट सर्विस ब्रोकर और दूसरा डिस्काउंट ब्रोकर. कम्लीट सर्विस ब्रोकर पारंपरिक ब्रोकर हैं, जो शेयरों की खरीद-बिक्री, निवेश सलाह, वित्तीय योजना, पोर्टफोलियो मेंटेनेंस, बाजार रिसर्च-एनालिसिस आदि करते हुए अधिक से अधिक सेवाओं की विविधता देते हैं। ये आपकी जरूरत और वित्तीय लक्ष्य के अनुरूप पर्सनल टिप्स देकर निवेश सेवाएं देते हैं. वहीं डिस्काउंट ब्रोकर ऑनलाइन ब्रोकर हैं, जो नो-फ्रिल शेयर ब्रोकिंग खातों पर काम करते हैं। वे ग्राहक को पर्सनल सर्विस नहीं देते हैं. वे कम से कम संभव लागत पर जरूरी कारोबार सुविधा देते हैं। डिस्काउंट ब्रोकर चुनकर, आप कम ब्रोकरेज से भी मार्केट देख सकते हैं.
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Published at : 03 Jul 2021 10:31 PM (IST) Tags: Finance Budget Stock Market stock exchange company Return market profit listed amount broker caution buy-sell हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Lifestyle News in Hindi
क्या होता है निवेश और आपके लिए क्यों है ये इतना जरूरी?
अपनी कमाई से हुई आय को किसी ऐसे एसेट या विकल्प में लगाने की प्रक्रिया जिसमें उस खास एसेट या विकल्प की अपनी खुद की विशेषताओं की मदद से समय के साथ आपके पैसों में बढ़त दर्ज होने की उम्मीद हो निवेश कहलाती है।
नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। लगभग हर दिन आपके पास ऐसे फोन कॉल्स आते होंगे जिसमें कोई आपको ऐसी योजनाओं में पैसा लगाने की सलाह देता है जहां आने वाले समय में आपको अच्छा फायदा हो सकता है। वहीं स्टॉक मार्केट में कमाई और नुकसान की बहस का कई बार आप भी हिस्सा बन चुके होंगे। इन सभी मौकों पर आप एक शब्द से बार बार गुजरते होंगे वो है निवेश या investment। खास बात है कि लोगों की जिंदगी में इतना आम होने के बाद भी इस जादुई शब्द की वास्तविक समझ बहुत कम लोगों के पास ही होती है। आप ही नहीं हर दिन दुनिया भर की सरकारें, बैंक और अरबपति इस शब्द से उलझते हैं, क्योंकि ये सभी जानते हैं कि किसी का भी भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि वर्तमान में उसने निवेश को लेकर कितनी गंभीरता दिखाई है।
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क्या होता है निवेश?
मान लीजिये कि आप नौकरी करते हैं और आपका खाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में है और साथ ही आपने सोने के कुछ गहने खरीदे हैं। शेयर मार्केट में निवेश करना क्यों जरूरी है अब आप बताएं कि क्या ऐसा होता है कि आप अपनी शिफ्ट पूरी कर कुछ देर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में जाकर काम करते हैं क्योंकि आपको उम्मीद है कि इससे आपके खाते में रखी रकम कुछ और बढ़ जाएगी और क्या आप इसके बाद किसी ज्वैलर के साथ काम करने चले जाते हैं जिससे आपका सोना थोड़ा और कीमती हो जाए। नहीं ऐसा नहीं होता.. आप अपना काम खत्म कर घर जाते हैं और आराम करते हैं, और जिस समय आप घर में आराम कर रहे होते हैं उस समय भी आप स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में जमा आपने पैसों पर थोड़ा या बहुत ब्याज कमा रहे होते हैं और साथ ही आपके लॉकर में रखे सोने की कीमतों में भी बदलाव हो रहा होता है। और ये सब तब होता है जब शायद आप कुछ नहीं कर रहे होते। यही होता है निवेश। यानि अपनी कमाई से हुई आय को किसी ऐसे एसेट या विकल्प में लगाने की प्रक्रिया, जिसमें उस खास एसेट या विकल्प की अपनी खुद की विशेषताओं की मदद से समय के साथ आपके पैसों में बढ़त दर्ज होने की उम्मीद हो निवेश कहलाती है। आसान शब्दों में निवेश वो तरीका होता है जिसमें आप अपनी रकम पर सही समय पर किए गए फैसले के आधार पर बिना श्रम के अतिरिक्त पैसा पाने के हकदार बनते हैं।
निवेश क्यों जरूरी होता है?
चलिए आपसे हम दो सवाल पूछते हैं. पहला क्या भविष्य में आपके खर्चे बढेंगे. यकीनन लगभग सभी इसका जवाब हां में देंगे. अगर महंगाई बढ़ेगी या फिर परिवार बढ़ेगा तो खर्च भी बढ़ेगा। अब दूसरा सवाल क्या भविष्य में आपके खर्चों के हिसाब से आपकी कमाई या आय भी बढेगी. इसका जवाब शायद ही किसी के पास होगा। महामारी, आर्थिक मंदी, महंगाई में तेज उछाल, बढ़ती उम्र कई फैक्टर हैं जिसकी वजह से आय को लेकर अनिश्चितता बनी रहती है। यही वजह है कि आने वाले समय में अपने खर्च को पूरा करने, अपने लक्ष्य को पाने यहां तक कि अपने सपनों के लिए भी आपको आय के ऐसे स्रोत की आवश्यकता होती है, जो अपने बल पर आपको आर्थिक रूप से मजबूत बना सकें। सही समय पर पैसों को ऐसे ऐसेट्स या विकल्पों में लगाना जो अपने बल पर खुद ही आपको पैसों को बढ़ाते रहें,बेहतर भविष्य को सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। सबसे बड़ी बात, ये उस समय भी काम करते रहते हैं जब आप अपना काम छोड़ने की स्थिति में आ जाते हैं जैसे रिटायरमेंट आदि।
क्या हर निवेश में पैसा बनता है?
ध्यान देने की बात ये है कि निवेश अतिरिक्त आय की उम्मीद में किया जाता है. लेकिन वास्तविकता में आपको नुकसान भी हो सकता है। दरअसल निवेश बेहद सोच समझ कर की जाने वाली प्रक्रिया है। जिसे बेहद गंभीरता से लिया जाना चाहिए. सही समय पर सही जगह लगाई गई मामूली रकम आपको बेहद ऊंचा रिटर्न दे सकती है। हालांकि गलत फैसले आपकी पूरी पूंजी भी डुबा सकते हैं। 5paisa निवेशकों को वो सभी जरूरी जानकारियां उपलब्ध कराता है शेयर मार्केट में निवेश करना क्यों जरूरी है जिससे वो निवेश से जुड़ा सही फैसला ले सकें और अपनी कमाई को समय के साथ और आगे बढ़ता हुआ देख सकें।
किसी कंपनी को IPO लाने की जरूरत क्यों पड़ती है और इससे कंपनी और इन्वेस्टर्स को क्या-क्या फायदा होता है ?
आईपीओ के बाद कंपनी लिस्ट हो जाती है. उसके बाद कंपनी के शेयर कोई भी खरीद या बेच सकता है. इसके अलावा भी आईपीओ लाने के कई फायदे कंपनी को मिलते हैं.
किसी कंपनी को IPO लाने की जरूरत क्यों पड़ती है और इससे कंपनी और इन्वेस्टर्स को क्या-क्या फायदा होता है (Zee Biz)
जब किसी कंपनी मालिक को लगता है कि उसकी कंपनी तरक्की कर रही है और उसे अब कारोबार का और विस्तार करना चाहिए, तो इसके लिए कंपनी को फंड की जरूरत होती है. इस फंड को पब्लिक से जुटाने के लिए कंपनी IPO लेकर आती है. ऐसे में जो लोग कंपनी के आईपीओ में पैसा निवेश करते हैं, उन्हें कंपनी की कुछ प्रतिशत हिस्सेदारी मिल जाती है. आईपीओ के बाद कंपनी लिस्ट हो जाती है. उसके बाद कंपनी के शेयर कोई भी खरीद या बेच सकता है. इसके अलावा भी आईपीओ लाने के कई फायदे कंपनी को मिलते हैं. जानते हैं उनके बारे में.
कर्ज नहीं लेना पड़ता
कंपनी चाहे तो कारोबार को बढ़ाने के लिए बैंक से भी लोन ले सकती है, लेकिन बैंक का लोन उसे ब्याज के साथ चुकाना पड़ता है और आईपीओ के जरिए पैसा इकट्ठा करने पर उसे किसी को ये पैसा लौटाने की जरूरत नहीं होती. इस तरह कंपनी कर्ज के जोखिम से बच जाती है.
कर्ज का बोझ उतारने के लिए
कई बार कंपनी पर कर्ज ज्यादा हो जाता है, तब भी वो आईपीओ लेकर आती है. ऐसे में कंपनी कुछ शेयर बेचकर पब्लिक से फंड इकट्ठा करती है. इससे कर्ज का भुगतान भी हो जाता है और कंपनी को नए इन्वेस्टर के जरिए कारोबार को बेहतर करने का मौका मिल जाता है.
प्रोडक्ट के प्रमोशन के लिए
कई बार कंपनी आईपीओ किसी प्रोडक्ट के प्रमोशन के तौर पर लेकर आती है. जब कंपनी कोई प्रोडक्ट या कोई सर्विस लॉन्च करती है और उसका आईपीओ लेकर आती है, तो उसकी हिस्सेदारी लेने के लिए लोग निवेश करते हैं. ऐसे में कंपनी का नाम बढ़ता है और कंपनी के पास उस प्रोडक्ट को और बेहतर तरीके से बढ़ाने के लिए फंड भी मिल जाता है.
आईपीओ से निवेशकों का फायदा
आईपीओ में इन्वेस्ट करके आप शेयर मार्केट में अपनी बेहतर उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं. इसके अलावा आईपीओ के जरिए कोई भी कंपनी 5 या फिर 7 शेयर नहीं देती. इसमें लॉट ऑफर किए जाते हैं. कंपनी की ओर से ऑफर किए गए लॉट में 1 से लेकर कितने भी शेयर हो सकते हैं. ऐसे में जो भी इनवेस्टर आईपीओ में इन्वेस्ट करते हैं उन्हें कम कीमत में कंपनी में कुछ प्रतिशत की हिस्सेदारी मिल जाती है. इससे कंपनी को फायदा होगा तो आपके शेयरहोल्डिंग के फायदे में भी इजाफा होगा. हालांकि कंपनी के घाटे में जाने पर आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. इसलिए दूर की सोच रखने वाली और अच्छी मैनेजमेंट वाली कंपनियों में इन्वेस्ट करें. ज्यादा छोटी कंपनी में इन्वेस्ट न करें.
आईपीओ में कैसे करें निवेश
आईपीओ में निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट का होना बहुत जरूरी है. डीमैट अकाउंट आप किसी भी ब्रोकिंग फर्म से खोल सकते हैं. आईपीओ जारी करने वाली कंपनी अपने आईपीओ को इनवेस्टर्स के लिए 3-10 दिनों के लिए ओपन करती है. उतने दिनों के अंदर ही निवेशक कंपनी की साइट पर जाकर या ब्रोकरेज फर्म की मदद से आईपीओ में इन्वेस्ट कर सकते हैं.
शेयर बाजार से कैसे कमाया जा सकता है पैसा?
निवेश करना सरल है, मगर इसे खेल नहीं समझना चाहिए. बाजार में सफल होने का कोई फॉर्मूला या शॉर्ट-कट नहीं है.
निवेश करना सरल है, मगर इसे खेल नहीं समझना चाहिए. इसके लिए बाजार की समझ तो जरूरी है ही. बाजार में सफल होने का कोई फॉर्मूला या शॉर्ट-कट शेयर मार्केट में निवेश करना क्यों जरूरी है नहीं है. मगर कुछ बातों पर अमल कर मुनाफा बढ़ाया जा सकता है. आइए जानते हैं क्या हैं ये बातें.
अपना होमवर्क पूरा करें
दिग्गज वैश्विक फंड प्रबंधक पीटर लिंच का कहना है, "यदि आप किसी कंपनी के बारे में अध्ययन नहीं करते हैं, तो अच्छे शेयर का चयन करना जुआ ही है. आप पत्ते देखे बिना ही अपनी चाल चल रहे हैं." लिंच ने कहा कि निवेश सिर्फ वहीं करें, जिसके बारे में आपको पता हो.
ऑनलाइन फाइनेंस पोर्टल 5नेंस के संस्थापक और सीईओ दिनेश रोहिरा का मानना है कि बाजार से कमाई करने का कोई शॉर्ट-कट नहीं है. उन्होंने कहा, "धीरज के साथ गहन मंथन करना अनिवार्य है. अच्छे बिजनेस में निवेश करना चाहिए."
बिजनेस में करें निवेश
निवेशकों को शेयर की कीमत में नहीं, बल्कि कंपनी के बिजनेस में निवेश करना चाहिए. आईआईएफएल सिक्योरिटीज के अभिमन्यु सोफट ने कहा, "किसी भी बिजनेस को समझना कंपनी की समझ को बेहतर करता है. इससे निवेश निर्णय लेना सरल हो जाता है."
उदाहरण के लिए वॉरेन बफे के निवेश का प्राथमिक दर्शन यही है कि वे उन्हीं कंपनियों में निवेश करते हैं, जिनके बिजनेस के बारे में समझ रखते हैं. उन्होंने 1988 में कोका कोला में $1 बिलियन का निवेश किया था. कंपनी ने 30 सालों तक 10 फीसदी की दर से रिटर्न दिया.
भेड़चाल से रहें दूर
किसी परिचित, परिजन या दोस्त की बातों में आकर बेकार कंपनियों में निवेश करना पैसे में आग लगाने जैसा है. लोग निवेश कर रहे हैं, इसलिए आप भी निवेश करेंगे- इस सोच से बचना चाहिए. लोगों ने दूसरों की देखादेखी कई कंपनियों में निवेश किया और उन्हें मुंह की खानी पड़ी.
उदाहरण के लिए रिलायंस पावर के आईपीओ को 14.4 गुना तक सब्सक्राइब किया गया था. कंपनी को रिटेले निवेशकों से 19.5 लाख आवेद मिले थे. आईपीओ का इश्यू प्राइस 450 रुपये था. इस शेयर की मौजूदा कीमत महज 30 रुपये ही है. ऐसे कई उदाहरण बाजार में मौजूद हैं.
अनुशासन का रखें ध्यान
निवेश में संयम और अनुशासन की खास जगह है. शेयर बाजार हमेशा ही अस्थिर होते हैं. निवेशकों को अपनी जोखिम क्षमता का आभास होना चाहिए. गैर-जरूरी जोखिम से बचना चाहिए. टॉरस एमएफ के सीईओ वकार नकवी ने कहा कि धीरज और संयम निवेशकों को दीर्घावधि की बेहतर तस्वीर देते हैं.
विस्तृत हो पोर्टफोलियो
अपने पोर्टफोलियो में तमाम प्रकार के एसेट क्लास को जगह दें. इस तरह कम जोखिम में बेहतर कमाई की जा सकती है. विविधता की परिभाषा हर निवेशक के लिए अलग हो सकती है. हालांकि, इससे बाजार की स्थिति से निपटना सरल हो जाता है. निवेश एसेट क्लास की प्राथमिकता को सावधानी से चुनें.
वास्तविकता में जीना बेहतर
कई निवेशक रातोंरात पैसा बनाने की ख्वाहिश रखते हैं. हालांकि, बाजार धीरे-धीरे रिटर्न देता है. कमाई करना सरल नहीं है. टॉरस एमएफ के नकवी ने कहा, "कोई शेयर मार्केट में निवेश करना क्यों जरूरी है भी एसेट लंबे समय तक आश्चर्यजनक रिटर्न नहीं दे सकता. अत्यधिक उम्मीदें रखना गलत है."
शेयर बाजार में घुसने और निकलने का भी समय होता है. यह अवसर बाजार की स्थिति के अनुसार बार-बार आते हैं. इसलिए जरूरी है कि अपने हाथ में कुछ पैसा रखें. यदि बाजार अपने आधार को मजबूत कर रहा हो, तो उस गिरावट से नहीं घबराना चाहिए.
अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश
निवेशकों को सिर्फ अतिरिक्त फंड का ही निवेश करना चाहिए. वे उस पैसे का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जो उन्हें छोटी अवघि में नहीं चाहिए. अस्थिरता के कारण छोटी अवधि में वैल्यू घट सकती है. बाजार चक्र में चलता है.
वैश्विक बाजार गुरु सर जॉन टेम्पलटन कहते हैं कि बाजार में सबसे खतरनाक वाक्य है: "इस बार यह अलग है." निवेश के लिए सही सोच और मानसिकता की जरूरत होती है.
लगातार रखें नजर
सिर्फ निवेश कर देना ही पर्याप्त नहीं. नियामक और बाजार की खबरों पर भी नजर रखना चाहिए. इसका असर शेयरों की कीमतों पर पड़ता है. उदाहरण के लिए कमर्शियल वाहनों के लिए एक्सल लोड लिमिट बढ़ने से अशोक लेलैंड के शेयर टूट गए. अच्छी कमाई शेयरों में उछाल ला सकती है.
कैसे होगी कमाई?
बातें सुन कर निवेश करने की प्रबल इच्छा जागृत हो सकती है, मगर बाजार की गति कई बार समझ के परे होती है. इसलिए सही रणनीति का चयन जरूरी है. कई बार अच्छी शेयर मार्केट में निवेश करना क्यों जरूरी है रणनीति भी फेल हो जाती है. मौजूदा समय में सेंसेक्स रिकॉर्ड स्तर पर है, मगर अधिकांश शेयरों की कीमत इस साल घटी है.
ऐसी स्थितियां निवेशकों को असमंजस में डाल देती हैं, जहां वे कुछ नहीं समझ पाते. निवेश लंबी अवधि के लिए किया जाए तो बेहतर है. बाजार में एक पैसा बचाना भी आपकी कमाई है. यदि आपको किसी बिजनेस पर भरोसा नहीं, तो उसमें निवेश नहीं करें.
इसे बभी पढ़ें: HDFC AMC का आईपीओ खुला, क्या है विश्लेषकों की राय?
पिछले 15 साल में बीएसई सेंसेक्स 16 फीसदी की दर से बढ़ा है, जबकि इस दौरान सिम्फनी, बोरोसिल ग्लास वर्क्स, मयूर युनिकोटर्स, टीटीके प्रेस्टीज और बजाज फाइनेंस ने 50 फीसदी की दर से रिटर्न दिया है. बाजार से निकलने का समय भी अहम है.
मोजर बेयर इंडिया के शेयर की कीमत जुलाई 2018 में 2 रुपये पर आ गई. जुलाई 2003 में इस शेयर की कीमत 110 रुपये से ऊपर थी. इस दौरान एमटीएनएल के शेयरों ने भी 105 रुपये से 15 रुपय तक का गोता लगाया है. शेयरों का चुनाव करने के लिए पेशेवर सलाहकारों की मदद भी ली जा सकती है.
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5 मिनट में बनिए Market Expert, इस तरीके से आप खुद खोजें बेहतरीन शेयर. कमाएं पैसे!
रिटेल निवेशक (Retail Investor) भविष्य को ध्यान में रखकर शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करते हैं, क्योंकि उनका नजरिया लॉन्ग टर्म (Long Term) रहता है. लेकिन इसके बावजूद अधिकतर रिटेल निवेशक वर्षों तक निवेशित रहने के बाद भी अच्छा मुनाफा नहीं कमा पाते हैं.
अमित कुमार दुबे
- नई दिल्ली,
- 22 सितंबर 2022,
- (अपडेटेड 22 सितंबर 2022, 1:10 PM IST)
देश में अधिकतर लोग दूसरे के कहने पर शेयर बाजार में पैसे लगाते हैं. उन्हें ये पता नहीं होता है कि जिस कंपनी के स्टॉक में वे पैसे लगा रहे हैं, उस कंपनी का क्या कारोबार है? खासकर रिटेलर (Retailer) या कहें आम आदमी, अक्सर दूसरे की सलाह पर शेयर बाजारों (Share Market) में निवेश करते हैं.
उन्हें कोई कह देता है कि ये Stock अच्छा रिटर्न (Return) दे सकता है, और फिर उसमें वे अपनी गाढ़ी कमाई लगा देते हैं. लेकिन क्या आपने ये कभी जानने की कोशिश की है कि जिस कंपनी के स्टॉक में आप निवेश कर रहे हैं, उस कंपनी रिटर्न कहां से देगी, कितनी कमाई है?
कैसे करें Stock Selection?
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दरअलस, रिटेल निवेशक (Retail Investor) भविष्य को ध्यान में रखकर शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करते हैं, क्योंकि उनका नजरिया लॉन्ग टर्म (Long Term) रहता है. लेकिन इसके बावजूद अधिकतर रिटेल निवेशक वर्षों तक निवेशित रहने के बाद भी अच्छा मुनाफा नहीं कमा पाते हैं. इसका एक ही कारण स्टॉक (Stock Selection) का सही से चयन नहीं कर पाना है.
इसलिए दूसरे के कहने पर निवेश (Invest) करने से पहले आप खुद आसानी से अच्छे स्टॉक (Best Stock) का चयन कर सकते हैं. अच्छे स्टॉक में निवेश करने से भले ही शॉर्ट टर्म (Short Term) में बाजार में उतार-चढ़ाव की वजह से शेयर थोड़ा नीचे चला जाए और आपको अपने पोर्टफोलियो (Portfolio) में नुकसान दिखे. लेकिन Long Term में हमेशा अच्छे स्टॉक में रिटर्न देने की क्षमता होती है.
खुद 5 मिनट में खंगाल सकते हैं खाता-बही
अब आप सोच रहे होंगे कि स्टॉक का चयन कोई आसान काम है क्या? इसका जवाब है- बिल्कुल आसान काम है. आप 5 मिनट में खुद बेहतर स्टॉक खोज सकते हैं. इसके लिए आपको कंपनी के कारोबार (Business of Company) पर फोकस करना होगा. जिस स्टॉक में आप पैसे लगा रहे हैं, उसका कारोबार बेहतरीन होना चाहिए. बस एक यही अहम पैमाना है, जिसके आधार पर आप लंबी अवधि में शेयर से मोटा रिटर्न पा सकते हैं.
आइए जानते हैं, एक स्टॉक में निवेश से पहले कंपनी के कारोबार में क्या देखें, ताकि आप तय कर पाएं कि इसमें निवेश करना है या नहीं. आप आसानी से कंपनी के कारोबार का मौलिक विश्लेषण (Fundamental Analysis) कर सकते हैं. कंपनी छोटी है या बड़ी, आप चंद मिनट में उस कंपनी के खाता-बही को खंगाल सकते हैं. हालांकि बड़ी कंपनियों में निवेश से जोखिम (Risk) कम होते हैं. कैसे चुनें बेहतरीन स्टॉक्स.
स्टेप-1: सबसे पहले कंपनी के रेवेन्यू को खंगालिए. देखें कि कंपनी सालाना कितना रेवेन्यू (Revenue) जेनरेट करती है. अगर साल-दर-साल कंपनी के कुल राजस्व (Total Revenue) में इजाफा हो रहा है तो फिर तो मान के चलिए कंपनी का कारोबार फल-फूल रहा है. अभी कंपनी एक पैमाने पर कंपनी खरी उतरी है.
स्टेप-2: अब इसके बाद कंपनी की Net Income पर नजर डालिए. अगर लगातार कंपनी की Net Income बढ़ रही है तो फिर इससे पता चल जाएगा कि कंपनी अपने सभी खर्चे को काटकर मुनाफे में चल रही है. अगर मोटा रेवेन्यू के बाद भी कंपनी की आमदनी नहीं बढ़ रही शेयर मार्केट में निवेश करना क्यों जरूरी है है तो फिर ऐसी कंपनी में निवेश से बचें.
स्टेप-3: उसके बाद जिस स्टॉक में निवेश करना चाहते हैं, उस कंपनी की संपत्ति (Assets) को भी जरूर चेक करें. अगर साल-दर-साल कंपनी की संपत्ति (Total Assets) में इजाफा हो रहा है तो, इससे साफ है कि कंपनी अपने कारोबार को विस्तार दे रही है. इसके बाद देखें कि कंपनी पर कुल कितनी देनदारी (Total Liabilities) है.
अगर Total Assets से Total Liabilities कम है तो शेयर मार्केट में निवेश करना क्यों जरूरी है फिर ये कह सकते हैं कि संकट में कंपनी अपने असेट्स बेचकर निवेशकों को पैसा लौट सकती है. इसलिए हमेशा Liabilities से Assets अधिक होना चाहिए. कर्ज में डूबी कंपनी में कतई निवेश न करें. (Photo: Getty Images)
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